Wednesday 29 April 2015

दर्शनीय है घोडेशाह बाबा का मजार

साइसी करने वाले बन गये पुज्यनीय
पुलिस प्रशासन कराता है कव्वाली
दाउदनगर (औरंगाबाद) शहर के दिलो-जीगर में बसे हजरत इसमाइल शाह उर्फ घोड़े शाह बाबा का थाना परिसर में मजार है। गुलाम भारत में जब थानेदार, दारोगा, सिपाही जब इस क्षेत्र का दौरा करने आते थे तो उन्हे घोड़ा दिया जाता था। इन घोड़ों की हिफाजत के लिए यहाँ घोड़े शाह साइस के पद पर नाफीज थे। साइसी के बाद जो वक्त बचता था उसका इस्तेमाल वे इबादत-रेयादत में करते थे। इनकी मृत्यु के बाद थाना परिसर में उनकी याद में एक मजार बनाया गया। एक बार इसी थाने में दारोगा अब्दुल अजीज पदस्थापित हुए। एक बार वे प्रशासनिक कार्य से जरूरी कागजात लेकर कहीं जा रहे थे। इनका कागज खो गया। किसी ने सलाह दी की वे इस मजार पर फतेहा कर अपनी मुराद रखें। उन्होने वैसा ही किया। शाम के वक्त कोई अजनबी शख्स आकर खोया हुआ कागजात वापस कर दिया। अब्दुल अजीज ने चादर पोशी की और कवाली का आयोजन किया। यह दस रजब को हुआ था इसलिए हर साल इस तारिख को प्रशासन द्वारा यहाँ चादर पोशी एवं कव्वाली का आयोजन कराया जाता है।


No comments:

Post a Comment