Wednesday 22 April 2015

एटीएम से लूट जाने का बढ रहा खतरा



बुजूर्ग, महिला और भोले व्यक्ति पर गिरोह की नजर
सतर्कता के अलावा कोई विकल्प नहीं
शातिर अपराधियों के खिलाफ पुलिस लाचार
बैंकिंग व्यवस्था में एटीएम को आल टाइम मनी के कारण ख्याती मिली। अर्थात जब जहां चाहें आप पैसे निकाल सकते हैं। यह सुविधा प्राप्त होने से रोजमर्रे के जीवन में सहजता आयी। भारतीय समाज में यह सुविधा संकट भी बन कर खडी हो गई है। यह संकट लगातार बढता जा रहा है। संगठित या असंगठित गिरोह एटीएम के जरिये रोजाना करोणों का वारा-न्यारा कर रहे हैं। वे बुजूर्ग, महिला और देहाती पृष्ठभूमि के भोले-भाले व्यक्तियों को आसानी से शिकार बना रहे हैं। यह तबका आर्थिक अपराधियों का साफ्ट टारगेट होता है। ताक में अपराधी एटीएम के पास खडे रहते हैं। जैसे ही कोई शिकार समझ में आता है, उसके नजदीक सट जाते हैं। उसकी मदद का प्रस्ताव इतनी मासूमियत से देते हैं कि शिकार खुद को उपकृत समझते हुए उसे अपना एटीएम कार्ड पैसे निकालने के लिए दे देता है। कभी-कभी होता यह है कि पीछे से खडा आदमी ऐसे शिकार का पासवर्ड ध्यान से देखकर नोट कर लेता है। दोनों स्थिति में शिकार का एटीएम कार्ड किसी बहाने या तरीके से बदल लेता है। अपराधी तुरंत इस कार्ड से पैसे निकालना प्रारंभ कर देता है। खाते से जब पैसे निकल जाते हैं तब पता चलता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। इस मामले में एसडीपीओ मो.अनवर ज़ावेद ने बताया कि जागरुकता का अभाव है। लोगों को सतर्क रहना चाहिए। अपना पासवर्ड या एटीएम कार्ड कभी भी किसी को नहीं देना चाहिए। जांकारों का कहना है कि कई पेचिदगियों के कारण पुलिस अपराधियों के समक्ष लाचार हो जाती है। प्राय: अपराधी फेक आईडी से खुले खाते में पैसे का ट्रांसफर करता है या खराब या मिला हुआ एटीएम बदलते वक्त शिकार को दे देता है।

बरतें आवश्यक सतर्कता
एटीएम से होने वाले खतरे को आप टाल सकते हैं। बस थोडी सी सतर्कता की आवश्यक्ता है।
+ कभी भी एटीएम का उपयोग करते वक्त अपने पीछे या अगल-बगल किसी को भी खडा नहीं होने दें।
+ अपने एटीएम कार्ड का पासवर्ड न फोन पर न सामने किसी को बतायें। बेहतर है उसे बदलते रहें।
+  एटीएम पर अपना हस्ताक्षर अवश्य करें ताकि बदले जाने का खतरा कम हो। किसी को भी मजबूरन कार्ड न दें, अगर दें तो फिर रखते वक्त अपना हस्ताक्षर या पहचान देख कर संतुष्ट हो लें, कि कार्ड आपका ही है।
+ अगर कार्ड बदल जाये या बदले जाने की आशंका हो तो तुरंत काल सेंटर को काल कर उसे लाक करायें।
+ पैसे निकालने या एटीएम कार्ड का इस्तेमाल कर लेने के बाद केंसिल का बटन अवश्य इस्तेमाल करें।

तोडा जाता है प्रतिबन्धों को
किसी भी एटीएम सेंटर में एक से अधिक व्यक्ति का एक साथ प्रवेश या उपस्थिति प्रतिबन्धित है। इसका पालन नहीं किया जाता। नागरिक समाज तो जैसे इस प्रतिबन्ध को मानने के लिए ही तैयार नहीं दिखता। किसी भी सेंटर पर चले जायें आपको दो या इससे अधिक व्यक्ति एक साथ दिख जायेंगे। सुरक्षा मानकों के खिलाफ है यह, किंतु किसी को कोई फर्क नहीं पडता। हद यह कि मौके पर तैनात सुरक्षा प्रहरी भी इसके प्रति गंभीर नहीं दिखता। ऐसे में जो भुक्तभोगी है कम से कम वह तो विरोध करे। वह भी ऐसा नहीं करता। तैनात सुरक्षा प्रहरियों के खिलाफ जब कारर्वाई होगी तभी सख्ती की उम्मीद दिखती है। यह उसका दायित्व है कि कभी भी एक से अधिक व्यक्ति एटीएम मशीन के पास न हो।

चार दिन में लूट गया 3.80 लाख

सारा धन गया में निकाला
दो अपराधियों के नाम ज्ञात
दाउदनगर (औरंगाबाद) हसपुरा डिंडिर के निवासी बुजुर्ग राजनन्दन शर्मा एटीएम से लूट के ताजा शिकार हैं। उनके खाते से 14 से 17 अप्रैल के बीच मात्र चार दिन में 3.80 लाख की निकासी कर ली गई। जब तक उन्हें इसका भान हुआ तब तक वे लूट चुके थे। वैसे उनके खाते में इससे कई गुणा रकम थी। बताया कि जब वे एसबीआई की दाउदनगर शाखा में अपना पासबुक अपडेट कराने गये तो उन्हें पता चला कि कई बार पैसे कि निकासी गया में की गई है। जबकि उन्होंने पैसे निकाले ही नहीं थे। सवाल पूछा तो बैंक अधिकारी ने पूछा कि एटीएम कार्ड है? तपाक से बोले- हां है। जब कार्ड दिया तो सारा मामला खुला। बैंकर ने बताया कि आपका एटीएम कार्ड बदला हुआ है। खाता के स्टेटमेंट से ज्ञात होता है कि गया में 14 अपरिल को चार बार में 40 हजार निकाला। मकसुद अंसारी के खाते में दो बार में 30 हजार ट्रांसफर किया गया है। गोल्डेन अलंकार ज्वेलर्स के यहां 50 हजार की खरीद की गई है। दूसरे दिन 35 हजार की निकासी की गई और दो बार में 30 हजार फिर मकसुद के खाते में ट्रांसफर हुआ। 16 को मकसुद को दो बार में 30 हजार ट्रांसफर किया, 40 हजार की निकासी की गई और फिर ज्वेलर्स के यहां 50 हजार की खरीद की गई। 17 अप्रैल को अरुण राम के खाते में 15 हजार और 20 हजार ट्रांसफर किया गया। दो बार में 40 हजार की निकासी की गई। अब बेचारे पुलिस की कारर्वाई की उम्मीद कर रहे हैं। डीएसपी मो.अनवर ज़ावेद ने बताया कि कागजात उपलब्ध कर मामले में अनुसन्धान किया जा रहा है। श्री शर्मा कसम खाते हैं कि अब एटीएम कार्ड नहीं रखेंगे।



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