Friday 25 April 2014

ओबरा विधायक की सदस्यता समाप्त


jagran se
दरोगा की नौकरी छोड़ सोमप्रकाश लड़े थे निर्दलीय चुनाव
राज्य ब्यूरो, पटना : पटना हाईकोर्ट ने ओबरा (औरंगाबाद) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए विधायक सोमप्रकाश सिंह को करारा झटका दिया है। न्यायालय ने शुक्रवार को सिंह के चुनाव को असंवैधानिक करार दे दिया। न्यायालय ने निर्वाचन आयोग को ओबरा विधानसभा के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने (दोबारा चुनाव) का आदेश दिया है।1न्यायाधीश नवनीति प्रसाद सिंह ने अपने फैसले में कहा कि नियमत: सोमप्रकाश सिंह द्वारा फतुहा से दरोगा के पद को छोड़ने का तरीका ही गलत था। उनके इस्तीफा को सही नहीं माना जा सकता। ल्ल शेष पृष्ठ 15 पर1राज्य ब्यूरो, पटना : पटना हाईकोर्ट ने ओबरा (औरंगाबाद) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए विधायक सोमप्रकाश सिंह को करारा झटका दिया है। न्यायालय ने शुक्रवार को सिंह के चुनाव को असंवैधानिक करार दे दिया। न्यायालय ने निर्वाचन आयोग को ओबरा विधानसभा के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने (दोबारा चुनाव) का आदेश दिया है।1न्यायाधीश नवनीति प्रसाद सिंह ने अपने फैसले में कहा कि नियमत: सोमप्रकाश सिंह द्वारा फतुहा से दरोगा के पद को छोड़ने का तरीका ही गलत था। उनके इस्तीफा को सही नहीं माना जा सकता।तात्पर्य यह कि उनकी सरकारी सेवा समाप्त नहीं हुई और वे जनप्रतिनिधि बन गये। सिंह के चुनाव को जदयू नेता प्रमोद सिंह चन्द्रवंशी ने चुनौती दी थी। चन्द्रवंशी पिछले विधान सभा चुनाव 804 वोट से हारे थे। उनकी ओर से अधिवक्ता एसबीके मंगलम् ने न्यायालय को बताया कि सिंह 1994 में पुलिस सेवा में थे। तीन नवंबर 2011 को आनन-फानन में दरोगा की नौकरी छोड़कर विधान सभा के चुनाव मैदान में कूद गए, जबकि उन पर विभागीय कार्यवाही चल रही थी। उनकी बर्खास्तगी तय थी। यदि उन्हें बर्खास्त कर दिया जाता, तो वे चुनाव नहीं लड़ सकते थे। हालांकि अदालत सोमप्रकाश अपना पक्ष स्वयं रख रहे थे। किन्तु अपना बचाव नहीं कर पाए।
एक ही दिन में हो गया सबकुछ
पटना : न्यायालय में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि सिंह का इस्तीफा बड़ा ही नाटकीय ढंग से हुआ। एक ही दिन सबकुछ हो गया। तीन नवंबर को जांच रिपोर्ट वरीय आरक्षी अधीक्षक के समक्ष आया। यहां से उसी दिन यह डीआइजी के चला गया। सिर्फ दो घंटे में सारी प्रक्रिया पूरी हो गई। इसके बाद इस्तीफा भी स्वीकार हो गया। 1महीने भर में चार चुनाव याचिका निष्पादित : पटना हाईकोर्ट ने एक महीने में चार चुनाव याचिका निष्पादित किया एक ही दिन में हो गया सबकुछ 1है। यहां कुल 9 चुनाव याचिकाएं लंबित थीं। ज्यादातर चुनाव याचिकाओं को निष्पादित होने में पांच साल का समय लगा है। तब तक नए चुनाव का समय आ जाता है। ऐसे में याचिका को कोई मतलब नहीं रह जाता है। विगत एक माह में निष्पादित चुनाव याचिकाएं इस प्रकार हैं-ललन सिंह बनाम राम बदन राय, फराज फातमी बनाम अशोक कुमार यादव, अवधेश नारायण सिंह बनाम डा.अजय कुमार और प्रमोद सिंह चन्द्रवंशी बनाम सोम प्रकाश सिंह। ध्यान रहे कि चन्द्रवंशी की याचिका को छोड़कर सभी चुनाव याचिकाएं खारिज हुईं।

No comments:

Post a Comment