Wednesday 30 December 2015

छुट्टियां न मनाने का अब मिला प्रतिफल

सास के कहने पर भी नहीं की वकालत
बच्चों को दिये समय का अब गर्व
फोटो-इशान के पिता प्रणव कुमार पांडेय और माता सुचित्रा सिंह
उपेन्द्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) इशान किशन यूं ही भारतीय अंडर 19 क्रिकेट टीम का कप्तान नहीं बना है। उसका क्रिकेट कैरियर बनाने के लिए अधिवक्ता मां सुचित्रा सिंह और पिता प्रणव कुमार पांडेय ने बहुत त्याग किया है। गोरडीहां पंचायत मुख्यालय में पैत्रिक घर में गौरवांवित दंपति ने बताया कि उन्होंने कभी गर्मी या सर्दी की छुट्टी नहीं बिताया। हर छुट्टी का इस्तेमाल इशान और राज किशन के लिए क्रिकेट प्रैक्टिस हेतू किया। जितना अधिक से अधिक अभ्यास कर सके, इसका अवसर बनाया। छुट्टी के दिन में अधिक समय और सहुलियत इसके लिए उपलब्ध हो जाता था। अब जब वह नामचीन और नेशनल सेलेब्रेटी बन गया है तो इस त्याग पर गर्व महसूस हो रहा है। मां बोलीं- “प्राउड फिल कर रही हूं। यह गौरव की बात है। बेटा बिहार, झारखंड ही नहीं देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहा है। यह सब उपर वाले की मर्जी है।“ बताया कि वे खुद अधिवक्ता हैं। सास डा.सावित्री सिंह ने वकालत करने को कहा भी किंतु, बच्चों की देख-भाल के लिए यह नहीं किया। बताया कि जब इशान बच्चा था तब दादा राम अनुग्रह पांडेय कुरकुरे और पलास्टिक की गाडी देते थे। तब इशान इससे नहीं खेलता था। उसकी रुचि नहीं थी। तब दादा ने पलास्टिक का बैट बाल दिया तो खूब मन लगा कर खेलता। परदादा राजनंदन पांडेय के जिम्मे पढाना था। पिता ने बताया कि इशान की रुचि को देखते हुए वे उसके साथ मोइनुलहक स्टेडिम जाते थे। कभी दवाब पढने के लिए नहीं बनाया।  

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