Friday 26 May 2023

लिखने को एजेंडा और बात जातीय समीकरण साधने की



नगर निकाय चुनाव : लिखने को एजेंडा और बात जातीय समीकरण साधने की  

नगर निकाय चुनाव का प्रचार होने लगा है तेज  

हर कोई गिना रहा जातीय वोट का प्रतिशत  

मिलेगा किस जाति का कितना वोट बता रहे प्रत्याशी  

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नगर परिषद दाउदनगर का चुनाव प्रचार तेज हो गया है। हालांकि बैनर पोस्टर बनवाने में काफी प्रत्याशियों को अभी सफलता नहीं मिली है। समय लग रहा है उनको। इसलिए अभी बैनर पोस्टर और संगीतमय प्रचार सामग्री शहर में अभी नहीं दिख रहे हैं, लेकिन स्थिति यह है कि हर प्रत्याशी अपना जातीय समीकरण गिना रहे हैं। यह बता रहे हैं कि किस जाति का कितना प्रतिशत वोट उनके पक्ष में जाएगा। यह और बात है कि जो हैंडव्हील और पोस्टर शहर में दिख रहे हैं उसमें जो घोषणा पत्र है, उसमें पार्षद, उप मुख्य पार्षद और मुख्य पार्षद के प्रत्याशी सभी जात नहीं जमात की बात कर रहे हैं। लेकिन मौखिक तौर पर हर कोई जाति की चर्चा कर रहा है। हर जाति का वोट गिना रहा है। किस जाति का कितना वोट है, किस जाति का कितना प्रतिशत वोट मिलेगा, यह प्रायः हर प्रत्याशी गिनाने में व्यस्त हैं। ऐसे भी बिहार में चुनाव की चर्चा बिना जातीय समीकरण साधने, जाति की बात किये बिना बड़ी मुश्किल होती है। जात नहीं जमात की बात करने से किसी नेता को परहेज नहीं दिख रहा। स्थिति यह है कि जातीय आंकड़ा भी निकाल लिया गया है। एक समुदाय विशेष का मत गिन कर बता दिया गया कि 7449 मत है। जाति समूह और जातियों की चर्चा खूब हो रही है। एजेंडे की बात कम हो रही है। यह और बात है कि लिखित घोषणा पत्र में मुद्दों की संख्या भी खूब शामिल है। 



नगर परिषद : चुनावी चकल्लस 


बदलिएगा छवि तो होगी क्षति 

दाउदनगर नगर परिषद चुनाव की गतिविधियां चल रही हैं। ऐसे में एक से एक चर्चाएं भी हो रही है। एक प्रत्याशी दुकान पर जाकर बोले- अमुक धर्म के डेलीगेट बड़ी मात्रा में घर पर आ रहे हैं और चुनाव जीतने का भरोसा दे रहे हैं। दुकानदार ने कहा कि- आपकी छवि एक कट्टर की है। ऐसा करेंगे तो आप की छवि को क्षति होगी और जो लोग आपकी कट्टरता के कारण आप को वोट देने वाले हैं वह भी वोट नहीं देंगे। स्थिति हो जाएगी दो नाव पर चढ़ने वाली। इसके बाद नेताजी को समझ में आया कि दुकानदार ठीक कह रहा है। तब कहा कि- इतनी सही बात बताता कहां है कोई। एकदम सही बताएं। अब यह बात किसी से ना कहेंगे। 

वार्ड से भी जाइएगा और चेयरमैन से भी

 एक प्रत्याशी के प्रतिनिधि अपना वोट जोड़वा रहे थे कि उन्हें अमुक अमुक का वोट कितना मिलेगा और वे चुनाव जीत रहे हैं। इस पर दो बुजुर्गों ने कहा कि चेयरमैन का चुनाव आप नहीं जीत पाओगे, इसलिए बेहतर है कि वार्ड का चुनाव लड़ते। कहीं ऐसा न हो कि वार्ड छोड़ कर वार्ड से भी तो गए ही कहीं चेयरमैन भी नहीं बन सकेंगे और धन की बर्बादी होगी सो अलग। नेताजी फिलहाल चेयरमैन बनने के लिए वोट मांगते चल रहे हैं।

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