Wednesday 9 April 2014

नेताओं को थे कोसते अब मत से बदलेंगें तकदीर


                       पहली बार वोट देने को ले भावुक युवा
फोटो-पहली बार वोट देने को उत्साहित युवा
            सोच बदली है देश बदलने का है जोश
नेताओं को थे कोसते अब मत से बदलेंगें तकदीर
उपेन्द्र कश्यप
युवा पहली बार वोट देने को लेकर काफी उत्साहित हैं। जिन्होंने कभी ईवीएम मशीन तक नहीं देखा है वे आज पहली बार देश की तकदीर बदलने की तमन्ना पाले मताधिकार का प्रयोग करेंगे। पटना में रह रहे ऐसे युवक एवं छात्राएं इस बात को लेकर खिन्न हैं कि सिस्टम ऐसा बन गया है कि यातायात लगभग बन्द हो जाता है। पटना से दाउदनगर आने के लिए इस समूह को किराए पर वाहन नहीं मिल रहा है। अगर वाहन नहीं मिला तो वे बाइक से भी आकर मतदान करने को तैयार हैं। एकेडेमिया और वेब मिस्त्री डाट काम के निदेशक मनीष वत्स, वेब मिस्त्री और मैप मंत्रा के बिहार झारखंड के रिजनल हेड धीरज कुमार, एमएससी भौतिकी की छात्रा अनिशा, बैंकिंग की तैयारी कर रही निशा, के साथडा. नितेश वत्स, खोजी फोटोग्राफर रितेश वत्स, जापानी कंपनी रिको इंडिया लिमिटेड के बिहार झारखंड और छत्तीसगढ के चैनल हेड कुमार मनीष काफी उत्साहित हैं। उत्साह अतिरेक में तो नहीं परिणत होगा? जबाब मिला नहीं। वोट देने का यह पहला अवसर मिला है। इसके पूर्व उम्र होने के बावजुद ये लोग किसी महानगर में अध्ययन के लिए रहते रहे थे, तब वोट देने के प्रति सोच नहीं पाते थे। अब सोच बदली है। देश बदलने का जज्बा है। काफी नेताओं को कोसते थे। कोसने से क्या लाभ हुआ? अब फंडामेंटल राईट का इस्तेमाल करेंगे और तभी नागरिकों के लिए फंडामेंटल राईट की लडाई लडी जाएगी। पहली बार देश के प्रति अपने कर्तब्य का बोध हो रहा है। इन सब का कहना है कि बौद्धिकता का पाठ पढाने वाले, देश के नताओं को कोसने वाले पहले मताधिकार का इस्तेमाल करें देश में बदलाव लाएं। बिना सोच बदले देश नहीं बदल सकता? शिक्षित लोग देश से राज्य से बाहर चले जाते हैं। मतदान नहीं करते फिर देश के प्रति चिंता व्यक्त करना निरर्थक नहीं तो क्या है? मनीष को वोट डालने से पहले ही परिणाम को लेकर जिज्ञासा काफी है। खैर. आज जब वोट डालेंगे तो कल के भारत की तस्वीर उनके जेहन में होगी। 

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