Thursday 21 September 2023

नप के सैरात बंदोबस्ती धारक ने निजी विद्यालयों को भेजा नोटिस

 



मांगा नप क्षेत्र में बसों के परिचालन का प्रवेश शुल्क 

कहा भुगतान न करने पर रोक दिया जाएगा नप क्षेत्र में बस का प्रवेश 


विद्यालय संचालकों ने नोटिस और उसकी भाषा पर जताई आपत्ति संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नगर परिषद अपने राजस्व के लिए विभिन्न प्रकार के सैरातों की बंदोबस्ती करती रही है। 1885 का नगरपालिका है दाउदनगर, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि बस ट्रक ट्रैक्टर स्टैंड के नाम पर जो सैरात की बंदोबस्ती की गई उसके धारक ने निजी विद्यालयों को नोटिस जारी किया और कहा कि अपने स्कूल बस के चालक को प्रतिदिन नगर परिषद प्रवेश शुल्क की राशि देने का आदेश निर्गत करें, अथवा हमसे संपर्क कर मासिक भुगतान भी कर सकते हैं। यदि पत्र प्राप्ति के पांच दिन के अंदर नप प्रवेश शुल्क भुगतान प्रारंभ नहीं की गई तो आपके बस को नगर परिषद क्षेत्र में प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी। जिसके आप जिम्मेवार होंगे। इस नोटिस पर भेजने वाले का नाम विनोद कुमार अंकित है। जिसकी प्रतिलिपि कार्यपालक पदाधिकारी और अध्यक्ष को भेजने की बात अंकित है। विभिन्न निजी विद्यालयों के संचालकों का पहला प्रश्न तो यह है कि कोई ठेकेदार उन्हें नोटिस कैसे कर सकता है। इसके विधि सम्मत होने पर ही प्रश्न चिन्ह है। दूसरी आपत्ति यह है कि इसकी भाषा उचित नहीं है। दूसरी तरफ औरंगाबाद नगर परिषद में इस तरह का कोई टैक्स स्कूल बसों से नहीं लिया जाता है। जिला मुख्यालय में संचालित विवेकानंद विजन आइडियल पब्लिक स्कूल के निदेशक डाक्टर शंभू शरण सिंह ने कहा कि जिला मुख्यालय में स्कूल बसों के प्रवेश का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। इस पर सवाल पूछे जाने पर कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने बताया कि उन्हें प्रतिलिपि नहीं मिली है और ना ही संबंधित ठेकेदार द्वारा उन्हें कोई औपचारिक पत्र दिया गया है। इन्होंने बताया कि कई विद्यालय संचालकों ने फोन पर उनसे बात की और इस नोटिस पर आपत्ति दर्ज कराई है।



भारत में कहीं नहीं लगता इस तरह का शुल्क

 

 दाउदनगर में संचालित विवेकानंद विद्यालय समूह के संस्थापक निदेशक डा. शंभू शरण सिंह ने बताया कि भारत में कहीं भी विद्यालय वाहनों पर इस तरह का शुल्क नहीं लगाया जाता है। विद्यालय वाहनों का वाणिज्यिक निबंधन होता है लेकिन विद्यालय वेलफेयर स्कीम है। यदि ऐसा शुल्क लिया जाना अपेक्षित है तो बिहार सरकार को इस आशय की अधिसूचना जारी करनी चाहिए ना कि कोई बंदोबस्ती धारक नोटिस जारी कर सकता है। एंबुलेंस का भी वाणिज्यिक निबंधन होते हैं, लेकिन उनसे भी इस तरह का कोई टैक्स नहीं लिया जाता है।



बस का निबंध कमर्शियल इसलिए शुल्क आवश्यक 

बंदोबस्ती धारक विनोद कुमार ने बताया कि कमर्शियल बस से शुल्क लेना है। विद्यालय वाहन का निबंधन वाणिज्यिक होता है। इसलिए उनसे शुल्क लिया जाना उचित है। इस सैरात की बंदोबस्ती उनके नाम 12 सितंबर को 851600 में छह माह के लिए हुई है। यदि वह शुल्क नहीं लेंगे तो उनको नुकसान होगा।



मामला संज्ञान में, विद्यालयों से मांगा है पक्ष 


कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। कई विद्यालय संचालकों ने उन्हें फोन पर इस आशय की जानकारी दी है। उन्होंने विद्यालय संचालकों से अपना पक्ष रखने को कहा है। इसके बाद इसकी जांच करेंगे। वह यह भी देखेंगे कि यह विधि सम्मत है या नहीं।



जो विधि सम्मत होगा वही होगा

मुख्य पार्षद अंजली कुमारी ने कहा कि स्कूल वाहनों से नगर परिषद क्षेत्र में प्रवेश शुल्क लिए जाने के मामले में उन्होंने कार्यपालक पदाधिकारी को निर्देशित किया है कि पूरे मामले को गंभीरता से लें। इस मामले में वही होगा जो विधि सम्मत होगा।



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