Monday 6 February 2023

सरकार से मदद नहीं, इलाज के नाम पर की गई ठगी

 


डाउन सिंड्रोम से ग्रसित है आदित्य राज 

इस जन्मजात दिव्यांग का इलाज एलोपैथी में नहीं 

अमेरिका तक के डाक्टर ने कहा एलोपैथ से नहीं होगा लाभ वाराणसी के आयुर्वेद चिकित्सक के इलाज से हो रहा लाभ 

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : आदित्य राज की उम्र नौ वर्ष है। चूड़ी बाजार निवासी दिनेश कुमार अग्रवाल का यह पुत्र है जन्मना दिव्यांग है। डाउन सिंड्रोम यानी मंदबुद्धि से अधिक खराब स्थिति वाली बीमारी से ग्रस्त है। सरकार से कोई लाभ ना मिला और ना सरकार से किसी लाभ की अपेक्षा अभिभावकों ने की। दिव्यांग का प्रमाण पत्र नहीं बनवाया गया है। इस बाल दिव्यांग के मामले में दुखद स्थिति यह है कि इलाज के नाम पर लोगों ने ठगने तक का काम किया। बताया कि जन्म के बाद ही पता चला कि हृदय में छेद है। 10 से 11 माह की उम्र में बेंगलुरु में सफल आपरेशन कराया। दिनेश अग्रवाल ने बताया कि एम्स में भागदौड़ से बचने के लिए बेंगलुरु इलाज कराया। बाद में पता चला कि इसे डाउन सिंड्रोम है। एलोपैथिक इलाज कराया लेकिन डाक्टर संतोष राय और अमेरिका में रह रहे डा. संजीव कुमार ने आश्वस्त किया कि एलोपैथ से इस मर्ज का इलाज संभव नहीं है। एलोपैथिक चिकित्सक यदि ठीक करने का दावा करते हैं तो वे वास्तव में ठगी करेंगे। थेरेपी या अन्य पैथी में इसे देखें। इसके बाद उन्होंने होम्योपैथ से इलाज कराया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ तो फिर वाराणसी से आयुर्वेदिक इलाज करा रहे हैं। इसके बाद फर्क यह दिखा कि बच्चा एक अक्षर बोलता था अब एक पंक्ति बोलने लगा है। आंख से संपर्क बनाने लगा है। एकांत पसंद की जगह सबसे मिलजुल कर रहने लगा है। स्नान, शौच अब स्वयं करने लगा है। बताया कि एक एक व्यक्ति ने आयुर्वेद चिकित्सा से ठीक करने के नाम पर लगभग तीस हजार रुपये की ठगी कर ली। अब वह दिखता भी नहीं है। दिनेश अग्रवाल ने बताया कि आदित्य कलम पकड़ता है लेकिन क, ख, ग भी नहीं लिख पाता। स्पष्ट बोल नहीं पाता है। उसके बाद मां पिता भी नहीं समझ पाते हैं। कुछ कुछ दिन भर बोलते रहता है। किसी सामान को ले लिया तो उसको दिन भर नहीं छोड़ेगा। 



इटली के डाक्टर ने कहा ठीक नहीं हो पाते ऐसे बच्चे 

जन्मना दिव्यांग कुंदन कृष्ण की है कई समस्याएं 

माता-पिता के भरोसे ही दिनचर्या का हर काम 


मौला बाग स्थित ओम प्रकाश दुबे का पुत्र कुंदन कृष्ण 18 वर्ष का हो गया है। लेकिन वह न चल सकता है, ना बोल सकता है, ना कुछ समझ सकता है। उसकी पूरी दिनचर्या अभिभावक के जिम्मे ही है। उसे सेरेब्रल पाल्सी यानी सीपी रोग है। जन्म के समय ही मस्तिष्क का एक नस दब गया था। ओम प्रकाश दुबे उर्फ मुन्ना दुबे बताते हैं कि अब उसकी उम्र हो गई इसलिए उसे उठा पाना भी मुश्किल होता है। एक व्यक्ति को हमेशा उसके साथ रहना पड़ता है इसलिए कहीं आना जाना संभव नहीं होता। सरकार की तरफ से इलाज के नाम पर कोई मदद कभी नहीं मिली। दिव्यांग पेंशन 400 रुपये प्रतिमाह मिलता है। सरकार से किसी लाभ की इच्छा भी नहीं रहती है। हर डाक्टर यही बोला कि इसका कोई इलाज नहीं है। इटली के डाक्टर मोरेनो टालडो से वाराणसी में एक बार मुलाकात हुई तो उन्होंने हर प्रकार की जांच के बाद कहा कि बच्चा बहरा नहीं है इसलिए दो चार शब्द बोल सकेगा, लेकिन जिंदगी में कभी चल नहीं सकेगा। ऐसे बच्चे ठीक नहीं हो पाते। अमेरिका में इलाज करने वाले डाक्टर संजीव कुमार ने भी यही उनसे कहा कि कभी ठीक नहीं होगा। इस तरह के मर्ज का इलाज अमेरिका में भी नहीं है तो भारत में उम्मीद कैसे की जा सकती है। ओम प्रकाश दुबे ने बताया कि हर समय कुंदन कृष्ण के साथ रहना उनकी आवश्यक विवशता है। 

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