Wednesday 30 December 2015

छुट्टियां न मनाने का अब मिला प्रतिफल

सास के कहने पर भी नहीं की वकालत
बच्चों को दिये समय का अब गर्व
फोटो-इशान के पिता प्रणव कुमार पांडेय और माता सुचित्रा सिंह
उपेन्द्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) इशान किशन यूं ही भारतीय अंडर 19 क्रिकेट टीम का कप्तान नहीं बना है। उसका क्रिकेट कैरियर बनाने के लिए अधिवक्ता मां सुचित्रा सिंह और पिता प्रणव कुमार पांडेय ने बहुत त्याग किया है। गोरडीहां पंचायत मुख्यालय में पैत्रिक घर में गौरवांवित दंपति ने बताया कि उन्होंने कभी गर्मी या सर्दी की छुट्टी नहीं बिताया। हर छुट्टी का इस्तेमाल इशान और राज किशन के लिए क्रिकेट प्रैक्टिस हेतू किया। जितना अधिक से अधिक अभ्यास कर सके, इसका अवसर बनाया। छुट्टी के दिन में अधिक समय और सहुलियत इसके लिए उपलब्ध हो जाता था। अब जब वह नामचीन और नेशनल सेलेब्रेटी बन गया है तो इस त्याग पर गर्व महसूस हो रहा है। मां बोलीं- “प्राउड फिल कर रही हूं। यह गौरव की बात है। बेटा बिहार, झारखंड ही नहीं देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहा है। यह सब उपर वाले की मर्जी है।“ बताया कि वे खुद अधिवक्ता हैं। सास डा.सावित्री सिंह ने वकालत करने को कहा भी किंतु, बच्चों की देख-भाल के लिए यह नहीं किया। बताया कि जब इशान बच्चा था तब दादा राम अनुग्रह पांडेय कुरकुरे और पलास्टिक की गाडी देते थे। तब इशान इससे नहीं खेलता था। उसकी रुचि नहीं थी। तब दादा ने पलास्टिक का बैट बाल दिया तो खूब मन लगा कर खेलता। परदादा राजनंदन पांडेय के जिम्मे पढाना था। पिता ने बताया कि इशान की रुचि को देखते हुए वे उसके साथ मोइनुलहक स्टेडिम जाते थे। कभी दवाब पढने के लिए नहीं बनाया।  

Tuesday 29 December 2015

अंतर्राष्ट्रीय दबाव में नहीं है इशान किशन

                   
बांगलादेश में खेलेगा वर्ल्ड कप
अंडर-19 क्रिकेट टीम का है कप्तान
उपेन्द्र कश्यप                                                फोटो- इशान अपने परदादा एवं अन्य के साथ
 पहली बार अंडर -19 वर्ल्ड कप भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाये गये इशान किशन पर कोई दबाव नहीं है। मंगलवार को गोरडीहां स्थित उसके पैत्रिक घर पर यह जानने की किशिश की कि उस पर इस उपलब्धि का कितना दबाव है? बताया कि किसी तरह का दबाब नहीं है। अपने लडकों (साथी अन्य 14 खिलाडी) को मानसिक तौर पर मजबूत रखना है। जब अंतर्राष्ट्रीय मीडिया और दर्शक होंगे तब तो दबाव होगाया नहीं? यह पूछने पर कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। हम तैयार हैं। मीडिया के हुजूम को लगातार इंगलिश में साक्षात्कार दे रहा हूं। कहा कि हमारी टीम एकजुट होकर खेलेगी और हम जीत कर आएंगे। बांग्लादेश में यह टूर्नामेंट 22 जनवरी से शुरू होना है। ईशान के नेतृत्व में भारतीय टीम 27 जनवरी को अपना पहला मैच आस्ट्रेलिया से खेलेगी। इससे पहले 17 जनवरी तक नेशनल क्रिकेट एकेडमी बंगलुरु में प्रशिक्षण शिविर में भाग लेगा। ईशान ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हुये कहा कि छुटटी के दिनों में हम दोनों भाईयों को लेकर पिता अभ्यास कराने पटना के मोईनुल हक स्टेडियम ले जाया करते थे। बीसीए, सीएबी, आरसीसी और सीएपी के तहत प्रशिक्षण मिला। इसके बाद 2011 में झारखंड से खेलने चले गये। बेहतर से बेहतर प्रदर्शन करने का संकल्प ले चुका इशान का लक्ष्य सीनीयर इंडियन टीम में शामिल होकर देश के लिए खेलना है।  

 मुखिया ने किया इशान को सम्मानित
फोटो-मुखिया भगवान सिंह एवं अन्य ने किया सम्मानित
घर पहुंचते जुटा ग्रामीणों का हुजूम
सुरक्षा को पुलिस बल हुआ तैनात
 इशान किशन जब मंगलवार को अपने पैत्रिक गांव गोरडीहां पहुंचे तो पुलिस सुरक्षा में तैनात दिखी। ग्रामीणों का हुजूम जुट पडा। गोरडीहां पंचायत के मुखिया मुखिया भगवान सिंह ने पंचायत की ओर से उसे सम्मानित किया। मौके पर उसे सिनियर होने के नाते नेट पैक्टिस कराने और फिटनेस सत्र दिलाने वाले प्रफ्फुलचन्द्र सिंह, मुखिया लव कुमार सिंह, पंचायत समिति सदस्य कौशल शर्मा, भीम शर्मा, राकेश शर्मा, राजेश पांडेय, पिता प्रणव पांडेय, माता सुचित्रा सिंह, दादा राम अनुग्रह पांडेय और परदादा राजनन्दन पांडेय, भाई राज किशन, अभिषेक कुमारम् समेत सैकडों ग्रामीण उपस्थित रहे। सबमें उसे एक झलक देख लेने की उत्सुकता दिखी। मुखिया भगवान सिंह ने कहा कि इशान के कारण गांव की पहचान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होगी। यह गौरव की बात है। गांव का भ्रमण किया। वह गांव में कई घरों में बुलावे पर और स्वयं भी गया। हर कोई उसके साथ अपना एक पल बिता लेने को बेताब था। बडे बुजूर्गों का आशीर्वाद प्राप्त किया। साथ में वह प्रफ्फुलचन्द्र सिंह से गुफ्तगूं करता रहा।

कैसे खेलेगा से बहुत दूर निकल गया इशान
      फोटो- इशान किशन प्रफ्फुलचन्द्र के साथ
शत्रुघ्न सिन्हा ने पूछा था- कैसे खेलेगा यह बच्चा?
 अंडर -19 वर्ल्ड कप भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाये गये इशान किशन ने बहुत दूरी तय कर ली है, किंतु उसे अभी बहुत दूर जाना है। कभी बिहारी बाबु (शत्रुघ्न सिन्हा) ने उस पर शंका जाहिर करते हुए पूछा था- कैसे खेलेगा यह बच्चा? इनको सिनियर होने के नाते मोइनुलहक स्टेडियम में फिटनेस सत्र और नेट प्रैक्टिस कराने वाले प्रफ्फुल चन्द्र सिंह जब उससे मंगलवार को मिले तो पुरानी यादें ताजा हो गयीं। बताया कि 2004 में सुखदेव नारायण क्रिकेट टुर्नामेंट पटना में जन अपने सिनियरों के सामने मात्र 06 साल की उम्र में इशान उतरा तो श्री सिन्हा ने पूछा- कैसे खेलेगा यह बच्चा? तब उसे पैदा भी बान्धना नहीं आता था।प्रफ्फुल ने कहा कि अब हर कोई इसके साथ खेलना चाहेगा। कई सपने देखेंगे कि इनके साथ खेल लेते। यह सौभाग्य भी सबको नहीं उपलब्ध हो सकेगा। दोनों ने अपनी कई यादें साझा की। बताया कि आज जो नाम मोला है वह समर्पण और त्याग की वजह से मिला है। परिस्थिति बदल गयी है। इन्होंने इशान को उपहार भेंट किया। 

प्रदर्शन से खुलेगा भविष्य के कई दरवाजे
 इशान किशन के लिए भविष्य के कई दरवाजे बस खुलने वाले ही हैं। यह इस पर निर्भर करता है कि वह बांलादेश में अंडर-19 वर्ल्ड क्रिकेट टुर्नामेंट में कैसा प्रदर्शन करता है। यदि बतौर बैट्समैन एक दो अर्धशतक या बतौर कप्तान बेहतर प्रदर्शन करने में वह सफल रहा तो भारतीय क्रिकेट के एकदिवसीय और टेस्ट के लिए दरवाके पर वह दस्तक दे सकेगा। प्रफ्फुलचन्द्र सिंह ने बताया कि बांगलादेश के बाद नजदीक में इंडियन प्रिमियर लीग (आईपीएल) होने वाला है। इस नये सत्र के लिए कोई टीम उसे अपने लिए खेला सकती है। यह आने वाले कई साल तक नियमित रणजी खेल सकेगा। इसे बीसीसीआई हर रणजी मैच के लिए मोटी रकम देता है। इशान आश्वस्त है कि वह उंची छलांग लगा सकेगा। उस दिन का सबको इंतजार होगा। जब वह बांगलादेश में खेल रहा होगा तब भी इसकी हर गतिविधि पर औरंगाबाद के निवासियों की नजर होगी। हर कोई बस फिलहाल यही कामना कर रहा है कि वह बेहतर प्रदर्शन कर भारत लौटे।

तब जैसा होगा वह शमां?

 जब बांगला देश में वह भारत की ओर से भारतीय क्रिकेट अंडर 19 टीम का झंडा बतौर कप्तान लेकर चलेगा तो कैसा शमां होगा? जो होगा वह देखना आंखों को सुकून देगा। न सिर्फ भारत के लोग उस दृष्य का गवाह बनना चाहेंगे, बल्कि बिहार, औरंगाबाद और फिर दाउदनगर के लोग उस शमां को देखने से चुकना नहीं चाहेंगे। भारतीय राष्ट्रगान का वह यादगार पल दर्शनीय होगा। 

Wednesday 23 December 2015

गोरडीहां का है अंडर 19 विश्वकप कप्तान इशान किशन

गोरडीहां के लाल ने पायी अंतर्राष्ट्रीय ख्याति

फोटो- किसान परदादा रामजनम पांडेय, मुखिया भगवान सिंह, ग्रामीण राकेश पांडेय और वह घर जिसमें जन्मा है इशान

गांव में रहते हैं दादा और परदादा
पैत्रिक गांव में हुआ था उसका जन्म
उपेन्द्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) बांगला देश में होने वाले अंडर 19 विश्व कप का कप्तान इशान किशन दाउदनगर प्रखंड के गोरडीहां पंचायत मुख्यालय का निवासी है। उसका जन्म यहां ही पैत्रिक घर में 1998 में हुआ था। बाद में वह पटना चला गया। उसके पिता प्रणव पांडेय पटना में दवा व्यवसाय में हैं। राजेन्द्र नगर में स्थायी तौर पर रहते हैं। बडा भाई रवि किशन डाक्टर बनने की दिश में अग्रसर हैं।  मां सुचित्रा सिंह गृहणी हैं। आज दादा रामउग्रह पांडेय (65) और परदादा राम जनम पांडेय (91 वर्ष) का मान बढ गया है। गांव में जश्न का भाव है। दादा और परदादा इस उम्र में इशान की उपलब्धि से खुद को गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। अब भले ही उसे पटना और नवादा का बताया जा रहा है किंतु वास्तविकता यही है कि वह मूलत: गोरडीहां पंचायत का है। पिता ने बताया कि बैंगलूरु में रणजी खेल रहे इशान को जैसे ही वक्त मिलेगा वह गांव अवश्य आयेगा। वैसे वह हर साल एक बार गांव आते रहा है।

मुखिया करेंगें गांव आने पर सम्मानित
इशान की इस उपलब्धि पर गांव, पंचायत और जिला खुद को गौरवांवित समझ रहा है। ग्रामीण राकेश पांडेय ने कहा कि यह मान गांव का ही नहीं राज्य का भी है। जिस मिट्टी में उसने जन्म लिया उसे उसने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति दिला कर जन्मभूमि का कर्ज उतारने की कोशिश की है। मुखिया भगवान सिंह ने कहा कि इससे सबका सम्मान बढा है। जब वह गांव आयेगा तो पंचायत अपने इस लाल को सम्मानित करेगा। उसके सम्मान से पंचायत का मान बढेगा। इन्होंने इशान समेत पूरे परिवार को बधाई दी।

डाक्टर दादी बस गयीं नवादा
इशान को पटना के बाद नवादा का भी बताया जा रह है। वास्त्व में उसके दादा राम उग्रह पांडेय की पत्नी और उसकी दादी डा.सावित्री सिंह नवादा में सिविल सर्जन के पद से सेवानिवृत हुई हैं। उन्होंने वहीं अपना घर बन लिया। वह वहीं रहती हैं। वहां अपना भव्य मकान है। दादा इलाहाबाद में कनीय अभियंता के पद से सेवानिवृत हुए थे। फिलहाल गांव में खेती कराते हैं। परदादा रामजनम पांडेय भी गांव में ही खेती कराते हैं।

मुख्यमंत्री ने दी बधाई


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इशान के पिता प्रणव पांडेय को फोन कर इस खुशी को साझा किया। उन्होंने परिवार को इस उपलब्धि के लिए बधाई दिया। इससे पिता का सीना गर्व से फुल गया। परिवार के सदस्य काफी उत्साहित हुए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थानीय इकाई ने भी बधाई दिया है। दाउदनगर कालेज अध्यक्ष आर्य अमर केशरी, नगर मंत्री रविशंकर कुमार, रोहित कुमार ने कहा कि इशान ने देश का नाम रौशन किया है।

दैनिक जागरण में 23.12.2015 को प्रकाशित खबर---



Sunday 20 December 2015

मांत्रिक, तांत्रिक एवं यांत्रिक साधकों का स्थान मरही धाम


फोटो-दैनिक जागरण में प्रकाशित मेरी खबर
अनेकों ने किया है यहां सिद्धि की प्राप्ति
सती की कनिष्ठा अंगुली है यहां
उपेन्द्र कश्यप
 गोह का मरही धाम चर्चा में है। नकारात्मक कारणों से। यहां से चोर कथित तौर पर दो हजार साल प्राचीन बतायी जा रही मां सिंहवाहिनी और महर्षि भृगु की प्रतिमा ले गये। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। इन दोनों प्रतिमाओं का अपना धार्मिक महत्व भी है। महर्षि भृगु को अग्नी का आविष्कारक बताया गय है। इस स्थान का महत्व मांत्रिक, तांत्रिक एवं यांत्रिक साधकों के लिए ही नहीं आम भक्तों के लिए भी है। पुराणों के अनुसार यहां मातारानी सती के बांया पैर की कनिष्ठा अंगुली यहां गिरी थी। इस शक्तिपीठ के भैरव विल्वकेश्वर महादेव भुरकुंडा गांव में स्थित हैं। देवी भागवत में दिये गये श्लोक से इसका पता चलता है-बिलारु विल्व पत्रिकां सिद्धपीठ प्रकाशिनीम, यदुवंश कुलेश्वरी नमामि सिंह वाहिनीम। भृगु भार्या स्वरुपिणी च्यवन जन्मदायिनी, पुलोमा देवी रुपिणी नमामि सिंह वाहिनीम॥ विल्वे के (बिलारु नाला में) विल्व पत्रिका (मां सिंह वाहिनी) नामक सिद्ध पीठ मरही धाम है। पं.लालमोहन शास्त्री ने बताया कि तंत्र ग्रंथों के अनुसार इसके दर्शन से तब पूर्ण फल प्राप्त होता है जब लिंग स्वरुप भैरव का दर्शन करते हैं। मरही में अनेक शैव, शाक्त, वैश्णव, सौर्य और गाणपत्य के मांत्रिक, तांत्रिक एवं यांत्रिक साधक आकर साधना कर सिद्धि प्राप्त कर चुके हैं। यहां पर महर्षि भृगु भी सपरिवार रहा करते थे। भृगु ने ही देवताओं का अध्ययन करने के लिए पुनपुन किनारे मन्दार (मदाड) के संगम पर भरारी में जाते थे।

अग्नीकोण पर स्थित है मरहीधाम
देवी भागवत पुराण के अनुसार 108 सिद्धपीठों में 20 वां पीठ गोह में भुरकुंडा पंचायत मुख्यालय से दक्षिण और गोह हमीदनगर मार्ग स्थित नीरपुर के अग्नी कोण में स्थित मरही धाम है। यहां एक जीर्ण-शीर्ण भवन में माता सिंहवाहिनी और महर्षि भृगु की प्रतिमा के साथ योगिनीमाता, धनलक्षमी, शिवलिंग की टूटी प्रतिमायें हैं। भवन के बाहर अन्यान्य प्रतिमायें भी बिखरे होने की बात कही जाती है। कहा जाता है कि यहां गुरुकुल विद्यापीठ था। आचार्य पंडित लालमोहन शास्त्री की देख रेख में यहं निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था। डा.श्याम बिहारी तिवारी ने तब पुजा-अर्चना की थी। इन्होंने बताया कि निर्माण कार्य होने के बाद यह स्थान आकर्षक होगा। फिलहाल ताजा घटना से समाज उद्वेलित है।

Monday 14 December 2015

जीएसटी पर भाजपा का समर्थन करेगा राजद- लालु


लालु प्रसाद ने कहा- नीतीश के साथ हम भी
भाजपा और आरएसएस का मौडल खतरनाक
संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) जीएसटी पर राजद ने भाजपा को साथ देने का ऐलान किया है। सोमवार को हिच्छन बिगहा में अपने समधी राव रणविजय सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने आये राजद सुप्रिमो लालु प्रसाद ने इसकी घोषणा की। दैनिक जागरण के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अच्छे काम का समर्थन करते हैं। कहा कि नीतीश कुमार के साथ राजद भी जीएसटी के समर्थन में है। जिस जीएसटी पर कांग्रेस के विरोध के कारण संसद ठप है, उसी के साथ बिहार में सरकार चला रही राजद का साथ इस मुद्दे पर भाजपा को मिलने से गतिरोध समाप्त होने की उम्मीद जग गयी है। भाजपा नीत केन्द्र सरकार की जमकर आलोचना भी की। कहा कि भाजपा और आरएसएस का मौडल खतरनाक है। केन्द्र पिछडे राज्यों को पीछे ढकेल रही है। कहा कि इन्दिरा आवास और सामाजिक सुरक्षा पेंशन में कटौती कर दी गयी। कहा कि बिहार से लौटने के बाद मोदी सरकार गुस्से में है। योजना आयोग की जगह नीति आयोग का ऐसा गठन किया है जिसमें किसी राज्य का अभिभावक (मुख्यमंत्री) शामिल नहीं किया गया है। हर योजना में 50 फीसद की कटौती कर दी। पैकेज का झुठा ऐलान किया। देश पर कर्ज का बोझ पहले से है, अब बुलेट ट्रेन के नाम और कर्ज लादा जा रहा है। कहा कि रेल की आमदनी नहीं बढी, किराया बढा दिया। 30 हजार उद्योग धन्धा बन्द हो गया। 14 हजार लोगों ने एनआरआई बनने के लिए आवेदन दिया है। कहा कि आन्दोलन करेंगे और फिर मीडिया को बतायेंगे।  

पटरी पर रेल चलेगा कि खाट बिछेगा?
                     प्रतिमा पर माल्यार्पण करती डा.उषा एवं रोहिणी आचार्या
जनता से किया हर वादा पूरा करेगी सरकार
आर्थिक बोझ के बावजूद होगी शराबबंदी
संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) दिल्ली के शकुर बस्ती में रेलवे द्वारा उजाडी गयी बस्ती पर राजद सुप्रिमो लालु प्रसाद यादव ने जो कहा उसकी उम्मीद मौजूद पत्रकारों को नहीं थी। कहा कि पटरी रेल चलने के लिए है कि खाट बिछा कर सोने के लिए? पूछा- कभी देखे हो? हां, दिल्ली सरकार हटाये गये गरीबों के लिए बेहतर व्यवस्था करे। मालुम हो कि इस मुद्दे पर राजनीति गरमाई हुई है। उन्होंने हिच्छन बिगहा में अपने समधी राव रणविजय सिंह की प्रतिमा का सोमवार को अनावरण किया। इस अवसर पर डा.उषा सिन्हा, रोहिणी आचार्या, समरेश सिंह, अनिमेष सिंह, समिधा, विधायक बीरेन्द्र कुमार सिन्हा एवं रवीन्द्र सिंह, राजद प्रदेश महासचिव डा.प्रकाशचन्दा, बारुण व्यापार मंडल अध्यक्ष मिथलेश कुमार, संजय सोम, चिंटु मिश्रा, मुकेश मिश्रा, जिलाध्यक्ष कौलेश्वर यादव, प्रखंड अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह, सुबोध कुमार सिंह, मुखिया सोनम कुमारी उपस्थित रहे। सभी ने प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। बिहार के सन्दर्भ में कहा कि नीतीश कुमार ने जो कमिटमेंट जनता के साथ किया था उसे उनके नेतृत्व में बिहार में महागठबन्धन सरकार पूरा करने में जुटी हुई है। कहा कि महिलाओं में शराब को लेकर आक्रोश था। गरीब परिवार को नुकसान हो रहा था। आर्थिक क्षति के बावजूद भी सरकार राज्य में शराबबंदी लागू करेगी। एक अप्रैल से बिहार में यह नयी शुरुआत है। पांच से सात हजार करोड की क्षति होगी, इसके बावजूद शराबबन्दी होगी ताकि गरीबों को इसका लाभ मिल सके। कहा कि हर मंत्री अपने विभागों की समीक्षा करेगा।     

बिना गुब्बार गुजर रहा कारवां
नयी सडक पर पानी का छिडकाव
दाउदनगर (औरंगाबाद) बिहार विधान सभा चुनाव और राव रणविजय सिंह के निधन के बाद जब पहली बार राजद सुप्रिमो हिच्छन बिगहा पहुंचे तो सत्ता की सोंधी खुशबू भी महसूस हुई। सडकें नयी बनी हुई दिखी। उसका मरम्मत नया था। उस पर पानी का छिडकाव ताकि कारवां गुजरे तो गुब्बार न उडे। लोग पैदल हों या वाहनों का काफिला। पानी के छिडकाव के कारण अरवल-औरंगाबाद के इस सीमावर्ती गांव में चलना खुशगवार रहा। डा.प्रकाशचन्द्रा ने बताया कि एनएच-98 से लेकर हिच्छन बिगहा तक की करीब पांच किलोमीटर की सडक को रातों रात विधायक रवीन्द्र सिंह ने बनवाया, ताकि यात्रा सुगम हो सके। कहा कि अरवल विधायक इसी गांव के हैं सो ग्रामीणों को यह उम्मीद है कि मरम्मत की गयी इस सडक का पक्कीकरण शीघ्र हो जायेगा।

सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम
दाउदनगर (औरंगाबाद) लालु प्रसाद यादव के हिच्छन बिगहा आगमन को ले कर प्रशासनिक तैयारी जबरदस्त दिखी। एसडीओ राकेश कुमार, डीएसपी संजय कुमार, इंस्पेक्टर विन्ध्याचल प्रसाद, थानाध्यक्ष पंकज कुमार, एसआई शहुद अख्तर, शंभु कुमार, बीएस मोची समेत दाउदनगर थाना और अरवल जिला के पुलिस अधिकारी दिखे। लाठी लिए जवान एनएच-98 से लेकर गांव तक तैनात देखे गये। अग्नीशमन दस्ता भी दिखा। राव रणविजय सिंह के घर में लालु प्रसाद के आगमन से पूर्व किसी के प्रवेश की अनुमति नहीं थी। मौके पर एक संवाददाता को भी रोका गया तो एसडीओ ने वहीं पास बना कर दिया।

 



Tuesday 8 December 2015

पंचायत चुनाव आरक्षण को ले बढी बेचैनी


दाउदनगर में हैं कुल 15 पंचायत
आरक्षण का आधार 2011 की जनगणना
उपेन्द्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) पंचायत चुनाव का रण सजने लगा है। सरकार और निर्वाचन आयोग त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पदों के आरक्षण की स्थिति स्पष्ट करने में जुटी हुई है। हर तरफ इसकी चर्चा है और वर्तमान मुखिया, सरपंच, पंचायत सचिव और जिला पार्षदों में बेचैनी है। इसकी वजह है कि किस सीट का आरक्षण किस रुप में होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। एक तबके में संभावना के साथ उत्साह भी है कि उनकी किस्मत जग सकती है, क्योंकि यह तय है कि जो सीट गत दो चुनाव में जिस वर्ग के लिए आरक्षित रहा है, इस बार उसकी स्थिति बदलेगी। अर्थात जो पंचायत या सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रहा है वह इस बार या तो सामान्य होगा या फिर दूसरे वर्ग के लिए आरक्षित या अनारक्षित होगा। जो महिला के लिए आरक्षित रहा है वह इस बार इससे मुक्त हो कर दूसरे रुप में आरक्षित होगा या अनारक्षित रहेगा। बेचैनी इसी कारण है। आरक्षण का आधार 2011 की जनगणना को माना जाना है। इसी आधार पर पंचायत चुनाव की आरक्षित सूची तैयार होनी है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के जितने भी पद हैं, उसके संभावित प्रत्याशी और वर्तमान प्रतिनिधि बेचैन हैं।    

वर्तमान सीट छोड दूसरी सीट होगी आरक्षित
आरक्षण का यह है फार्मुला
दाउदनगर (औरंगाबाद) आरक्षण के लिए फार्मुला तैयार किया गया है। सूत्रों ने बताया कि जिस पंचायत में जिसकी आबादी अधिक होगी वह उस वर्ग के लिए आरक्षित होगा। जिस पंचायत में अनुसूचित जाति की संख्या अधिक होगी उसे अजा के लिए आरक्षित किया जाना है। किंतु, वर्तमान आरक्षित सीट को छोडकर। दाउदनगर पंचायत में बेलवां, अंछा और सिन्दुआर इस वर्ग ले लिए आरक्षित है। इनको छोड कर दूसरी तीन पंचायतें इनके लिए आरक्षित होंगी। इसी तरह जिन पंचायतों में अतिपिछडा आबादी अधिक होगी उनको इस वर्ग के लिए आरक्षित करनी है, किंति वर्तमान में इस वर्ग के लिए आरक्षित सीट शमशेरनगर, कनाप और संसा को छोड कर। इन्हीं आरक्षित सीटों में से एक-एक इसी वर्ग की महिला के लिए आरक्षित होगी। और वह सीट वही होगी जिसमें महिला संख्या अधिक होगी। सामान्य वर्ग के लिए भी यही फार्मुला लागु होता है।


शमशेरनगर, तरारी, अरई पर संकट
दाउदनगर (औरंगाबाद) नयी आरक्षण लागू होने में शमशेरनगर, अरई, तरारी और महावर पर संकट दिख रहा है। सूत्रों के अनुसार 2011 की जनगणना के अनुसार इन पंचायतों में अनुसूचित जाति की संख्या अधिक है। नतीजा इन्हीं चार में तीन इस वर्ग के लिए आरक्षित हो सकते हैं। चौरी, तरार, गोरडीहां, करमा में से किसी तीन को अतिपिछडा वर्ग के लिए आरक्षित किया जा सकता है। इन्हीं पंचायतों में इस वर्ग की आबादी अधिक है

दाउदनगर प्रखंड में पंचायतों की आरक्षण स्थिति

दाउदनगर (औरंगाबाद) अंछा और सिन्दुआर अनु.जाति और बेलवां अजा महिला के लिए आरक्षित है। कनाप और संसा अति पिछडा और शमशेरनगर अपि महिला के लिए आरक्षित है। मनार, तरारी, तरार और चौरी महिला सामान्य के लिए आरक्षित है। गोरडीहां, अंकोढा, महावर, अरई और करमा पंचायत अनारक्षित हैं। अब इनकी स्थिति बदलने वाली है।