Monday 21 August 2023

दबदबे के साथ रहता है बिहारी, इसलिए है सब पर भारी



दबदबे के साथ रहता है बिहारी, इसलिए है सब पर भारी  इशरत जहां बोली- नाम बदलने का रहता है दबाव 

सांप्रदायिक सद्भाव व एकता का देती हूँ सन्देश-इशरत

 भजन गायिका इशरत जहां ने कहा है कि एक बिहारी सब पर भारी इसलिए हैं कि वे एकजुट हैं। वह दबदबा के साथ कहीं भी रहते हैं। बिहारियों का स्वभाव है कदम आगे बढ़ा कर दूसरों की मदद करना। दूसरे के सहयोग के लिए खड़ा रहना। उन्होंने यह बात डा. प्रकाश चंद्रा के पेट्रोल पंप आरएसवीपी में रविवार की रात दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि स्कूल के वक्त से ही भजन गाती हैं। पहली बार जब एक प्रतियोगिता में उन्हें भजन गाने के लिए बुलाया गया था तो वह अपने स्कूल की तरफ से गई और प्रथम स्थान प्राप्त की। तब से उन्हें लगा कि इसी क्षेत्र में उन्हें काम करना चाहिए और वह लगातार आगे बढ़ती चली गई। यह पूछे जाने पर की एक मुस्लिम होकर भजन गाने को लेकर किस तरह का विरोध का सामना करना पड़ता है।


 इशरत जहां ने कहा नाम बदलने का उन पर दबाव रहता है। कुछ लोग सलाह देते हैं कि जब भजन ही गाना है तो कोई हिंदू नाम रख लो। इशरत कहती हैं कि जब नाम ही बदल लेंगे तो हमारा संदेश देने का मकसद कैसे पूरा होगा। हम सांप्रदायिक एकता, सद्भाव, आपसी भाईचारा का संदेश देने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कट्टर तत्व दोनों तरफ हैं और उन्हें देखने में इशरत जहां सहज नहीं लगती है, लेकिन मैं जहां से देखती हूं वहां से कुछ भी गलत नहीं दिखता। 



उन्होंने डा. प्रकाश चंद्रा की प्रशंसा की और कहा कि ऐसे काफी कम लोग हैं जो समाज के हर तबके के लिए सहयोग करने के लिए तत्पर खड़ा रहते हैं। उन्होंने कहा कि वह पूरा देश घूमते रहती हैं और बिहार की संस्कृति बिहार के लोगों के व्यवहार से काफी खुश रहती हैं। यहां उनका स्वागत डा. प्रकाश चंद्रा की अनुपस्थिति में हैंड्स आफ प्रकाशचंद्रा के चिंटू मिश्रा, गोविंदा राज, अमन सरकार, रणधीर यादव, देव सिंगर, पीयूष पांडेय, छोटू शर्मा एवं अन्य ने चुनरी ओढ़ा कर किया।

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