Saturday 30 September 2023

सूर्यनाथ पासवान हत्याकांड फालोअप : छह भूमि मालिक और एक मध्यस्थ बना आरोपित





घटना के 36 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली 

पति पत्नी साथ निकले थे टहलने, पत्नी ने कराई प्राथमिकी


संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : अमृत बिगहा निवासी सूर्यनाथ पासवान की शुक्रवार को हुई हत्या के मामले में सात व्यक्ति को नामजद आरोपित बनाया गया है। हत्या की वजह भूमि विवाद बताई गई है। जिस सिंहा परिवार की भूमि की खरीद बिक्री का मामला इस हत्याकांड से जुड़ा है उस परिवार के छह व्यक्ति और जमीन की खरीद बिक्री करने वाले एक व्यक्ति को नामजद आरोपित बनाया गया है। इस मामले में सूर्यनाथ की पत्नी लाखा देवी द्वारा प्राथमिकी कराई गई है। इस मामले में कान्दु राम की गड़ही निवासी श्यामरस सिन्हा के पुत्र बबलू सिंहा, लव सिन्हा, कुश सिंहा एवं अमित कुमार सिंहा, यदुनंदन प्रसाद के पुत्र संजय सिंहा और इनके पुत्र सनी कुमार के साथ भखरुआं निवासी जमीन की खरीद बिक्री का व्यवसाय करने वाले डब्लू तिवारी नामजद आरोपित बनाए गए हैं। प्राथमिकी के अनुसार लाखा देवी अपने पति सूर्यनाथ पासवान के साथ सुबह 4: 45 बजे अमृत बीघा स्थित अपने घर से टहलने के लिए निकले और पासवान चौक की तरफ जा रहे थे। इसी क्रम में लाखा देवी पीछे हो गई और सूर्यनाथ आगे निकल गए। लाखा  के पीछे भतीजा आकाश पासवान और सोनू पासवान भी थे। प्राथमिकी के अनुसार इसी बीच दो मोटरसाइकिल पर सवार छह व्यक्ति आये। बबलू सिंहा बोला कि यही है गोली मार दो। संजय सिंहा ने गोली मार दिया। सूर्यनाथ घर की तरफ भागने लगे तब डब्लू तिवारी ने सिर में गोली मार दी और वह वहीं गिर गए। संजय सिंहा व लव सिन्हा ने पेट में गोली मारी। कुश सिन्हा एवं सनी कुमार मोटरसाइकिल चालू रखे हुए थे। अमित कुमार सिंहा पहले से कुछ दूरी पर खड़ा था और बोल रहा था कि आ जाइए काम हो जाएगा। सभी लोगों ने एक साथ होकर गोली मार दिया। इधर घटना के 36 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ इस मामले में खाली है। घटना के दिन प्राथमिकी आवेदन का इंतजार कर रही पुलिस अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तार नहीं कर सकी है।



जमीन रखने के लिए फंसाया गया नामजद आरोपित कुश सिंहा ने बताया कि हत्याकांड से इनका कोई लेना-देना नहीं है। सिर्फ जमीन हड़पने के लिए पूरे परिवार को नामजद आरोपित बना दिया गया है। जबकि हत्या या किसी भी तरह की हिंसक गतिविधि से कोई वास्ता कभी नहीं रहा है।



मारपीट में बने थे सूर्यनाथ समेत तेरह नामजद


14 मई 2022 को इसी भूमि विवाद को लेकर मारपीट की घटना हुई थी। तब अनुज कुमार सिन्हा की पत्नी अर्पणा कुमारी द्वारा प्राथमिकी कराई गई थी। इस मामले में कुश सिंहा और बबलू सिंहा घायल हुए थे। इस मामले में कराई गई प्राथमिकी में अमृत बिगहा के महेंद्र पासवान, सूर्यनाथ पासवान, हरिनाथ पासवान, कुंदन पासवान, राजेंद्र पासवान, पिंटू पासवान, राजवीर पासवान, रंजन चौधरी, संतोष पासवान, शैलेश पासवान, सनी पासवान, बिरजा पासवान और सच्चिदानंद पासवान आरोपित बनाए गए थे।


विवाद की वजह एक एकड़ 47 डिसमिल जमीन


 प्राप्त जानकारी के अनुसार अशोक इंटर विद्यालय के समीप छोटी फील्ड के पास स्थित एक एकड़ 47 डिसमिल जमीन विवाद के केंद्र में है। बताया जाता है कि इस जमीन के मालिकाना हक को लेकर पहले भी विवाद रहा है। जिसे लेकर हुई मारपीट में सूर्यनाथ पासवान समेत 13 नामजद आरोपित बनाये गए थे। इसी जमीन का मालिकाना हक तय करने के मामले में तत्कालीन अंचल अधिकारी विजय कुमार और कर्मचारी खुर्शीद आलम के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है। इसी जमीन के आधे हिस्से पर संजय सिंहा का हक है। लगभग 72 डिसमिल जमीन उन्होंने बिक्री करने के लिए डब्लू तिवारी से एग्रीमेंट कर रखा था। इस जमीन की चारदीवारी की गई थी जिसे तोड़ दिया गया था और इसी मामले में डब्लू तिवारी के साथ बाद में मारपीट की गई थी। जमीन से जुड़े विवाद बढ़ते जाने के बीच यह हत्या हुई है।


हत्या की तिथि-29 सितंबर 2023

पार्किंग, पार्क, लाइब्रेरी, कंपोस्ट पीट, बाजार, शौचालय, सामुदायिक भवन की योजना रद्द

 


दुर्भावना से ग्रसित वार्ड पार्षदों ने किया विकास बाधित 

वार्ड पार्षदों ने रद्द कराई अपने वार्ड की योजना : मुख्य पार्षद 

जिउतिया में वार्ड पार्षदों के असहयोग का है डर

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नगर परिषद की सामान्य बैठक में शुक्रवार को काफी वाद विवाद हुआ। 21 सितंबर को सशक्त स्थाई समिति की बैठक में लिए गए सभी निर्णय को रद्द कर दिया गया। नतीजा विकास की जो योजनाएं रद्द हुई, अंतत उसका खामियाजा शहर को भुगतना पड़ेगा। नगर परिषद बोर्ड, सशक्त स्थाई समिति और वार्ड पार्षदों के बीच शुक्रवार को हुए विवाद के कारण जो 30 योजनाएं रद्द की गई उसमें शहर के लिए जरूरी पार्किंग, कई शौचालय, नगर परिषद कार्यालय के पास दुकान बनाना, जिउतिया लोकउत्सव, पुस्तकालय जैसी योजनाएं ली गई थीं, और सबको रद्द कर दिया गया। इसमें सफाई के लिए कंपोस्ट पीट, मशीन, स्टील पानी का टैंकर, ट्रैक्टर खरीदने, जल संचय जैसी योजनाओं को रद्द कर दिया गया। इस मुद्दे पर मुख्य पार्षद अंजली कुमारी ने बताया कि कुल 30 योजनाएं रद्द की गई है। जिससे काफी नुकसान होगा। जिउतिया,  दुर्गा पूजा, छठ में श्रद्धालु प्रभावित होंगे। बताया कि वार्ड के भ्रमण के दौरान उनके साथ संबंधित वार्ड पार्षद भी रहते थे। नाली गली में पटिया टूटा हुआ था। मरम्मत के कई कार्य आवश्यक हैं ताकि लोगों को आने-जाने में सुविधा हो। भ्रमण में साथ रहने वाले वार्ड पार्षदों ने भी बोर्ड की बैठक में रद्द करने पर सहमति जाहिर की। सशक्त स्थाई समिति के सदस्य डाक्टर केदारनाथ सिंह ने कहा कि दुर्भावना से ग्रसित कुछ वार्ड पार्षदों ने अधिकतम वार्ड पार्षदों को बरगलाया। जिसका नेतृत्व वसंत कुमार ने किया और सशक्त स्थाई समिति में लिए गए निर्णय को रद्द कर दिया। जिसका खामियाजा अंततः शहर को भुगतना पड़ेगा। विकास की योजनाएं पीछे चली गई। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि विकास की योजनाएं रद्द कराई जाए। सशक्त स्थाई समिति के ही सदस्य दिनेश प्रसाद ने कहा कि सबके सहयोग और सहमति से योजना ली गई थी। दुख की बात है की पार्षद अब सहयोग नहीं कर रहे हैं। इनके कथनी और करनी में फर्क है। पीछे से वार करते हैं। कहा कि डर है कि जितिया आयोजन में भी वार्ड पार्षद पैर न खींचने का काम कर दें।




किसी को बरगलाया नहीं गया 


वार्ड पार्षद बसंत कुमार ने कहा कि सभी माननीय हैं। किसी को बरगलाया नहीं गया है। जो भी निर्णय बैठक में लिया गया वह सहमति से हुआ है। सभी पांच विषय को रद्द किया गया। प्रश्न यह है कि जब पैसा है ही नहीं जो 180 योजनाएं ली गई है उसके कार्यान्वयन के लिए तो फिर नई योजनाएं लेकर जनता को भरमाने का काम क्यों किया जा रहा है।


भूमि विवाद को लेकर सूर्यनाथ पासवान की गोली मारकर हत्या

 


 सुबह की सैर के वक्त अपराधियों ने भुना  

थाना के सामने से भागे अपाचे पर सवार तीन अपराधी  

हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पांच घंटे जाम रहा दाउदनगर बारुण पथ 

पुलिस के हाथ खाली, मिला सिर्फ एक खोखा और बुलेट का अगला हिस्सा  

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : दाउदनगर बारुण रोड पर थाना से बमुश्किल आधा किलोमीटर दूर स्थित पासवान चौक पर अमृत बिगहा निवासी सूर्यनाथ पासवान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मंगलवार की अहले सुबह लगभग 5:00 बजे अपाचे सवार तीन अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया। घटनास्थल से लगभग 200 मीटर दूर है मृतक का गांव अमृत बिगहा। घटना को लेकर उनके स्वजनों द्वारा संवाद प्रेषण तक प्राथमिकी आवेदन थाना को नहीं दिया गया है। इसलिए पुलिस भी घटना का कारण स्पष्ट बताने से परहेज कर रही है। हालांकि इसे भूमि विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है। मृतक जमीन की खरीद बिक्री का काम करते थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह लगभग 5:00 बजे सूर्यनाथ पासवान पासवान चौक पर सुबह की सैर के वक्त किसी की प्रतीक्षा कर रहे थे। इसी बीच सफेद रंग के अपाचे पर सवार अपराधियों ने उन्हें घेर लिया। उन पर फायरिंग की। घटना को अंजाम दे हत्यारे थाना के सामने से ही भागे। एसडीपीओ कुमार ऋषि राज के अनुसार एक व्यक्ति बाइक चला रहा था जबकि अन्य दो व्यक्ति द्वारा फायरिंग की गई। एक गोली पेट में और एक गोली सर में दाहिने तरफ लगी है। पुलिस ने घटनास्थल से एक खोखा और बुलेट का अगला हिस्सा बरामद किया है। बताया जा रहा है कि 315 बोर का खोखा लग रहा है। घटना की सूचना के तत्काल बाद अपर थाना अध्यक्ष सुनील कुमार और एसआई ललन प्रसाद यादव एवं अन्य सशस्त्र पुलिस बल के जवान पहुंचे। ग्रामीणों ने हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया। लगभग पांच घंटे तक सड़क जाम रहा। यह वह स्थान है जहां रामविलास पासवान की प्रतिमा लगी हुई है और यहां से पांच सड़के निकली हैं। एक सोन की तरफ, एक अमृत बिगहा की तरफ, एक थाना की तरफ, एक पचकठवा की तरफ और एक शहर के मोहल्ले में जाती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना की वजह भूमि विवाद बताया जा रहा है। पुलिस इसी बिंदु को लेकर आगे बढ़ रही है। अपर थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि मृतक के स्वजनों द्वारा कोई प्राथमिकी आवेदन नहीं दी गई है। कोई कारण नहीं बताया गया है। किसी को लेकर आशंका जाहिर नहीं की गई है। बताया गया कि हत्यारे घटना को अंजाम देने के बाद दाउदनगर बारूण रोड से ही थाना के सामने से भागे हैं।


 गाजर मूली की तरह काटे जा रहे लोग 

प्रशासन कार्रवाई नहीं किया तो लोग खुद करेंगे अपराध नियंत्रण  

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : लोजपा के जिला अध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह उर्फ सोनू सिंह ने कहा कि बिहार में लोग गाजर मूली की तरह काटे जा रहे हैं। बिहार में हत्याओं का दौर जारी है। कहा कि जल्द से जल्द पुलिस अपराधियों को पकड़कर सलाखों के पीछे भेजे। घटना देखकर दिल दहल जा रहा है। सरकार प्रशासन से मांग की कि जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाले। नहीं तो आज उनकी बारी है, कल इनकी बारी है, कल मेरी बारी आएगी, कल सबकी बारी आएगी। कहा कि जो लोग ऐसे अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं उनको भी सावधानी की जरूरत है। ऐसे अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। कहा कि यह समाज के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है। मांग किया कि जितनी जल्द से जल्द इस घटना में कार्रवाई हो, नहीं तो औरंगाबाद में एक अलग सा तूफान आएगा। अपराधियों को अगर प्रशासन नहीं संभाल पायेगा तो लोग सड़क पर उतरेंगे और स्वंय अपराध पर नियंत्रण पाने का काम करेंगे। प्रशासन को कार्रवाई के लिए दो दिन का दिया वक्त अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष महेंद्र पासवान ने कहा कि प्रशासन को हम दो दिन का वक्त दे रहे हैं अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए। यदि ऐसा नहीं होता है तब चौक चौराहों पर पार्टी स्तर पर घेराव किया जाएगा। आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या कर दी गई। उसका परिवार का जीविकोपार्जन कैसे चलेगा। जदयू नेता विजय पासवान ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति के प्रविधानों के तहत बिहार सरकार मृतक के स्वजन को मुआवजा दे। लोजपा प्रखंड अध्यक्ष रमेश पासवान ने कहा कि यह हत्या काफी निंदनीय है और इस घटना के बाद इलाके में दहशत है।



पेशेवर अपराधियों के साहस के आगे पुलिस दिख रही बौनी, क्षेत्र में दहशत


पतेला की झाड़ की तरफ़ भागते तो बच सकती थी जान

  उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : दाउदनगर थाना और अमृत बिगहा के बीच बमुश्किल किलोमीटर की दूरी होगी और इसके बीच में पासवान चौक के पास उस वक्त सूर्य नाथ पासवान की हत्या की गई जब सुबह की सैर करने के लिए लोग आते जाते रहते हैं। पासवान चौक पर दूसरे कामों में व्यस्त लोग भी आते-जाते रहते हैं। घटना के वक्त भी कुछ लोग वहां मौजूद थे। ऐसे में इस हत्या से दहशत कायम है। हत्या की घटना को जिस तरह अंजाम दिया गया उससे यह स्पष्ट है कि हत्यारे पेशेवर अपराधी थे। अपराधियों द्वारा इतना साहस करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है और घटना के 12 घंटे बाद तक पुलिस के हाथ कुछ न लगना यह स्पष्ट बता रहा है कि इस घटना को लेकर पुलिस की स्थिति क्या है। घटना स्थल पर बताया गया कि सूर्यनाथ पासवान की जान बच सकती थी यदि वह हमले के बाद सीधी सड़क से अपने घर की ओर न भाग कर पास के पतेला वाले झाड़ में घुस जाते। कुछ लोगों का कहना था कि गोली चलने के बाद सूर्यनाथ पासवान करीब 200 फीट दूर तक दौड़कर भागे और अंततः सड़क के किनारे बेसुध गिर पड़े। यदि वह घर की तरफ ना भाग कर कुछ ही दूरी पर बाई तरफ स्थित पतेला की तरफ भाग जाते तो अपराधी शायद हमला करने की जगह भागने में भलाई समझते। ऐसे में उनकी जान बच सकती थी। बताया गया कि इनका तीन पुत्र व दो अविवाहित पुत्री है। एक बेटा की शादी हुई है। सूर्यनाथ की किसी से शत्रुता नहीं थी। वह सबसे बड़े प्यार से मिलते थे। कुशल व्यवहार के बताए जाते हैं। 



सीसीटीवी कैमरा को खंगाल रही है पुलिस  

तीन साल से खराब है थाना का सीसीटीवी कैमरा 

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : हत्या के तत्काल बाद प्रत्यक्ष दर्शियों ने यह स्पष्ट बता दिया था कि हत्यारे सफेद अपाचे पर सवार थे। उनकी संख्या तीन थी और हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद वे दाउदनगर बारुण रोड का इस्तेमाल करते हुए थाना के सामने से भागने में सफल रहे। इस रास्ते में पड़ने वाले सीसीटीवी कैमरा को पुलिस खंगाल रही है। एक व्यवसायी के घर जाकर उसके सीसीटीवी कैमरे को खंगाला गया है। सवाल यह है कि थाना का सीसीटीवी कैमरा में इस घटना को लेकर सबूत है या नहीं। अपर थाना अध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि सड़क के किनारे लगे सीसीटीवी कैमरा बीते तीन साल से अधिक समय से खराब पड़ा हुआ है। हाई रेजोल्यूशन का एक कैमरा जो लगा हुआ है अब पुलिस उसे खंगालेगी। इज़के लिए तकनीशियन को बुलाया गया है। सीसीटीवी कैमरा का तीन साल से अधिक समय से खराब होना यह बताता है कि अपराधों को लेकर पुलिस का रवैया कितना सुस्त है। पुलिस कितनी लापरवाह है और शायद ऐसे ही कई कारण है कि अपराधियों का मनोबल बढ़े हुए हैं और संज्ञेय अपराधों के मामले में भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगता। 


Wednesday 27 September 2023

शीघ्र होगा अनुमंडल व्यवहार न्यायालय का विस्तार



होना है 10 न्यायालय का निर्माण, बनेगा भवन 

न्यायिक दंडाधिकारियों के लिए बनेगा जी प्लस चार भवन 

संज्ञेय अपराधों की होने लगेगी यहीं सुनवाई

15 साल बाद पूरी होती दिख रही है विस्तार की मांग 

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : 26 अप्रैल 2008 को अनुमंडल कार्यालय परिसर में अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय का उद्घाटन तत्कालीन कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश पटना उच्च न्यायालय चंद्र मौली कुमार प्रसाद ने किया था। उसके कुछ साल के बाद से यहां का विधिज्ञ संघ मांग उठाता रहा कि न्यायालय का विस्तार होना चाहिए ताकि संज्ञेय अपराधों की सुनवाई यहीं हो सके। बहुत सारे मामले ऐसे हैं जिनकी सुनवाई के लिए औरंगाबाद जिला मुख्यालय जाना पड़ता है और इसमें मामले के सभी पक्षकारों को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक क्षति झेलनी पड़ती है। परेशानी होती है। 15 वर्ष बाद लगता है कि न्यायालय के विस्तार की मांग पूरी हो सकेगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार 30 डिसमिल जमीन इसके लिए चिन्हित कर लिया गया है। एसडीजेएम आफताब आलम ने बताया कि 10 न्यायालय का निर्माण होना है, जिसके लिए जी प्लस आठ भवन बनना है। स्वीकृति एवं अन्य प्रक्रिया प्राप्त होते ही निर्माण की प्रक्रिया पूरी शुरू हो जाएगी। इसके अलावा न्यायिक दंडाधिकारियों के लिए यहां कमरा बनेगा। यह जी प्लस चार होगा। कभी भी भवनों के निर्माण का काम शुरू हो सकता है। एसडीजेएम आफताब आलम ने बताया कि जिन मामलों में तीन साल से अधिक सजा का प्रविधान है उसकी भी सुनवाई दाउदनगर न्यायालय में होने लगेगी। यहां एडीजे कोर्ट होगा जिससे जमानत मामलों में भी आने वाली समस्या खत्म हो जाएगी। वादों की सुनवाई से संबंधित कई तरह की समस्या खत्म हो जाएगी। हालांकि यहां कितने एडीजे बैठेंगे यह संख्या पटना उच्च न्यायालय को तय करना है। इसके अलावा विधिज्ञ संघ यह मांग करता रहा है कि यहां मद्य निषेध उत्पाद न्यायालय भी रखा जाए। इसमें पेंच यह है कि इस न्यायालय के लिए एडीजे न्यायालय होना आवश्यक है। जब तक एडीजे न्यायालय यहां नहीं होता तब तक मद्य निषेध उत्पाद न्यायालय प्रारंभ नहीं हो सकता। इसलिए आवश्यक है कि यहां एडीजे न्यायालय हो। न्यायालयों के विस्तार से लोगों को काफी लाभ होगा।



इन मामलों की सुनवाई होने लगेगी दाउदनगर


एडीजे कोर्ट बनने के बाद संज्ञेय अपराधों की सुनवाई शुरू हो जाएगी। जिसमें 307, 376, 302 भादवि की धाराएं शामिल हैं। यहां जमानत खारिज होने के बाद में जिला जाना पड़ता है। यह समस्या भी खत्म हो जाएगी। अदालत से यहां जमानत खारिज होते ही एडीजे न्यायालय में जमानत के लिए आग्रह किया जा सकता है। तीन साल से अधिक सजा वाले मामलों की सुनवाई भी यहीं होने लगेगी। डेढ़ लाख रुपए से अधिक के सिविल वादों की सुनवाई यहीं होने लगेगी। और इसकी अंतिम सीमा तय नहीं है।



इन आठ थानों को होगा लाभ 


दाउदनगर अनुमंडल में आठ थाने हैं जो अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के अंतर्गत आते हैं। इसमें शामिल हैं- दाउदनगर, गोह, हसपुरा, ओबरा, उपहरा, खुदवां, देवकुंड और बंदेया।




लोगों को मिलेगा काफी लाभ 



एसडीजेएम आफताब आलम ने बताया कि यहां न्यायालय के विस्तार के बाद काफी लोगों को लाभ होगा। लोगों को जिन मामलों में औरंगाबाद जाना पड़ता है उनकी समस्या का समाधान दाउदनगर अनुमंडल व्यवहार न्यायालय में ही संपन्न होने लगेगा। उनके वादों का निस्तारण यहीं हो जाएगा। इससे उनका समय ऊर्जा और पैसा तीनों की बचत होगी।

Tuesday 26 September 2023

आपराधिक मामलों के निस्तारण में औसतन लगेगा छह साल से अधिक वक्त




अनुमंडल न्यायालय में 12000 आपराधिक मामले हैं लंबित 

दाउदनगर व्यवहार न्यायालय कर रहा वादों के निस्तारण की गति तेज 


उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : दाउदनगर अनुमंडल व्यवहार न्यायालय में वादों के निस्तारण में औसतन छह वर्ष का वक्त लग रहा है। यहां 12000 से अधिक मामले लंबित हैं। जबकि प्रत्येक वर्ष लगभग 1800 मामलों का निस्तारण हो पा रहा है। लोक अदालतों के आने से मामलों के निस्तारण में गति तेज हुई है। बताया गया कि अनुमंडल व्यवहार न्यायालय में कुल 11423 मामले लंबित हैं। वर्ष 2022 में दिसंबर तक 1851 आपराधिक और 107 सिविल मामलों का निस्तारण हुआ। इसी तरह 2023 में जनवरी से अगस्त महीने तक कुल 1484 आपराधिक मामले और 76 सिविल मामलों का निस्तारण किया गया है।


इन न्यायालयों में लंबित हैं इतने मामले

बोलते आंकड़े :-

न्यायालय-  अपराधिक मामले -सिविल मामले

एसडीजेएम आफताब आलम- 6129 - 00

न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सह अपर न्याय करता श्वेताभ शांडिल्य- 2573 -34 

न्यायिक दंडाधिकारी आशीष कुमार - 2573- 32 

न्यायकर्ता अविनाश कुमार- 00- 298



लोक अदालतों से बढ़ी है वाद निपटने की गति 


एसडीजेएम आफताब आलम ने बताया कि लंबित मामलों में लगभग 60 प्रतिशत सुलहनीय वाद होते हैं। 2022 से ले कर अबतक सुलहनीय वादों का निष्पदान 526 किया गया है। दोनों पक्ष यदि सहमत हैं तो बिना पूर्व नोटिस के ही लोक अदालत में आकर अपने वाद का निस्तारण कर सकते हैं। जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं उन्हें निशुल्क विधि सलाह भी उपलब्ध कराया जाता है। यदि जमानत होने के बाद भी कोई जमानतदार देने में सक्षम नहीं है तो उसे न्यायालय अपनी जमानत पर भी छोड़ सकता है। यह दोनों सुविधा प्रविधान के तहत आरोपित को उपलब्ध कराया जाता है।



बढ़ी है लोक अदालतों की संख्या 

बताया गया कि पहले जहां एक वर्ष में तीन लोक अदालत लगाए जाते थे। अब प्रत्येक वर्ष 2021 से चार लोक अदालत का आयोजन हो रहा है और इससे वादों के निस्तारण की गति काफी बढ़ी है। दाउदनगर के एसडीजेएम आफताब आलम आयोजित होने वाले लोक अदालत को अधिक सफल बनाने के लिए लगातार बैठक करते हैं और अधिवक्ताओं, पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश देते हैं। इससे यहां आयोजित होने वाले लोक अदालत में मामला निस्तारण के लिए दोनों पक्ष से लोग इकट्ठा होते हैं। कहा कि हमने कोशिश की है कि दाउदनगर में लगने वाला लोक अदालत वादों के निस्तारण के मामले में सर्वोच्च स्थान पर रहे।




Thursday 21 September 2023

नप के सैरात बंदोबस्ती धारक ने निजी विद्यालयों को भेजा नोटिस

 



मांगा नप क्षेत्र में बसों के परिचालन का प्रवेश शुल्क 

कहा भुगतान न करने पर रोक दिया जाएगा नप क्षेत्र में बस का प्रवेश 


विद्यालय संचालकों ने नोटिस और उसकी भाषा पर जताई आपत्ति संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नगर परिषद अपने राजस्व के लिए विभिन्न प्रकार के सैरातों की बंदोबस्ती करती रही है। 1885 का नगरपालिका है दाउदनगर, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि बस ट्रक ट्रैक्टर स्टैंड के नाम पर जो सैरात की बंदोबस्ती की गई उसके धारक ने निजी विद्यालयों को नोटिस जारी किया और कहा कि अपने स्कूल बस के चालक को प्रतिदिन नगर परिषद प्रवेश शुल्क की राशि देने का आदेश निर्गत करें, अथवा हमसे संपर्क कर मासिक भुगतान भी कर सकते हैं। यदि पत्र प्राप्ति के पांच दिन के अंदर नप प्रवेश शुल्क भुगतान प्रारंभ नहीं की गई तो आपके बस को नगर परिषद क्षेत्र में प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी। जिसके आप जिम्मेवार होंगे। इस नोटिस पर भेजने वाले का नाम विनोद कुमार अंकित है। जिसकी प्रतिलिपि कार्यपालक पदाधिकारी और अध्यक्ष को भेजने की बात अंकित है। विभिन्न निजी विद्यालयों के संचालकों का पहला प्रश्न तो यह है कि कोई ठेकेदार उन्हें नोटिस कैसे कर सकता है। इसके विधि सम्मत होने पर ही प्रश्न चिन्ह है। दूसरी आपत्ति यह है कि इसकी भाषा उचित नहीं है। दूसरी तरफ औरंगाबाद नगर परिषद में इस तरह का कोई टैक्स स्कूल बसों से नहीं लिया जाता है। जिला मुख्यालय में संचालित विवेकानंद विजन आइडियल पब्लिक स्कूल के निदेशक डाक्टर शंभू शरण सिंह ने कहा कि जिला मुख्यालय में स्कूल बसों के प्रवेश का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। इस पर सवाल पूछे जाने पर कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने बताया कि उन्हें प्रतिलिपि नहीं मिली है और ना ही संबंधित ठेकेदार द्वारा उन्हें कोई औपचारिक पत्र दिया गया है। इन्होंने बताया कि कई विद्यालय संचालकों ने फोन पर उनसे बात की और इस नोटिस पर आपत्ति दर्ज कराई है।



भारत में कहीं नहीं लगता इस तरह का शुल्क

 

 दाउदनगर में संचालित विवेकानंद विद्यालय समूह के संस्थापक निदेशक डा. शंभू शरण सिंह ने बताया कि भारत में कहीं भी विद्यालय वाहनों पर इस तरह का शुल्क नहीं लगाया जाता है। विद्यालय वाहनों का वाणिज्यिक निबंधन होता है लेकिन विद्यालय वेलफेयर स्कीम है। यदि ऐसा शुल्क लिया जाना अपेक्षित है तो बिहार सरकार को इस आशय की अधिसूचना जारी करनी चाहिए ना कि कोई बंदोबस्ती धारक नोटिस जारी कर सकता है। एंबुलेंस का भी वाणिज्यिक निबंधन होते हैं, लेकिन उनसे भी इस तरह का कोई टैक्स नहीं लिया जाता है।



बस का निबंध कमर्शियल इसलिए शुल्क आवश्यक 

बंदोबस्ती धारक विनोद कुमार ने बताया कि कमर्शियल बस से शुल्क लेना है। विद्यालय वाहन का निबंधन वाणिज्यिक होता है। इसलिए उनसे शुल्क लिया जाना उचित है। इस सैरात की बंदोबस्ती उनके नाम 12 सितंबर को 851600 में छह माह के लिए हुई है। यदि वह शुल्क नहीं लेंगे तो उनको नुकसान होगा।



मामला संज्ञान में, विद्यालयों से मांगा है पक्ष 


कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। कई विद्यालय संचालकों ने उन्हें फोन पर इस आशय की जानकारी दी है। उन्होंने विद्यालय संचालकों से अपना पक्ष रखने को कहा है। इसके बाद इसकी जांच करेंगे। वह यह भी देखेंगे कि यह विधि सम्मत है या नहीं।



जो विधि सम्मत होगा वही होगा

मुख्य पार्षद अंजली कुमारी ने कहा कि स्कूल वाहनों से नगर परिषद क्षेत्र में प्रवेश शुल्क लिए जाने के मामले में उन्होंने कार्यपालक पदाधिकारी को निर्देशित किया है कि पूरे मामले को गंभीरता से लें। इस मामले में वही होगा जो विधि सम्मत होगा।



Tuesday 19 September 2023

जिउतिया लोकोत्सव का नप करेगा आयोजन

 



पहली बार 2016 में नप ने कराया था लोकोत्सव

वर्ष 2017 से लगातार वर्ष 2021 तक नहीं हुआ था आयोजन

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : यहां के लोक कलाकारों का संशय समाप्त हो गया। यह तय हो गया है कि नगर परिषद जिउतिया लोकोत्सव का आयोजन करेगा। मुख्य पार्षद अंजली कुमारी की अध्यक्षता में मंगलवार को नप कार्यालय में बोर्ड की हुई अनौपचारिक बैठक में यह तय किया गया कि नगर परिषद द्वारा जिउतिया लोकोत्सव का आयोजन कराया जाएगा। आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए आगे कार्य योजना बनाई जाएगी। आयोजन समिति का गठन किया जाएगा। मुख्य पार्षद ने बताया कि जिउतिया पर्व दाउदनगर शहर की ऐतिहासिक विरासत है। इस विरासत को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उप मुख्य पार्षद कमला देवी, सशक्त स्थाई समिति सदस्य. केदारनाथ सिंह, दिनेश प्रसाद एवं परवीण कौसर, वार्ड पार्षद एहसान अहमद ,बसंत कुमार, राजू राम ,जय गोविंद प्रसाद, संजय प्रसाद, सोनी कुमारी, मोतीलाल ,राधा रमण पुरी, वार्ड पार्षद प्रतिनिधि सत्येंद्र कुमार, दीपक कुमार, शिवनाथ प्रसाद, प्रिंस कुमार, सियाराम सिंह,अनंतु लहरी ,संतोष कुमार, निर्मल सिंह उपस्थित रहे। मालूम हो कि बीते नगर निकाय चुनाव में प्रायः सभी प्रत्याशियों में जिउतिया लोकोत्सव मनाने की घोषणा की थी। मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद, वार्ड पार्षद पदों के प्रायः सभी प्रत्याशी इसमें शामिल थे। कलाकारों के मन में यह सवाल था कि क्या इस बार नगर परिषद जिउतिया लोकोत्सव का आयोजन करेगा। अब किसी भी प्रकार का संशय समाप्त हो गया है। मालूम हो कि सबसे पहले नगर परिषद कार्यालय द्वारा जिउतिया को लोक उत्सव के रूप में वर्ष 2016 में आयोजन किया गया था। नगर पंचायत से नगर परिषद बनने के बाद ससमय चुनाव न होने के कारण वर्ष 2017 में बोर्ड नहीं था इस कारण प्रशासन ने आयोजन नहीं कराया। फिर 2018 में बोर्ड बना तो तब से लगातार आयोजन नहीं किया गया। पिछले वर्ष 2022 में फिर मुख्य पार्षद मीनू सिंह ने आयोजन कराया। महत्वपूर्ण है आगामी छह अक्टूबर को नहाय खाय, सात अक्टूबर को व्रत और आठ अक्टूबर को पारण है।


दाउदनगर नासरीगंज सोनपुल की मरम्मत को कंपनियां तैयार नहीं

 


10 गुणा 10.25 मीटर के हिस्से का करना है नए सिरे से निर्माण 

बच्चे की जान बचाने के लिए तोड़ा गया था आरई वाल

विशेषज्ञ कंपनी के विश्लेषण के बाद होगा खर्च का आकलन 

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : बीते छह जून से दाउदनगर नासरीगंज सोनपुल का एक लेन (आधा हिस्सा) आवागमन के लिए बंद है। बिना मरम्मत किये इसे चालू नहीं किया जा सकता। यह मरम्मत कार्य कब होगा, पक्के तौर पर कोई बताने की स्थिति में नहीं है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के लिए हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी एचसीसी ने इस पुल का निर्माण किया था। अब वह कंपनी इसका मरम्मत करने को तैयार नहीं है। क्योंकि उसका तय समय पूरा हो चुका है और इसलिए वह मरम्मत कार्य करने को बाध्य नहीं किया जा सकता। दूसरी कंपनियां कम बजट का काम होने के कारण करने को तैयार नहीं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली और वाराणसी से आई कंपनियों की टीम ने निरीक्षण के बाद काम करने से मना कर दिया। अब एक नई कंपनी का प्रतिनिधि जाकर उसे देखा है, और जब वह रिपोर्ट देगा तब खर्च का आकलन कर प्राक्कलन बनाया जाएगा। बीआरपीएनएल के कनीय अभियंता बबलू कुमार ने बताया कि पुल चालू करने के लिए 10 मीटर लंबा और 10.25 मीटर चौड़ा हिस्सा तोड़कर नए सिरे से निर्माण करना होगा। बताया कि इस हिस्से को पूरी तरह नीचे से ऊपर तक तोड़कर बनाना है।



लगभग डेढ़ महीने का लगेगा वक्त 


बीआरपीएनएल के कार्यपालक अभियंता और दाउदनगर नासरीगंज सोनपुल के वरीय परियोजना प्रबंधक रूप नारायण शर्मा ने बताया कि एक कंपनी का प्रतिनिधि घटनास्थल का दौरा कर चुका है। लगभग डेढ़ महीने का वक्त अभी भी इसके निर्माण में लग सकता है। बिना निर्माण कार्य पूरा किए सोनपुल के दोनों हिस्से को प्रारंभ नहीं किया जा सकता।



एसडीओ ने की बीआरपीएनएल से बात

एसडीओ मनोज कुमार ने बताया कि उन्होंने बीआरपीएनएल के अधिकारियों से बात की है। शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रारंभ होने का आश्वासन अधिकारियों ने दिया है। 



क्यों बंद हुआ था सोनपुल


दाउदनगर से नासरीगंज की तरफ जाने के क्रम में सोन पुल के दाहिने तरफ का लेन पूरी तरह दोनों सिरे पर होम पाइप लगाकर बंद कर दिया गया है ताकि कोई भी वहां आ जा ना सके। बीआरपीएनएल के अधिकारियों के अनुसार यदि कोई वहां आता जाता है तो बड़ा हादसा हो सकता है। एक बच्चा की जान बचाने के लिए आर ई वाला को तोड़ा गया था। तब छह जून को नासरीगंज प्रखंड के अतमी गांव के निवासी 12 वर्षीय रंजन एक पिलर में फंस गया था। उसे बचाने के लिए लगभग 30 घंटे तक एनडीआरएफ की टीम ने काम किया था और अंततः उसे बचाया नहीं जा सका। लेकिन उसे निकालने के लिए आरई वाल को तोड़ा गया था। तब से ही यह रास्ता बंद है।



Saturday 16 September 2023

135 शिक्षकों को विद्यालय में बनाया गया प्रधानाध्यापक

 


मध्य विद्यालयों में पदस्थापित स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक बने प्रधानाध्यापक 

वेतनमान में कोई बदलाव नहीं, नहीं कर सकते अतिरिक्त दावा

प्रधानाध्यापक के रिक्त पद पर पूर्णकालिक कार्य को पदस्थापित 

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : मध्य विद्यालयों में जहां प्रधानाध्यापक का पद रिक्त है वहां स्नातकोत्तर योग्यता धारी स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक को प्रधानाध्यापक के रिक्त पद पर पूर्णकालिक रूप से कार्य करने के लिए पद स्थापित किया गया है। औरंगाबाद जिले के ऐसे 135 मध्य विद्यालय हैं जहां स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक को ही प्रधानाध्यापक के पद पर पदस्थापित किया गयाम है। उनके वेतन में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जारी पत्र के अनुसार जितना वेतन उन्हें प्राप्त होता था उसी वेतनमान पर वह प्रधानाध्यापक बनाए गए हैं। जारी पत्र में साफ कहा गया है कि मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पद पर पदस्थापन के फल स्वरुप कोई वित्तीय अथवा अन्य दावा अनुमन्य नहीं होगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जारी पत्र के विवरण के अनुसार संजय कुमार को बारुण के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बगतरपा में प्रधानाध्यापक बनाया गया है। इसी तरह बारुण के बहुती में धर्मेंद्र कुमार, मौआर खैरा में महेश पासवान, बड़का गांव में जयंत चौहान, कतेया में विजेंद्र मिस्त्री, महावीर गंज में अजीत कुमार सिंह, रतनपुरा में मिथिलेश कुमार, जरमा खाप में रामविलास सिंह, कांस में नरेश प्रसाद, दयालपुर में अनिरुद्ध कुमार, कुटुंब के डुमरी में गया दत्त चौधरी, चंदौत में दिलीप कुमार, मुरौली में मोहम्मद अयूब, हनेया में रामनरेश राम, कुसुमा बसडीहा में बाबूलाल राम, चिल्हकी अंबा में नंदलाल राम, बैजा बिगहा में जयराम कुमार, भरौंधा में अनिल कुमार, सिकरिया में उदय कुमार, खेतपुरा में शकील अहमद, कुटुंबा में अंबुज कुमार प्रधानाध्यापक बनाए गए हैं। मदनपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय तेलडीहा में रेनू अनीता टोप्पो, ऊचौली में कृष्ण कुमार केसरी, खजवतिया में  संजय कुमार, रुनिया में दिनेश पासवान, चिलमी में तपेश्वर कुमार, खिरियावां में अजय कुमार रंजन, महुआइन में अशोक कुमार, सलैया में राजकुमार प्रसाद गुप्ता, मंगरवा में सुरेश कुमार सत्यार्थी, बेला में गुप्ता पासवान, हसपुरा प्रखंड के अल्पा में अनिरुद्ध कुमार, झींगुरी में विभा कुमारी, तेतराही में राकेश कुमार सिंह, रघुनाथपुर में महताब आलम, हसपुरा में रविशंकर पाठक, उदयभान चक में सूर्यकांत पांडे, महदीपुर दो में विनोद कुमार, चौराही में केदार राम, परनपुरा में दिलीप कुमार, मुंजहर में चंद्रभूषण राम, बाला बीघा में शमशेर आलम, धमनी में रामखेलावन राम, बेला बीघा में रविशंकर रवि, महुआरी में सरफुद्दीन अंसारी, महुली में शशि रंजन कुमार, रफीगंज प्रखंड के सन्थुआ में विनय कुमार सिंह, दुगुल में अजय रजक, झकटिया में जैनुल आब्दीन, कजपा में मिथिलेश कुमार, रफीगंज में ललन राम, सिमवा में रामकुमार प्रसाद, कसमा में पांडव प्रसाद गुप्ता, बराही हिंदी में अशोक कुमार विचारक, रफीगंज में मशकुर आलम, अमरपुरा दो में शिवकुमार प्रजापति, बेरी में छोटन राम और धमनी खैरा में संजय कुमार, दाउदनगर प्रखंड के नीमा में अनिल कुमार, सोनी में सत्येंद्र कुमार, हिच्छन बिगहा में लालदेव कुमार, चमन बिगहा में राजीव रंजन शर्मा, इमामगंज में रेनू लता, तरार में मोहम्मद एनुअल हक, जिनोरिया में प्रमोद कुमार, पुरवारी टोला कनाप में मनोज कुमार, बिरई में संजय कुमार, केसराड़ी में ब्रजकिशोर प्रसाद, ठाकुर बिगहा में राजेश कुमार, अंगराही में रंजीत कुमार रत्ना, पिलछी में डा.अशोक कुमार, नोनार में रामानुज कुमार सुमन, बेलवा में विजय कुमार सिंह, ओबरा के एकौना में धर्मेंद्र कुमार, पोकठा में नरेश राम, कझवा एक में जितेंद्र कुमार, ऊब में काशीनाथ प्रसाद, सिपहां में परशुराम प्रसाद, गिरा ओबरा में दिनेश कुमार, देव कन्या मध्य विद्यालय में सुहैल अहमद, केसौर में दूधेश्वर राम, बेढ़ना में युनुस अंसारी, सिलाड़ में लव कुमार, भरकुर में सतीश प्रसाद, चांदपुर में सविता कुमारी चौरसिया, दोसम्हा में त्रिपुरारी चौधरी, नबीनगर के गुरदी में प्रहलाद प्रसाद, बड़की पाड़ी में सुरेंद्र कुमार, रजवारिया कला में जयचंद राम, गोगो में राज बिहारी कुमार, चंद्रगढ़ में राजेश कुमार सिंह, सरातू में महेंद्र मोची, इटवां में दिलीप कुमार, सिकरिया में ललन प्रसाद सिंह, रेगनियां में सिरध्वज कुमार सिंह, ओबरा प्रखंड के तारा में अफजल करीम, चंदा में कमलेश राम, चातर में हीरामन राम, डीहरा में विजय कुमार विद्या, परसा में नंदकिशोर सिंह, सदीपुर तकिया में मृत्युंजय कुमार, रामबाग घटारो में मनोज कुमार सिंह, उसरूमहा में अनिरुद्ध प्रसाद, बारा में संजय प्रसाद, औरंगाबाद प्रखंड के करहारा में बिरजाराम, नरसिंहा में ब्रजकिशोर प्रसाद, धनहारा में अनिल कुमार सिंह, झिकटिया में संजय कुमार, औरंगाबाद के सिमरा में विजय कुमार, चतरा में प्रमोद कुमार, पोखराहां में उपेंद्र कुमार सिंह, बिजोई में संतोष कुमार, खैरा सारिम में राजेश कुमार चौधरी, बेली में संजय कुमार, ममका में सरहद आलम, चौरिया में रंजन कुमार, इबनपुर में पंकज, बगैया में अमोद कुमार, दरियापुर में मुकेश कुमार रजक, मंझार में जितेंद्र कुमार गुप्ता, पडरांवा में सुनील कुमार सिंह, फेसरा में धर्मेंद्र कुमार सिंह, करंजा में शमी अहमद, बाकन में सुनील कुमार विकल, करमुखाप में कौसर आलम, देवरिया कला में संतोष कुमार, गोह के कैथी सिरो में पूनम कुमारी, भुरकुंडा में अनिल कुमार, घाटो में धीरेंद्र कुमार, डाढ़ा में कृष्ण कुमार चौधरी, कन्या मध्य विद्यालय गोह में अभय कुमार, कालोनी गोह में रविंद्र नाथ किशोर, चापुक में राजीव कुमार, नीरपुर में दिनेश कुमार सुमन और मुंजहारा में अखिलेश्वर प्रसाद को प्रधानाध्यापक के पद पर स्थापित किया गया है।


Thursday 14 September 2023

मुख्य पथ से जुड़ेंगे 100 से 220 आबादी वाले छह गांव

 


6.180 किलोमीटर लंबी कुल सड़क बनाई जाएंगी

669.786 लाख रुपये होना है ग्रामीण कार्य विभाग से खर्च

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) :

ग्रामीण कार्य विभाग मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत दाउदनगर डिविजन के अंतर्गत कुल छह गांव मुख्य पथ से शीघ्र ही जुड़ जाएंगे। इसके लिए कुल छह

योजनाओं के निर्माण एवं पंचवर्षीय अनुरक्षण कार्य हेतु प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। वित्तीय वर्ष 2023 -24 में एचडीबी वित्त सहायतार्थ बीआरआरपी द्वितीय मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना अवशेष के अधीन प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके तहत इन छह योजनाओं में कुल 6.180 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जानी है। जबकि इस पर कुल 669.786 लाख रुपये खर्च होना है। इस राशि में निर्माण के साथ पांच वर्ष के लिए अनुरक्षण की योजना पर होने वाला व्यय भी शामिल है।


प्राप्त विवरण के अनुसार ग्रामीण लार्य विभाग के दाउदनगर डिवीजन के अंतर्गत ओबरा प्रखंड में भरुब बेलवां रोड से शांति नगर तक 1.550 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाना है। जिससे 150 की आबादी लाभान्वित होगी। इसका प्राक्कलन राशि 175.992 लाख रुपये है। इसी डिवीजन के तहत रफीगंज प्रखंड में रफीगंज करमा रोड से सरावक गांव तक 1.120 किलोमीटर सड़क बनाई जानी है। जिससे 225 की आबादी लाभान्वित होगी। इस योजना पर 113.028 लाख रुपये खर्च किया जाना है। रफीगंज प्रखंड के ही खैरी अपकी पीएमजीएसवाई पथ से  धोबी बिगहा तक 1.510 किलोमीटर सड़क का निर्माण होना है। जिस पर 156.567 लाख रुपये खर्च होगा। इससे 210 की आबादी प्रभावित होगी। इसी तरह इसी प्रखंड में कसमा मथुरापुर रोड से सिंगापुर महादलित टोला तक 650 मीटर सड़क बनेगी। जिससे 120 की आबादी प्रभावित होगी। इस पर 75.569 लाख रुपये खर्च होना है। विभागीय पत्र पत्रांक 1576 दिनांक आठ सितंबर 2023 के विवरण के अनुसार दाउदनगर डिवीजन द्वारा इन चार सड़कों की कुल लंबाई 4.830 किलोमीटर है जिस पर 521.466 लाख रुपये खर्च होना है। इसी तरह ग्रामीण कार्य विभाग के पत्रांक 1575 दिनांक आठ सितंबर 2023 के अनुसार मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना अवशेष के तहत दाउदनगर डिवीजन के अंतर्गत दो सड़कों का निर्माण होना है। इसकी भी प्रशासनिक स्वीकृति मिल गयी है। इज़के तहत दाउदनगर प्रखंड में ठाकुर बिगहा से हसपुरा रोड से नवादा तक 310 मीटर की सड़क का निर्माण किया जाना है। जिससे 125 की आबादी लाभान्वित होगी। इस पर 32.721 लाख रुपये खर्च होना है। इसी तरह हसपुरा प्रखंड में दरबारी बिगहा से अंबेडकर नगर तक 1.040 किलोमीटर के निर्माण पर 115.599 लाख रुपये खर्च होना है। इससे 100 की आबादी प्रभावित होगी। इन दोनों योजनाओं के तहत 1.350 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा जिस पर 148.320 लाख रुपये खर्च होना है।



गांव आना जाना है मुश्किल 


दाउदनगर प्रखंड के कनाप पंचायत अंतर्गत नवादा गांव को भी सड़क योजना का लाभ मिला है। यह गांव आज तक सड़क से वंचित था, जबकि ठाकुर बिगहा हसपुरा पथ से इसकी दूरी मात्र 310 मीटर है। यहां की आबादी 100 बताई गई है। लोजपा के जिला सचिव अरविंद पासवान इसी गांव के निवासी हैं। वह बताते हैं कि सड़क की स्थिति काफी दयनीय है। कीचड़ और गड्ढा है। गड्ढे में पानी भर जाता है। नतीजा बाइक और साइकिल से फिसल कर लोग गिर जाते हैं। गंदा हुए बिना गांव से सड़क तक आना-जाना मुश्किल रहता है। बराबर दुर्घटना होते रहती है। इस सड़क के निर्माण के बाद गांव का विकास तेज गति से होगा।


Friday 8 September 2023

18 करोड खर्च लेकिन मालूम नहीं कितने घरों को मिल रहा पानी

 


शहर में बनाए गए हैं बुडको द्वारा दो जलमीनार

शहर के 27 में 21 वार्ड में जलापूर्ति योजना असफल 

जहां-तहां बहता रहता है पानी, पाइपलाइन है टूटे हुए 

परियोजना का प्राक्कलन तक नप को नहीं बताता बुडको 

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नगर परिषद क्षेत्र में कुल 27 वार्ड हैं जिसमें दो, तीन, चार, पांच, 26 और 27 वार्ड छोड़कर शेष सभी 21 वार्ड में बुडको द्वारा पाइपलाइन बिछाया गया है और जलापूर्ति की जिम्मेदारी संभाली गई है। शहर में विद्युत जलापूर्ति के मद में लगभग 18 करोड रुपए खर्च कर दिए गए हैं। महिला महाविद्यालय और कन्या इंटर विद्यालय के पास दो पानी टंकी बनाए गए हैं। शहर की विभिन्न गलियों में सड़कें काटकर पाइपलाइन बिछाई गई। घरों तक कनेक्शन दिया गया। लेकिन टूटी हुई सड़कों को मरम्मत नहीं कराया गया। जो पाइपलाइन प्लास्टिक के बिछाए गए वह दर्जनों जगत ध्वस्त हैं। टूट गए हैं। 

कई जगह सड़क पर पानी बहता है। नगर परिषद क्षेत्र में यह सब है, लेकिन नगर परिषद को यह मालूम ही नहीं है कि पाइपलाइन जो बिछाया गया उसका रोड मैप क्या है। भविष्य में यदि जरूरत पड़े कि पानी लीक हो रहा है तो यह पता ही नहीं चलेगा कि पाइप किस दिशा से कैसे बिछाया गया है। दूसरी समस्या यह है कि किन-किन घरों में पानी आपूर्ति की जा रही है, इसकी सूची नगर परिषद को दी ही नहीं गई है। नगर परिषद यह भी बताने में सक्षम नहीं है कि कुल कितने करोड रुपये की यह परियोजना है। नगर परिषद के अधिकारी कर्मचारी सब कहते हैं कि बुडको के अधिकारी उन्हें कोई जानकारी नहीं देते। कई बार इसके लिए जानकारी मांगी गई। इसके बावजूद कोई जानकारी नहीं देता।



बुडको और नप में विवाद 

बुडको द्वारा जल आपूर्ति परियोजना अभी तक नगर परिषद को नहीं सौंपी गई है। जबकि यह मामला कई वर्षों से चला आ रहा है। दोनों के बीच विवाद है। विभागीय कार्यपालक अभियंता प्रदीप झा ने संबंध में कहा कि नगर परिषद तैयार नहीं हो रहा है इसलिए उसे हैंड ओवर नहीं किया गया है। समय समाप्त हो जाने पर कई तरह के सवाल नगर परिषद उठा रहा है। दूसरी तरफ नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय कहते हैं कि बुडको को कई बार पत्र लिखा गया। लेकिन कोई जानकारी नहीं दे रहा। किस-किस घर में कनेक्शन है इसकी सूची नहीं दी जा रही है। परियोजना कार्यशील नहीं है। ऐसे में हैंडओवर कैसे ले सकते हैं।



पाइप लाइन में लीकेज की हुई थी शिकायत 

बीते 13 अप्रैल को नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने गत नगर विकास प्रमंडल बुडको के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखा था। जिसमें साफ कहा गया है कि वार्डों में जलापूर्ति अनियमित रूप से हो रही है। विभिन्न स्थानों पर पाइपलाइन में लीकेज के कारण पूरी क्षमता से जलापूर्ति घरों तक नहीं पहुंच रही है। नगर क्षेत्र में हर घर नल का जल योजना के अंतर्गत आच्छादित घरों की सूची अविलंब उपलब्ध कराते हुए अनियमित जलापूर्ति को नियमित करने के साथ-साथ पाइपलाइन लीकेज को दुरुस्त करवाया जाए लेकिन ना इसका बुडको ने जवाब दिया और ना इसे दुरुस्त किया।



पूरी तरह फेल है जलापूर्ति योजना


एलआईसी अभिकर्ता शम्भू शरण सिंह ने कहा कि शहर में नल जल योजना पूरी तरह फेल है। बहुत खराब है। पानी आ नहीं रहा पाइप से। आ भी रहा है तो सड़क पर बह रहा है। सड़कें काट कर खराब कर दी गयी है। पाइप हर जगह टूटी हुई है। 



शीघ्र होगा समस्या का समाधान 

मुख्य पार्षद अंजली कुमारी ने बताया के जलापूर्ति की समस्या को लेकर संबंधित अधिकारियों से बात हुई है। वे शीघ्र ही यहां आएंगे और समस्या की पहचान कर उसके समाधान का रास्ता निकालेंगे, इसका उन्हें भरोसा दिया गया है।