Wednesday 18 October 2023

बच्चों की लड़ाई को सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश असफल



आधी रात में एसडीओ और एसडीपीओ ने की गुलाम सेठ चौक पर बैठक 

रात से ही घटनास्थल पर तैनात है महिला-पुरुष पुलिस बल 

पत्थरबाजी के बाद बढ़ा सांप्रदायिक तनाव संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : पुराना शहर का गुलाम सेठ चौक का क्षेत्र मंगलवार की रात अचानक सांप्रदायिक तनाव का शिकार हो गया। दो बच्चों की आपसी लड़ाई सामूहिक लड़ाई में बदल गई और इसे सांप्रदायिक रूप देने की कुछ लोगों ने कोशिश की जिसे समय रहते प्रशासन ने असफल कर दिया। आधी रात को एसडीओ मनोज कुमार, एसडीपीओ कुमार ऋषि राज ने दोनों पक्षों के लोगों के साथ बैठक की और मामले को समाप्त किया। संवाद प्रेषण तक घटनास्थल पर रात से ही पुलिस बल तैनात है। प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग आठ बजे गुलाम सेठ चौक पर वार्ड संख्या चार निवासी 16 वर्ष का नाबालिग राहुल कुमार खड़ा था। इसी बीच वार्ड संख्या छह के निवासी लगभग 22 वर्ष का चुन्नू अंसारी उसे दांत काट लिया। कुछ लोग उसे खदेड़ने लगे। जब वह भागने लगा तो सोनू कुमार को धक्का लग गया। वह घर में घुस गया। बाद में दोनों का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज हुआ। सोनू के चार दांत टूट गए बताया जाता है। इसके बाद छत से उसने पत्थरबाजी की। इसके पक्ष से कुछ और लोग पत्थरबाजी शुरू कर दिए। नतीजा दूसरे पक्ष की तरफ से भी पत्थरबाजी शुरू हो गई। थोड़ी देर के लिए इलाका काफी तनावपूर्ण और रण क्षेत्र में बदल गया। लोगों ने पुलिस को सूचना दी तो सबसे पहले घटनास्थल पर एसआई ललन प्रसाद सिंह पहुंचे। उसके बाद थाना अध्यक्ष अंजनी कुमार, एसआई नरेंद्र कुमार एवं रामायण शर्मा पहुंच गए। रात्रि लगभग 10:00 बजे एसडीओ और एसडीपीओ दोनों पहुंचे। दोनों रात 12 बजे के बाद तक गुलाम सेठ चौक पर बैठे रहे। दोनों पक्षों को बुलाकर वार्ता की गयी। दोनों पक्षों को चेतावनी दी गई। समझाया गया कि अपने बच्चों को संभाल कर रखें और किसी भी परिस्थिति में विधि व्यवस्था खराब नहीं होनी चाहिए। दोनों पक्षों के कुछ युवा और उनके अभिभावकों को चेतावनी दी गई। थाना अध्यक्ष अंजनी कुमार ने बताया कि निरोधात्मक कार्रवाई दोनों पक्षों के विरुद्ध की गई है। घटनास्थल पर टी ओ पी (टाउन आउट पोस्ट) प्रभारी नवल किशोर मंडल के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात है। महिला पुलिस बल भी यहां तैनात किया गया है। अपर थाना अध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि उन्होंने बुधवार को पूर्वाहन में घटनास्थल का निरीक्षण किया था। स्थिति सामान्य है।



छत से ईंट पत्थर का टुकड़ा हटाने का निर्देश 

आधी रात को जब बैठक हुई तो पदाधिकारियों ने लोगों को साफ कहा कि वह अपने बच्चों को समझाएं और 24 घंटे के अंदर जिनके छत पर भी बिना मतलब का ईंट पत्थर का टुकड़ा रखा हुआ है उसे हटा लें। अन्यथा जब पुलिस छापामारी करेगी तो ईंट पत्थर के टुकड़े पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बैठक में वार्ड पार्षद चिंटू मिश्रा, शबा कादरी, कृष्णा मेहता, गोपाल प्रसाद, सोनू खान, छोटू खान, मोहम्मद कुदुस, साधु चौधरी, छोटू मेहता, गोपाल प्रसाद एवं अन्य उपस्थित रहे। कहा गया कि यदि बच्चों की नहीं समझ पाए और वह बदमाशी करेंगे तो करवाई बच्चों के साथ अभिभावकों के खिलाफ भी की जाएगी।



शांति पसंद, प्राथमिकी नहीं 

थाना अध्यक्ष अंजनी कुमार ने बताया कि विवाद की वजह बने दोनों पक्षों में से किसी ने आवेदन प्राथमिकी के लिए नहीं दिया है। लोगों का कहना है कि हमें एक ही स्थान पर रहना है। हम विवाद नहीं चाहते। बच्चों की गलती से जो होना था हो गया। इस कारण इस मामले को लेकर कोई प्राथमिकी नहीं की गई है। सिर्फ निरोधात्मक कार्रवाई की गई है।



सांप्रदायिक मामला नहीं : एसडीओ 

एसडीओ मनोज कुमार ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि यह साम्प्रदायिक मामला नहीं बल्कि बच्चों की लड़ाई भर है। अभिभावकों को बच्चों को समझने को स्पष्ट कहा गया है। निरोधात्मक कार्रवाई कुछ लोगों के खिलाफ की जा रही है। शांति व्यवस्था बनाए रखने का हर प्रयास किया गया। लोगों ने इसमें सहयोग दिया। 




पुलिस का मोबाइल सबसे बड़ा हथियार 

मोबाइल चालू करते तुरन्त छंट जाती है भीड़



दाउदनगर (औरंगाबाद) :

पुलिस के हाथ में राइफल से अधिक मजबूत और प्रभावी हथियार अब मोबाइल बन गया है। घटनास्थलों पर आम तौर पर पुलिस पहले मोबाइल निकलती है और वीडियो बनाना शुरु करती है और यह भी कहती रहती है कि सबका चेहरा मोबाइल में कैद हो रहा है। इसका असर यह होता है कि आम लोग, या जो घटना में अपने लाभ हानि को देखकर प्रतिक्रिया करने या कराने के लिए या फिर पूरे मुद्दे को भड़काने के प्रयास के लिए भीड़ में शामिल होते हैं, मुंह घूमाकर वापस लौट जाते हैं और इससे पुलिस को घटनास्थल पर तनाव को नियंत्रित करने या उपद्रव को शांत करने में बड़ी कामयाबी मिलती है। मंगलवार की रात जब गुलाम सेठ चौक पर स्थिति तनावपूर्ण थी तो यहां सबसे पहले पहुंचे सब इंस्पेक्टर ललन प्रसाद सिंह ने भी ऐसा ही किया। यह घटना स्थल पर पहुंचे और मोबाइल निकाल कर वीडियो बनाने लगे। नतीजा भीड़ वापस लौटती हुई दिखी।


घटना तिथि:- 17.10.23

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