Friday 4 April 2014

दुख दिखाकर वोट मांग रहे राजाराम


                        दुख दिखाकर वोट बटोरने की कोशिश
                                      फोटो-भाकपा माले का कार्यालय
दो मई की घटना को बैनर में जगह
दाउदनगर(औरंगाबाद) यह भखरुआं स्थित भाकपा माले का पार्टी कार्यालय और तय समय के लिए चुनाव कार्यालय है। दाउदनगर-पटना रोड के किनारे। तोरण द्वार बने हैं। लाल झंडे बैनर लगे हैं और साथ ही कई पोस्टर, कई तस्वीरें। आते जाते यात्रियों की नजर बरबस खींची चली जाती है। इस संवाददाता की भी नजर पडी तो एक तस्वीर ने खींच लिया। एक तस्वीर दिखाई गई है जिसमें भाकपा माले के प्रत्याशी सह ओबरा के पूर्व विधायक राजाराम सिंह की तस्वीर है। उन्हें पुलिस पीट रही है। खून बह रहा है। कुरता फट गया है। पुलिस की दरिन्दगी दिखाती यह तस्वीर 02 मई 2012 की है। जिला मुख्यालय में समाहरणालय के पास की वह घटना हर किसी के जेहन में होगी जब पुलिस भीड के अराजक होने का आरोप लगा क्या महिला, क्या बुढा, जो भी खद्दर पहने मिला उसकी पीटाई कर रही थी। तब यह राज्य की सूर्खी बनी थी। एक साल बाद राज्य मानवाधिकार आयोग ने राजाराम के साथ अन्य को निर्दोष मानते हुए प्रशासन को दोषी ठहराया और उन्हें एक लाख रुपए दिए जाने का सरकार को निर्देश दिया। उस धन को माले से जुडे विभिन्न तरह के पीडितों के बीच बांटा गया। अब उससे जन्मी फैली सहानुभूति को इस चुनाव में भुनाने की कोशिश की जा रही है। अपनी पीडा दिखा कर, जननायक की छवि प्रस्तुत कर वोट बटोरने की इस कोशिश में कितनी कामयाबी मिलती है? यह तो 16 मई को ही पता चलेगा। वैसे पिछली दफा साल 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें 37493 वोट मिला था और वे चौथे स्थान पर रहे थे।

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