बदलता शहर - 11
निर्माण छूटा अधूरा, मामला न्यायालय में लंबित
निर्माण के लिए 40 लाख रुपए नप के खाते में शेष
रोहतास, बारुण, औरंगाबाद या पटना के लिए नहीं खुलती है बसें
उपेंद्र कश्यप, जागरण ● दाउदनगर (औरंगाबाद) :
10 साल पूर्व शहर में बस स्टैंड का निर्माण कार्य पासवान चौक के पास प्रारंभ हुआ था। भू स्वामित्व से जुड़ा एक मामला न्यायालय में पहुंचा और कार्य बंद हो गया। नतीजा आज तक इसका निर्माण पूरा नहीं हुआ। लाखों रुपये की राशि इसके निर्माण पर बर्बाद हो गयी। इसे लेकर बिहार विधानसभा में भी प्रश्न उठाए गए लेकिन समाधान नहीं निकला। बस स्टैंड के चलते शहर में कई जगह वाहन लगाए जाते हैं। आटो, ई रिक्शा या चार पहिया वाहन के लिए कोई निश्चित और व्यवस्थित स्थान नहीं है। शहर में इसकी आवश्यकता है। इसके अभाव में दाउदनगर बारुण रोड पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास बस लगते हैं। यहां से बसें बारुण के लिए खुलती हैं। अगर बस स्टैंड की सुविधा हो तो संभव है कि शहर से बसें पटना, औरंगाबाद और रोहतास जिले के विभिन्न स्थानों के लिए खोले जाने लगें। क्योंकि दाउदनगर नासरीगंज सोनपुल का निर्माण होने और संपर्क पथ एनएच 120 पर दाउदनगर बारुण रोड से सीधे एनएच 139 पर पहुंचने के लिए जो निर्माण का कार्य हुआ है उससे शहर से बसें कहीं भी आसानी से बिना आबादी के बीच जाम में फंसे गुजर सकती है। लेकिन बस स्टैंड नहीं होने के कारण शायद वाहन मालिक इस दिशा में नहीं सोच रहे। नगर परिषद के पास बस स्टैंड के निर्माण के लिए 40 लाख रुपये अभी भी पड़े हुए हैं।
स्थिति अनुकूल तो होगा निर्माण
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ऋषिकेश अवस्थी ने बताया कि मामला न्यायालय में चल रहा है। जैसे ही स्थित अनुकूल होगी, बस स्टैंड का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। शहर के लिए बस स्टैंड आवश्यक है और इसके निर्माण के लिए नगर परिषद इच्छुक है।
सरकार ने कहा था- दूसरी जगह होगा निर्माण
क्षेत्रीय विधायक ऋषि कुमार ने बिहार विधानसभा में संवंधित मंत्री से यह प्रश्न पूछा था कि नगर परिषद क्षेत्र में बस पड़ाव स्थापित करने के लिए कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद के पत्रांक तीन दिनांक चार जनवरी 2022 द्वारा अंचल कार्यालय दाउदनगर को जमीन उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा गया था। लेकिन आज तक बस पड़ाव निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराया गया है। सरकार कब तक बस पड़ाव के लिए भूमि उपलब्ध कराते हुए बस पड़ाव का निर्माण करने का विचार रखती है। नहीं तो फिर क्यों। प्रश्न के जवाब में मंत्री द्वारा तब कहा गया था कि नगर परिषद द्वारा प्रतिवेदन दिया गया कि स्वीकृत बस स्टैंड निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया था। परंतु भूमि विवाद के कारण उक्त स्थल पर निर्माण करने पर न्यायालय द्वारा रोक लगा दी गई। जिसके कारण अन्य स्थल पर बस स्टैंड निर्माण के लिए जगह चिन्हित करने का अनुरोध अंचल अधिकारी से नगर परिषद ने किया है। गत 25 नवंबर 2024 को विभाग द्वारा नगर परिषद क्षेत्र में बस स्टैंड निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध जिला पदाधिकारी से किया गया है। भूमि उपलब्ध होते ही बस स्टैंड का निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा। मंत्री के जवाब से अब तय है कि पासवान चौक के पास निर्माणाधीन बस स्टैंड में अब निर्माण का कार्य नहीं होगा। अब जिला पदाधिकारी अंचल के द्वारा जो जमीन उपलब्ध कराएंगे उस पर निर्माण का कार्य हो सकेगा।
मामला न्यायालय क्यों गया था
वर्ष 2014-15 में बस स्टैंड पासवान चौक के समीप बनाया जाना शुरू हुआ था। निर्माण स्थल पर अपनी भूमि होने का महिला कालेज ने दावा किया था। इसके बाद मामला न्यायालय में चला गया और निर्माण का कार्य अधूरा रह गया। इसमें लाखों रुपये खर्च किए गए और यह बेकार पड़ा रह गया। अब यह ऐसा स्थान बन गया है जिसमें पानी जमा रहता है, जिससे आसपास के लोग परेशान होते हैं।
पहले भी सदन में उठ चुका है मामला
मार्च 2016 में तत्कालीन विधान पार्षद डा.उपेंद्र प्रसाद ने सदन में इस सम्बंध में सवाल पूछा था। तब बताया गया था कि एक करोड़ 57 लाख 70 हजार रुपये आवंटित किया जा चुका है। बुडको द्वारा निर्माण कराया जा रहा था। उन्होंने यह प्रश्न पुरानी शहर निवासी निशांत राज के कहने पर पूछा था।
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