बदलता शहर 16
1100 करोड रुपये की परियोजना में 600 करोड सिर्फ भूमि अधिग्रहण पर खर्च
रोहतास और औरंगाबाद के क्षेत्र में बढ़ी व्यापारिक गतिविधियां
पशुलालकों, किसानों, फल, दूध, शब्जी समेत अन्य सामग्री आते हैं बेचने
उपेंद्र कश्यप, जागरण ● दाउदनगर (औरंगाबाद) : वर्ष 2019 में दाउदनगर नासरीगंज सोनपुल का निर्माण कार्य हुआ। इससे दाउदनगर के साथ नासरीगंज यानी रोहतास और औरंगाबाद के बड़े हिस्से को आवागमन की बड़ी सुविधा मिली। पहले दाउदनगर और नसीरगंज के बीच यातायात का एकमात्र साधन नाव यातायात हुआ करता था। या फिर दाउदनगर से बारुण व डेहरी होकर नासरीगंज जाना आना पड़ता था। इससे सिर्फ रिश्तेदारियां निभाई जाती थी। व्यापारी गतिविधियां अमूमन नहीं होती थी। जब पुल का निर्माण हुआ, आवागमन की सुविधा सहज हुई तो व्यापारी गतिविधियां भी बढ़ गई। दाउदनगर का बाजार हो या नासरीगंज का बाजार दोनों बाजारों की रौनक बढ़ गई। लगभग 1100 करोड रुपये इस पुल और संपर्क पथ निर्माण की परियोजना पर खर्च हुआ। इसमें लगभग 600 करोड रुपये तो सिर्फ भू अर्जन पर खर्च हुआ। यह राशि निश्चित रूप से उनको मिली जिनकी जमीनों से कुछ हिस्सा पुल और संपर्क पथ निर्माण के लिए लिया गया। निश्चित रूप से यह लोग स्थानीय हैं। स्वाभाविक है कि जब 600 करोड रुपये की राशि किसानों के पास गई तो बाजार को भी इसका एक हिस्सा प्राप्त हुआ। लगभग 10 किलोमीटर की दूरी के कारण नासरीगंज के व्यवसाई दाउदनगर से व्यापार करने लगे। जो पहले डेहरी या अन्यत्र बाजार जाते थे। इससे दाउदनगर बाजार को काफी आर्थिक मजबूती मिली। शहर में और इसके आसपास से सवारी वाहन हो या चार पहिया वाहन उनकी आवाजाही तो बढ़ी ही मालवाही ट्रकों का भी आवागमन काफी बड़े पैमाने पर शुरू हुआ। खासकर बालू का व्यापार इस के जरिए होने लगा। पुल के दोनों किनारों पर बाजार सज गए। और इससे लोगों को न सिर्फ रोजगार मिला बल्कि अच्छी आमदनी का यह पुल स्रोत भी बन गया। स्थिति यह है कि या शहर में हर आयोजन में इस रास्ते रोहतास के नजदीकी क्षेत्र से लोग पहुंच कर यहां के कार्यक्रमों, उत्सवों, समारोहों में शामिल होते हैं। इससे बाजार को नई गति, ऊर्जा और ताकत मिल रही हैं। पशुपालकों, किसानों के साथ फल, शब्जी, दूध समेत कई सामग्री बेचने वाले दाउदनगर सोन पुल पार कर आते हैं और कमाई करते हैं।
सोन पर यहां बना है पुल
बिहार शरीफ से डुमरांव तक जाने वाली 92 किलोमीटर लंबी एनएच 120 पर दाउदनगर और नासरीगंज के बीच सोन पुल का निर्माण हुआ है। यह निर्माण बीआरपीएनएल (बिहार राज्य पुल र्निर्माण निगम लिमिटेड) द्वारा कराया गया है।
इस पथ का नाम एनएच 120 इसलिए
बिहार में राष्ट्रीय उच्च पथ 20 बख्तियारपुर से उड़ीसा के सातभाया तक जाती है। यह 658 किलोमीटर लंबी है। इसी एनएच की शाखा सड़क है एनएच 120 जो बिहार शरीफ से डुमरांव तक जाती है। क्योंकि एनएच 20 की यह शाखा मार्ग है इसीलिए इसका नाम एनएच 120 है। एनएच 120 कुल 92 किलोमीटर यानी 57 मील लंबा है। जो बिहार शरीफ से शुरू होकर डुमरांव तक पहुंचता है। इसमें बिहार शरीफ के बाद नालंदा, राजगीर, हिसुआ, गया, दाउदनगर, नासरीगंज, काराकाट, बिक्रमगंज, नारायणपुर, मलिहाबाद और नवानगर प्रमुख स्थान पढ़ते हैं।
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