Friday 17 April 2015

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष

महिला शॉकर्स के दम पर है इस गांव की पहचान
दाउदनगर, औरंगाबाद (उपेंद्र कश्यप)। मुंगेर का इटहरी गांव आज किसी पहचान का मोहताज नही। पूरे गांव को महिला शॉकर्स के नाम से जाना जाता है। 75 से अधिक बेटियों ने गांव का नाम रोशन किया है। फुटबॉल का दिवानापन अब यहां सिर चढ़कर बोलता है। यही कारण है कि दो लड़कियों को इंटरनेशनल मैचों में भी खेलने का मौका मिला, वहीं एक दर्जन से अधिक ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। इतने के बावजूद भी सरकारी सुविधा नहीं मिली फिर भी इनका हौंसला कम नहीं हुआ।
दाउदनगर में रामाशीष सिंह फुटबॉल टूर्नामेंट खेलने आई महिला फुटबॉल टीम ने मजबूत दावेदार मानी जा रही झारखंड की टीम को आसानी से हराया तो पूरा स्टेडियम तालियों से गूंज उठा। मैच समाप्त होने के बात हुई बातचीत में पता चला कि सभी खिलाड़ी एक ही गांव मुंगेर के इटहरी निवासी हैं। इतना ही नहीं एक खिलाड़ी को छोड़कर सभी एक ही जाति विशेष की हैं। इनमें आठ खिलाड़ी राष्ट्रीय और दो अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। श्यामा रानी और खुशबु कुमारी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धमाल मचाया है। दोनों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साइकिल योजना ने उन्हें फुटबॉलर बना दिया। 2008 में साइकिल मिली तो गांव के फील्ड पर सीखने गईं। गांव के ही निबंधित क्लब ने उन्हें फुटबॉल खेलने को प्रेरित किया। पहले तो लगा कि महिला होकर कैसे कर सकेंगी, मगर हौसला और प्रशिक्षण दिया गया तो कामयाबी मिलती चली गई। बताया कि गांव की 75 लडकियां इससे जुड़ीं। सबसे पहले इसी गांव के कोच भूपेंद्र प्रसाद सिंह ने प्रेरित किया और फुटबॉल से जोड़ा।
इन्होंने खेला अंतराष्ट्रीय मैच
श्यामा रानी- अंडर-13 में 2010-11 और अंडर -14 में 2011-2012
खुशबू कुमारी- अंडर-13 में 2010-11 और अंडर-16 में 2012-13। राष्ट्रीय स्तर के मैच में कप्तान भी रहीं। दोनों कोलंबो में हुए दो अंतरराष्ïट्रीय मैचों में राष्ट्रीय टीम का हिस्सा रहीं।
राष्ट्रीय टीम में खेलने वाली खिलाड़ी
ब्यूटी कुमारी- अंडर-19 में 2013-14
पम्मी कुमारी- अंडर-17 में 2013-14 में।
सोनी कुमारी-अंडर-16 में 2012-123 में।
परिणिता कुमारी- अंडर-17 में 2014-15
रेशमी कुमारी-अंडर-17 में 2014-15 खेली।
अर्पणा कुमारी-अंडर -17 में 2014-15 में।


No comments:

Post a Comment