Thursday, 13 February 2025

बेतरतीब आवासीय विकास से मुक्ति की है जरूरत

 बदलता शहर 05




भवन निर्माण में आवश्यक है 30 प्रतिशत क्षेत्र पार्किंग के लिए 

बिहार भवन निर्माण उप विधि का नहीं होता पालन

घर बनाने को परमिशन मिलने में आती है समस्या

उपेंद्र कश्यप, जागरण ● दाउदनगर (औरंगाबाद) : नगर परिषद दाउदनगर सी श्रेणी का शहर है। शहर में आबादी जैसे-जैसे बढ़ती गई बसावट का दायरा भी बढ़ता गया। नए घर बनते गए, लेकिन बेतरतीब तरीके से निर्माण होते जाने का नतीजा रहा कि गालियां संकरी हो गयी। नालियां भी बेहतर स्थिति में नहीं रही। किसी एक पक्ष को जिम्मेदार भी नहीं ठहराया जा सकता। नागरिक और नगर परिषद प्रशासन दोनों इसके लिए जिम्मेदार है। घर बनाने के लिए परमिशन की जरूरत होती है। नगर परिषद से परमिशन लेना काफी मुश्किल का काम रहा है। ढाई दशक तक तो नगर परिषद सिर्फ प्रशासनिक अधिकारी के हवाले रहा है। कई बार एलपीसी ना होने के कारण घर बनाने की परमिशन नहीं दी गई। अब जो व्यक्ति घर बनाना चाहता है, जमीन खरीद चुका है, स्वाभाविक है कि वह व्यक्ति घर बनाएगा ही। ऐसी स्थिति में घर तो बनते गए लेकिन बिहार भवन उप विधि का कहीं कोई अनुपालन नहीं हुआ। न इसकी जानकारी से लोगों को मतलब रहा। कार्यपालक पदाधिकारी ऋषिकेश अवस्थी कहते हैं कि उपविधि का पालन होना चाहिए। व्यवसाय के लिए अगर कोई भवन बना है तो उसमें 30 प्रतिशत क्षेत्र पार्किंग के लिए रखना आवश्यक है। आज शहर की स्थिति यह है कि बड़े-बड़े मार्केट में शौचालय तक नहीं है। पार्किंग की सुविधा नहीं है।


नप लापरवाह, नागरिक भी जिम्मेदार 

बाजार के निवासी पप्पू गुप्ता कहते हैं कि कर देने वाले लोगों की सुविधा का ख्याल रखना चाहिए। घर बनाने के लिए परमिशन लेने में भी समस्या आती है। नगर परिषद इसके लिए जिम्मेदार है, वह वह लापरवाह भी है। नागरिक भी परमिशन लेने के लिए बहुत उत्सुक नहीं दिखते।



बिना एलपीसी मिल रहा परमिशन 

कार्यपालक पदाधिकारी ऋषिकेश अवस्थी कहते हैं कि घर बनाने के लिए परमिशन देने को सरल किया गया है। एलपीसी आवश्यक नहीं ।है खतियान के आधार पर भी घर निर्माण के लिए परमिशन दी जा रही है। कोई भी वह दस्तावेज आवश्यक है जो स्वामित्व साबित करता हो। बीस लाख रुपये तक का घर निर्माण पर आठ से दस हजार रुपये का शुल्क लगता है। ऐसे में हर नागरिक को घर बनाने का परमिशन लेना चाहिए। इससे उनके स्वामित्व को भी शक्ति मिलती है।



सरल किया गया है परमिशन देना 

मुख्य पार्षद अंजली कुमारी कहती हैं कि परमिशन बहुत ही सहजता से दिया जा रहा है। यह तय कर दिया गया है कि सहजता से लोगों को घर बनाने के लिए परमिशन मिले। लोगों को भी चाहिए कि वह हर हाल में घर बनाने से पहले आर्किटेक्ट से नक्शा बनवा ले और नगर परिषद से निर्माण के लिए परमिशन प्राप्त कर लें।


आवास और रहने वाली आबादी


बिहार जाति आधारित गणना 2022 के प्रथम चरण के आंकड़े के अनुसार शहर के सभी 27 वार्डों में कुल 8010 भवन है। जबकि 8610 मकान है। इन मकानों में 11071 परिवार रहते हैं। महत्वपूर्ण है कि आमतौर पर 2011 में बताया गया था कि शहर में 6000 लगभग घर हैं। लेकिन ताजा सर्वे के मुताबिक यह संख्या 8610 है।


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