Wednesday 17 May 2023

रदद् हो सकता है नामांकन यदि यह स्थिति साबित हुई तो…

 


तीन संतान वाले नहीं कर सकते नामांकन प्रस्तावक और समर्थकों पर भी नियम लागू 

जुड़वा और गोद लेने को लेकर है अलग व्यवस्था 

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : जिस पुरुष या महिला को तीन संतान है वह नगर निकाय का चुनाव नहीं लड़ सकता। हालांकि गोद लेने और जुड़वा संतान होने को लेकर अलग व्यवस्था है। अवर निर्वाची पदाधिकारी मनोज कुमार के अनुसार इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग का स्पष्ट निर्देश है। बताया गया कि चार अप्रैल 2008 के बाद किसी दंपति को तीन संतान है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता। यह नियम प्रस्तावक और समर्थक पर भी लागू है। यानी तीन बच्चे का पिता या माता ना तो प्रत्याशी बन सकता है न किसी प्रत्याशी का समर्थन या प्रस्ताव बन सकता है। नामांकन के बाद 18 से 20 मई तक समीक्षा की तिथि है और इस दौरान यदि किसी ने किसी अभ्यर्थी या उसके प्रस्ताव के समर्थक के तीन संतान के पिता या माता होने का दावा किया तो वे अभ्यर्थी बनने से वंचित भी रह सकते हैं। इस संबंध में जो पत्र जारी है उसमें साफ कहा गया है कि किसी व्यक्ति की संतान की संख्या दो से ज्यादा हो, जिसमें एक या एक से अधिक का जन्म चार अप्रैल 2008 के पश्चात हुआ हो तो वह व्यक्ति नगरपालिका के किसी पद पर निर्वाचन के अयोग्य माना जाएगा। चार कहा गया है कि अप्रैल 2008 के पूर्व किसी को जुड़वा संतान पैदा हुआ है और वह जीवित है तो यह ज्ञात भी है और गणना भी की जा सकती है परंतु पूर्व से एक संतान है और चार अप्रैल 2008 के बाद जुड़वा संतान पैदा हुआ है तो निर्धारित तिथि को न तो ज्ञात था और न गणना करने की स्थिति थी ऐसी स्थिति में एक संतान होने की मान्यता दी गई है।

गोद लेने के संबंध में स्पष्ट निर्देश 2022 में नगर निकाय चुनाव के समय जारी हुआ था। जिसमें कहा गया है कि किसी व्यक्ति के पुत्र को दूसरे को कानूनी रूप से गोद दे दिए जाने के पश्चात भी उस संतान के पिता मूल रूप में वही कहे जाएंगे जो बायोलाजिकल हैं, ना कि जिस व्यक्ति ने गोद लिया है। किसी व्यक्ति विशेष अभ्यर्थी, समर्थक, प्रस्तावक के द्वारा अपने बच्चों को गोद दिए जाने के बाद भी उनके वास्तविक बच्चों की संख्या में कोई कमी नहीं मानी जाएगी और वह निर्वाचन लड़ने के लिए अयोग्य ही होगा।



मुख्य व उप मुख्य पार्षद के दस्तावेजों की समीक्षा आज 


वार्ड पार्षद पदों की समीक्षा आज और कल दो दिन

फोटो- एसडीओ मनोज कुमार 

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद गुरुवार को मुख्य और उप मुख्य पार्षद पदों के लिए प्राप्त नामांकन से संबंधित दस्तावेजों की समीक्षा की जाएगी। जबकि गुरुवार और शुक्रवार को वार्ड पार्षदों से संबंधित दस्तावेजों की समीक्षा होगी। एसडीओ सह निर्वाची पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि 18 मई को 11 बजे से मुख्य पार्षद का और एक बजे से उप मुख्य पार्षद के नामांकन दस्तावेजों की समीक्षा की जाएगी। जबकि इसी दिन वार्ड संख्या एक से पांच तक की समीक्षा दो बजे अपराहन से की जाएगी। 19 मई को वार्ड संख्या छह से 10 की समीक्षा पहले होगी। उसके बाद 12 बजे से वार्ड संख्या 11 से 15 तक, एक बजे से वार्ड संख्या 16 से 22 तक और दो बजे से वार्ड संख्या 23 से 27 तक के नामांकन दस्तावेजों की समीक्षा की जाएगी। 21 मई को नाम वापसी होगी और 23 मई को चुनाव चिन्ह का आवंटन किया जाएगा। मालूम हो कि नौ जून को मतदान होना है और 11 जून को मतगणना का कार्य संपन्न होगा।



मुख्य पार्षद के लिए दो ईवीएम का होगा इस्तेमाल



नोटा का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे मतदाता 

पहली बार एक साथ चार ईवीएम देखेंगे यहां के मतदाता

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) :  दाउदनगर नगर परिषद चुनाव के लिए मुख्य पार्षद पद के लिए दो ईवीएम का इस्तेमाल होना तय दिख रहा है। मतदाताओं के सामने चार ईवीएम होंगे जिसमें से तीन में वे बटन दबाकर अपने मत का इस्तेमाल कर सकेंगे। शनिवार तक कुल 26 एनआर इस पद के लिए कटे हैं। मंगोवार को उप मुख्य पार्षद पद के लिए कोई एनआर नहीं कटा है। मुख्य पार्षद के लिए संभावित 23 से 25 प्रत्याशी तक हो सकते हैं। क्योंकि कुछ एनआर एक ही व्यक्ति द्वारा कटवाया गया है। ऐसे में तय है कि दो ईवीएम का इस्तेमाल होगा। जबकि उप मुख्य पार्षद के लिए मात्र 10  एनआर कटे हैं। यहां संभावित प्रत्याशियों की संख्या इतनी ही होने का अनुमान है। वार्ड पार्षद के लिए सोमवार को आठ और मंगलवार को कुल छह एनआर कटे हैं। अब तक कुल 112 संभावित प्रत्याशियों ने एनआर कटवाया है। अभी तक कुल 148 एनआर काटे गए हैं। नगर निकायों के चुनाव में नोटा का इस्तेमाल नहीं होता है। अवर निर्वाची पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि एम 2 माडल का ईवीएम इसमें इस्तेमाल होता है। इसमें एक साथ 16 प्रत्याशी के चुनाव चिन्ह व नाम अंकित होंगे। जबकि दाउदनगर नगर परिषद के लिए संभावित उम्मीदवारों की संख्या 23 से 25 है। ऐसे में तय है कि मुख्य पार्षद के लिए दो ईवीएम का इस्तेमाल होगा। यानी एक व्यक्ति को एक साथ चार ईवीएम देखने को मिलेंगे। और तीन का इस्तेमाल कर उन्हें अपने तीन पद यानी मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद और वार्ड पार्षद के लिए देना होगा।


No comments:

Post a Comment