Wednesday 30 August 2023

डर के साए में जीती हैं एएनएम स्कूल की छात्राएं

 


एसडीएच के कर्मी डरते हुए करते हैं आवागमन 

अंधेरे में डूबा हुआ है एसडीएच और एएनएम कालेज का मुख्य रास्ता 

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : अनुमंडल में सरकारी स्तर पर सबसे बड़ा और बेहतर स्वास्थ्य संस्थान अनुमंडल अस्पताल है। यह पटना मुख्य नहर के किनारे और अनुमंडल पदाधिकारी के आवास व प्रखंड सह अंचल कार्यालय के पीछे स्थित है। स्थिति यह है कि यहां का मुख्य दरवाजा नहर के मार्ग से जुड़ा हुआ है और इस रास्ते पर घनघोर अंधेरा रहता है। दाउदनगर बाजार - भखरुआं मार्ग से सिंचाई विभाग की आईबी होते हुए जो नहरी मार्ग पटना की तरफ जाता है उसमें सिंचाई विभाग की आईडबी के आगे से लेकर अनुमंडल अस्पताल के मुख्य द्वार तक घनघोर अंधेरा रहता है। यहां रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं है। मुख्य दरवाजे के किनारे अनुमंडल का एकमात्र एएनएम कालेज है और इससे आगे अनुमंडल अस्पताल। एएनएम कालेज में 101 छात्राएं रहती हैं। अनुमंडल अस्पताल में जीएनएम या अंछा महिला कर्मी या पुरुष कर्मी अंधेरे में डरते हुए आते जाते हैं। ऐसा करने में उन्हें डर भी लगता है और किसी तरह अनुमंडल अस्पताल अपना ड्यूटी करने आती जाती हैं। एएनएम कालेज की छात्राएं डरी हुई रहती हैं क्योंकि कालेज से जुड़ी सड़क पर अंधेरा छाया रहता है। अनुमंडल अस्पताल को पहुंचाने वाली जो सड़क है उस पर स्ट्रीट लाइट लगाया जाना अति आवश्यक है। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद इसमें सफलता प्राप्त अभी तक नहीं हुई है।



कई जगह किया है पत्राचार : उपाधीक्षक 

फोटो-डाक्टर राजेश कुमार सिंह अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डा. राजेश कुमार सिंह ने बताया कि सड़क पर स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए वे अब तक एसडीओ दाउदनगर, नगर परिषद व जिला स्वास्थ्य समिति से पत्राचार कर चुके हैं। एक बार बैठक में जिला पदाधिकारी के समक्ष भी मौखिक रूप से बात रखी गई थी। कम से कम 12 स्ट्रीट लाइट की जरूरत है। ताकि नहर मार्ग को रोशन किया जा सके। उन्होंने बताया कि अंधेरा होने के कारण मरीजों का आवागमन भी कम होता है। कई बार यह सुनने को मिला है कि रात में अंधेरा होने के कारण मरीज अनुमंडल अस्पताल स्वास्थ्य लाभ लेने नहीं आ पाते हैं।



चुनाव के समय बंद हो जाता है दरवाजा 

अनुमंडल अस्पताल जाने का एक मार्ग प्रखंड सह अंचल कार्यालय, एसडीओ और बीडीओ आवास से होकर गुजरता है। लेकिन चुनाव के समय दिन में भी प्रखंड सह अंचल कार्यालय का यह दरवाजा बंद हो जाता है। चुनाव के वक्त मात्र एक ही मार्ग नहर किनारे से जाने का बच जाता है। ऐसे में यह अति आवश्यक है कि नहर मार्ग में स्ट्रीट लाइट लगाकर रोशन किया जाए। ताकि महिला कर्मी सुरक्षित महसूस कर सकें और मरीजों को भी आने-जाने में सुविधा प्राप्त हो सके।



Monday 28 August 2023

सावन के अंतिम सोमवारी को शिवालयों में लगा श्रद्धालुओं का तांता



देवकुंड में कांवरियों समेत हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ 

प्रत्येक सोमवार को कांवरियों एवं श्रद्धालुओं के लिए भोजन व्यवस्था लगभग 50000 श्रद्धालुओं ने सावन में किया भोजन 

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : शिव से संबंद्ध श्रावण मास का सभी आठ सोमवार संपन्न हो गया। इस बीच अनुमंडल के तमाम शिवालयों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। अंतिम सोमवार को भी तमाम शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। दाउदनगर अनुमंडल के सबसे प्राचीन महत्वपूर्ण शिव मंदिर देवकुंड में है। जहां रामेश्वरम शिवलिंग पर बेलपत्र, रोरी, चंदन, अच्छत चढ़ने को श्रद्धालुओं का पूरे सावन तांता लग रहा। सभी आठ सोमवार को यहां श्रद्धालुओं की भीड़ काफी बढ़ जाती है। पटना व सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर कांवरिया यहां आते हैं। जिनकी संख्या प्रत्येक सोमवार को बढ़ जाती है। इस मंदिर में कांवरिया और श्रद्धालुओं के लिए प्रत्येक सोमवार को भोजन और उनके रहने की व्यवस्था की गई। दो महीने में देवकुंड के महंत कन्हैया नंद पुरी ने बताया कि प्रत्येक सोमवार को 6000 से 7000 श्रद्धालुओं और कांवरियों को भोजन की व्यवस्था की गई। काफी कांवरिया और दूर-दराज से आये श्रद्धालु यहां रात्रि विश्राम करते हैं। यहां श्रावण के प्रत्येक सोमवार को प्रायः डेढ़ से दो किलोमीटर से भी अधिक लंबी कतार श्रद्धालुओं की लगती रही है। श्रद्धालु काफी समय तक प्रतीक्षा करते हैं और यहां बाबा पर जलाभिषेक करते हैं। न सिर्फ दाउदनगर अनुमंडल और औरंगाबाद जिला के समीपवर्ती अरवल, जहानाबाद, गया, रोहतास, भोजपुर, बक्सर समेत एक बड़े इलाके से शिवभक्त गंगाजल, सोन जल या पुनपुन का जल लेकर यहां जलाभिषेक करने आते हैं। श्रद्धालु अपने क्षेत्र की प्रतिष्ठित नदी के जल के साथ भी बाबा का जलाभिषेक करने आते रहे हैं। 



रहने व खाने का खर्च मठ उठाता है : महंत

फोटो-कन्हैया नंद पूरी

महंत कन्हैया नंद पूरी ने कहा कि सावन में मठ की तरफ से भोजन व रहने की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई। प्रत्येक सोमवार को लगभग छह से सात हजार श्रद्धालु को भोजन उपलब्ध कराया गया। रहने की व्यवस्था दी गयी। सारा खर्च मठ करता है। कोई जन सहयोग या चंदा नहीं लिया जाता है। मंदिर व मठ के आय से ही व्यवस्था की जाती है। 



इन शिवालयों में भी लगा तांता


अनुमंडल के तमाम शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। पुनपुन और मंदार संगम पर स्थित मंदरेश्व महादेव गोरकटी गोह, भूतनाथ सोन तट काली घाट दाउदनगर, शिव मंदिर देवहरा, देव कली ओबरा, संगम ओबरा, गूंगा महादेव कोईलवां, पीरू, हेम नाथ मंदिर सिहाडी , 

हिरण्य वाहक महादेव पचरुखिया, गरीबनाथ महादेव मंदिर थाना दाऊदनगर, खरांटी, देकुली ओबरा, दाउदनगर में ही बुढ़वा महादेव, शुकबाजार और चावल बाजार स्थित शिव मंदिर हैं, जहां श्रद्धालुओं का तांता जुटा और भगवान शिव की आराधना की।



सोमवारी पर हनुमान मंदिर में भजन कीर्तन

दाउदनगर (औरंगाबाद) :

श्री हनुमान मंदिर में सावन के अंतिम सोमवारी के शुभ अवसर मंदिर को आकर्षक लाइट से सजाया गया। श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ देखी गई। हनुमान मंदिर में स्थापित भगवान शंकर मंदिर में महिलाओं ने विशेष पूजा की। बाबा भोले को फल, अछत, धतूरा, दूध, दही, बेलपत्र, जल अर्पण करने के साथ सुख शांति खुशहाली की कामना की। स्थानीय मंत्रिमंडल द्वारा ओम नमः शिवाय के साथ भजन कीर्तन की शुरुआत की गई। भजन व्यास गिरिजा ठाकुर, लव कुमार, कमलेश शर्मा, शैलेंद्र सिंह, सुरेंद्र प्रसाद, राजेश कुमार, अनिल शर्मा, प्रकाश राम, जितेंद्र प्रसाद, सुशील पाठक, अजीत कुमार ने अपनी कला की प्रस्तुति दी।



अभाविप एवं ग्राम रक्षा दल ने संभाला सुरक्षा व्यवस्था 

दाउदनगर (औरंगाबाद) :

देवकुंड शिव मंदिर में श्रद्धालुओं को सहजता से बाबा भोलेनाथ का दर्शन हो सके और किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो इसकी जिम्मेदारी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और ग्राम रक्षा दल ने संभाला। जबकि बिहार पुलिस के जवान भी सुरक्षा व्यवस्था में तैनात दिखे। यहां तक कि इस सोमवार को एक पुलिसकर्मी गर्भ गृह में भी श्रद्धालुओं को जल्द दर्शन करा कर बाहर निकालने में व्यस्त दिखा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यकारी समिति सदस्य गौरव मिश्रा, सुमित मिश्रा, संजय, विकास, दीपू, रंजन एवं शंकर ने बताया कि श्रद्धालुओं को कोई समस्या ना हो और वह सुचारू रूप से दर्शन कर सकें यह सुनिश्चित करने का काम परिषद ने किया है। श्रद्धालु देवकुंड पोखरा में स्नान के बाद जल लेकर मंदिर में दर्शन करने आते हैं। ग्राम रक्षा दल के जिला अध्यक्ष प्रमोद सिंह, जिला ट्रेनर अवनीश कुमार, माया कुमारी व कविता कुमारी भी सुरक्षा में तैनात दिखीं। श्रद्धालुओं को कतारबद्ध करते रहे। उनको शीघ्र और सहजता से दर्शन कराने का प्रयास करते दिखे।



एक पिकअप पकड़ा गया प्रतिबंधित पशु का मांस

 


गौ ज्ञान फाउंडेशन की स्वयं सेवक ने कराई प्राथमिकी 

पुलिस ने सोन की जमीन में नष्ट किया मांस 

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : पुलिस द्वारा मौला बाग में एक पिकअप प्रतिबंधित पशु का मांस शुक्रवार की आधी रात के बाद बरामद किया गया है। इसे तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था। पुलिस को देखते ही वाहन को छोड़कर चालक भाग गया। इस संबंध में गौ ज्ञान फाउंडेशन की लता देवी द्वारा प्राथमिकी कराई गई है। प्राथमिकी आवेदन में कहा गया है कि शुक्रवार को आधी रात उन्हें सूचना मिली कि पिराही बाग निवासी मकदूम शहाबुद्दीन कुरेशी उर्फ बबलू कुरैशी, मोहम्मद अशरफ इमाम कुरैशी और साजिद कुरैशी द्वारा बबलू कुरैशी के बगीचे में बड़े पैमाने पर गोवंश को कत्ल करके उनकी चमड़ी उतार कर पशु को चार टुकड़ा बनाकर बर्फ की सिल्ली में दबाकर एक वाहन द्वारा रफीगंज के झिकटिया के मुन्ना कुरैशी और खुर्शीद कुरेशी, काजीचक के इम्तियाज कुरैशी तथा नवादा के गौ मांस व्यापारी शोएब अंसारी के माध्यम से रफीगंज होते हुए राष्ट्रीय उच्च पथ दो (अब 19) से कोलकाता के लिए भेजा जा रहा है। उन्होंने इसकी सूचना तत्काल 112 नंबर पर दी। इसके बाद कार्रवाई करते हुए वाहन को मौला बाग में रोका गया। लेकिन चालक भाग गया जिसका नाम अफाक उर्फ भोंदू निवासी पिराही बाग है। प्राथमिकी में कहा गया है कि उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा वर्णित स्थान पर बड़े पैमाने पर गोवंश को लाकर बबलू के बगीचे में रखा जाता है तथा उन्हें वध करके उनके मांस को राज्य से बाहर निर्यात किया जा रहा है। कहा गया है कि बकरीद में भी बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित पशु को मारा गया तथा उसके मांस, चमड़े, हड्डी को वहीं बगीचे में गड्ढा खोदकर दफना दिया गया। इस संबंध में भी सभी पदाधिकारी को पहले से ही सूचित किया गया है। परंतु इन आरोपितों द्वारा इस तरह का अवैध कृत्य करना नही छोड़ा गया। लता देवी ने कहा है कि आरोपियों द्वारा या उनके एजेंट के माध्यम से सड़क पर बेसहारा घूम रहे गोवंश को और किसानों के दरवाजे से भी चोरी करके गोवंश लाकर काटकर उनके मांस प्रोसेसिंग यूनिट में भेज करके भैंस के नाम पर डिब्बा बंद करके देश से बाहर भेजा जा रहा है। जो दंडनीय अपराध है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बरामद मांस को सोन नदी में बालू के नीचे दफन कर नष्ट किया गया। इसके लिए बीडीओ योगेंद्र पासवान बतौर दंडाधिकारी नियुक्त थे। इस संबंध में एसडीपीओ कुमार ऋषि राज ने कहा कि पशु चिकित्सक से जांच के बाद नमूना रखकर बरामद मांस को विनष्ट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि थानेदार को लता देवी के आवेदन पर प्राथमिक करने को कहा गया है।



Friday 25 August 2023

सुरक्षा व ग्राहक की कमी के कारण बंद हो जाते हैं रात्रि में कई पेट्रोल पंप



जन सुविधा पर दुविधा


पेट्रोल पंप पर शिशुओं को दूध पिलाने की सुविधा उपलब्ध


 एनएच 139 व कई जिलों में बेहतर सुविधा में अव्वल पंप 

नोजल से यूरिया देने वाला बिहार का दूसरा पंप दाउदनगर में 


उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : अनुमंडल के दूर दराज के पेट्रोल पंपों पर कुछ जन सुविधा भले ने उपलब्ध हो लेकिन मुख्यालय स्थित पेट्रोल पंपों पर यह उपलब्ध है। कई मामलों में श्रेष्ठ सुविधा भी उपलब्ध है। कुछ पम्पों पर शौचालय, हवा व पानी की सुविधा मात्र उपलब्ध है। भखरुआं मोड पर गहन आबादी के बीच स्थित कुमार ब्रदर्स पर पीने का शुद्ध पानी, हवा मशीन, महिला पुरुष के लिए अलग-अलग शौचालय उपलब्ध है। इसके संचालक शैलेश कुमार ने बताया कि भखरुआं में तैनात सुरक्षा प्रहरी हों या अन्य यात्री, यहां का शौचालय ही इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि दूसरा शौचालय कहीं उपलब्ध नहीं है। अग्नि सुरक्षा के उपकरण, बालू बैकेट जैसी सुविधा भी यहां उपलब्ध है। बताया कि रात्रि में सुरक्षा और ग्राहक की कमी के कारण पेट्रोल पंप कार्यालय का मुख्य दरवाजा बंद रहता है। कर्मी यहीं सोते हैं। किसी को पेट्रोल या डीजल की जरूरत होती है तो वह कर्मी को जगा कर फ्यूल ले सकते हैं। एन एच 139 पर एक पेट्रोल पंप स्थित है आरएसबीपी। पूरे राजकीय उच्च पथ 139 यानी झारखंड से लेकर पटना तक और कई जिलों में ऐसी जन सुविधा किसी दूसरे पंप पर उपलब्ध नहीं है। इसके संचालक डाक्टर प्रकाशचंद्रा ने बताया कि यहां महिलाओं को अपने शिशु को दूध पिलाने की सुविधा निशुल्क उपलब्ध है और कोई महिला यदि दूध की जरूरत महसूस करती है तो उनको गर्म दूध उपलब्ध कराया जाता है। उनके लिए अलग से बेबी केयर रूम उपलब्ध है। इन्होंने बताया कि यहां छोटे से लेकर बड़े वाहन तक को फ्री नाइट्रोजन या फ्री हवा, पीने का शुद्ध पानी, यात्रियों या वाहन चालकों के लिए स्नानागार, पुरुष के लिए तीन और महिला के लिए एक टाइल्स युक्त बेहतर सुविधा संपन्न शौचालय उपलब्ध है। तीन विश्राम गृह बिस्तर के साथ यहां उपलब्ध है जो यात्री या चालक को सिर्फ आधार कार्ड लेकर दिया जाता है। इनके अलावा बिहार का यह दूसरा ऐसा पेट्रोल पंप है जहां बी छह वाहनों के लिए नोजल से यूरिया देने की सुविधा उपलब्ध है। जो प्रदूषण को शून्य कर देता है। इसके लिए डिस्पेंसर मशीन लगा हुआ है। इनके अलावा वाहनों का शीशा साफ करने और शुद्ध पानी पिलाने के लिए कर्मी उपलब्ध है। यह पेट्रोल पंप 24 घंटे खुला रहता है। एनएच पर कुछ अन्य पेट्रोल पंप जैसे तिरुपति बालाजी, आर फ्यूल्स, प्रकाश पेट्रो, न्यू शांति फ्यूल्स, अंछा मोड पर स्थित शांति फ्यूल्स है। सुरक्षा कारणों से कुछ पेट्रोल पंप रात्रि में 9:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक बंद रहते हैं। महत्वपूर्ण है कि पवन सूत पेट्रोल पंप पर वहां के मैनेजर की हत्या कर दी गई थी। यह पेट्रोल पंप तो बंद हो गया है लेकिन इस खौफ के कारण कई पेट्रोल पंप रात्रि में बंद रहते हैं। 



ग्राहक लक्ष्मी, इसलिए हर संभव सुविधा 


डाक्टर प्रकाशचंद्रा ने कहा कि ग्राहक उनके लिए लक्ष्मी हैं। इसलिए उनको जितनी अधिक सुविधा देना संभव होता है वह देने का प्रयास करते हैं। इससे समाज में बेहतर संदेश भी जाता है और लोगों को सुविधा और सहयोग प्राप्त होता है। दूसरे व्यवसायी भी प्रेरित होते हैं। कई बार महिलाएं अनुकूल स्थान न होने के कारण बच्चों को दूध नहीं पिला पाती, जबकि यह मानवीय गुण और आवश्यकता है। इस कारण उन्होंने यहां इससे संबंधित सुविधा उपलब्ध कराया है।





Monday 21 August 2023

दबदबे के साथ रहता है बिहारी, इसलिए है सब पर भारी



दबदबे के साथ रहता है बिहारी, इसलिए है सब पर भारी  इशरत जहां बोली- नाम बदलने का रहता है दबाव 

सांप्रदायिक सद्भाव व एकता का देती हूँ सन्देश-इशरत

 भजन गायिका इशरत जहां ने कहा है कि एक बिहारी सब पर भारी इसलिए हैं कि वे एकजुट हैं। वह दबदबा के साथ कहीं भी रहते हैं। बिहारियों का स्वभाव है कदम आगे बढ़ा कर दूसरों की मदद करना। दूसरे के सहयोग के लिए खड़ा रहना। उन्होंने यह बात डा. प्रकाश चंद्रा के पेट्रोल पंप आरएसवीपी में रविवार की रात दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि स्कूल के वक्त से ही भजन गाती हैं। पहली बार जब एक प्रतियोगिता में उन्हें भजन गाने के लिए बुलाया गया था तो वह अपने स्कूल की तरफ से गई और प्रथम स्थान प्राप्त की। तब से उन्हें लगा कि इसी क्षेत्र में उन्हें काम करना चाहिए और वह लगातार आगे बढ़ती चली गई। यह पूछे जाने पर की एक मुस्लिम होकर भजन गाने को लेकर किस तरह का विरोध का सामना करना पड़ता है।


 इशरत जहां ने कहा नाम बदलने का उन पर दबाव रहता है। कुछ लोग सलाह देते हैं कि जब भजन ही गाना है तो कोई हिंदू नाम रख लो। इशरत कहती हैं कि जब नाम ही बदल लेंगे तो हमारा संदेश देने का मकसद कैसे पूरा होगा। हम सांप्रदायिक एकता, सद्भाव, आपसी भाईचारा का संदेश देने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कट्टर तत्व दोनों तरफ हैं और उन्हें देखने में इशरत जहां सहज नहीं लगती है, लेकिन मैं जहां से देखती हूं वहां से कुछ भी गलत नहीं दिखता। 



उन्होंने डा. प्रकाश चंद्रा की प्रशंसा की और कहा कि ऐसे काफी कम लोग हैं जो समाज के हर तबके के लिए सहयोग करने के लिए तत्पर खड़ा रहते हैं। उन्होंने कहा कि वह पूरा देश घूमते रहती हैं और बिहार की संस्कृति बिहार के लोगों के व्यवहार से काफी खुश रहती हैं। यहां उनका स्वागत डा. प्रकाश चंद्रा की अनुपस्थिति में हैंड्स आफ प्रकाशचंद्रा के चिंटू मिश्रा, गोविंदा राज, अमन सरकार, रणधीर यादव, देव सिंगर, पीयूष पांडेय, छोटू शर्मा एवं अन्य ने चुनरी ओढ़ा कर किया।

आवंटन के अभाव में आवास योजना के 190 लाभुक बेघर

 



तीन साल से किराया पर रहने को हैं सब मजबूर 

मात्र 50-50000 रुपए ही मिले हैं इन लाभुकों को 

मात्र 220 लाभुक ऐसे जिनको मिला है एक एक लाख रुपये 

किसी को नहीं मिली है तीसरे और चौथे किस्त की राशि 

81 लाभुकों का नाम दस्तावेजों की कमी के कारण सूची से बाहर

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नगर परिषद क्षेत्र में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत 491 व्यक्तियों का चयन किया गया था। योजना का लाभ इनको मिले इसकी स्वीकृति वर्ष 2020 में मिल गई। अब जाकर पता चला कि इसमें 81 व्यक्तियों के नाम भूमि संबंधी या अन्य दस्तावेजों की अनुपलब्धता के कारण काटना पड़ा। शेष बचे 410 लाभुकों में 408 को 50 - 50000 रुपये दिया गया है। इसमें भी 65 लाभुकों को अभी हाल में पहली किस्त की 50 -50000 की राशि प्राप्त हुई है। कुल 220 व्यक्ति को एक-एक लाख रुपये की दूसरी किस्त प्राप्त हुई है। इसमें भी 123 व्यक्ति ऐसे हैं जिनको अभी हाल में एक लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई है। मुख्य पार्षद अंजली कुमारी के प्रतिनिधि गणेश राम ने बताया कि एक करोड़ पचास लाख पचास हजार का वितरण किया गया है। आंकड़े से यह स्पष्ट है की 190 लाभुक ऐसे हैं जिनको बीते तीन साल में मात्र 50-50000 की ही राशि प्राप्त हुई है। इससे यह साफ है कि इतने लोग बेघर कर दिए गए, इस भरोसे के साथ कि उनको पक्का मकान का सपना शीघ्र पूरा होगा। लाभ लेने के लिए भूमि का समतल होना आवश्यक बताया गया है, और जिओ टैग तस्वीर खींची जाती है। यानी मकान चाहे जैसा भी रहा हो उसे पहले ध्वस्त कर देना है और तब योजना के लाभ की राशि प्राप्त होगी। इस कारण लोगों ने अपने घर ध्वस्त कर दिए और किराया पर रहना शुरू किया। एक गरीब व्यक्ति जो अपने संसाधन से घर नहीं बन सकता उसे अपनी मड़ई, कुटिया, झोपड़ी, खपरैल मकान यानी जैसा भी था उसे ध्वस्त कर किराए पर रहने को मजबूर होना पड़ा। ऐसे लोगों की स्पष्ट मांग है कि उनको योजना की राशि शीघ्र दी जाए ताकि वह घर बना सके। जिन 220 व्यक्तियों को दूसरे किस्त की 100000 रुपये की राशि मिली है, यानी उनको कुल डेढ़ लाख रुपये मिले हैं, उनमें से भी अभी अधिकांश लोग किराए पर रह रहे हैं। चूंकि घर काफी लोगों का बन ही नहीं पाया है, कारण आर्थिक समस्या है।



आवंटन प्राप्त होते मिलेगी सबको राशि


नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने कहा कि पांच करोड़ रुपए की मांग सरकार से की गई थी। जिसमें करीब डेढ़ करोड़ रूपया आवंटन प्राप्त हुआ। जिसका वितरण किया गया। सरकार कब राशि देगी, कितना देगी, यह कहना संभव नहीं है। राशि आवंटन प्राप्त होते ही लाभुकों के बीच वितरित कर दिया जाएगा। उसमें कहीं कोई विलंब नहीं होगा।



सामूहिक गृह प्रवेश व चाभी सौंपे नप


वार्ड पार्षद बसन्त कुमार का कहना है कि गरीबों का स्वीकृत आवास जल्द बन सके, इसके लिये विभाग से राशि आवंटन के लिये प्रयास होना चाहिए। इस बरसात में कच्चे मकान जिनको तोड़ कर जीरो टैग किया गया है जल्द से जल्द उन सभी लोगों का मकान बनाकर नप में लाभुकों को सामूहिक गृहप्रवेश व चाभी सौंपा जाना चाहिए।



Saturday 19 August 2023

सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल विक्रेताओं के खिलाफ होगी कार्रवाई



 शहर में प्रकाशित एवं प्रसारित की गई सूचना  

साप्ताहिक छापेमारी के लिए बनाई गई सात सदस्यों की टीम 

 संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : शहर में सिंगल यूज प्लास्टिक, थर्मोकोल एवं अन्य प्रतिबंधित प्लास्टिक के वस्तुओं की बिक्री करने वालों के खिलाफ लगातार छापेमारी अभियान चलाया जाएगा। ऐसे लोगों को पड़कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाइगी। आर्थिक दंड लगाया जाएगा। इस आशय से संबंधित सूचना शनिवार को शहर में ध्वनि विस्तारक यंत्र से प्रसारित की गई और विभिन्न स्थानों पर इस आशय की सूचना से संबंधित पोस्टर चिपकाए गए। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय द्वारा जारी एक पत्र के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक व थर्माकोल विक्रेताओं के विरुद्ध नियमित रूप से साप्ताहिक छापेमारी के लिए सात सदस्यों की टीम बनाई गई है। प्रचार प्रसार का काम धनंजय कपूर ने किया। विनय प्रकाश नगर प्रबंधक कार्यों का पर्यवेक्षण करेंगे और सप्ताहिक प्रतिवेदन तैयार कर कार्यपालक पदाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे। मनोज कुमार गुप्ता, रंजीत कुमार, गौतम तिवारी, कमल प्रसाद, मोहम्मद अनवर फहीम, योगेश्वर प्रसाद और धनंजय कपूर की सात सदस्य टीम गठित की गई है, जो नियमित रूप से साप्ताहिक छापेमारी करना सुनिश्चित करेगी। जो सूचना प्रकाशित और प्रसारित की गई है, उसमें साफ कहा गया है कि सभी दुकानदार एवं आम जनों को सूचित किया जाता है कि एकल यूज प्लास्टिक व थर्मोकाल का उपयोग सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में इनका उपयोग करते हुए पाए जाने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी और सरकार द्वारा निर्धारित जुर्माना राशि वसूल की जाएगी। इस संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने बताया कि 10 स्थान पर नोटिस चिपकाया गया है। माइकिंग कराकर प्रचार किया गया है ताकि लोग जागरुक हो सकें। 


अतिक्रमण के विरुद्ध भी चलेगा अभियान, लगेगा आर्थिक दंड

  कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा इस आशय की सूचना प्रसारित की गई है कि मकान या दुकान के आगे, आम रास्ता या नाला पर ओटा, सीढ़ी या छज्जा का निर्माण जिन्होंने भी किया है उसे हटा लें। जो लोग भी ईट, बालू, गिट्टी, ठेला, रिक्शा या अन्य वाहन रखकर अतिक्रमण किए हैं वह हटा लें। अन्यथा नगर परिषद द्वारा अतिक्रमण हटाते हुए जुर्माना वसूला जाएगा। कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा जारी इस आदेश में साफ़ कहा गया है कि अस्थाई अतिक्रमण के लिए बीस हजार रुपये एवं अस्थाई अतिक्रमण के लिए पांच हजार रुपये की राशि वसूल की जाएगी। साथ ही अतिक्रमण जिस वस्तु से किया गया है उसे जप्त कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने बताया कि इससे संबंधित सूचना प्रसारित की गई है। प्रचार किया गया है ताकि लोग जागरूक हो सकें। अतिक्रमण हटा लें ताकि यातायात सुगम हो, सौंदर्यीकरण का कार्य बेहतर तरीके से किया जा सके। अन्यथा प्रावधान के मुताबिक दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी और अन्य कानूनी कार्रवाई भी अतिक्रमणकारियों के खिलाफ की जाएगी।


शीघ्र पूरा होगा दो लाख क्विंटल धान के समतुल्य सीएमआर देने का लक्ष्य

 



व्यापार मंडल ने सीएमआर का लक्ष्य ससमय किया हासिल 

पैक्सों के पास बकाया है एक से तीन लाट सीएमआर 

दो पैक्सों के पास ही 5800 क्विंटल सीएमआर बकाया

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : प्रखंड में पैक्स और व्यापार मंडल के जरिए 2022-23 में 228000 क्विंटल धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखा गया था। इसके विरुद्ध 193072 क्विंटल धान की खरीद हुई थी। इसके समतुल्य सीएमआर यानी चावल बिहार राज्य खाद्य निगम को अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है। हालांकि व्यापार मंडल ने ससमय लक्ष्य हासिल कर लिया है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष रामबचन सिंह ने बताया कि 13929 क्विंटल धान की खरीद की गई थी। इसके समतुल्य सीएमआर 9520 क्विंटल की आपूर्ति बिहार राज्य खाद्य निगम को समय से पहले व्यापार मंडल द्वारा किया गया है। इस पूरे मामले में प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी सुभाष राम ने बताया के व्यापार मंडल ने ससमय भुगतान कर दिया है। लेकिन बाकी जो पैक्स बचे हैं उन्होंने पूरी तरह सीएमआर का बकाया चुकता नहीं किया है। प्रखंड के पैक्सों के पास एक से तीन लौट का सीएमआर बकाया बताया है। दो पैक्सों के पास ही 5800 क्विंटल सीएमआर भुगतान बकाया है। बताया कि सभी को 20 अगस्त तक सीएमआर भुगतान का लक्ष्य हासिल कर लेने का निर्देश दिया गया है।



करमा और अंकोढ़ा के पास अधिक बकाया 

प्रखंड में 15 पैक्स हैं। दो पैक्स डिफाल्टर हैं जो दूसरे पैक्स से टैग किए गए हैं। शेष तेरह पैक्सों में करमा और अंकोढ़ा पैक्स के पास सबसे अधिक सीएमआर बकाया है। बीसीओ ने बताया कि करमा पैक्स के पास आठ लाट जबकि अंकोढ़ा पैक्स के पास 12 लाट का सीएमआर बकाया है। इनके अनुसार एक लौट में 290 क्विंटल चावल होता है। यानी दो पैक्सों के पास से 5800 क्विंटल चावल बकाया है। अन्य पैक्सों के पास एक से तीन लाट सीएमआर बकाया है।



व्यापार मंडल में किया जा रहा मरम्मत कार्य 

व्यापार मंडल के 200 एमटी गोदाम का जीर्णोद्धार कार्य किया जा रहा है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष रामबचन सिंह एवं बीसीओ सुभाष राम ने बताया कि लगभग पांच लाख रुपये की लागत से गोदाम का फर्श ढाला जा रहा है, ताकि धान को सुरक्षित रखा जा सके। निर्माण का काम प्रारंभ है और शीघ्र ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। भवन का रंग रोगन भी किया जा रहा है।

Thursday 17 August 2023

शहर में बनेगा तीन किलोमीटर लंबा रिंग रोड, होगा पांच करोड़ खर्च

 


14 से 16 फ़ीट चौड़ी पीसीसी होगी सड़क

लगेगा पेवर ब्लाक व बनेगा नाला, हटेगा अतिक्रमण

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) :

दाउदनगर शहर के दो मुख्य पथ और इनको दो अलग-अलग मुख्य पथों से जोड़कर बनने वाला रिंग रोड खराब स्थिति में है। इनका उद्धार होने वाला है। शहर को बढ़िया रिंग रोड जल्द ही मिल जाएगी। इसके लिए नगर परिषद प्रयास कर रहा है। पूर्व में एक दूसरा रिंग रोड बनाने की कोशिश असफल हो चुकी है और वह सपना सपना ही रह गया है। नया रिंग रोड लगभग तीन किलोमीटर की परिधि में है और इसके निर्माण पर करीब पांच करोड रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। इसके साथ-साथ पेवर ब्लाक और नाला बनाया जाएगा। यानी सड़क के बाद फुटपाथ और फिर नाला होगा। समस्या मुख्य पथ में यह होगी कि सड़क इतनी भी चौड़ी नहीं है कि नाला और पेवर ब्लाक भी बनाया जा सके, तो फिर होगा क्या। मुख्य पार्षद अंजली कुमारी का साफ कहना है कि अतिक्रमण हटाया जाएगा और इसके लिए सकारात्मक प्रयास भी किया जाएगा।

इनके प्रतिनिधि गणेश राम ने बताया कि बारूण रोड से नगर परिषद होते जगन मोड़, फिर यहां से अब्दुल बारी पथ होते लखन मोड़, यहां से हनुमान मंदिर होते छत्तर दरवाजा तक लगभग तीन किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी। इसकी चौड़ाई में ढ़लाई 14 फ़ीट से 16 फ़ीट होगी। पेवर ब्लाक लगाया जाएगा इसके बाद फिर नाला बनाया जाएगा। इस पर लगभग पांच करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके लिए अतिक्रमण हटाया जाएगा। वार्ड पार्षदों को किसी भी अतिक्रमणकारी की पैरवी नहीं करने को कहा जायेगा। लक्ष्य बड़ा है तो परेशानी भी बड़ा होनी है। जानकारी के अनुसार इसके अलावा वार्ड संख्या एक में नाला 300 फ़ीट व कई गली का निर्माण कराना लक्ष्य है। गणेश राम ने बताया कि शहर का तेज गति से विकास करने का प्रयास किया जा रहा है।




जल्द निर्माण का है लक्ष्य : अंजली कुमारी


मुख्य पार्षद अंजली कुमारी ने बताया कि इस निर्माण के लिए प्राक्कलन बन गया है। तकनीकी स्वीकृति के लिए डूडा के कार्यपालक अभियंता के पास फाइल गया हुआ है। जल्द से जल्द यह निर्माण कराना लक्ष्य है। 



Saturday 5 August 2023

जरा औरंगाबाद-बिहटा रेल लाइन पर भी ध्यान दे केंद्र सरकार

 



डेढ़ दशक में लागत अनुमान बढ़ गया नौ गुणा

लगातार दस वर्ष से जारी है रेल लाइन की मांग को ले आन्दोलन  

आज पीएम करेंगे एएन रोड के पुनर्निर्माण को शिलान्यास

चार महीने में मात्र छह किलोमीटर ही हो सका है सर्वे

सितंबर महीने में है डीपीआर बनाने का लक्ष्य

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : 

आज रविवार को अनुग्रह नारायण रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए कुल 13 करोड़ रुपये की योजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली करेंगे। इससे जिला को लाभ होगा, लेकिन सवाल यह है कि आखिर डेढ़ दशक से लंबित औरंगाबाद-बिहटा रेल लाइन परियोजना पर पीएम या केंद्र सरकार की नजर-ए-इनायत कब होगी। जब 2007 में परियोजना का आकलन किया गया था तो इस पर 326 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया था। डेढ़ दशक बाद इसमें नौ गुना वृद्धि होकर अठाईस सौ करोड़ से अधिक का अनुमानित खर्च होना बताया जा रहा है। लेकिन निर्माण का काम शुरू नहीं हो सका है।

बिहटा औरंगाबाद रेलवे लाइन सर्वे के काम में धीमी गति है। इस रेलवे लाइन को लेकर बीते दस साल से आंदोलन चला रहे संघर्ष समिति के संयोजक मनोज सिंह यादव ने बताया कि लगभग चार महीने में केवल छह किलोमीटर का सर्वे हुआ है। जबकि इसका टेंडर 17 अप्रैल 2023 को खुला है। सितंबर माह तक डीपीआर बनाने का लक्ष्य है। कार्य में धीमी गति को तेज करने के लिए एवं प्राक्कल के अनुसार राशि देने के लिए औरंगाबाद अरवल में विशेष हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री के नाम से पोस्ट कार्ड भेजो अभियान चलाया जा रहा है। संघर्ष समिति ने एक लाख लोगों से पोस्टकार्ड लिखवाने का लक्ष्य रखा है। श्री यादव ने बताया कि करो या मरो के तर्ज पर संघर्ष जारी रखा है। चार संसदीय क्षेत्र के आम जनता के लाभान्वित बिहटा औरंगाबाद रेलवे लाइन में तेजी लाने के लिए सैकड़ों बार जन प्रदर्शन किया जा चुका है। संघर्ष के बदौलत ही टेंडर खुला और रेलवे लाइन बनने का काम हो रहा है। इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि के उदासीन रवैया के कारण 54 वर्षों से रेलवे लाइन अधर में लटका हुआ है।



20 हजार ने भेजा पोस्टकार्ड


प्रधानमंत्री के नाम से पोस्टकार्ड भेजो अभियान जारी है। मनोज सिंह यादव ने बताया कि औरंगाबाद, दाउदनगर, अरवल  समेत कई जगहों पर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। अभी तक 20 हजार लोगों ने बिहटा अरवल औरंगाबाद रेलवे लाइन में प्राक्कलन के अनुसार राशि एवं जमीन अधिग्रहण की मांग करते हुए प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड भेजा है। एक लाख पोस्टकार्ड हस्ताक्षर करा कर प्रधानमंत्री को भेजने का लक्ष्य है। ताकि अति शीघ्र 3900 करोड़ राशि दिया जाए।



जो हो रहा वह संघर्ष की बदौलत 


जनता के संघर्ष की बदौलत ही जो कुछ हुआ वह हुआ। 17 अप्रैल 2023 को टेंडर खुला और मुख्य सर्वे का काम एवं डीपीआर का काम जारी है। अनुग्रह नारायण से बिहटा तक रेलवे लाइन बनने की परियोजना है। जिसकी कुल लंबाई 120 किलोमीटर है। डीआरएम दानापुर एवं मुख्य अभियंता द्वारा बताया गया है कि सितंबर माह तक रेलवे लाइन का सर्वे एवं डीपीआर बना लिया जाएगा। आंदोलनकारी मनोज यादव ने कहा कि काम में तेजी लाने के लिए जन आंदोलन और जन संघर्ष जारी रहेगा। जब तक बिहटा औरंगाबाद रेलवे लाइन बना नहीं जाता है करो या मरो के तर्ज पर संघर्ष लगातार होता रहेगा।

Friday 4 August 2023

सड़क, कूड़ा दान, गली-नली में फेंक देते हैं मेडिकल अपशिष्ट

 


15 अस्पतालों व पैथोलैब से 100 क्विंटल निकलता है मेडिकल वेस्ट फोटो- 

आम आदमी पर गंभीर बीमारी की चपेट में आने का रहता है खतरा


 अवैध रूप से चल रहे दर्जनों अस्पताल और जांच घर 

मात्र 13 निजी अस्पताल व पैथोलाजी सेनेटरी वेस्ट मैनेजमेंट से हैं जुड़े 

कई अस्पताल व जांच घर सिर्फ धन बचाने में लगे हैं

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : दाउदनगर में निजी तौर पर चल रहे अस्पताल, क्लीनिक और जांच घरों की संख्या लगभग एक सौ बताई जाती है, लेकिन सेनर्जीक प्रमाण पत्र मात्र 13 निजी संस्थानों के पास ही है। दाउदनगर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अनुमंडल अस्पताल के अलावा मात्र 13 ऐसे निजी संस्थान हैं जो सेनेटरी वेस्ट मैनेजमेंट से जुड़े हैं और उनका मेडिकल वेस्ट यह संस्था ले जाकर नष्ट करती है। ऐसे में एक गंभीर चिंता का विषय है कि बाकी अस्पतालों और जांच घरों के मेडिकल वेस्ट सामान्य कचड़ों में ही फेंक दिया जाता है। नगर परिषद द्वारा लगाए गए कूड़ेदान में या फिर सड़क पर या गली-गली में, जिससे सामान्य लोगों के इसकी चपेट में आकर गंभीर बीमारी की चपेट में आने का खतरा बना रहता है। गया में सेनेटरी वेस्ट मैनेजमेंट है जो यहां के निबंधित अस्पताल व जांच घरों में एक पालिथीन देता है जिसमें मेडिकल कचरा को रखा जाता है। उस पर सेनेटरी वेस्ट मैनेजमेंट लिखा हुआ है। अरविंद कुमार इमरजेंसी हास्पिटल के डाक्टर अरविंद कुमार, बिहार आरोग्यं हास्पिटल के डा. विमलेन्दू, निदान जांच घर के अशरफ जहांगीर, सिटी लाइफ के मोहम्मद फजलुर रहमान ने बताया कि वह मेडिकल वेस्ट को इस पालिथीन में रखते हैं और मैनेजमेंट वाले आकर ले जाते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रत्येक एक दिन के बाद अगले दिन मैनेजमेंट वाले आते हैं और कचरा उठाकर ले जाते हैं। इस बात की पुष्टि वेस्ट मैनेजमेंट के मार्केटिंग मैनेजर प्रिंस कुमार सिन्हा ने भी की। बताया कि बायोमेडिकल वेस्ट सरकार से मान्यता प्राप्त है और इसी के तहत अस्पताल और जांच घरों से मेडिकल वेस्ट को ले जाता है। इसके लिए कंपनी निबंधित संस्थानों से 1814 रुपये प्रति माह लेती है। यह कंपनी सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व अनुमंडल अस्पताल के अलावा 13 अन्य अस्पताल व जांच घरों से कचरा उठाकर ले जाती है। जिसका नियम के तहत निस्तारण किया जाता है। प्रिंस कुमार ने बताया कि प्रत्येक महीने लगभग 90 से 120 क्विंटल मेडिकल कचरा दाउदनगर शहर से उठाकर ले जाते हैं। बताया कि सरकारी अस्पतालों से कंपनी पैसा नहीं लेती है। पैसा सरकार देती है। जानकारों की मानें तो सेनेटरी वेस्ट मैनेजमेंट से जो अस्पताल और जांच घर नहीं जुड़े हैं वह अपना मेडिकल कचरा सड़क पर, नगर परिषद द्वारा सड़क पर रखे गए कूड़ादन या यूं ही नाली गली में फेंक देते हैं। इसे कभी भी कोई भी व्यक्ति गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकता है। लेकिन ये अस्पताल व जांच घर रुपया कमाने और रुपया बचाने के अलावा कुछ नहीं सोचते। सेनेटरी वेस्ट मैनेजमेंट ने तो यहां तक कहा कि कुछ लोग काम करा कर भी रुपया नहीं देते हैं और धन बचाने के लिए कुछ संस्थान इससे नहीं जुड़े हुए हैं। वह गंदगी सड़क पर, खुले में फेंक देते हैं और आम लोग इसकी चपेट में आकर गंभीर बीमारी का शिकार हो रहे हैं।



कार्रवाई का अधिकार नहीं 


अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डा. राजेश कुमार सिंह ने कहा कि इस संबंध में दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार उनके पास नहीं है। इस संबंध में सिविल सर्जन या जिला प्रशासन कोई कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने अपील की कि तमाम अस्पताल और जांच घरों को सेनेटरी वेस्ट मैनेजमेंट से जुड़कर मेडिकल अपशिष्ट निस्तारण की पक्की गारंटी करनी चाहिए।



इनके यहां निकलता इतना कचरा


भखरुआं स्थित स्थित अरविंद कुमार इमरजेंसी हास्पिटल के डा. अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि प्रतिदिन लगभग 20 किलो मेडिकल अपशिष्ट उनके यहां निकलता है। बिहार आरोग्यं हास्पिटल के डा. विमलेंदु कुमार ने बताया कि 60 किलोग्राम प्रति माह कचरा निकलता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रबंधक आयुषी वर्मा ने बताया कि 110 किलो गीला, 80 किलो सुखा और निडिल व शीशा जैसे 50 किलो मेडिकल अवशिष्ट प्रत्येक वर्ष निकलता है। अनुमंडल अस्पताल प्रबंधक ठाकुर चंदन सिंह के अनुसार यहां अप्रैल में 96 किलो, मई में 80 किली, जून में 136 किलो और जुलाई में 82 किलो मेडिकल कचरा निकला है।



सेनेटरी वेस्ट मैनेजमेंट से संबंधित अस्पताल व जांच घर


 अरविंद कुमार इमरजेंसी हास्पिटल, मंटू हास्पिटल, हाईटेक जांच घर, डीएन पैथोलैब, निदान पैथोलैब, अमन पैथोलाजी, संजीवनी डायग्नोस्टिक, ए आर इमरजेंसी हास्पिटल, बिहार आरोग्यं हास्पिटल, सिटी लैब, मोना डेंटल क्लिनिक, सोनार डायग्नोस्टिक, कृतिका ईएनटी क्लिनिक।