Friday 21 April 2023

सोन का शोक : अंधाधुंध खनन के कारण सोन बर्बाद, जा चुकी हैं अब तक कई जानें




मशीनों से खनन के कारण बन गए हैं बड़े बड़े गड्ढे

छठ व्रत करना तक होता है मुश्किल

खतरनाक घाट पर लगाई जाने लगी है रोक

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : अंधाधुंध बालू खनन के कारण सोन बर्बाद हो गया है। आधुनिक मशीनों से बालू खनन के कारण बड़े-बड़े गड्ढे सोन में बन गए हैं। स्थिति काफी खतरनाक हो गई है। गत 18 सितंबर 2022 को जीवित्पुत्रिका व्रत के नहाए खाए के दिन ही अमृत बिगहा से सोन में स्नान करने गई माताओं के साथ गए तीन बच्चों की मौत हो गई थी। तब इस घटना में 13 वर्ष के किशु कुमार, 10 वर्ष के सोनू कुमार और आठ वर्ष के शिवा कुमार की मौत हुई थी। इनके स्वजन विरधा पासवान, राम कुमार पासवान एवं मनोज पासवान ने तब खुलकर आरोप लगाया था कि ठेकेदारों द्वारा अंधाधुंध बालू खनन के कारण बन गए गड्ढों में डूबने से इनकी मौत हुई है। तब आक्रोश इतना चरम पर था कि यदि बालू खनन से जुड़े लोग सोन से बाहर नहीं निकलते तो बड़ी घटना घट सकती थी। इससे पहले 19 नवंबर 2021 को भी सत्संग नगर निवासी लक्ष्मण कुमार की गड्ढे में डूबने से मौत हो गई थी। जिसकी उम्र मात्र 15 वर्ष थी। मौत इस कारण होती है क्योंकि ऐसे गड्ढे में कितना गहराई है यह अनुमान लगाना मुश्किल होता है। सोन में एक से डेढ़ दशक पूर्व लोग जब छठ मनाने जाते थे तो खूब मस्ती करते थे। आज स्थिति यह है कि काली स्थान महादेव स्थान घाट पर छठ मनाना मुश्किल हो गया है। बड़े-बड़े गड्ढे मशीनों से खनन के कारण बन गए हैं। बीते छठ में ही खतरनाक घाटों को चिन्हित कर घेराबंदी कर दी गई थी। जब दैनिक जागरण ने यह सवाल उठाया था कि ऐसी स्थिति बन गई है कि कभी भी किसी के डूबने से मौत हो सकती है। डेढ़ से दो फीट पानी के बाद अचानक से बड़े-बड़े गड्ढे हैं। जिसमें आदमी की डूबने से मौत हो सकती है। तब जाकर प्रशासन ने उसकी घेराबंदी कराया था। सीधी सी बात है कि मशीनों ने यह हाल किया है। कालीघाट महादेव स्थान वाले बालू घाट से बालू की निकासी बंद हो गई है। बालू निकासी से परेशान लोगों ने काली स्थान के पास ईट सीमेंट से द्वार बना दिया। ताकि बड़े वाहन इधर से बालू लेने ना जा सकें। प्रतिरोध के बावजूद ग्रामीणों ने काम किया और उसके बाद बड़े वाहनों से बालू ढुलाई की व्यवस्था यहां खत्म हुई। जब तक बड़े स्तर का बाढ़ नहीं आता है तब तक सोन के गड्ढे बराबर नहीं होंगे और खतरनाक स्थिति बनी रहेगी।



नियमानुकूल होगी कार्रवाई


एसडीओ मनोज कुमार ने बताया कि गड्ढों को लेकर खनन विभाग से बात करेंगे और नियमानुसार जो भी संभव होगी वह कार्रवाई की जाएगी। ताकि किसी की जान खतरे में न पड़ सके।


बाढ़ आने की उम्मीद खत्म, कैसे भरेगा गड्ढा 


दाउदनगर बारुण रोड के किनारे रहने वाले 60 वर्षीय अनंत प्रसाद सोनी बताते हैं कि इस सड़क से लगभग एक किलोमीटर की यात्रा कर आदमी सोन की धारा के पास पहुंच जाता था और छठ व्रत धूमधाम से करता था। लेकिन अब लगभग तीन किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। रास्ते में जंगल है। कंडा, पतेला, काशी, कटीला झाड़ी जिस कारण असुरक्षित महसूस करते हैं। सोन में मशीनों के कारण बने बड़े गड्ढे प्राकृतिक रूप से जब बाढ़ आएंगे तभी भर सकते हैं। लेकिन बाढ़ आने की उम्मीद भी अब नहीं की जा सकती। खासकर बड़े स्तर का बाढ़। 



अमृत बिगहा के लोगों ने विरोध में बना दिया द्वार 


अमृत बिगहा निवासी रामकरण पासवान बताते हैं कि ग्रामीणों ने बालू की अंधाधुंध ढुलाई बड़े वाहनों से रोकने के लिए काली स्थान के समीप एक द्वार का निर्माण कर दिया। ट्रकों की आवाजाही से आवागमन बाधित होता था। सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता था। सुबह की सैर करने वाले सोन जाना बंद कर दिए थे। द्वार बनाने के बाद बालू खनन से जुड़े लोगों ने दूसरे रास्ते से सोन में जाकर बालू निकालना शुरू रखा है। जब तक बाढ़ नहीं आएगा तब तक गड्ढे नहीं भरेंगे।

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