Saturday 27 May 2023

कवि सम्मेलन देगा आकाश जितना आनंद व समुद्र जितनी शांति

 


शब्दों की तिलस्मी दुनिया में गोते लगाएंगे दर्शक 

वीर रस और राष्ट्रभक्ति के गीत भरेंगे जोश 

ठहाके लगाने को आपको मजबूर करेंगे हास्य कवि 

दाउदनगर (औरंगाबाद) : जिला मुख्यालय स्थित अनुग्रह नारायण नगर भवन में शनिवार की शाम 6:30 बजे कवियों की महफिल सजेगी। तो फिर आइए और इस कवि सम्मेलन का आनंद उठाइए। आकाश जितना आनंद और समुद्र जितनी शांति जीवन के लिए यहां से बटोर ले जाइए। इस महफिल में आ रहे हैं देश के प्रख्यात कवि कविता तिवारी, बलराम श्रीवास्तव, डा. श्लेष गौतम, सुदीप भोला, निलोत्पल मृणाल एवं नंदिनी श्रीवास्तव। शब्दों की इस तिलस्मी दुनिया में एक एक शब्द आपको ऊर्जान्वित करेंगे। वीर रस के कवि जहां आप में जोश भरेंगे, राष्ट्रभक्ति की भावना जगायेंगे, वहीं हास्य कवि आपको ठहाके लगाने पर मजबूर कर देंगे। भागदौड़ की इस दुनिया में जब आप अस्त-व्यस्त और पस्त हो गए हैं तो मस्त होने के लिए यहां जरूर आइए। नई ऊर्जा का संचार आप में होना तय है, क्योंकि दैनिक जागरण के कवि सम्मेलन का है यह आयोजन। जिसने हमेशा आपको गुदगुदाया है। आप में राष्ट्रभक्ति और वीरता का जोश भरा है। दैनिक जागरण ऐसा बैनर है जिसने हमेशा साहित्य और संस्कृति से समाज को जोड़ने का काम किया है। चाहे अपनी खबरों से हो या आयोजनों से। दैनिक जागरण साहित्य और संस्कृति की बहती धार में समाज को स्नान कराने का काम किया है। ताकि समाज स्वच्छ सुंदर बन सके। सभ्य समाज का निर्माण हो सके। दैनिक जागरण ने जो प्रयास किया है उसी का फला फल है कि आज शनिवार को जब औरंगाबाद के लोग जिनको भी साहित्य में रुचि है वह यहां आएंगे और मन भर आनंद लेकर घर जाएंगे। इस कवि सम्मेलन में आकाश जितना आनंद होगा तो समंदर जितनी शांति और सुकून आपको प्राप्त होगी। आइए और शब्दों की तिलिस्मी दुनिया का आनंद लीजिए।


हमारे आयोजन के प्रमुख सहयोगी


कवि सम्मेलन जिन के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है उसमें टाइटल स्पान्सर संस्कार विद्या, विवेकानंद ईआईपी स्कूल, विवेकानंद मिशन स्कूल, भगवान प्रसाद शिवनाथ प्रसाद बीएड कालेज और श्री भगवान प्रसाद सिंह मेमोरियल कालेज आफ़ नर्सिंग शामिल है। इनके अलावा एसोसिएट स्पान्सर में लार्ड बुद्धा पब्लिक स्कूल, सीत योग इंस्टिट्यूट ग्रुप, एंबीशन ला इंस्टीट्यूट, गोपाल शरण सिंह, पावर्ड बाय महिला महाविद्यालय मुड़ीला अंबा, ज्ञान ज्योति शिक्षण केंद्र दाउदनगर एवं नव ज्योति शिक्षा निकेतन दाउदनगर शामिल है। इस आयोजन में सहयोग करने वालों में दशरथ प्रसाद राम नंदन पांडे बीएड कालेज, डा.जन्मेजय कुमार, डा. भावना, भगवान श्री सूर्य नारायण इंटर महाविद्यालय, रेड क्रास के चेयरमैन सतीश कुमार सिंह, पूर्व उप मुख्य पार्षद शोभा सिंह, यश एकेडमी दाउदनगर, जनलोक पोषण ग्रामीण सेवा फाउंडेशन, देव अस्पताल, किड्स वर्ल्ड दाउदनगर, राम लखन सिंह यादव कालेज, दृष्टि आई केयर, विद्या निकेतन, विधायक राजेश कुमार, केपीएस स्ट्रक्चर, अदानी इंटरनेशनल स्कूल, डा.सुमन हड्डी अस्पताल, डा. ओम प्रकाश, पंजाब नेशनल बैंक और बून पब्लिक स्कूल शामिल है।

Friday 26 May 2023

लिखने को एजेंडा और बात जातीय समीकरण साधने की



नगर निकाय चुनाव : लिखने को एजेंडा और बात जातीय समीकरण साधने की  

नगर निकाय चुनाव का प्रचार होने लगा है तेज  

हर कोई गिना रहा जातीय वोट का प्रतिशत  

मिलेगा किस जाति का कितना वोट बता रहे प्रत्याशी  

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नगर परिषद दाउदनगर का चुनाव प्रचार तेज हो गया है। हालांकि बैनर पोस्टर बनवाने में काफी प्रत्याशियों को अभी सफलता नहीं मिली है। समय लग रहा है उनको। इसलिए अभी बैनर पोस्टर और संगीतमय प्रचार सामग्री शहर में अभी नहीं दिख रहे हैं, लेकिन स्थिति यह है कि हर प्रत्याशी अपना जातीय समीकरण गिना रहे हैं। यह बता रहे हैं कि किस जाति का कितना प्रतिशत वोट उनके पक्ष में जाएगा। यह और बात है कि जो हैंडव्हील और पोस्टर शहर में दिख रहे हैं उसमें जो घोषणा पत्र है, उसमें पार्षद, उप मुख्य पार्षद और मुख्य पार्षद के प्रत्याशी सभी जात नहीं जमात की बात कर रहे हैं। लेकिन मौखिक तौर पर हर कोई जाति की चर्चा कर रहा है। हर जाति का वोट गिना रहा है। किस जाति का कितना वोट है, किस जाति का कितना प्रतिशत वोट मिलेगा, यह प्रायः हर प्रत्याशी गिनाने में व्यस्त हैं। ऐसे भी बिहार में चुनाव की चर्चा बिना जातीय समीकरण साधने, जाति की बात किये बिना बड़ी मुश्किल होती है। जात नहीं जमात की बात करने से किसी नेता को परहेज नहीं दिख रहा। स्थिति यह है कि जातीय आंकड़ा भी निकाल लिया गया है। एक समुदाय विशेष का मत गिन कर बता दिया गया कि 7449 मत है। जाति समूह और जातियों की चर्चा खूब हो रही है। एजेंडे की बात कम हो रही है। यह और बात है कि लिखित घोषणा पत्र में मुद्दों की संख्या भी खूब शामिल है। 



नगर परिषद : चुनावी चकल्लस 


बदलिएगा छवि तो होगी क्षति 

दाउदनगर नगर परिषद चुनाव की गतिविधियां चल रही हैं। ऐसे में एक से एक चर्चाएं भी हो रही है। एक प्रत्याशी दुकान पर जाकर बोले- अमुक धर्म के डेलीगेट बड़ी मात्रा में घर पर आ रहे हैं और चुनाव जीतने का भरोसा दे रहे हैं। दुकानदार ने कहा कि- आपकी छवि एक कट्टर की है। ऐसा करेंगे तो आप की छवि को क्षति होगी और जो लोग आपकी कट्टरता के कारण आप को वोट देने वाले हैं वह भी वोट नहीं देंगे। स्थिति हो जाएगी दो नाव पर चढ़ने वाली। इसके बाद नेताजी को समझ में आया कि दुकानदार ठीक कह रहा है। तब कहा कि- इतनी सही बात बताता कहां है कोई। एकदम सही बताएं। अब यह बात किसी से ना कहेंगे। 

वार्ड से भी जाइएगा और चेयरमैन से भी

 एक प्रत्याशी के प्रतिनिधि अपना वोट जोड़वा रहे थे कि उन्हें अमुक अमुक का वोट कितना मिलेगा और वे चुनाव जीत रहे हैं। इस पर दो बुजुर्गों ने कहा कि चेयरमैन का चुनाव आप नहीं जीत पाओगे, इसलिए बेहतर है कि वार्ड का चुनाव लड़ते। कहीं ऐसा न हो कि वार्ड छोड़ कर वार्ड से भी तो गए ही कहीं चेयरमैन भी नहीं बन सकेंगे और धन की बर्बादी होगी सो अलग। नेताजी फिलहाल चेयरमैन बनने के लिए वोट मांगते चल रहे हैं।

Monday 22 May 2023

एक ने लिया नाम वापस, अब 19 मैदान में

 



सास ने लिया अपना नामांकन वापस  संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) :  अंततः सास ने अपना नाम वापस ले लिया है और इस तरह से अब मुख्य पार्षद पद के लिए कुल 19 उम्मीदवार चुनावी मैदान में बच गए हैं। नाम वापसी के पहले दिन सोमवार को सीता देवी पति ईश्वरी प्रसाद ने नाम वापस लिया है। उनकी पुत्रवधू नेहा कुमारी अब चुनावी मैदान में रहेंगी। नेहा समेत कुल 19 उम्मीदवार अब मैदान में बचे हैं। जिसमें अंजली कुमारी पति शिवकुमार, कुंती देवी पति ओम प्रकाश कुमार, गुड़िया कुमारी पति अंकित कुमार, नजमा खातून पति मोहम्मद तारिक अनवर, निशा कुमारी पति निशांत राज, नेहा कुमारी पति गणेश कुमार, पिंकी कुमारी पति शिव कुमार, बुचनी देवी पति रामदास राम, मीनू सिंह पति कौशलेंद्र सिंह, मुन्नी देवी पति धर्मेंद्र कुमार, मोनी कुमारी पति कल्याण, रिंकी देवी पति मुमतेश कुमार, विभा कुमारी पति अजय कुमार सिन्हा, सविता देवी पति अरुण कुमार सिंह, सुमैया मुर्तजा सरफराज आलम, सुनैना देवी पति अटल बिहारी वाजपेयी, सुमित्रा देवी पति रामप्रवेश सिंह, सोनी देवी पति शंभू कुमार और स्वीटी पांडे पति निलाभ शेखर पांडे चुनावी मैदान में रहेंगी। 

उप मुपा व पार्षद पद से नाम वापसी शून्य

 अवर निर्वाचन पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि मुख्य पार्षद पद के लिए सीता देवी के अलावा किसी ने नामांकन वापस नहीं लिया है। ना ही मुख्य पार्षद पद के लिए, ना ही उप मुख्य पार्षद पद के लिए और ना ही वार्ड पार्षद पद के लिए नामांकन की वापसी हुई है। वैसे माना जा रहा है कि उप मुख्य पार्षद पद से पुत्रवधु नाम वापस लेंगी और सास चुनाव लड़ेंगी। क्योंकि इस पद के लिए भी सास व पुत्रवधु दोनों ने नामांकन कर रखा है और दोनों के नामांकन पत्र वैध पाए गए हैं। मंगलवार को नाम वापसी की आखिरी तिथि है।



 नगर निकाय चुनाव मुख्य पार्षद के ताला चाबी को कुल्हाड़ी से काटेंगे उप मुख्य पार्षद प्रत्याशी  

मुख्य पार्षद के लिए 32, उप मुख्य पार्षद के लिए 21 और वार्ड पार्षद के लिए 36 चुनाव चिन्ह निर्धारित  प्रत्याशियों को कल मिलेगा चुनाव चिन्ह संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नगर परिषद चुनाव में खड़े सभी पदों के प्रत्याशियों को बुधवार को चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाएंगे। मुख्य पार्षद पद के 19, उप मुख्य पार्षद के 11 और वार्ड पार्षद के 101 अभ्यर्थी हैं। इन सभी को चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाना है। अवर निर्वाचन पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि बुधवार को सभी प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाएगा। बीते वर्ष नगर निकाय चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने जिन प्रतीकों को संबंधित पदों के लिए निर्धारित किया था उसी आधार पर दाउदनगर नगर परिषद चुनाव में भी चुनाव चिन्ह आवंटित होने हैं। यदि कोई नया आदेश राज्य निर्वाचन आयोग का नहीं आता है। 25 मई 2022 को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी पत्र के अनुसार मुख्य पार्षद के लिए कप और प्लेट, मोटरसाइकिल, ताला और चाबी, प्रेशर कुकर, सिलाई की मशीन, कबूतर, चरखा, चारपाई, टाइपराइटर, मछली, वैन, मेज, टेबल लैंप, रेल का इंजन, गैस सिलेंडर, हारमोनियम, बल्ब, दिया जलता हुआ, वोट जैसे 32 चुनाव चिन्ह सुरक्षित रखे गए हैं। जबकि उप मुख्य पार्षद के लिए गेहूं की बाली, पीपल का पत्ता, घड़ा, चश्मा, कुल्हाड़ी, टेबल फैन, तितली, पानी का जहाज, आम, स्कूटर, रोड रोलर जैसे 21 चुनाव चिन्ह सुरक्षित रखे गए हैं। पार्षद पद के लिए निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के लिए कलम और दवात, ढोलक, टेंपो, वायुयान, मोमबत्तियां, काठ गाड़ी, मोर, चिमनी, कैमरा, जोड़ा बैल, खजूर का पेड़, बाल्टी, जग, चापाकल, टोकरी, उगता हुआ सूरज जैसे 36 चुनाव चिन्ह सुरक्षित रखे गए हैं। 


25 चुनाव चिन्ह सुरक्षित 

 विशेष परिस्थिति में प्रयोग करने के लिए 25 प्रतीकों को सुरक्षित रखा गया है। निर्वाचन आयोग के पत्र के अनुसार उसमें कहा गया है कि इन चुनाव चिन्हों का प्रयोग विशेष परिस्थिति में किया जाना होता है। पत्र के अनुसार यदि तीन अथवा किसी एक या एक से अधिक श्रेणियों के निर्वाचन होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या अधिक हो जाए तो इसका इस्तेमाल किया जाएगा। 



चुनाव चिन्ह आवंटन के बाद तेज होगा प्रचार 

 चुनाव चिन्ह आवंटन होने के पूर्व तक विभिन्न पदों के प्रत्याशी और उनके समर्थक बिना चुनाव चिन्ह के जनसंपर्क कर रहे हैं। जब चुनाव चिन्ह आवंटित हो जाएगा तब तमाम प्रत्याशियों के बैनर, पोस्टर, हैंडवील शहर में दिखने लगेंगे। फिलहाल स्थिति यह है कि शहर में कहीं चुनाव से संबंधित बैनर पोस्टर नहीं दिख रहे हैं। सभी प्रत्याशी चुनाव चिन्ह आवंटित होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

27 वार्डों में कुल 101 प्रत्याशी चुनाव मैदान में

 


सबसे कम चार वार्डों में दो-दो अभ्यर्थी

आठ वार्डों में हैं तीन तीन अभ्यर्थी 

सबसे अधिक सात प्रत्याशी वार्ड संख्या 16 में 

23 मई तक अभ्यर्थी ले सकते हैं नाम वापस

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नगर परिषद दाउदनगर के चुनाव में कुल 27 वार्डों में 101 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। सबसे कम दो-दो प्रत्याशी चार वार्ड में हैं। यानी यहां सीधा मुकाबला होना तय है। जबकि आठ वार्ड ऐसे हैं जहां तीन-तीन प्रत्याशी आमने-सामने होंगे और एक वार्ड ऐसा है जहां सबसे अधिक कुल सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। उपलब्ध विवरण के अनुसार वार्ड संख्या आठ, 13, 18 और 19 में दो-दो प्रत्याशी हैं। जबकि वार्ड संख्या 16 में सबसे अधिक सात प्रत्याशी हैं। 21 से 23 मई तक नाम वापसी की तिथि है। संभव है कुछ नाम वापस हो तो संख्या किसी किसी वार्ड में कम भी हो सकती है।


वार्ड वार वैध अभ्यर्थियों का विवरण


 वार्ड संख्या एक में जोगेश्वरी देवी, नीलम कुमार एवं बबीता देवी। वार्ड संख्या दो में इंदु देवी, देवरानी देवी, फुलवंती देवी, रिंकी देवी सीमन कुमारी एवं सुनीता देवी। वार्ड संख्या तीन में एहसान अहमद, तारिक अनवर, मोहम्मद कमल अहमद, रघुवर चौधरी, रामअवतार चौधरी एवं सुरेंद्र राम। वार्ड संख्या चार में आसिया परवीन, भूपेंद्र कुमार मिश्रा, ललिता देवी एवं शकीला बानो। वार्ड संख्या पांच में अब्दुल कयूम अंसारी, अरुण कुमार, बसंत कुमार एवं भोला सिंह यादव। वार्ड संख्या छह में आरिफ अंसारी, मोहम्मद शफी कुरैशी एवं मोहम्मद सोहेल अंसारी। वार्ड संख्या सात में रामजन्म प्रसाद चौधरी, राजू कुमार, शशिकांत एवं सुरेंद्र चौधरी। वार्ड संख्या आठ में जय गोविंद प्रसाद एवं हसीना खातून। वार्ड संख्या नौ में अनीता देवी, गुंजा देवी, रिंकी देवी एवं सलमा खातून। वार्ड संख्या 10 में कांति देवी, जगिया देवी, मधु सिंह सिन्हा, मालती देवी एवं सुमन कुमारी। वार्ड संख्या 11 में अनिल रजक, दीपक कुमार सोनी, प्रमोद कुमार सिंह एवं संजय प्रसाद। वार्ड संख्या 12 में गुड़िया देवी, रिंकी देवी, रेखा देवी एवं सुमित्रा देवी। वार्ड संख्या 13 में खुशबू कुमारी एवं सोनी कुमारी। वार्ड संख्या 14 में फरहान मुशर्रफ, सुशीला देवी, सिराज कुरैशी एवं सोनू कुमार। वार्ड संख्या 15 में मंजू देवी, ममता देवी, मीना देवी, संगीता देवी एवं सुधा कुमारी। वार्ड संख्या 16 में दीपक कुमार, परवीन कैसर, तारिक अनवर, शाहनवाज आलम, श्री कांति कुमारी, शहजादी बानो एवं सुदर्शन प्रजापति। वार्ड संख्या 17 में नारायण प्रसाद तांती, मोतीलाल, रवि कुमार एवं शंकर प्रसाद। वार्ड संख्या 18 में बिगवा देवी एवं रूबी कुमारी। वार्ड संख्या 19 में बेबी देवी एवं सुमन कुमारी। वार्ड संख्या 20 में बसंती देवी, रीमा देवी एवं सपना कुमारी। वार्ड संख्या 21 में दिनेश प्रसाद, शकुंतला देवी एवं शेष कुमार। वार्ड संख्या 22 में इशरत खातून, केदारनाथ सिंह, नंदकिशोर चौधरी एवं परमानंद प्रसाद। वार्ड संख्या 23 में नीतू कुमारी, रेशमा परवीन एवं सीमा देवी। वार्ड संख्या 24 में अनिल कुमार पाल, राधा रमन पुरी एवं संजीव कुमार दास। वार्ड संख्या 25 में ज्योति कुमारी, पुष्पा कुमारी एवं रिंकी कुमारी। वार्ड संख्या 26 में इंदु देवी, प्रकाश कुमार एवं राधा देवी तथा वार्ड संख्या 27 में अजय कुमार सिंह, उपेंद्र राम, भास्कर कुमार, संतोष कुमार एवं सतीश कुमार अभ्यर्थी हैं।



Wednesday 17 May 2023

रदद् हो सकता है नामांकन यदि यह स्थिति साबित हुई तो…

 


तीन संतान वाले नहीं कर सकते नामांकन प्रस्तावक और समर्थकों पर भी नियम लागू 

जुड़वा और गोद लेने को लेकर है अलग व्यवस्था 

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : जिस पुरुष या महिला को तीन संतान है वह नगर निकाय का चुनाव नहीं लड़ सकता। हालांकि गोद लेने और जुड़वा संतान होने को लेकर अलग व्यवस्था है। अवर निर्वाची पदाधिकारी मनोज कुमार के अनुसार इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग का स्पष्ट निर्देश है। बताया गया कि चार अप्रैल 2008 के बाद किसी दंपति को तीन संतान है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता। यह नियम प्रस्तावक और समर्थक पर भी लागू है। यानी तीन बच्चे का पिता या माता ना तो प्रत्याशी बन सकता है न किसी प्रत्याशी का समर्थन या प्रस्ताव बन सकता है। नामांकन के बाद 18 से 20 मई तक समीक्षा की तिथि है और इस दौरान यदि किसी ने किसी अभ्यर्थी या उसके प्रस्ताव के समर्थक के तीन संतान के पिता या माता होने का दावा किया तो वे अभ्यर्थी बनने से वंचित भी रह सकते हैं। इस संबंध में जो पत्र जारी है उसमें साफ कहा गया है कि किसी व्यक्ति की संतान की संख्या दो से ज्यादा हो, जिसमें एक या एक से अधिक का जन्म चार अप्रैल 2008 के पश्चात हुआ हो तो वह व्यक्ति नगरपालिका के किसी पद पर निर्वाचन के अयोग्य माना जाएगा। चार कहा गया है कि अप्रैल 2008 के पूर्व किसी को जुड़वा संतान पैदा हुआ है और वह जीवित है तो यह ज्ञात भी है और गणना भी की जा सकती है परंतु पूर्व से एक संतान है और चार अप्रैल 2008 के बाद जुड़वा संतान पैदा हुआ है तो निर्धारित तिथि को न तो ज्ञात था और न गणना करने की स्थिति थी ऐसी स्थिति में एक संतान होने की मान्यता दी गई है।

गोद लेने के संबंध में स्पष्ट निर्देश 2022 में नगर निकाय चुनाव के समय जारी हुआ था। जिसमें कहा गया है कि किसी व्यक्ति के पुत्र को दूसरे को कानूनी रूप से गोद दे दिए जाने के पश्चात भी उस संतान के पिता मूल रूप में वही कहे जाएंगे जो बायोलाजिकल हैं, ना कि जिस व्यक्ति ने गोद लिया है। किसी व्यक्ति विशेष अभ्यर्थी, समर्थक, प्रस्तावक के द्वारा अपने बच्चों को गोद दिए जाने के बाद भी उनके वास्तविक बच्चों की संख्या में कोई कमी नहीं मानी जाएगी और वह निर्वाचन लड़ने के लिए अयोग्य ही होगा।



मुख्य व उप मुख्य पार्षद के दस्तावेजों की समीक्षा आज 


वार्ड पार्षद पदों की समीक्षा आज और कल दो दिन

फोटो- एसडीओ मनोज कुमार 

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद गुरुवार को मुख्य और उप मुख्य पार्षद पदों के लिए प्राप्त नामांकन से संबंधित दस्तावेजों की समीक्षा की जाएगी। जबकि गुरुवार और शुक्रवार को वार्ड पार्षदों से संबंधित दस्तावेजों की समीक्षा होगी। एसडीओ सह निर्वाची पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि 18 मई को 11 बजे से मुख्य पार्षद का और एक बजे से उप मुख्य पार्षद के नामांकन दस्तावेजों की समीक्षा की जाएगी। जबकि इसी दिन वार्ड संख्या एक से पांच तक की समीक्षा दो बजे अपराहन से की जाएगी। 19 मई को वार्ड संख्या छह से 10 की समीक्षा पहले होगी। उसके बाद 12 बजे से वार्ड संख्या 11 से 15 तक, एक बजे से वार्ड संख्या 16 से 22 तक और दो बजे से वार्ड संख्या 23 से 27 तक के नामांकन दस्तावेजों की समीक्षा की जाएगी। 21 मई को नाम वापसी होगी और 23 मई को चुनाव चिन्ह का आवंटन किया जाएगा। मालूम हो कि नौ जून को मतदान होना है और 11 जून को मतगणना का कार्य संपन्न होगा।



मुख्य पार्षद के लिए दो ईवीएम का होगा इस्तेमाल



नोटा का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे मतदाता 

पहली बार एक साथ चार ईवीएम देखेंगे यहां के मतदाता

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) :  दाउदनगर नगर परिषद चुनाव के लिए मुख्य पार्षद पद के लिए दो ईवीएम का इस्तेमाल होना तय दिख रहा है। मतदाताओं के सामने चार ईवीएम होंगे जिसमें से तीन में वे बटन दबाकर अपने मत का इस्तेमाल कर सकेंगे। शनिवार तक कुल 26 एनआर इस पद के लिए कटे हैं। मंगोवार को उप मुख्य पार्षद पद के लिए कोई एनआर नहीं कटा है। मुख्य पार्षद के लिए संभावित 23 से 25 प्रत्याशी तक हो सकते हैं। क्योंकि कुछ एनआर एक ही व्यक्ति द्वारा कटवाया गया है। ऐसे में तय है कि दो ईवीएम का इस्तेमाल होगा। जबकि उप मुख्य पार्षद के लिए मात्र 10  एनआर कटे हैं। यहां संभावित प्रत्याशियों की संख्या इतनी ही होने का अनुमान है। वार्ड पार्षद के लिए सोमवार को आठ और मंगलवार को कुल छह एनआर कटे हैं। अब तक कुल 112 संभावित प्रत्याशियों ने एनआर कटवाया है। अभी तक कुल 148 एनआर काटे गए हैं। नगर निकायों के चुनाव में नोटा का इस्तेमाल नहीं होता है। अवर निर्वाची पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि एम 2 माडल का ईवीएम इसमें इस्तेमाल होता है। इसमें एक साथ 16 प्रत्याशी के चुनाव चिन्ह व नाम अंकित होंगे। जबकि दाउदनगर नगर परिषद के लिए संभावित उम्मीदवारों की संख्या 23 से 25 है। ऐसे में तय है कि मुख्य पार्षद के लिए दो ईवीएम का इस्तेमाल होगा। यानी एक व्यक्ति को एक साथ चार ईवीएम देखने को मिलेंगे। और तीन का इस्तेमाल कर उन्हें अपने तीन पद यानी मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद और वार्ड पार्षद के लिए देना होगा।


पुत्रवधू के बाद सास ने भी किया मुख्य पार्षद के लिए नामांकन

 


दो दिन पुत्रवधू तो तीसरे दिन सास भी उतरी मैदान में 

सीता बनाम शारदा में उलझा रहा मामला संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नगर परिषद दाउदनगर के चुनाव में एक दिलचस्प वाकया हो रहा है। नेहा कुमारी पति गणेश कुमार ने सोमवार और मंगलवार को दो बार नामांकन किया। जबकि इनकी सास सीतादेवी बुधवार को मैदान में उतर गई। दोनों ने ही मुख्य पार्षद पद के लिए नामांकन किया है। इस बात की कई तरह से चर्चा शहर में होती रही। माना गया कि नेहा कुमारी का नामांकन रद्द होने की स्थिति में उनकी सास चुनाव लड़ेंगी। लेकिन जब सीता कुमारी ने नामांकन किया तो इनके साथ दस्तावेज से संबद्ध पेंच जुड़ गया। सीता देवी के अधिकांश दस्तावेज शारदा देवी के नाम से हैं। अंततः उन्होंने शपथ पत्र दिया और शपथ पत्र में भी वोटर आईडी का नंबर गलत हो गया। जिसे बाद में सुधरवाया गया। इस संबंध में उनके पुत्र और नेहा कुमारी के पति गणेश कुमार ने बताया कि जनता जिसे कहेगी उन्हें बिठा देंगे। यानी पत्नी या मां में से कोई एक ही चुनावी मैदान में रहेंगी। और यह नाम वापसी की तिथि 21 से 23 मई के बीच तय होगा। अब लोग इसे लेकर 



मुख्य पार्षद के लिए सात ने किया नामांकन 


दाउदनगर (औरंगाबाद) : बुधवार को अनुमंडल कार्यालय में मुख्य पार्षद के लिए सात और उप मुख्य पार्षद के लिए एक ने नामांकन किया। ओम प्रकाश कुमार की पत्नी कुंती देवी, अजय कुमार सिन्हा की पत्नी विभा कुमारी, मोहम्मद तारिक अनवर की पत्नी नजमा खातून, ईश्वरी प्रसाद की पत्नी सीता देवी, नीलाभ शेखर पांडे की पत्नी स्वीटी पांडे, निशांत राज की पत्नी निभा कुमारी और शिव कुमार की पत्नी पिंकी कुमारी ने मुख्य पार्षद पद के लिए नामांकन किया। वहीं जियाउर रहमान की पत्नी शगुफ्ता यासमीन ने उप मुख्य पार्षद पद के लिए नामांकन किया है।




वार्ड पार्षद पद के लिए किया उन्होंने नामांकन 

मंगलवार को 43 व्यक्तियों ने वार्ड पार्षद पद के लिए नामांकन किया था। प्राप्त विवरण के अनुसार वार्ड संख्या एक से बबीता देवी एवं जागेश्वरी देवी, दो से रिंकी देवी, इंदु देवी एवं देवरानी देवी, तीन से एहसान अहमद एवं मोहम्मद कमल अहमद, चार से भूपेंद्र कुमार मिश्रा, पांच से अब्दुल कयूम अंसारी, भोला सिंह यादव एवं अरुण कुमार, सात से सुरेंद्र चौधरी, रामजन्म प्रसाद चौधरी एवं राजू कुमार, आठ से जय गोविंद प्रसाद, 10 से सुमन कुमारी एवं कांति देवी, 11 से दीपक कुमार सोनी एवं संजय प्रसाद, 12 से गुड़िया देवी एवं सुमित्रा देवी, 13 से खुशबू कुमारी, 15 से सुधा कुमारी एवं मंजू देवी, 16 से शाहनवाज आलम, 17 से मोतीलाल, शंकर प्रसाद एवं रवि कुमार, 18 से रूबी देवी एवं बिगवा देवी, 19 से बेबी देवी एवं सुमन कुमारी, 20 से सपना कुमारी एवं बसंती देवी, 21 से दिनेश प्रसाद एवं शकुंतला देवी, 22 से इसरत खातून, 23 से सीमा देवी, 24 से अनिल कुमार पाल, 25 से रिंकी कुमारी, 26 से इंदु देवी तथा 27 से सतीश कुमार एवं उपेंद्र राम ने नामांकन किया है।




मुख्य पार्षद के लिए आठ और उप मुख्य पार्षद के लिए चार ने किया नामांकन

भोजन-पानी के लिए परेशान रहे प्रतिनियुक्त अधिकारी-कर्मी

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : मंगलवार को अनुमंडल कार्यालय में आठ महिलाओं ने मुख्य पार्षद पद के लिए और चार महिलाओं ने उप मुख्य पार्षद पद के लिए नामांकन किया। साथ ही वार्ड पार्षद के विभिन्न पदों के लिए कई ने नामांकन किया है। यहां तैनात पुलिस प्रशासन के अधिकारी भोजन व पानी ले लिए परेशान दिखे। कई के पास अपना भोजन उपलब्ध नहीं था। कई ने अपने साथ टिफिन भी लाया था। अपना खाना खाया। लेकिन काफी तैनात कर्मियों को यह शिकायत थी कि भोजन पानी की व्यवस्था नहीं थी। इस दिन मुख्य पार्षद पद के लिए सशक्त स्थाई समिति के निवर्तमान सदस्य कौशलेंद्र सिंह की पत्नी निवर्तमान मुख्य पार्षद मीनू सिंह, भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष शंभू कुमार की पत्नी पूर्व मुख्य पार्षद सोनी देवी, भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेई की पत्नी पूर्व वार्ड पार्षद सुनैना देवी, पूर्व मुख्य पार्षद धर्मेंद्र कुमार की पत्नी मुन्नी देवी, जन वितरण प्रणाली विक्रेता रामप्रवेश सिंह की पत्नी सुमित्रा देवी, पूर्व वार्ड पार्षद अरुण कुमार सिंह की पत्नी सविता देवी, अंकित कुमार की पत्नी गुड़िया देवी और गणेश कुमार की पत्नी नेहा कुमारी ने नामांकन किया है। निर्वाची पदाधिकारी सह एसडीओ मनोज कुमार के समक्ष इन सब ने नामजदगी का पर्चा दाखिल किया। मालूम हो कि नेहा कुमारी ने सोमवार को भी नामांकन किया था। इसी तरह उप मुख्य पार्षद पद के लिए पूर्व वार्ड पार्षद सुखलाल प्रसाद की पत्नी और स्वयं पूर्व वार्ड पार्षद रही कमला कुमारी, हिफजूल रहमान की पत्नी आलिया खातून, वार्ड पार्षद सतीश कुमार की पत्नी सुमन कुमारी और इमरार कुरेशी की पत्नी नाजिया परवीन ने नामजदगी का पर्चा दाखिल किया। इसके अलावा वार्ड संख्या 11 से दीपक कुमार सोनी, वार्ड संख्या दो से इंदु देवी, वार्ड संख्या चार से भूपेंद्र कुमार मिश्रा उर्फ चिंटू मिश्रा और वार्ड संख्या 24 से अनिल पाल उर्फ सुखाड़ी ने नामांकन किया। नामांकन के बाद कई प्रत्याशियों ने अनुमंडल कार्यालय परिसर स्थित स्वर्गीय रामविलास सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तो कई ने बाजार स्थित मुख्य हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की। भ्रमण कर जनता का आशीर्वाद प्राप्त किया।


20 ने किया वार्ड पार्षद पद के लिए  नामांकन

सोमवार को वार्ड संख्या एक से नीलम कुमार, वार्ड संख्या तीन से रघुवर चौधरी एवं सुरेंद्र राम, वार्ड संख्या 14 से आसिया परवीन, वार्ड संख्या नौ से गुंजा देवी, वार्ड संख्या 10 से मधु सिंह सिन्हा एवं मानती देवी, वार्ड संख्या 12 से रिंकी देवी एवं रेखा देवी, वार्ड संख्या 13 से सोनी कुमारी, वार्ड संख्या 14 से सोनू कुमार, वार्ड संख्या 15 से संगीता देवी, वार्ड संख्या 16 से परवीन कौसर एवं सुदर्शन प्रजापति तथा वार्ड संख्या 17 से नारायण प्रसाद तांती, वार्ड नम्बर 22 से परमानंद प्रसाद, वार्ड संख्या 23 से रेशमा परवीन, वार्ड संख्या 24 से राधा रमण पूरी एवं संयोग कुमार दास तथा वार्ड संख्या 25 से ज्योति कुमारी ने नामांकन किया है।






Sunday 14 May 2023

जब कस्बा से शहर बना था तो आबादी थी मात्र 8225

 


65543 लोग रहते हैं अब दाउदनगर शहर में

138 वर्ष में आठ गुना बढ़ गई शहर की आबादी

1000 भी नहीं रहा होगा तब शहर में घर उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : जब दाउदनगर को वर्ष 1885 में कस्बा से शहर का दर्जा प्राप्त हुआ था और नगरपालिका बनाया गया था तब शहर में 1881 की जनगणना के अनुसार 8225 की आबादी थी। जबकि बिहार सरकार द्वारा कराए जा रहे ताजा सर्वे के मुताबिक अब शहर में 65543 लोग रहते हैं। यानी लगभग 138 वर्ष में शहर की आबादी आठ गुना हो गई। अभी शहर में 8610 मकान हैं। इस हिसाब से अनुमान लगाया जा सकता है कि जब दाउदनगर को नगर पालिका का दर्जा प्राप्त हो रहा था तब दाउदनगर नगर परिषद के वर्तमान क्षेत्रफल में बमुश्किल 1000 घर रहे होंगे। लेकिन ध्यान देने की बात यह है कि नगर परिषद का क्षेत्रफल बाद में बड़ा हुआ है। ऐसे में जो पहली बार नगरपालिका दाउदनगर बना था तो 400 से 500 से अधिक घर नहीं रहे होंगे शायद।





साल     जनसंख्या   वृद्धि दर % में

1881     8225      0.00 

1891     8730      6.13 

1901     9744      11.61

1911     9149      -06.10 

1921     8511      -06.97 

1931    11699      37.46

1941    11133      -04.84 

1951    10448      -06.15 

1961    13320      27.49 

1971    20743      55.80

1981    24513      18.74 

1991    30331      23.80

2001 38014 25.33 

2011    52340  37.67



8610 मकानों में 11053 परिवार 

प्राप्त विवरण के अनुसार दाउदनगर शहर के सभी 27 वार्डों में कुल 8010 भवन है। जबकि 8610 मकान है। इन मकानों में 11071 परिवार रहते हैं। महत्वपूर्ण है कि आमतौर पर 2011 में बताया गया था कि शहर में 6000 लगभग घर हैं। लेकिन ताजा सर्वे के मुताबिक यह संख्या 8610 है।



एक दशक में बढ़ी बसावट 

वार्ड संख्या नौ, 26 एवं 27 में नई बसावट बीते एक दशक में खूब बसी है। नया इलाका आबाद हुआ है। आबादी भी बढ़ी है और घर मकानों की संख्या भी बढ़ी है। इनके दूसरी वजह यह है कि शहर में बच्चों को पढ़ाने के लिए काफी लोग गांव से आकर रहने लगे हैं। 



2022 में वार्डवार जनसंख्या


वार्ड संख्या- आबादी

एक-3955


दो-2556

तीन-2617

चार-1931

पांच-2423

छह-2749

सात-2182

आठ-2496

नौ-3570

10-2958

11- 1711

12-2283

13-1857

14-2774

15-1616

16-4467

17-3060

18-2033

19-1394

20-1862

21-1779

22-2243

23-1679

24-1586

25-2732

26-2757

27-2573

कुल-65543


Friday 12 May 2023

बैक्रहम मूर के नाम पर बसा इलाका है भखरुआं मोड़



शहर में नहीं शहर का हृदय स्थल भखरुआं

बैक्रहम मूर की है कब्र और आबाद है बुधन बिगहा

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) :

दाउदनगर से गुजरते ही भखरुआं का सामना होता है। यह शहरी चकाचौंध वाला इलाका शहर में नहीं है, यानी नगर परिषद क्षेत्र का हिस्सा नहीं है। यह ग्राम पंचायत का हिस्सा है। भखरूआं मोड़ का उच्चारण एक जिज्ञासा पैदा करता है कि यह नामकरण कैसे और क्यों हुआ होगा। यह जानने की उत्सुकता बढ़ जाती है। 

बात अंग्रजी हुकूमत के जमाने की है। शिक्षक-प्रशिक्षण महाविद्यालय (डायट) के पास खड़ा एक पीपल का पेड़ इतिहास का वर्तमान गवाह है। यहीं पर एक नील कोठी हुआ करती थी। आज बीआरसी के ठीक सामने पूरब दिशा में इसका अवशेष बचा हुआ है। जिसके एक अंग्रेज मैनेजर थे-बैक्रहम मूर। उनके निवास पर एक नौकर था-बुधन यादव। बुधन बेलाढ़ी गांव के निवासी थे। वह बड़े ही मालिक-सेवी थे। उनके सेवा भाव से प्रभावित होकर वैक्रहम मूर जब अपने वतन इंगलैण्ड चले गये तो साथ में बुधन को भी लेते गये और घुमाकर ले आये। कहते हैं कि मैनेजर बैक्रहम मूर बड़े ही रहमदिल और हंसमुख इंसान थे। वह आस-पास के गांवों में घूमा करते थे। गांव वालों के बीच उठते-बैठते थे और यहां के पर्व-त्योहारों में शामिल भी होते थे। वे बुधन से अक्सर कहा करते थे-यहां के लोग कितने इनोसेण्ट हैं। तुमलोगों के बीच रहना अच्छा लगता है। मुझे इंगलैण्ड जाने की इच्छा नहीं होती। अगर मैं मर गया तो तुमलोग मुझे यहीं पर दफना देना। यहां की मिट्टी में ही शांति मिलेगी।

हुआ भी ऐसा ही। बैक्रहम मूर की मृत्यु यहीं हुई। बुधन से सूचना पाते ही आस-पास के गांव वाले नील कोठी के पास जुट गये। इलाके के लोगों ने ही कब्र खोदी और बड़े ही आदरपूर्वक उन्हें दफनाया गया। उनके सम्मान में ही इस स्थान को -बैक्रहम मूर- कहा जाने लगा,  जो कालांतर में भखरूआं मोड़ हो गया। बैक्रहम मूर का स्मारक नीलकोठी से पच्छिम, बीआरसी के पास है। ट्रेनिंग कालेज मैदान में। इसी के समीप है बुधन बिगहा। आज बुधन बिगहा का आधा से बडा हिस्सा शहर में है, लेकिन भखरुआं तरारी पंचायत में है। जिसे नगर परिषद में शामिल करने की कवायद अभी तक असफल है। बीते महीने जब यहां तत्कालीन जिला पदाधिकारी सौरभ जोरवाल नगर परिषद कार्यालय आये थे तब उनसे भी भखरुआं को नगर परिषद में शामिल करने की मांग मुख्यपार्षद मीनू सिंह ने की थी। अब यह भखरुआं कब शहर का हिस्सा बन सकेगा इसकी सबको प्रतीक्षा है।







पहली बार सीधे 39038 मतदाता करेंगे मुख्य व उप मुख्य पार्षद का चुनाव



20428 पुरुष मतदाता हैं नगर परिषद दाउदनगर में 

18606 महिला मतदाता और चाट अन्य श्रेणी के हैं मतदाता 

27 वार्डों में कुल 39 मतदान केंद्रों पर होगा मतदान 

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) :  दाउदनगर के 39 मतदान केंद्रों पर कुल 39038 मतदाता सीधे पहली बार मुख्य और उप मुख्य पार्षद का चुनाव करेंगे। इसके साथ ही उन्हें वार्ड पार्षद का भी चुनाव करना है। यानी एक मतदाता वार्ड पार्षद, उप मुख्य पार्षद और मुख्य पार्षद के लिए कुल तीन मत देगा। शहर में 20428 पुरुष 18606 महिला और चार अन्य श्रेणी के मतदाता हैं। आगामी नौ जून को मतदान होगा और 11 जून को परिणाम आएगा।




वार्ड संख्या- मतदान केंद्र संख्या और नाम-पूरुष-महिला-अन्य- कुल मतदाता संख्या


एक-एक क एवं ख-अशोक उच्च विद्यालय दाउदनगर- 779 -703 - 0 - 1482 

दो - दो क एवं ख हाता मध्य विद्यालय- 908- 811- एक -1720 

तीन - तीन- प्राथमिक विद्यालय बालूगंज 687- 664- 0- 1351 

चार-चार- ठाकुर मध्य विद्यालय- 582 -572 -एक- 1155

पांच-पांच सामुदायिक भवन नोनिया बिगहा -718- 668-0- 1386 

छह- छह क एवं ख-मदरसा इस्लामिया पुराना शहर- 817- 791-0- 1608

सात-सात- कादरी मध्य विद्यालय -630 596- 0- 1226 

आठ-आठ क एवं ख -सामुदायिक भवन इब्राहिम शहीद- 895- 808 -0 -1703 

नौ-नौ क एवं ख-चलंत मतदान केंद्र मुनेश्वर भगत के हाता- 1050- 941 -0 -1991 

10- 10 क एवं ख-कन्या मध्य विद्यालय -828- 749 -0 -1577 

11-11- चलंत मतदान केंद्र बाबा साहब मेन रोड- 724- 695- 0- 1419

 12 -12- नगरपालिका मध्य विद्यालय संख्या एक -828 -753 -0-1581 

13- 13- प्राथमिक विद्यालय जानकीराम की कूचा गली- 670- 554- 0- 1224 

14 -14- नगर परिषद कार्यालय भवन- 788- 693- एक- 1482 

15- 15 -सामुदायिक भवन गोला मोहल्ला- 644- 645- 0 -1289 

16 -16 क एवं ख- मध्य विद्यालय रामनगर एवं राजकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय बारुण रोड- 1026- 970 -एक -1997

17- 17 क एवं ख- चलंत मतदान केंद्र बम रोड- 933 -839- 0- 1772 

18-18 क एवं ख-चलंत मतदान केंद्र ब्राह्मण टोली -926- 804 -0- 1730 

19- 19- पटवा पंचायत घर पटवाटोली- 682- 605- 0 -1287

 20- 20 चलंत मतदान केंद्र जितिया चौक इमली तल -523- 501- 0- 1024 

21-21  नगरपालिका मध्य विद्यालय संख्या दो-608- 581 -0 -1189 

22- 22 सिंचाई विभाग का नगर तहसील कार्यालय मौलाबाग- 604- 554- 0 -1158 

23-23क एवं ख- राष्ट्रीय मध्य विद्यालय 667- 563- 0- 1230

 24- 24 सामुदायिक भवन हरिजन हास्टल -435- 404-0-839 

25- 25 क एवं ख बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कार्यालय- 960 -852 -0 -1812 

26- 26 क एवं ख राष्ट्रीय उच्च विद्यालय- 853- 743 -0-1596 

27- 27 मौलाबाग मध्य विद्यालय पुराना अनुमंडल- 663- 547 -0 -1210 

कूल 39 मतदान केंद्र -20428 -18606- 04-39038



सबसे छोटा वार्ड 24, सबसे बड़ा वार्ड संख्या 15

कुल 27 वार्डों वाले शहर में मतदाता संख्या के आधार पर सबसे छोटा वार्ड वार्ड संख्या 24 है। जहां मात्र 839 मतदाता है। यह एकमात्र ऐसा वार्ड है जिसकी मतदाता संख्या तीन अंक में है। अन्यथा सभी वार्डों की मतदाता संख्या चार अंक में है। जबकि सबसे बड़ा वार्ड वार्ड नंबर 15 है। यहां कुल 1997 मतदाता हैं। दूसरे स्थान पर वार्ड संख्या नौ है, जहां 1991 मतदाता हैं। तीसरे स्थान पर वार्ड संख्या 17 है। यहां कुल मतदाता संख्या 1772 है। यानी सबसे छोटा और सबसे बड़ा के बीच दोगुना से भी अधिक का अंतर है।

Wednesday 10 May 2023

...और नगर परिषद की जगह नगर पंचायत बन गया नगरपालिका

 



जनगणना में कर्मी की लापरवाही पड़ी थी तब भारी

पटना उच्च न्यायालय में चला मामला

तब एक अधिकारी बोले थे-भागो, भांड में गया नगरपालिका

कितनी हुई आर्थिक क्षति, इसका आकलन मुश्किल

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : 

जब 2002 में नगर निकायों का चुनाव हुआ तो 13 वार्डों के शहर में 18 वार्ड बने, मगर नगरपालिका नगर पंचायत बन गया जब कि इसे नगर परिषद होना चाहिए था। कर्मचारियों की लापरवाही और अदूदर्शिता के कारण 2001 की जनसंख्या में पटवा, तांती समाज के दूसरे राज्यों में प्रवास के कारण शहर की आबादी कम प्रदर्शित हो सकी। इसे एक कर्मी की लापरवाही बताई गई थी।  दरअसल हुआ यह था कि पर्यवेक्षक ने जनगणना कार्य में लगे शिक्षकों को निर्देश दिया था कि जो घर बंद होंगे उनकी गणना नहीं करनी है। यह निर्देश भारी पड गया। इसकी अवहेलना करके भी शिक्षकों ने ऐसे घरों की गणना की मगर उसे अंतिम जनगणना सार में नहीं जोडा गया। इधर अभी कुछ प्रगणकों ने अपनी रिपोर्ट भी नहीं दिया था कि सांख्यकी विभाग ने नगरपालिका की जनसंख्या की रिपोर्ट मांग ली। चूंकि राज्य में नगर निकाय का चुनाव कराने की तैयारी चल रही थी। नगरपालिका ने आधी-अधूरी रिपोर्ट भेज दी। शाम दो बजे तक की रिपोर्ट तत्कालीन विशेष पदाधिकारी सह सीओ अमेरिकन रविदास के पास थी। इसमें नजसंख्या बतायी गई थी- 38 हजार 14 मात्र। जबकि शहर की संख्या इससे अधिक थी। इस भूल सुधार की कोशिश की गई। फाइनल रिपोर्ट अनुसेवक से भेजी गई। वह रिपोर्ट लेकर घर पर सो गया। सुबह गया तो अधिकारी ने कहा –भागो, भांड में गया नगरपालिका। और जब चुनाव की अधिसूचना जारी हुई तो नगर परिषद के रुप में नहीं नगर पंचायत के रुप में। इससे कितनी आर्थिक क्षति हुई इसका आकलन मुश्किल है। क्योंकि विकास राशि आबादी के आधार पर मिलती है। और नगर परिषद बनने में 15 साल की देरी हो गयी। तत्कालीन कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष डा.संजय कुमार सिंह इस मामले (सीडब्ल्यूजेसी नंबर-14151/2001) को उच्च न्यायालय ले गये। दावा किया कि शहर की आबादी 40 हजार से अधिक है। जनगणना में हुई लापरवाही और गडबडी को इसके लिए दोषी बताया। उच्च न्यायालय के बेंच ने 04 दिसंबर 2012 को आदेश दिया कि डीएम अपने स्तर से मामले की जांच कर न्यायालय में तथ्य को प्रस्तुत करें। डीएम ने भी नगर पंचायत से पत्र भेजकर तथ्य देने को कहा मगर कार्यालय ने रुचि नहीं ली। 


नगर परिषद चुनाव एक साल टला

नगर परिषद का दर्जा पाने को शहर में बेचैनी रही। मामले को लेकर वर्ष 2012 में वार्ड संख्या दो से पार्षद बने रामअवतार चौधरी पटना उच्च न्यायालय चले गए। संघर्ष जारी रहा। इधर 12 अप्रैल 2017 को बिहार मंत्रिमंडल ने दाउदनगर को नगर परिषद का दर्जा संबंधित प्रस्ताव पारित कर दिया। तब उम्मीद की गई कि राज्यपाल के स्तर से प्रकाशित होने वाली गजट में एक महीने का वक्त लगेगा और चुनाव नगर परिषद का होगा लेकिन यह भी नहीं हुआ। वर्ष 2018 में नगर विकास आवास विभाग में इस आशय की अधिसूचना जारी की, परिसीमन में वक्त लगा और फिर एक साल विलंब से नगर परिषद का चुनाव हुआ।  









मुकदमा जीतने के लिए वार्ड संख्या 13 में तब किसी ने नहीं डाला वोट

 


शहर होते हुए ग्राम पंचायत का हिस्सा है भखरुआं

उच्च न्यायालय के फैसले के कारण नगर परिषद का हिस्सा नहीं

 05 सितंबर 1980 को आया था उच्च न्यायालय का फैसला

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) :

सन 1950 में प्रखंड सह अंचल कार्यालय बना। तब इस परिसर का तीन चौथाई हिस्सा नगर पालिका का था,  मगर बीडीओ का आवास और पशुपालन विभाग का कार्यालय नगरपालिका क्षेत्र में नहीं था। सन 1958 में एक रिपोर्ट बहैसियत टैक्स दारोगा देवभूषण लाल ने तैयार किया था। क्षेत्र विस्तार का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया। इसमें संपूर्ण दाउदनगर सर्वे मौजा को शामिल किया गया था। सन-1964 में बिहार सरकार ने नगरपालिका से हदबंदी, चौहद्दी, आबादी और पुरानी अधिसूचना की मांग की। अमीन गणेश लाल ने जो खाका तैयार किया उसमें बुधन बिगहा, गुमा, अंकोढा, पिलछी, खीचड बिगहा और भखरुआं को शामिल किया गया। नया वार्ड बना- संख्या-तेरह। श्रमण संस्कृति का वाहक-दाउदनगर के अनुसार जब यमुना प्रसाद स्वर्णकार 27 फरवरी 1972 को चेयरमैन बने तो इस प्रस्ताव को राज्य सरकार के पास भेजा गया। साल 1976 में यह प्रस्ताव स्वीकृत हो गया। वे 11 जुन 1977 तक चेयरमैन रहे हैं। साल 1978 में नए परिसीमन के आधार पर चुनाव हुआ। वार्ड तेरह का मतदान केन्द्र राष्ट्रीय इंटर स्कूल में बनाया गया। भखरुआं के दक्षिणी सीमा पर तीखा मोड (गवसगढ मोड) के पास तब लोहे का बोर्ड लगाया गया। जिस पर लिखा था - ‘शहर में आपका स्वागत है’। मगर राजनीति अडंगे डालने को तैयार हो गई। इस बूथ पर एक भी वोट नहीं डाला गया। मतदाताओं को समझाया गया कि अगर मतदान कम अधिक कुछ भी हुआ तो कोई भी प्रत्याशी जीतेगा ही। ऐसे में स्वीकृत प्रस्ताव को न्यायालय से खारिज कराना मुश्किल होगा। नतीजा एक भी वोट नहीं पडा। कोई वार्ड कमीश्नर नहीं बन सका। बेलाढी के मुखिया दिनेश सिंह भखरुआं को तरारी के साथ रखने के लिए हाई कोर्ट में वाद ले कर गए थे। उनका साथ दे रहे थे ऋकेश्वर सिंह जो भखरुआं में 1971 से संचालित -हिन्दुस्तान अल्युमुनियम वर्क्स- के मालिक थे। मुखिया को चिंता 1978 में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर थी। परिसीमन बदलने से परिणाम बदलने का डर था। दिनेश सिंह ने वाद में प्रतिपक्ष बनाया था राज्य सरकार को, नगरपालिका को नहीं। हाई कोर्ट में दिलिप सिंह वकील थे और जज थे- बल्लभ नारायण सिंह। कोर्ट में पक्ष रखा गया कि ग्राम पंचायत की स्वीकृति के बिना ही इसके एक हिस्से को शहरी क्षेत्र में शामिल कर लेना गलत है। नतीजा 05 सितंबर 1980 को फैसला नगरपालिका के खिलाफ आया, और भखरुआं शहर में शामिल होने से पहले ही अलग हो गया। 

Monday 8 May 2023

वर्ष 1920-21 में हुआ था सिलौटा बखौरा का बंटवारा

 


08 सितंबर 1930 को किया गया था शहर का बंटवारा

पुराना शहर और नया शहर के रुप में हुआ था बंटवारा

दाउदनगर का पुराना नाम है सिलौटा बखौरा

मूल दाउदनगर पुराना शहर है, नया शहर अहमद खां ने बसाया था



उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) :

दाऊद खां के आगमन से पहले भी दाउदनगर का इलाका था, जिसे सिलौटा बखौरा कहा जाता था। अभी भी जमीन संबन्धी पुराने दस्तावेजों में यह लिखा मिलता है। यह अंछा परगना का हिस्सा था। अब भी जमीन निबंधन में परगना अंछा ही लिखा जाता है। जमीन संबन्धी जानकार अनंत प्रसाद बताते हैं कि निबंधन में परगना अंछा लिखना अति आवश्यक है अन्यथा खतियान निकालने में समस्या आती है। इस सिलौटा बखौरा का बाद में बंटवारा हुआ था। इसके लिए मुकदमा हुआ और फिर नया शहर व पुराना शहर का विभाजन हुआ। विभाजन रेखा बना दाउदनगर-बारूण पथ। जब नगर परिषद का चुनाव हो रहा है तो यह जानना दिलचस्प होगा। शहर का पहला मानचित्र जिसे सर्वे नक्शा के नाम से जाना जाता है, वह सन 1911-12 में बना था। 1901 में शहर में प्लेग की महामारी हुई थी। तब शहर में मात्र चार वार्ड थे और आबादी थी 9744, मगर इस महामारी ने आबादी घटा दिया। जब 1911 में जनगणना हुई तो संख्या- घटकर मात्र 9149 हो गई। अगर इस नक्शे को वर्तमान नक्शे से मिलाया जाए तो पता चलेगा कि कितनी जमीनों पर अवैध दखल कब्जा है। हद यह कि उसके दस्तावेज तैयार कर लिए गए। जमीनों की खरीद फरोख्त होती है। मूल पुराना शहर ही दाउदनगर था। जिसे नया शहर कहते हैं, उसे दाउद खां के वंशज नवाब अहमद खान ने बसाया था। इस कारण इसे अहमदगंज भी कहा जाता था। आधुनिकता ने इसके नाम को नया शहर में बदल दिया। आबादी बढी तो प्राथमिकताएं और आवश्यकताएं भी बदली। श्रमण संस्कृति का वाहक-दाउदनगर पुस्तक बताता है कि सन 1920-21 में केस नंबर-65,  तौजी संख्या-191 के जरिये सिलौटा बखोरा का बंटवारा हुआ। बंटवारा कार्यालय बी.एल.माथुर (अधिनियम-58 बी.सी-1887) द्वारा यह बंटवारा 08 सितंबर 1930 को किया गया। पुराना शहर और नया शहर के रुप में बंटवारा हुआ। तब शहर में कुल छः वार्ड बन गए थे और आबादी हो गई थी- मात्र 8511 (जनगणना -1921 के अनुसार)। हालांकि बंटवारा होने के बाद की जनगणना जब 1931 में हुई तो शहर की आबादी हो गई थी-11699, यह बड़ी उछाल थी जनसंख्या वृद्धि में 37.46 फीसद की उछाल। पुराना शहर बारुण रोड के पश्चिम सोन तट एवं उत्तर में नोनिया बिगहा,  दक्षिण में काली स्थान एवं अमृत बिगहा तक है। इसमें कभी चार वार्ड क्रमशः एक,  दो, तीन एवं चार था। वर्तमान में कई वार्ड बन गए हैं। नया शहर जो है वह पूरब में बुधन बिगहा तक, उत्तर में उमरचक और दक्षिण में बुधु बिगहा तक है। 



पूरब और पश्चिम में है इतने वार्ड

दाउदनगर बारुण रोड नई शहर और पुरानी शहर की विभाजक रेखा है। इस सड़क के पश्चिम में पुरानी शहर है और पूरब में नई शहर है। इस सड़क के पश्चिम में वार्ड संख्या एक से लेकर नौ तक आबाद है। जबकि पूरब में वार्ड संख्या 10 से लेकर 27 तक आबाद है।