Monday 8 May 2023

वर्ष 1920-21 में हुआ था सिलौटा बखौरा का बंटवारा

 


08 सितंबर 1930 को किया गया था शहर का बंटवारा

पुराना शहर और नया शहर के रुप में हुआ था बंटवारा

दाउदनगर का पुराना नाम है सिलौटा बखौरा

मूल दाउदनगर पुराना शहर है, नया शहर अहमद खां ने बसाया था



उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) :

दाऊद खां के आगमन से पहले भी दाउदनगर का इलाका था, जिसे सिलौटा बखौरा कहा जाता था। अभी भी जमीन संबन्धी पुराने दस्तावेजों में यह लिखा मिलता है। यह अंछा परगना का हिस्सा था। अब भी जमीन निबंधन में परगना अंछा ही लिखा जाता है। जमीन संबन्धी जानकार अनंत प्रसाद बताते हैं कि निबंधन में परगना अंछा लिखना अति आवश्यक है अन्यथा खतियान निकालने में समस्या आती है। इस सिलौटा बखौरा का बाद में बंटवारा हुआ था। इसके लिए मुकदमा हुआ और फिर नया शहर व पुराना शहर का विभाजन हुआ। विभाजन रेखा बना दाउदनगर-बारूण पथ। जब नगर परिषद का चुनाव हो रहा है तो यह जानना दिलचस्प होगा। शहर का पहला मानचित्र जिसे सर्वे नक्शा के नाम से जाना जाता है, वह सन 1911-12 में बना था। 1901 में शहर में प्लेग की महामारी हुई थी। तब शहर में मात्र चार वार्ड थे और आबादी थी 9744, मगर इस महामारी ने आबादी घटा दिया। जब 1911 में जनगणना हुई तो संख्या- घटकर मात्र 9149 हो गई। अगर इस नक्शे को वर्तमान नक्शे से मिलाया जाए तो पता चलेगा कि कितनी जमीनों पर अवैध दखल कब्जा है। हद यह कि उसके दस्तावेज तैयार कर लिए गए। जमीनों की खरीद फरोख्त होती है। मूल पुराना शहर ही दाउदनगर था। जिसे नया शहर कहते हैं, उसे दाउद खां के वंशज नवाब अहमद खान ने बसाया था। इस कारण इसे अहमदगंज भी कहा जाता था। आधुनिकता ने इसके नाम को नया शहर में बदल दिया। आबादी बढी तो प्राथमिकताएं और आवश्यकताएं भी बदली। श्रमण संस्कृति का वाहक-दाउदनगर पुस्तक बताता है कि सन 1920-21 में केस नंबर-65,  तौजी संख्या-191 के जरिये सिलौटा बखोरा का बंटवारा हुआ। बंटवारा कार्यालय बी.एल.माथुर (अधिनियम-58 बी.सी-1887) द्वारा यह बंटवारा 08 सितंबर 1930 को किया गया। पुराना शहर और नया शहर के रुप में बंटवारा हुआ। तब शहर में कुल छः वार्ड बन गए थे और आबादी हो गई थी- मात्र 8511 (जनगणना -1921 के अनुसार)। हालांकि बंटवारा होने के बाद की जनगणना जब 1931 में हुई तो शहर की आबादी हो गई थी-11699, यह बड़ी उछाल थी जनसंख्या वृद्धि में 37.46 फीसद की उछाल। पुराना शहर बारुण रोड के पश्चिम सोन तट एवं उत्तर में नोनिया बिगहा,  दक्षिण में काली स्थान एवं अमृत बिगहा तक है। इसमें कभी चार वार्ड क्रमशः एक,  दो, तीन एवं चार था। वर्तमान में कई वार्ड बन गए हैं। नया शहर जो है वह पूरब में बुधन बिगहा तक, उत्तर में उमरचक और दक्षिण में बुधु बिगहा तक है। 



पूरब और पश्चिम में है इतने वार्ड

दाउदनगर बारुण रोड नई शहर और पुरानी शहर की विभाजक रेखा है। इस सड़क के पश्चिम में पुरानी शहर है और पूरब में नई शहर है। इस सड़क के पश्चिम में वार्ड संख्या एक से लेकर नौ तक आबाद है। जबकि पूरब में वार्ड संख्या 10 से लेकर 27 तक आबाद है।



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