Thursday 14 December 2023

अब आचमन लायक भी नहीं बचा सोन



बिहार में कोइरी डीह से इंद्रपुरी बांध तक सोन में पानी 

इंद्रपुरी बांध के बाद सोन की पहचान बस पतली धार

कार्तिक स्नान माना जाता है पवित्र व फलदायक

पुराना अरवल सोन की पेट में है समा गया

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : सोन की धारा अब इतनी भी नहीं बची कि लोग उसके पानी से आचमन कर सकें। जबकि सोन पौराणिक नद माना जाता है और पूरा कार्तिक मास में उसमें स्नान को पवित्र और पुण्य फलदायक माना जाता है। इसके बावजूद आज सोन की स्थिति ऐसी है कि इसमें श्रद्धालु आचमन भी नहीं कर सकते। जब कार्तिक की छठ का आयोजन दाउदनगर के किनारे सोन तट पर किया गया, तब यह विचार किया गया कि आने वाले समय में अब दाउदनगर के लोग सोन में छठ करने कहां जाएंगे। अंतिम धारा काफी दूर चली गई है। हर्षवर्धन कालीन वाणभट्ट के जमाने से अब तक के लगभग 1400 साल में कहीं 10 तो कहीं 25 किलोमीटर तक पश्चिम खिसक गया है सोन। नतीजा यह है कि कार्तिक की छठ में काली स्थान घाट का तो वजूद खत्म हो ही गया उसके आगे नाला सा बन गया है सोन। सोन में जेसीबी मशीन से घाट बनाना पड़ा और श्रद्धालुओं को सूर्य को अर्घ्य देना पड़ा। तब सोन में ही मुख्य पार्षद अंजली कुमारी के प्रतिनिधि गणेश राम ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा था कि स्थिति ऐसी हो गई है कि अब अगले वर्ष से नगर परिषद द्वारा गड्ढा खोदकर सोन के पेट में पानी निकालना पड़ेगा ताकि लोग सूर्य को अर्ध दे सकें। बिहार में सोन नबीनगर के कोईरीडीह के पास प्रवेश करता है। यह उत्तर दिशा में है और दक्षिण में है पलामू का दंगवार गांव। यहां कररवार नदी बिहार और झारखंड का विभाजन करती है और खुद को सोन में समर्पित कर समाप्त हो जाती है। यहां एक गांव है गोगो जहां के इंजीनियर सुंदर साहू बताते हैं कि कोईरीडीह से लेकर इंद्रपुरी बांध तब सोन में पानी प्रयाप्त मात्रा में रहता है। इसके बाद की स्थिति देखें तो इंद्रपुरी बांध के बाद सोन की स्थिति खराब होती चली जाती है। क्योंकि सोन में नियमित पानी नहीं रहता। बालू कम और मिट्टी अधिक होते जा रही है। सोन के पेट में बड़े हिस्से में बालू खत्म हो रहा है और मिट्टी का विस्तार हो रहा है। जिसमें लोग खेती करते हैं। दाउदनगर की सीमा तक यह करीब 40 किलोमीटर की लंबाई में है। सोन दाउदनगर के बाद अरवल पहुंचता है। सोन के पानी का रंग पुस्तक में उसके लेखक देव कुमार मिश्रा लिखते हैं कि पुराना अरवल सोन के पेट में चला गया और जो नई बस्ती पड़ोस के गांव की भूमि पर बसी उसे ही अरवल नाम से प्रसिद्धि प्राप्त हो गई।




कभी हहास बांधता आता था हुल्लड़


यही सोन कभी बाढ़ के लिए कुख्यात हुआ करता था और सोन के बाढ़ को बाढ़ नहीं बल्कि उसे हुल्लड़ कहा जाता था। वह हहास बांधता हुआ दौड़ता था और उसके रास्ते में आने वाले तमाम धराशाई हो जाते थे। अभी स्थिति यह है कि सोन में बाढ़ नहीं आता और बालू के अंधाधुंध खनन ने सोने में कई गड्ढे बना दिए हैं। जिसमें हाल के वर्षों में डूबने से लगभग आधा दर्जन मौतें हो चुकी हैं। दाउदनगर, ओबरा, बारुण और नबीनगर चार प्रखंड औरंगाबाद जिले के सोन के किनारे हैं। 



टीला, शिकार खेलना, पंक्षी सब खत्म


पांडेय टोली निवासी विश्वकांत पांडेय, अवधेश पांडेय, पुरानी शहर निवासी विवेकानंद मिश्रा, अरुण यादव, किसान पंकज यादव जैसे लोग बताते हैं कि अब सोन में ना तो टीला बचा है, न काली स्थान घाट का कोई वजूद बचा है। कभी बुजुर्ग बताते थे कि अंग्रेज सोन में शिकार खेलने जाते थे। अब सोन की स्थिति यह है कि कोई पंछी नहीं मिलता है। एक जमाने में टीला पर चढ़ने में युवा हाफ जाते थे। इन सब का वजूद खत्म हो गया है।



Thursday 30 November 2023

सांस्कृतिक संसार का धूमकेतु : श्रीश चंद्र मिश्र सोम

 


उपेंद्र कश्यप


(यह आलेख मैंने अपनी स्मारिका उत्कर्ष-3 में प्रकाशित किया था। यह उनसे बातचीत पर आधारित है। जैसा उन्होंने बताया था। आप तस्वीर में देख सकते हैं कि हम दोनों स्टूडियो यादें में बैठकर बात कर रहे हैं।)


खगड़िया जिला के राका निवासी श्री चंद्र मिश्र सोम का दाउदनगर में आगमन किसी धूमकेतु से कम नहीं था। उन्होंने अपने दम पर यहां साहित्य, संस्कृति का संसार रचा, उसे गढ़ा और कई अनगढ़ कलाकारों को सांस्कृतिक संस्कार दिया। उन्हें नाटक खेलने (मंचन) की तहजीब सिखाया। वह भी अपने पैशेगत कर्म की विचारधारा से विपरीत जाकर। अशोक उच्च विद्यालय में बतौर जीव विज्ञान के शिक्षक के रूप में पदस्थापित होकर 1965 में आए। जीवों का विज्ञान जाने वाले यह शख्स भीतर से बड़ा दयालु, सहृदय, मृदु भाषी और मिलनसार थे। वह समाज के पिछड़ापन, उसका दर्द देख भाव विह्वल होते हैं और उसे शब्द दे देते हैं। उनकी छंद बद्ध और मुक्त छंद की कविताएं, गीत आकाशवाणी एवं विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रसारित प्रकाशित होने लगा। लोहियावादी सोम फणीश्वर नाथ रेणु की खासियत से प्रभावित थे। सोन भ्रमण और पिकनिक में शामिल होने से उनका सामाजिक संबंध का दायरा विस्तारित होता गया। उनके छात्र उनकी साहित्यिक रुचियों के कारण उनसे आत्मीय रूप से जुड़ते गए। कारवां बढ़ता गया और किसी साल की 13 सितंबर को ज्ञान गंगा नाटक संस्था का गठन किया गया (तब उन्हें वर्ष स्मरण नहीं था)। उन्होंने नाटक लिखने से लेकर उसके निर्देशन तक की जिम्मेदारी अपने कंधे पर लिया। उनकी दृष्टि बड़ी बारीक थी। दूर तक जाती थी। स्थानीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम इन्हें प्रभावित करते थे। हिरोशिमा नागासाकी की परमाणु घटनाओं से चिंतित विश्व समुदाय ने निशस्त्रीकरण पर चर्चा कर रहा था और यहां वह आगाज-ए-रोशनी का मंचन। 1970 के आसपास सभी शस्त्र अस्त्र को जमींदोज करने की अपील एक अधेड़ शख्स कर रहे थे। संदेश दे रहे थे कि बिना ऐसा किये मानव का भला नहीं हो सकता। धर्म के बिना विज्ञान का विकास संभव नहीं है। दोनों साथ रहकर विकास कर सकते हैं। नाटकों के मंचन के लिए लोग स्वतः स्फूर्त सहयोग के लिए आगे आते थे। 1970, 1980 और 1990 के दशक में नाटक मनोरंजन का प्रमुख माध्यम हुआ करता था। बिना प्रचार के ही भीड़ जुड़ जाती थी। तब भी हालांकि शहर में सिनेमाघर चलता था लेकिन घरों में टेलीविजन कैद आबादी नहीं थी। 

उन्हें दिखावा पसंद नहीं था। चापलूसी से दूर रहते और बड़े अच्छे श्रोता थे। उन्होंने आगाज-ए-रोशनी, बर्फ पिघलता है, अग्नि शिखा जैसे नाटक लिखे और इसका मंचन भी किया। कई प्रतिष्ठित नाटक कारों का नाटक मंचन किया गया। उनके जाने के साथ नाटक मंचन का दौर यहां खत्म हो गया। अब वह देहातों में बचा हुआ है। उन्होंने तीन पीढ़ियों को नाटक रचने, खेलने का गुण सिखाया। उनके सहकर्मी थे एमबीबीएस स्व. डॉक्टर मनोज, स्वर्गीय प्रोफेसर सच्चिदानंद प्रसाद, स्वर्गीय डॉक्टर विश्वनाथ, महेंद्र गुप्ता एवं अन्य। दूसरी पीढ़ी विद्यार्थियों एवं उनके हमउम्रों की थी। जिसमें द्वारिका प्रसाद उर्फ गुरुजी, ओमप्रकाश, बृजनंदन, सुजीत चौधरी उर्फ नेपू, बबलू जैसे लोग थे। और फिर बाद की एक पीढ़ी ने उनसे बहुत कुछ सीखा। जिसमें स्वयं यह लेखक उपेंद्र कश्यप, संजय शांडिल्य, कपिलेश्वर विद्यार्थी, कृष्ण किसलय (अब स्वर्गीय) जैसे लोग शामिल थे। कृष्ण किसलय सोनमाटी साप्ताहिक के लिए राय मशवरा करते थे। उनकी दो शख्सियत साथ रही। लोगों को याद है जीव विज्ञान का शिक्षक होने के बावजूद उन्होंने विज्ञान के शब्दों को अंग्रेजी के बदले हिंदी में लिखा पढ़ाया यथा कैलिक्स का कूट चक्र, कोटेला का दल चक्र, इनफ्लोरेन्स का पुष्प चक्र, मुंडक जैसे शब्द इस्तेमाल करते रहे। दूसरी उनकी एक अदा हमेशा याद आती है। घर में प्लेट में रखी हरी-हरी, छोटी-छोटी भांग की गोलियां। जिसे खाने वाले पहुंचते और स्वयं उठाकर खाते। चाय के साथ कविता पाठ या गप्पें। और बीच-बीच में पान की बटिया से एक पान निकाल कर चबाना।



और अंत में…

(30.12.23को लिखा)


मेरे मित्र अवधेश पांडे के स्मरण में है कि कैसे उन्होंने सीट का सिटीए उच्चारित किया और बुझ को बुझड। और खुली चुनौती कि दोनों सही है। जीव विज्ञान के शिक्षक रहते पटना आकाशवाणी से उन्होंने इस पर आधे घंटे का पाठ पढ़ा था। जिसे लोगों ने कौतूहलवश सुना था। और तब दाउदनगर के वे ऐसे पहले गुरु माने गए थे जिनका पाठ आकाशवाणी पर पढ़ा गया।

Sunday 5 November 2023

अमझर शरीफ में सांप्रदायिक तनाव रोकने को बनेगा आउटपोस्ट

 



यहां के 31 घरों में चलता है अवैध बूचड़खाना 

शीघ्र होगा आउटपोस्ट का उद्घाटन, तैयारी पूरी

फिलहाल 10 पुलिस बल और एक पदाधिकारी प्रतिनियुक्ति 

यहां हमेशा होते रहता है पशु तस्करी को लेकर विवाद 

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : अनुमंडल के हसपुरा प्रखंड के अमझर शरीफ में हमेशा सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बनते रहती है। इसकी वजह अवैध पशु तस्करी का होना है। प्रशासन का स्पष्ट मानना है कि यहां के 31 घर ऐसे हैं जहां अवैध बूच़डखानों का संचालन होता है। अभी दो नवंबर को सुखाडी बिगहा के मंदिर में मांस का टुकड़ा पाए जाने के बाद लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त हुआ है। महत्वपूर्ण है कि अभी तक तीन बार पशु मांस का टुकड़ा फेंके जाने को लेकर इस इलाके में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बनी है और एक बार पुलिस पर हमला भी हो चुका है। पुलिस सूत्रों के अनुसार ताजा विवाद से पहले 21 जुलाई और दो जुलाई 2023 को पशु मांस का टुकड़ा फेंके जाने को लेकर विवाद हो चुका है। इन तीनों ही मामलों की प्राथमिक की गई है। इससे पहले 13 जून 2023 को अवैध पशु तस्करी के मामले को लेकर पुलिस जब गांव में छापामारी करने गई थी तो उन पर हमला हुआ था। इस मामले में दो प्राथमिकी की गई थी दो दर्जन से अधिक नामजद आरोपित बनाए गए थे। पुलिस के हाथ कोई सफलता नहीं लगी हद यह कि तब पुलिस से कार्बाइन और हथियार छीन लिए गए थे। इस सब के मद्देनजर यहां आउटपोस्ट खोलने का निर्णय लिया गया है। एसडीओ मनोज कुमार और डीएसपी कुमार ऋषिराज ने इस बात की पुष्टि की है कि आउटपोस्ट खोला जाएगा। इसी के लिए शनिवार की देर शाम एसपी श्वेता जी मेश्राम और इन पदाधिकारियों ने स्थल निरीक्षण किया था। सारी तैयारी लगभग पूरी की जा चुकी है और कभी भी यहां आउटपोस्ट खोला जाना है। डीएसपी ने बताया कि फिलहाल आउटपोस्ट में 10 पुलिस बल और एक पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गयी है।



घरों को चिन्हित कर बना है नजरी नक्शा


अंचल अधिकारी द्वारा गांव का सर्वे कर 31 घरों को चिन्हित किया गया है। इस संबंध में नजरी नक्शा बनाया गया है। खास बात यह है कि सारे घरों का प्रवेश एवं निकास अमझर शरीफ कब्रिस्तान वाली गली के बगल के सड़क से होता है। सूत्रों के अनुसार इस गली और सड़क से अवैध पशुओं के लाने और ले जाने पर नियंत्रण के लिए पुलिस पदाधिकारी और नोडल अधिकारी सह दंडाधिकारी प्रतिनियुक्ति करने का अनुरोध एसडीओ ने किया था। इसके बाद हसपुरा प्रखंड के मौजा अमझर शरीफ एवं मुस्लिमाबाद में अवैध पशुओं के लाने और ले जाने पर नियंत्रण के लिए भ्रमणशील नोडल पदाधिकारी सह दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी की प्रति नियुक्ति तीन नवंबर से अगले आदेश तक के लिए की गई है। जिसमें पशु चिकित्सा पदाधिकारी हसपुरा डाक्टर कुश कुमार और भ्रमणशील पशु चिकित्सा अधिकारी डाक्टर आशुतोष कुमार को नोडल पदाधिकारी सह दंडाधिकारी बनाया गया है। जबकि पुलिस अवर निरीक्षक विजय कुमार सिंह सलैया थाना को नोडल पुलिस पदाधिकारी बनाया गया है। कुल 10 पुलिस बल यहां तैनात किए गए हैं।




नजरी नक्शा के अनुसार करना है काम 

डीएम और एसपी के संयुक्त आदेश में निर्देश दिया गया है कि अंचल अधिकारी हसपुरा से नजरी नक्शा प्राप्त कर उसके अनुसार भ्रमणशील रहकर अवैध पशुओं के लाने और ले जाने पर नियंत्रण रखने का कार्य प्रतिनियुक्त अधिकारियों को करना है। स्थल का आकलन करते हुए प्राप्त पुलिस बल को आवश्यकता अनुसार प्रतिनियुक्त करना सुनिश्चित किया जाना है। हसपुरा थाना अध्यक्ष को निर्देश दिया गया है कि उपरोक्त प्रतिनियुक्ति पुलिस बलों के आवासन की व्यवस्था थाना परिषर में ही करेंगे। दाउदनगर के एसडीओ व डीएसपी को संयुक्त आदेश के तहत निर्देश दिया गया है कि दोनों मुख्यालय में उपस्थित रहेंगे। भ्रमणशील रहकर विवादित स्थल पर विशेष चौकसी बरतेंगे और विधि व्यवस्था, शांति व्यवस्था बनाए रखना सुनिश्चित करेंगे।

लिखा-5.11.23



Wednesday 1 November 2023

अस्पताल, दवा दुकान और पैथोलाजी को नप ने भेजा नोटिस

 


शहर के अस्पतालों, दवा दुकानदारों और पैथोलाजियों में मचा हड़कंप 

उठाया गया नहर किनारे फेंका गया मेडिकल कचरा 

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : चंद रुपयों के लिए खतरे में डाल रहे जान- शीर्षक से सोमवार को दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर का काफी असर हुआ है। नगर परिषद ने यहां चल रहे निजी असप्तालों, जांच घरों, दवा दुकानदारों को नोटिस भेजा है। इससे इनमें हड़कंप मच गया है। इस खबर में बताया गया था कि नहर के किनारे आबादी के बीच मेडिकल कचरा को लोग चंद रूपये बचाने के लिए फेंक दे रहे हैं। जबकि उनके निस्तारण के लिए गया की एजेंसी यहां लगातार आती है और नियम के मुताबिक मेडिकल कचरा का निस्तारण विधि सम्मत न किया जाना अपराध है। इससे पहले भी दैनिक जागरण ने- मेडिकल कचरा ना बने खतरा- अभियान चलाया था। इसके बावजूद अस्पताल, दवा दुकान और जांच घर चलाने वाले लोग कचरा को सड़क किनारे फेंक रहे हैं। जिससे आम लोगों का जनजीवन प्रभावित हो सकता है। लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के अनुसार अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डा.राजेश कुमार सिंह ने बताया था कि ये दवाईयां होमियोपैथी की हैं और इनकी आपूर्ति सरकारी अस्पतालों में नहीं होती। डा. मनोज कुमार ने बताया था कि इन दवाओं के अंश से पशु, मनुष्य, वनस्पति तीनों को खतरा हो सकता है। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने करवाई और जुर्माना का प्रविधान की बात कही थी। खबर प्रकाशित होने के बाद सोमवार को कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय के निर्देश पर कचरा उठाने का काम किया गया। इसके लिए दो सफाई कर्मी सुरक्षित पोशाक, दास्ताना और मास्क लगाकर मेडिकल कचरों को निस्तारण के लिए उठा कर ले गए। यहां के निवासी एथलीट दयानंद शर्मा ने बताया कि मेडिकल कचरा इस तरह फेंके जाने से यहां के लोगों के लिए खतरनाक स्थिति बन गयी थी। जिसने भी यह फेंका हो उसे इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि आगे इस तरह का कचरा खुले स्थान पर ना फेंके। इधर नगर परिषद के सिटी मैनेजर विनय प्रकाश ने बताया कि शहर में जितने भी निजी अस्पताल, दवा दुकान और पैथोलैब हैं सभी को नोटिस भेजा जा रहा है कि वह मेडिकल कचरा के निस्तारण का विधिसम्मत उपाय करें अन्यथा उनके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।



भेजे गए नोटिस के प्रसंग में लिखा- दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर 



नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा इस क्षेत्र के सभी अस्पताल, जांच घर और दवाई दुकानों के प्रबंधकों या व्यवस्थापकों के लिए नोटिस जारी किया गया है। जिसमें विषय में बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के संबंध में लिखा गया है जबकि प्रसंग दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर को दिया गया है। सोमवार को जारी इस पत्र में साफ-साफ कहा गया है कि दैनिक जागरण में बताया गया है कि बायो मेडिकल वेस्ट जैव विविधता अवशेषों का निस्तारण सही ढंग से नहीं करके उसे खुले स्थान पर फेंका जा रहा है। जो बायो मेडिकल वेस्ट अधिनियम 2016 का उल्लंघन है। बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंके जाने से जनसाधारण के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। बायोमेडिकल वेस्ट अधिनियम का उल्लंघन किए जाने की स्थिति में विधिक कार्रवाई करते हुए आपके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई एवं जुर्माने की राशि की वसूली की जा सकती है। नोटिस में कहा गया है कि अपने संस्थान या प्रतिष्ठान से निकलने वाले बायोमेट्रिक वेस्ट के निस्तारण की प्रक्रिया एवं बायोमेडिकल वेस्ट अधिनियम 16 के अधीन निस्तारण हेतु चिन्हित संस्थान से किए गए निबंधन से संबंधित सूचना नगर परिषद को उपलब्ध कराएं।



Monday 30 October 2023

एक अनोखा मध्य विद्यालय जिसमें कक्षा एक से तीन तक नहीं होती पढ़ाई

 


कक्षा चार में एक और कक्षा पांच में मात्र पांच नामांकन 

वर्ष 1969 में खुला था राजकीय मध्य विद्यालय अमोना

प्रारंभ से ही हो रही चौथी कक्षा से पढ़ाई 

ऐसी स्थिति की वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद)  प्रखंड में एक अनूठा विद्यालय है राजकीय मध्य विद्यालय अमोना। वर्ष 1969 में इस विद्यालय की स्थापना हुई थी लेकिन तब से ही कक्षा एक से तीन तक पढ़ाई नहीं कराई जाती। कक्षा चार से आठ तक की पढ़ाई यहां होती है। उसमें भी कक्षा चार में एक नामांकन है जबकि कक्षा पांच में दो छात्रा और तीन छात्र नामांकित हैं। प्रधानाध्यापक विजेंद्र सिंह ने बताया कि दिसंबर 2016 में जब वे इस विद्यालय में पदस्थापित होकर आए तो उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ। उन्होंने रिकार्ड खंगलवाया तो पता चला कि विद्यालय की स्थापना के समय से ही कक्षा चार से ही पढ़ाई हो रही है। विद्यालय के शिक्षकों और इनके अनुसार दर असल इस मध्य विद्यालय से लगभग पांच सौ मीटर की दूरी पर ही प्राथमिक विद्यालय अमोना है। जहां कक्षा एक से तीन तक पढ़ाई होती थी। इसलिए जब 1969 में यह विद्यालय खुला तो यहां कक्षा एक से तीन तक छोड़कर कक्षा चार से आठवीं तक की पढ़ाई प्रारंभ की गई। बाद के कार्यकाल में प्राथमिक विद्यालय उत्क्रमित हुआ और कक्षा एक से पांच तक की पढ़ाई वहां होने लगी। लेकिन मध्य विद्यालय में कोई बदलाव नहीं आया और यहां कक्षा एक से तीन तक की पढ़ाई अब भी नहीं होती। बताया गया की कक्षा चार और पांच में नामांकन ना होने की मूल वजह गांव में ही दूसरा प्राथमिक विद्यालय होना है। अब वहां एक से तीन तक में जो बच्चे नामांकित होंगे स्वाभाविक रूप से कक्षा पांच तक मध्य विद्यालय में पढ़ने के लिए नामांकन नहीं कराने आएंगे। इसलिए मध्य विद्यालय के कक्षा चार और पांच में नामांकन इक्का दुक्का होता है।



कमरा कम इसलिए एक साथ पढ़ाई

विद्यालय के प्रधानाध्यापक विजेंद्र सिंह ने बताया कि क्योंकि उनके पास कक्षा संचालन के लिए मात्र चार कमरा ही उपलब्ध है इसलिए कक्षा चार और पांच के सभी छह विद्यार्थियों को एक ही कमरे में बिठाकर पढ़ाया जाता है। इसके अतिरिक्त तीन कमरों का इस्तेमाल कक्षा छह, सात एवं आठ के बच्चों को पढ़ाई के लिए होती है। बताया कि जब भी बच्चे आते हैं उनको पढ़ाया जाता है। वैसे यहां कुल 10 शिक्षक हैं। अंग्रेजी व हिंदी के शिक्षक नहीं हैं।




यह बच्चे हैं नामांकित 

कक्षा चार में सन्नू कुमार, कक्षा पांच में गुड्डू आलम, सनी कुमार व मुस्तफा आलम, जबकि छात्रा में चंचल कुमारी और रूपा कुमारी का नामांकन है।



अगले सत्र से हो सकती है पढ़ाई


इस मध्य विद्यालय में कुल नामांकन 126 है। प्राधानाध्यापक कक्षा चार व पांच की पढ़ाई खत्म नहीं कर सकते। न ही अपने मन से कक्षा एक से तीन तक में नामांकन ले सकते हैं। प्रधानाध्यापक बिजेंद्र सिंह ने बताया कि अगले सत्र से कक्षा एक, दो व तीन में नामांकन के लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखेंगे। यदि विभाग से स्वीकृति प्राप्त होती है तो अगले सत्र से कक्षा एक, दो व तीन में पढ़ाई प्रारंभ हो सकती है।



चंद रुपयों के चलते शहर को खतरे में डाल रहे चिकित्सा व दवा व्यवसायी

 


नहर के किनारे बड़ी मात्रा में फेंकी गयी दवाइयां और यूरिन बैग

जल और वायु हो रहा प्रदूषित, खतरे में लोगों की जिंदगी 

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) :

चिकित्सा और दवा व्यवसाय से जुड़े लोग चंद्र रुपये की बचत के लिए शहर के लोगों के जीवन को खतरा में डाल रहे हैं। खुलेआम अपराध कर रहे हैं और इन पर लगाम लगाने में प्रशासन असफल हो रहा है। मौला बाग से चौरम जाने वाले नहर मार्ग में साइफन के पास दोनों तरफ बड़ी मात्रा में मेडिकल कचरा फेंका गया है। दवा विशेषज्ञों के अनुसार होम्योपैथिक दवाइयां बड़ी मात्रा में फेंकी गई है। इसके साथ ही अस्पताल में इस्तेमाल होने वाला यूरिन बैग, सलाइन सेट, ट्यूनिकेट, सफेद रंग की बड़ी मात्रा में टैबलेट, काटन फेंका गया है। इससे नहर और नहर के बगल के गड्ढों में जिसमें सिंघाड़ा (पानी फल) की खेती होती है उसके प्रदूषित होने के साथ-साथ हवा भी उसे इलाके की प्रदूषित हो रही है। इससे वहां की आबादी के जीवन को खतरा है। प्रविधान के मुताबिक यह बायो मेडिकल वेस्ट है, जिसका निस्तारण सही तरीके से नहीं किया गया और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की जरूरत है। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि दाउदनगर में कभी भी बायो मेडिकल वेस्ट को लेकर ना तो जागरूकता अभियान स्वास्थ्य महकमा चलाता है और ना कभी छापेमारी की गई। स्वाभाविक है ऐसी स्थिति में कभी कार्रवाई भी नहीं की गई है। नतीजा दवा दुकानदार हो या अस्पताल या झोलाछाप डाक्टर सभी पूरी तरह से लापरवाह हैं। और जब भी, जहां भी, मन करता है मेडिकल कचरा को फेंक देते हैं। बिना यह सोचे कि आबादी के लिए ऐसा करना कितना घातक हो सकता है।



यह अपराध, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता


अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डा. राजेश कुमार सिंह ने बताया कि यह दवाइयां सरकारी अस्पतालों में आपूर्ति नहीं की जाती है। यह होम्योपैथी की दवाइयां है। बायो मेडिकल वेस्ट है, जिसका निस्तारण सही तरीके से नहीं किया गया। वातावरण इससे प्रदूषित होगा। यह जघन्य अपराध है और ऐसे अपराध करने वालों को चिन्हित कर तुरंत सख्त कार्रवाई की जरूरत है। इसके लिए अनुमंडल प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा को टीम गठित कर अस्पतालों में छापेमारी कराई जानी चाहिए।



मनुष्य, पशु, वनस्पति को क्षति 


होम्योपैथिक चिकित्सक डाक्टर मनोज कुमार ने बताया किया के आर इंडो जर्मन होम्योपैथिक दवा बनाने वाली कंपनी है और इसी की खाली शीशियां फेंकी गई हैं। उन्होंने इस बात की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि इन शीशियों में विभिन्न प्रकार की दवाइयां भर कर विभिन्न नाम से आती हैं। होम्योपैथिक दवा डायनेमिक पावर की होती हैं। इसके अंश से पशु, मनुष्य और वनस्पति तीनों को क्षति हो सकती है। ढक्कन खुला है इसके गन्ध से ही पर्यावरण प्रदूषित होगा और यह जीव मात्र के अंदर सांस के माध्यम से प्रवेश कर जाएगा। पशु यदि इससे छूता है या अपने पैर से इसे खुरचता है तब भी उसे नुकसान होगा।




कानूनी कार्रवाई और जुर्माना का प्रविधान

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने बताया कि ऐसे काम करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और जुर्माना लगाने का प्रविधान है। किसी भी परिस्थिति में दवा दुकानदार हो या अस्पताल के संचालक उनको इस तरह मेडिकल कचरा को खुलेआम नहीं फेंकना चाहिए। यह मानवता के विरुद्ध अपराध है।



इन बीमारियों से जुड़ी है यह दवाइयां 

नहर के किनारे होम्योपैथिक की दवाइयों की जो शीशी फेंकी गई है उनमें विभिन्न प्रकार की बीमारियों को ठीक करने वाली दवाईयां भरी होती हैं। होम्योपैथिक चिकित्सक डाक्टर मनोज कुमार के अनुसार इन शीशियों में गर्भपात, डायरिया, लू लगने, दर्द, सर्दी से संबंधित दवाइयां दिख रही हैं।


Wednesday 18 October 2023

बच्चों की लड़ाई को सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश असफल



आधी रात में एसडीओ और एसडीपीओ ने की गुलाम सेठ चौक पर बैठक 

रात से ही घटनास्थल पर तैनात है महिला-पुरुष पुलिस बल 

पत्थरबाजी के बाद बढ़ा सांप्रदायिक तनाव संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : पुराना शहर का गुलाम सेठ चौक का क्षेत्र मंगलवार की रात अचानक सांप्रदायिक तनाव का शिकार हो गया। दो बच्चों की आपसी लड़ाई सामूहिक लड़ाई में बदल गई और इसे सांप्रदायिक रूप देने की कुछ लोगों ने कोशिश की जिसे समय रहते प्रशासन ने असफल कर दिया। आधी रात को एसडीओ मनोज कुमार, एसडीपीओ कुमार ऋषि राज ने दोनों पक्षों के लोगों के साथ बैठक की और मामले को समाप्त किया। संवाद प्रेषण तक घटनास्थल पर रात से ही पुलिस बल तैनात है। प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग आठ बजे गुलाम सेठ चौक पर वार्ड संख्या चार निवासी 16 वर्ष का नाबालिग राहुल कुमार खड़ा था। इसी बीच वार्ड संख्या छह के निवासी लगभग 22 वर्ष का चुन्नू अंसारी उसे दांत काट लिया। कुछ लोग उसे खदेड़ने लगे। जब वह भागने लगा तो सोनू कुमार को धक्का लग गया। वह घर में घुस गया। बाद में दोनों का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज हुआ। सोनू के चार दांत टूट गए बताया जाता है। इसके बाद छत से उसने पत्थरबाजी की। इसके पक्ष से कुछ और लोग पत्थरबाजी शुरू कर दिए। नतीजा दूसरे पक्ष की तरफ से भी पत्थरबाजी शुरू हो गई। थोड़ी देर के लिए इलाका काफी तनावपूर्ण और रण क्षेत्र में बदल गया। लोगों ने पुलिस को सूचना दी तो सबसे पहले घटनास्थल पर एसआई ललन प्रसाद सिंह पहुंचे। उसके बाद थाना अध्यक्ष अंजनी कुमार, एसआई नरेंद्र कुमार एवं रामायण शर्मा पहुंच गए। रात्रि लगभग 10:00 बजे एसडीओ और एसडीपीओ दोनों पहुंचे। दोनों रात 12 बजे के बाद तक गुलाम सेठ चौक पर बैठे रहे। दोनों पक्षों को बुलाकर वार्ता की गयी। दोनों पक्षों को चेतावनी दी गई। समझाया गया कि अपने बच्चों को संभाल कर रखें और किसी भी परिस्थिति में विधि व्यवस्था खराब नहीं होनी चाहिए। दोनों पक्षों के कुछ युवा और उनके अभिभावकों को चेतावनी दी गई। थाना अध्यक्ष अंजनी कुमार ने बताया कि निरोधात्मक कार्रवाई दोनों पक्षों के विरुद्ध की गई है। घटनास्थल पर टी ओ पी (टाउन आउट पोस्ट) प्रभारी नवल किशोर मंडल के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात है। महिला पुलिस बल भी यहां तैनात किया गया है। अपर थाना अध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि उन्होंने बुधवार को पूर्वाहन में घटनास्थल का निरीक्षण किया था। स्थिति सामान्य है।



छत से ईंट पत्थर का टुकड़ा हटाने का निर्देश 

आधी रात को जब बैठक हुई तो पदाधिकारियों ने लोगों को साफ कहा कि वह अपने बच्चों को समझाएं और 24 घंटे के अंदर जिनके छत पर भी बिना मतलब का ईंट पत्थर का टुकड़ा रखा हुआ है उसे हटा लें। अन्यथा जब पुलिस छापामारी करेगी तो ईंट पत्थर के टुकड़े पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बैठक में वार्ड पार्षद चिंटू मिश्रा, शबा कादरी, कृष्णा मेहता, गोपाल प्रसाद, सोनू खान, छोटू खान, मोहम्मद कुदुस, साधु चौधरी, छोटू मेहता, गोपाल प्रसाद एवं अन्य उपस्थित रहे। कहा गया कि यदि बच्चों की नहीं समझ पाए और वह बदमाशी करेंगे तो करवाई बच्चों के साथ अभिभावकों के खिलाफ भी की जाएगी।



शांति पसंद, प्राथमिकी नहीं 

थाना अध्यक्ष अंजनी कुमार ने बताया कि विवाद की वजह बने दोनों पक्षों में से किसी ने आवेदन प्राथमिकी के लिए नहीं दिया है। लोगों का कहना है कि हमें एक ही स्थान पर रहना है। हम विवाद नहीं चाहते। बच्चों की गलती से जो होना था हो गया। इस कारण इस मामले को लेकर कोई प्राथमिकी नहीं की गई है। सिर्फ निरोधात्मक कार्रवाई की गई है।



सांप्रदायिक मामला नहीं : एसडीओ 

एसडीओ मनोज कुमार ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि यह साम्प्रदायिक मामला नहीं बल्कि बच्चों की लड़ाई भर है। अभिभावकों को बच्चों को समझने को स्पष्ट कहा गया है। निरोधात्मक कार्रवाई कुछ लोगों के खिलाफ की जा रही है। शांति व्यवस्था बनाए रखने का हर प्रयास किया गया। लोगों ने इसमें सहयोग दिया। 




पुलिस का मोबाइल सबसे बड़ा हथियार 

मोबाइल चालू करते तुरन्त छंट जाती है भीड़



दाउदनगर (औरंगाबाद) :

पुलिस के हाथ में राइफल से अधिक मजबूत और प्रभावी हथियार अब मोबाइल बन गया है। घटनास्थलों पर आम तौर पर पुलिस पहले मोबाइल निकलती है और वीडियो बनाना शुरु करती है और यह भी कहती रहती है कि सबका चेहरा मोबाइल में कैद हो रहा है। इसका असर यह होता है कि आम लोग, या जो घटना में अपने लाभ हानि को देखकर प्रतिक्रिया करने या कराने के लिए या फिर पूरे मुद्दे को भड़काने के प्रयास के लिए भीड़ में शामिल होते हैं, मुंह घूमाकर वापस लौट जाते हैं और इससे पुलिस को घटनास्थल पर तनाव को नियंत्रित करने या उपद्रव को शांत करने में बड़ी कामयाबी मिलती है। मंगलवार की रात जब गुलाम सेठ चौक पर स्थिति तनावपूर्ण थी तो यहां सबसे पहले पहुंचे सब इंस्पेक्टर ललन प्रसाद सिंह ने भी ऐसा ही किया। यह घटना स्थल पर पहुंचे और मोबाइल निकाल कर वीडियो बनाने लगे। नतीजा भीड़ वापस लौटती हुई दिखी।


घटना तिथि:- 17.10.23

Sunday 8 October 2023

जितिया : एक निर्णय से बदल गई परंपरा से चली आ रही दुर्गंध की स्थिति



इमली तल पुरुष करते हैं जीमूतवाहन भगवान का दुग्धाभिषेक 

2018 में विद्यार्थी चेतना परिषद ने लिया निर्णय 

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : परंपरा से जकड़ा हुआ समाज के लिए कोई निर्णय लेना सहज नहीं होता। किंतु जब कोई सार्थक निर्णय लिया जाता है तो उसका परिणाम भी बहुत सकारात्मक होता है। लगभग 200 वर्षों से दाउदनगर में जिउतिया को लोक उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है। इसके तहत ही इमली तल बने जीमूतवाहन के मंदिर में व्रत के दिन सुबह में पुरुष दूध से भगवान का अभिषेक करते हैं। यह दूध बहकर नालियों में चला जाता था। दूध बर्बाद हो जाता था और इसके बाद जो सड़ांध निकलती थी, इससे मोहल्ले में रहने वालों के लिए मुश्किल हो जाता था। 15 दिन तक सड़ांध मारता था। माहौल खराब रहता था। लेकिन विद्यार्थी चेतना परिषद ने वर्ष 2018 में निर्णय लिया कि इस दूध को संचित कर खीर बनाकर प्रसाद चढ़ा कर लोगों में बांट दिया जाए। इज़के लिए पीतल की ओखली अरघा के साथ बनाकर रखा गया। अब जो दूध चढ़ाया जाता है व एक पाइप के माध्यम से बड़े बर्तन में जमा किया जाता है। ऐसा किए जाने के बाद से दूध बर्बाद भी नहीं होता। सड़ांध भी नहीं उठता। रहने में समस्या भी नहीं आती और इस प्रसाद के वितरण से लोगों की समृद्धि भी बढ़ रही है।



10 क्विंटल से अधिक दूध होता था बर्बाद 



विद्यार्थी चेतना परिषद के संयोजक ममतेश कुमार ने बताया कि लगभग 10 क्विंटल दूध इसमें बर्बाद हो जाता था। परिषद ने यह निर्णय लिया। इससे प्रसाद वितरण होना शुरू हुआ और मोहल्ले की और परिषद की समृद्धि भी बढ़ती चली गई। विशेषत: जो लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं उनके घरों में खुशहाली आई।



निकटवर्ती चौक पर लोग करते हैं अभिषेक



बुजुर्ग रासबिहारी प्रसाद का कहना है कि बच्चे, युवा, वृद्ध सभी दूध से भगवान जिमतवाहन का अभिषेक करते हैं। जैसे विधि विधान के साथ लोग शिव का जलाभिषेक करते हैं। उनके समाज के लोग जहां भी रहते हैं अपने निकटवर्ती जिउतिया चौक पर दुग्ध से अभिषेक करते हैं।



अब सब चौक पर यह परंपरा



पुजारी गुप्तेश्वर मिश्र ने बताया कि काफी समय से यह परंपरा चली आ रही है। यह तर्पण नहीं बल्कि अभिषेक है। संतान के दीर्घायु होने की कामना के साथ पुरुष यहां दुग्ध अभिषेक करते हैं। दूसरे चौकों पर भी यहां की देखा देखी लोग अब ऐसा करने लगे हैं।


Wednesday 4 October 2023

जितिया जे अईले मन हुलसईले, नौ दिन कईले बेहाल रे जितिया....

 जिउतिया में दांतों तले दबा लेंगे उंगली, आंखें रह जाती हैं प्यासी




जीमूतवाहन भगवान के मंदिरों पर गाया जा रहा झूमर

इस बार शहर मना रहा जिउतिया महोत्सव

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : 

माताएं अपने संतान के दीर्घायु होने की कामना को लेकर जिउतिया मनाती हैं। दाउदनगर शहर इसे लोकोत्सव के रूप में मनाता है। इसका ऐसा स्वरूप और कहीं नहीं मिलता, जैसा दाउदनगर में है। इसे नकल, या कहें स्वांग-समारोह के रूप में मनाया जाता है। लगता है जैसे पूरा शहर ही भेष बदलो अभियान पर निकल पड़ा है। सब नया रूप धर कर सामने आते हैं। राजस्थान की स्वांग कला को यहां के कलाकार मात देते दिखते हैं। ऐसी-ऐसी प्रस्तुतियां जिसे देखकर दर्शक दांतों तले उंगली दबा लेते हैं। आंखें आधी प्यासी रह जाती हैं, और देखने की ललक बढ़ जाती है। खतरनाक प्रस्तुतियां भी होती हैं। शहर इसीलिए तो गाता है–‘धन भाग रे जिउतिया, तोरा अइले जियरा नेहाल रे जिउतिया, जिउतिया जे अइले मन हुलसइले, नौ दिन कइले बेहाल, रे जिउतिया ...” और जब पर्व खत्म होने को होता है तो लोग विरह की वेदना महसूस करते हैं-“देखे अइली जिउतिया, फटे लागल छतिया, नैना ढरे नदिया समान। जान तोहे बिन घायल हूं पागल समान...।“ यह बताता है कि दाउदनगर वासियों के लिए जिउतिया क्या है? भगवान जीमूतवाहन के बने चार मंदिरों में अनंत चतुर्दशी के दूसरी रात से ही लोग झूमर या चकड़दम्मा गाने लगते हैं। लोक गायक यही कर रहे हैं। यहां गाया जाने वाला झूमर बताता है कि जिउतिया जिउ (हृदय) के साथ है-


दाउदनगर के जिउतिया सरेनाम हई गे साजन

दाउदनगर के जिउतिया जिउ के साथ हई गे साजन,

कहां के दिवाली, कहां के दशहरा गे साजन,

कहवां के जिउतिया कइले नाम हई गे साजन

दिल्ली के दिवाली, कलकता के दशहरा गे साजन

दाऊदनगर के जिउतिया कइले नाम हई गे साजन



राधा कृष्ण सुमेत कई रूपों में दिख रहे बच्चे

जिउतिया के अवसर पर बच्चों ने अपनी कला की प्रस्तुति देनी शुरू कर दी है। कृष्ण, राधा कृष्ण, राक्षस, पागल सुमेत कई भूमिकाओं में बच्चे दिखने लगे हैं। अपनी कला की प्रस्तुति बच्चे शहर में घूम कर कर रहे हैं। लोगों का मन बहला रहे हैं। बच्चों की इस प्रस्तुति से शहर में लोकोत्सव का माहौल बनने लगा है। इसका चरम शुक्रवार को दिखेगा। शुक्रवार, शनिवार और रविवार तीन दिन लोक कलाओं की प्रस्तुति की धूम रहेगी। तब दूर दराज से लोग आकर यहां लोक कला का आनंद लेते हैं।



रंगोली बनाने व रंग बिरंगी रौशनी की अपील


मुख्य पार्षद अंजली कुमारी ने वीडियो बयान जारी कर अपील किया है कि जिस प्रकार दिल्ली की दिवाली, कोलकाता का दशहरा मशहूर है वैसे ही यहां का जिउतिया मशहूर है। दिनांक छह, सात एवं आठ अक्टूबर को अपने घर के बाहर रंगोली बनाकर तथा घर को दीपावली की तरह रंग बिरंगी लाइट से सजाकर जिउतिया महोत्सव का साक्षी बनें। जिउतिया हमारी शान है, हमारी संस्कृति है, हमारी पहचान है। 

Saturday 30 September 2023

सूर्यनाथ पासवान हत्याकांड फालोअप : छह भूमि मालिक और एक मध्यस्थ बना आरोपित





घटना के 36 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली 

पति पत्नी साथ निकले थे टहलने, पत्नी ने कराई प्राथमिकी


संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : अमृत बिगहा निवासी सूर्यनाथ पासवान की शुक्रवार को हुई हत्या के मामले में सात व्यक्ति को नामजद आरोपित बनाया गया है। हत्या की वजह भूमि विवाद बताई गई है। जिस सिंहा परिवार की भूमि की खरीद बिक्री का मामला इस हत्याकांड से जुड़ा है उस परिवार के छह व्यक्ति और जमीन की खरीद बिक्री करने वाले एक व्यक्ति को नामजद आरोपित बनाया गया है। इस मामले में सूर्यनाथ की पत्नी लाखा देवी द्वारा प्राथमिकी कराई गई है। इस मामले में कान्दु राम की गड़ही निवासी श्यामरस सिन्हा के पुत्र बबलू सिंहा, लव सिन्हा, कुश सिंहा एवं अमित कुमार सिंहा, यदुनंदन प्रसाद के पुत्र संजय सिंहा और इनके पुत्र सनी कुमार के साथ भखरुआं निवासी जमीन की खरीद बिक्री का व्यवसाय करने वाले डब्लू तिवारी नामजद आरोपित बनाए गए हैं। प्राथमिकी के अनुसार लाखा देवी अपने पति सूर्यनाथ पासवान के साथ सुबह 4: 45 बजे अमृत बीघा स्थित अपने घर से टहलने के लिए निकले और पासवान चौक की तरफ जा रहे थे। इसी क्रम में लाखा देवी पीछे हो गई और सूर्यनाथ आगे निकल गए। लाखा  के पीछे भतीजा आकाश पासवान और सोनू पासवान भी थे। प्राथमिकी के अनुसार इसी बीच दो मोटरसाइकिल पर सवार छह व्यक्ति आये। बबलू सिंहा बोला कि यही है गोली मार दो। संजय सिंहा ने गोली मार दिया। सूर्यनाथ घर की तरफ भागने लगे तब डब्लू तिवारी ने सिर में गोली मार दी और वह वहीं गिर गए। संजय सिंहा व लव सिन्हा ने पेट में गोली मारी। कुश सिन्हा एवं सनी कुमार मोटरसाइकिल चालू रखे हुए थे। अमित कुमार सिंहा पहले से कुछ दूरी पर खड़ा था और बोल रहा था कि आ जाइए काम हो जाएगा। सभी लोगों ने एक साथ होकर गोली मार दिया। इधर घटना के 36 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ इस मामले में खाली है। घटना के दिन प्राथमिकी आवेदन का इंतजार कर रही पुलिस अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तार नहीं कर सकी है।



जमीन रखने के लिए फंसाया गया नामजद आरोपित कुश सिंहा ने बताया कि हत्याकांड से इनका कोई लेना-देना नहीं है। सिर्फ जमीन हड़पने के लिए पूरे परिवार को नामजद आरोपित बना दिया गया है। जबकि हत्या या किसी भी तरह की हिंसक गतिविधि से कोई वास्ता कभी नहीं रहा है।



मारपीट में बने थे सूर्यनाथ समेत तेरह नामजद


14 मई 2022 को इसी भूमि विवाद को लेकर मारपीट की घटना हुई थी। तब अनुज कुमार सिन्हा की पत्नी अर्पणा कुमारी द्वारा प्राथमिकी कराई गई थी। इस मामले में कुश सिंहा और बबलू सिंहा घायल हुए थे। इस मामले में कराई गई प्राथमिकी में अमृत बिगहा के महेंद्र पासवान, सूर्यनाथ पासवान, हरिनाथ पासवान, कुंदन पासवान, राजेंद्र पासवान, पिंटू पासवान, राजवीर पासवान, रंजन चौधरी, संतोष पासवान, शैलेश पासवान, सनी पासवान, बिरजा पासवान और सच्चिदानंद पासवान आरोपित बनाए गए थे।


विवाद की वजह एक एकड़ 47 डिसमिल जमीन


 प्राप्त जानकारी के अनुसार अशोक इंटर विद्यालय के समीप छोटी फील्ड के पास स्थित एक एकड़ 47 डिसमिल जमीन विवाद के केंद्र में है। बताया जाता है कि इस जमीन के मालिकाना हक को लेकर पहले भी विवाद रहा है। जिसे लेकर हुई मारपीट में सूर्यनाथ पासवान समेत 13 नामजद आरोपित बनाये गए थे। इसी जमीन का मालिकाना हक तय करने के मामले में तत्कालीन अंचल अधिकारी विजय कुमार और कर्मचारी खुर्शीद आलम के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है। इसी जमीन के आधे हिस्से पर संजय सिंहा का हक है। लगभग 72 डिसमिल जमीन उन्होंने बिक्री करने के लिए डब्लू तिवारी से एग्रीमेंट कर रखा था। इस जमीन की चारदीवारी की गई थी जिसे तोड़ दिया गया था और इसी मामले में डब्लू तिवारी के साथ बाद में मारपीट की गई थी। जमीन से जुड़े विवाद बढ़ते जाने के बीच यह हत्या हुई है।


हत्या की तिथि-29 सितंबर 2023

पार्किंग, पार्क, लाइब्रेरी, कंपोस्ट पीट, बाजार, शौचालय, सामुदायिक भवन की योजना रद्द

 


दुर्भावना से ग्रसित वार्ड पार्षदों ने किया विकास बाधित 

वार्ड पार्षदों ने रद्द कराई अपने वार्ड की योजना : मुख्य पार्षद 

जिउतिया में वार्ड पार्षदों के असहयोग का है डर

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नगर परिषद की सामान्य बैठक में शुक्रवार को काफी वाद विवाद हुआ। 21 सितंबर को सशक्त स्थाई समिति की बैठक में लिए गए सभी निर्णय को रद्द कर दिया गया। नतीजा विकास की जो योजनाएं रद्द हुई, अंतत उसका खामियाजा शहर को भुगतना पड़ेगा। नगर परिषद बोर्ड, सशक्त स्थाई समिति और वार्ड पार्षदों के बीच शुक्रवार को हुए विवाद के कारण जो 30 योजनाएं रद्द की गई उसमें शहर के लिए जरूरी पार्किंग, कई शौचालय, नगर परिषद कार्यालय के पास दुकान बनाना, जिउतिया लोकउत्सव, पुस्तकालय जैसी योजनाएं ली गई थीं, और सबको रद्द कर दिया गया। इसमें सफाई के लिए कंपोस्ट पीट, मशीन, स्टील पानी का टैंकर, ट्रैक्टर खरीदने, जल संचय जैसी योजनाओं को रद्द कर दिया गया। इस मुद्दे पर मुख्य पार्षद अंजली कुमारी ने बताया कि कुल 30 योजनाएं रद्द की गई है। जिससे काफी नुकसान होगा। जिउतिया,  दुर्गा पूजा, छठ में श्रद्धालु प्रभावित होंगे। बताया कि वार्ड के भ्रमण के दौरान उनके साथ संबंधित वार्ड पार्षद भी रहते थे। नाली गली में पटिया टूटा हुआ था। मरम्मत के कई कार्य आवश्यक हैं ताकि लोगों को आने-जाने में सुविधा हो। भ्रमण में साथ रहने वाले वार्ड पार्षदों ने भी बोर्ड की बैठक में रद्द करने पर सहमति जाहिर की। सशक्त स्थाई समिति के सदस्य डाक्टर केदारनाथ सिंह ने कहा कि दुर्भावना से ग्रसित कुछ वार्ड पार्षदों ने अधिकतम वार्ड पार्षदों को बरगलाया। जिसका नेतृत्व वसंत कुमार ने किया और सशक्त स्थाई समिति में लिए गए निर्णय को रद्द कर दिया। जिसका खामियाजा अंततः शहर को भुगतना पड़ेगा। विकास की योजनाएं पीछे चली गई। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि विकास की योजनाएं रद्द कराई जाए। सशक्त स्थाई समिति के ही सदस्य दिनेश प्रसाद ने कहा कि सबके सहयोग और सहमति से योजना ली गई थी। दुख की बात है की पार्षद अब सहयोग नहीं कर रहे हैं। इनके कथनी और करनी में फर्क है। पीछे से वार करते हैं। कहा कि डर है कि जितिया आयोजन में भी वार्ड पार्षद पैर न खींचने का काम कर दें।




किसी को बरगलाया नहीं गया 


वार्ड पार्षद बसंत कुमार ने कहा कि सभी माननीय हैं। किसी को बरगलाया नहीं गया है। जो भी निर्णय बैठक में लिया गया वह सहमति से हुआ है। सभी पांच विषय को रद्द किया गया। प्रश्न यह है कि जब पैसा है ही नहीं जो 180 योजनाएं ली गई है उसके कार्यान्वयन के लिए तो फिर नई योजनाएं लेकर जनता को भरमाने का काम क्यों किया जा रहा है।


भूमि विवाद को लेकर सूर्यनाथ पासवान की गोली मारकर हत्या

 


 सुबह की सैर के वक्त अपराधियों ने भुना  

थाना के सामने से भागे अपाचे पर सवार तीन अपराधी  

हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पांच घंटे जाम रहा दाउदनगर बारुण पथ 

पुलिस के हाथ खाली, मिला सिर्फ एक खोखा और बुलेट का अगला हिस्सा  

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : दाउदनगर बारुण रोड पर थाना से बमुश्किल आधा किलोमीटर दूर स्थित पासवान चौक पर अमृत बिगहा निवासी सूर्यनाथ पासवान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मंगलवार की अहले सुबह लगभग 5:00 बजे अपाचे सवार तीन अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया। घटनास्थल से लगभग 200 मीटर दूर है मृतक का गांव अमृत बिगहा। घटना को लेकर उनके स्वजनों द्वारा संवाद प्रेषण तक प्राथमिकी आवेदन थाना को नहीं दिया गया है। इसलिए पुलिस भी घटना का कारण स्पष्ट बताने से परहेज कर रही है। हालांकि इसे भूमि विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है। मृतक जमीन की खरीद बिक्री का काम करते थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह लगभग 5:00 बजे सूर्यनाथ पासवान पासवान चौक पर सुबह की सैर के वक्त किसी की प्रतीक्षा कर रहे थे। इसी बीच सफेद रंग के अपाचे पर सवार अपराधियों ने उन्हें घेर लिया। उन पर फायरिंग की। घटना को अंजाम दे हत्यारे थाना के सामने से ही भागे। एसडीपीओ कुमार ऋषि राज के अनुसार एक व्यक्ति बाइक चला रहा था जबकि अन्य दो व्यक्ति द्वारा फायरिंग की गई। एक गोली पेट में और एक गोली सर में दाहिने तरफ लगी है। पुलिस ने घटनास्थल से एक खोखा और बुलेट का अगला हिस्सा बरामद किया है। बताया जा रहा है कि 315 बोर का खोखा लग रहा है। घटना की सूचना के तत्काल बाद अपर थाना अध्यक्ष सुनील कुमार और एसआई ललन प्रसाद यादव एवं अन्य सशस्त्र पुलिस बल के जवान पहुंचे। ग्रामीणों ने हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया। लगभग पांच घंटे तक सड़क जाम रहा। यह वह स्थान है जहां रामविलास पासवान की प्रतिमा लगी हुई है और यहां से पांच सड़के निकली हैं। एक सोन की तरफ, एक अमृत बिगहा की तरफ, एक थाना की तरफ, एक पचकठवा की तरफ और एक शहर के मोहल्ले में जाती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना की वजह भूमि विवाद बताया जा रहा है। पुलिस इसी बिंदु को लेकर आगे बढ़ रही है। अपर थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि मृतक के स्वजनों द्वारा कोई प्राथमिकी आवेदन नहीं दी गई है। कोई कारण नहीं बताया गया है। किसी को लेकर आशंका जाहिर नहीं की गई है। बताया गया कि हत्यारे घटना को अंजाम देने के बाद दाउदनगर बारूण रोड से ही थाना के सामने से भागे हैं।


 गाजर मूली की तरह काटे जा रहे लोग 

प्रशासन कार्रवाई नहीं किया तो लोग खुद करेंगे अपराध नियंत्रण  

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : लोजपा के जिला अध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह उर्फ सोनू सिंह ने कहा कि बिहार में लोग गाजर मूली की तरह काटे जा रहे हैं। बिहार में हत्याओं का दौर जारी है। कहा कि जल्द से जल्द पुलिस अपराधियों को पकड़कर सलाखों के पीछे भेजे। घटना देखकर दिल दहल जा रहा है। सरकार प्रशासन से मांग की कि जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाले। नहीं तो आज उनकी बारी है, कल इनकी बारी है, कल मेरी बारी आएगी, कल सबकी बारी आएगी। कहा कि जो लोग ऐसे अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं उनको भी सावधानी की जरूरत है। ऐसे अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। कहा कि यह समाज के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है। मांग किया कि जितनी जल्द से जल्द इस घटना में कार्रवाई हो, नहीं तो औरंगाबाद में एक अलग सा तूफान आएगा। अपराधियों को अगर प्रशासन नहीं संभाल पायेगा तो लोग सड़क पर उतरेंगे और स्वंय अपराध पर नियंत्रण पाने का काम करेंगे। प्रशासन को कार्रवाई के लिए दो दिन का दिया वक्त अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष महेंद्र पासवान ने कहा कि प्रशासन को हम दो दिन का वक्त दे रहे हैं अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए। यदि ऐसा नहीं होता है तब चौक चौराहों पर पार्टी स्तर पर घेराव किया जाएगा। आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या कर दी गई। उसका परिवार का जीविकोपार्जन कैसे चलेगा। जदयू नेता विजय पासवान ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति के प्रविधानों के तहत बिहार सरकार मृतक के स्वजन को मुआवजा दे। लोजपा प्रखंड अध्यक्ष रमेश पासवान ने कहा कि यह हत्या काफी निंदनीय है और इस घटना के बाद इलाके में दहशत है।



पेशेवर अपराधियों के साहस के आगे पुलिस दिख रही बौनी, क्षेत्र में दहशत


पतेला की झाड़ की तरफ़ भागते तो बच सकती थी जान

  उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : दाउदनगर थाना और अमृत बिगहा के बीच बमुश्किल किलोमीटर की दूरी होगी और इसके बीच में पासवान चौक के पास उस वक्त सूर्य नाथ पासवान की हत्या की गई जब सुबह की सैर करने के लिए लोग आते जाते रहते हैं। पासवान चौक पर दूसरे कामों में व्यस्त लोग भी आते-जाते रहते हैं। घटना के वक्त भी कुछ लोग वहां मौजूद थे। ऐसे में इस हत्या से दहशत कायम है। हत्या की घटना को जिस तरह अंजाम दिया गया उससे यह स्पष्ट है कि हत्यारे पेशेवर अपराधी थे। अपराधियों द्वारा इतना साहस करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है और घटना के 12 घंटे बाद तक पुलिस के हाथ कुछ न लगना यह स्पष्ट बता रहा है कि इस घटना को लेकर पुलिस की स्थिति क्या है। घटना स्थल पर बताया गया कि सूर्यनाथ पासवान की जान बच सकती थी यदि वह हमले के बाद सीधी सड़क से अपने घर की ओर न भाग कर पास के पतेला वाले झाड़ में घुस जाते। कुछ लोगों का कहना था कि गोली चलने के बाद सूर्यनाथ पासवान करीब 200 फीट दूर तक दौड़कर भागे और अंततः सड़क के किनारे बेसुध गिर पड़े। यदि वह घर की तरफ ना भाग कर कुछ ही दूरी पर बाई तरफ स्थित पतेला की तरफ भाग जाते तो अपराधी शायद हमला करने की जगह भागने में भलाई समझते। ऐसे में उनकी जान बच सकती थी। बताया गया कि इनका तीन पुत्र व दो अविवाहित पुत्री है। एक बेटा की शादी हुई है। सूर्यनाथ की किसी से शत्रुता नहीं थी। वह सबसे बड़े प्यार से मिलते थे। कुशल व्यवहार के बताए जाते हैं। 



सीसीटीवी कैमरा को खंगाल रही है पुलिस  

तीन साल से खराब है थाना का सीसीटीवी कैमरा 

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : हत्या के तत्काल बाद प्रत्यक्ष दर्शियों ने यह स्पष्ट बता दिया था कि हत्यारे सफेद अपाचे पर सवार थे। उनकी संख्या तीन थी और हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद वे दाउदनगर बारुण रोड का इस्तेमाल करते हुए थाना के सामने से भागने में सफल रहे। इस रास्ते में पड़ने वाले सीसीटीवी कैमरा को पुलिस खंगाल रही है। एक व्यवसायी के घर जाकर उसके सीसीटीवी कैमरे को खंगाला गया है। सवाल यह है कि थाना का सीसीटीवी कैमरा में इस घटना को लेकर सबूत है या नहीं। अपर थाना अध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि सड़क के किनारे लगे सीसीटीवी कैमरा बीते तीन साल से अधिक समय से खराब पड़ा हुआ है। हाई रेजोल्यूशन का एक कैमरा जो लगा हुआ है अब पुलिस उसे खंगालेगी। इज़के लिए तकनीशियन को बुलाया गया है। सीसीटीवी कैमरा का तीन साल से अधिक समय से खराब होना यह बताता है कि अपराधों को लेकर पुलिस का रवैया कितना सुस्त है। पुलिस कितनी लापरवाह है और शायद ऐसे ही कई कारण है कि अपराधियों का मनोबल बढ़े हुए हैं और संज्ञेय अपराधों के मामले में भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगता। 


Wednesday 27 September 2023

शीघ्र होगा अनुमंडल व्यवहार न्यायालय का विस्तार



होना है 10 न्यायालय का निर्माण, बनेगा भवन 

न्यायिक दंडाधिकारियों के लिए बनेगा जी प्लस चार भवन 

संज्ञेय अपराधों की होने लगेगी यहीं सुनवाई

15 साल बाद पूरी होती दिख रही है विस्तार की मांग 

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : 26 अप्रैल 2008 को अनुमंडल कार्यालय परिसर में अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय का उद्घाटन तत्कालीन कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश पटना उच्च न्यायालय चंद्र मौली कुमार प्रसाद ने किया था। उसके कुछ साल के बाद से यहां का विधिज्ञ संघ मांग उठाता रहा कि न्यायालय का विस्तार होना चाहिए ताकि संज्ञेय अपराधों की सुनवाई यहीं हो सके। बहुत सारे मामले ऐसे हैं जिनकी सुनवाई के लिए औरंगाबाद जिला मुख्यालय जाना पड़ता है और इसमें मामले के सभी पक्षकारों को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक क्षति झेलनी पड़ती है। परेशानी होती है। 15 वर्ष बाद लगता है कि न्यायालय के विस्तार की मांग पूरी हो सकेगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार 30 डिसमिल जमीन इसके लिए चिन्हित कर लिया गया है। एसडीजेएम आफताब आलम ने बताया कि 10 न्यायालय का निर्माण होना है, जिसके लिए जी प्लस आठ भवन बनना है। स्वीकृति एवं अन्य प्रक्रिया प्राप्त होते ही निर्माण की प्रक्रिया पूरी शुरू हो जाएगी। इसके अलावा न्यायिक दंडाधिकारियों के लिए यहां कमरा बनेगा। यह जी प्लस चार होगा। कभी भी भवनों के निर्माण का काम शुरू हो सकता है। एसडीजेएम आफताब आलम ने बताया कि जिन मामलों में तीन साल से अधिक सजा का प्रविधान है उसकी भी सुनवाई दाउदनगर न्यायालय में होने लगेगी। यहां एडीजे कोर्ट होगा जिससे जमानत मामलों में भी आने वाली समस्या खत्म हो जाएगी। वादों की सुनवाई से संबंधित कई तरह की समस्या खत्म हो जाएगी। हालांकि यहां कितने एडीजे बैठेंगे यह संख्या पटना उच्च न्यायालय को तय करना है। इसके अलावा विधिज्ञ संघ यह मांग करता रहा है कि यहां मद्य निषेध उत्पाद न्यायालय भी रखा जाए। इसमें पेंच यह है कि इस न्यायालय के लिए एडीजे न्यायालय होना आवश्यक है। जब तक एडीजे न्यायालय यहां नहीं होता तब तक मद्य निषेध उत्पाद न्यायालय प्रारंभ नहीं हो सकता। इसलिए आवश्यक है कि यहां एडीजे न्यायालय हो। न्यायालयों के विस्तार से लोगों को काफी लाभ होगा।



इन मामलों की सुनवाई होने लगेगी दाउदनगर


एडीजे कोर्ट बनने के बाद संज्ञेय अपराधों की सुनवाई शुरू हो जाएगी। जिसमें 307, 376, 302 भादवि की धाराएं शामिल हैं। यहां जमानत खारिज होने के बाद में जिला जाना पड़ता है। यह समस्या भी खत्म हो जाएगी। अदालत से यहां जमानत खारिज होते ही एडीजे न्यायालय में जमानत के लिए आग्रह किया जा सकता है। तीन साल से अधिक सजा वाले मामलों की सुनवाई भी यहीं होने लगेगी। डेढ़ लाख रुपए से अधिक के सिविल वादों की सुनवाई यहीं होने लगेगी। और इसकी अंतिम सीमा तय नहीं है।



इन आठ थानों को होगा लाभ 


दाउदनगर अनुमंडल में आठ थाने हैं जो अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के अंतर्गत आते हैं। इसमें शामिल हैं- दाउदनगर, गोह, हसपुरा, ओबरा, उपहरा, खुदवां, देवकुंड और बंदेया।




लोगों को मिलेगा काफी लाभ 



एसडीजेएम आफताब आलम ने बताया कि यहां न्यायालय के विस्तार के बाद काफी लोगों को लाभ होगा। लोगों को जिन मामलों में औरंगाबाद जाना पड़ता है उनकी समस्या का समाधान दाउदनगर अनुमंडल व्यवहार न्यायालय में ही संपन्न होने लगेगा। उनके वादों का निस्तारण यहीं हो जाएगा। इससे उनका समय ऊर्जा और पैसा तीनों की बचत होगी।