Tuesday, 25 February 2025

सवारियों को हाथ रिक्शा नहीं अब ढ़ो रहा ई रिक्शा

 बदलता शहर 17



शहर में आवागमन के लिए तकनीकी सुविधाएं बढ़ी

हर घर से कुछ दूरी पर ई रिक्शा उपलब्ध

 उपेंद्र कश्यप, जागरण ● दाउदनगर (औरंगाबाद) : शहर में कभी हाथ रिक्शा ही सवारी ढ़ोने का इकलौता उपलब्ध साधन हुआ करता था। चाहे बस पकड़ने के लिए बस स्टैंड जाना हो या स्वास्थ्य सुविधा के लिए अस्पताल जाना हो। या फिर किसी अन्य काम से शहर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से जाना हो। रिक्शा ही शहर में एकमात्र साधन हुआ करता था। हाथ रिक्शा से जुड़े कई किस्से भी शहर में आज भी लोग चर्चा करते हैं। जब धीरे-धीरे परिवहन के क्षेत्र में विकास हुआ, आधुनिकता आई तो पहले आटो ने शहर में आकर हाथ रिक्शा को रिप्लेस कर दिया। लगभग हाथ रिक्शा विलुप्त होते चले गए। बीते दशक में यह परिवर्तन ऐसा हुआ, ऐसा छा गया ई रिक्शा कि आज शहर में एक भी हाथ रिक्शा देखने के लिए भी नहीं मिलता। कुछ रिक्शावानों ने भी ई-रिक्शा खरीद ली। अब हर गली मोहल्ले में या घर से बमुश्किल आधा किलोमीटर की दूरी पर ई रिक्शा शहर में बहुत ही सहजता से उपलब्ध है।



सुविधा के साथ कठीनाई भी बढ़ी


आधुनिक विकास के साथ शहर में यातायात मुश्किल होती गयी। ई रिक्शा वाले बड़ी समस्या बनकर शहर में उभर गए हैं। स्थिति यह है कि जहां भी सड़क से टी बनाती हुई कोई संपर्क पथ है, वहीं पर ई रिक्शा खड़ा कर देते हैं। हर मोड़ पर ई-रिक्शा रोक कर सवारी चढ़ाते उतारते हैं। नतीजा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। आना जाना कठिन होता चला गया। बाइक वालों को संभल कर चलना होता है, अन्यथा दुर्घटनाएं प्रायः हो सकने का खतरा होता है। 


ई रिक्शा वालों पर नियंत्रण में प्रशासन नाकाम


ई रिक्शा वालों पर नियंत्रण में प्रशासन नाकाम रहा है। जब यहां अनुमंडल पदाधिकारी के रूप में कुमारी अनुपम सिंह पदस्थापित थी तो उन्होंने कई बार ई रिक्शा वालों के साथ बैठक की। उन्हें चेतावनी दी। ड्रेस कोड लागू करने, लाइसेंस लेने, ई-रिक्शा पर चालक का नाम और मोबाइल नंबर लिखने की बात की गयी। लेकिन यह सब कभी भी अमल में नहीं आ सका। नतीजा ई रिक्शा चालकों के पास ना कोई ड्रेस कोड है ना उनकी कोई पहचान बताती आई कार्ड या ई रिक्शा पर नाम और पते या मोबाइल नंबर लिखे हुए हैं।


अभियान चलाकर होगी कार्रवाई

एसडीओ मनोज कुमार ने कहा कि ई-रिक्शा वालों के खिलाफ यातायात बेहतर करने के उद्देश्य से अभियान चलाया जाएगा। जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा। कानून सम्मत कार्रवाई भी की जाएगी।




No comments:

Post a Comment