Friday 10 February 2023

विस्थापन का दर्द झेल चुके नप को मिलेगा शीघ्र भव्य कार्यालय



138 वर्ष में पहली बार मिला सुंदर व जरूरत के मुताबिक कार्यालय 

1885 का भवन 2002 में हो गया था ध्वस्त

वर्ष 2005 में बना था सामुदायिक भवन वर्ष 2008 में बना अधूरा प्रशासनिक भवन 

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नगर परिषद अपने स्थापना का 138 वर्ष पूरा कर चुका है। अब उम्मीद की जा रही है कि फरवरी के अंतिम या मार्च के प्रथम सप्ताह में इसे अपना सुंदर भव्य और जरूरत के मुताबिक प्रशासनिक भवन उपलब्ध हो सकेगा, जो बनकर लगभग तैयार है। नगर परिषद कार्यालय को विस्थापन का भी दर्द झेलना पड़ा है। मुख्य पार्षद के प्रतिनिधि कौशलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि प्रशासनिक भवन बन कर लगभग तैयार है। जिसका उद्घाटन फरवरी के अंतिम या मार्च के प्रथम सप्ताह में किए जाने की संभावना है। बताया कि इसका प्राक्कलन राशि 63 लाख रुपये है। जिसमें से 60 लाख रुपये मुख्यमंत्री शहरी निकाय प्रोत्साहन राशि के तहत प्राप्त हुआ था। शेष राशि आंतरिक संसाधन से लगाया गया है। बताया कि लगभग दो लाख रुपये कार्यालय के सौंदर्यीकरण पर खर्च होना है। उन्होंने बताया कि अब तक करीब 45 लाख रुपये लगभग खर्च हो चुका है। फिलहाल नगर परिषद का कार्यालय अधूरा बने प्रशासनिक भवन और सामुदायिक भवन में चल रहा है। वर्ष 1885 में नगर पालिका का गठन हुआ था। तब से वह जिस खपड़े के मकान में चलता था वह 2002 में ध्वस्त हो गया। तब नारायण प्रसाद मुख्य पार्षद थे। वे समूचे कार्यालय को पटवाटोली स्थित दुर्गा क्लब ले गए ले। जहां कार्यालय निशुल्क रहा। इसके लिए नगर परिषद ने दुर्गा क्लब को कोई भुगतान नहीं किया था। बाद में प्रत्येक वार्ड में एक सामुदायिक भवन बनाने की नगर विकास विभाग की योजना आयी। इसी की राशि से नगर परिषद कार्यालय में सामुदायिक भवन का निर्माण किया गया और फिर कार्यालय इसमें शिफ्ट किया गया। तब मुख्य पार्षद सावित्री देवी बन गयी थीं। इसके बाद परमानंद पासवान मुख्य पार्षद 2007 में बने, तो प्रशासनिक भवन के निर्माण का काम किया गया। वर्ष 2008 में बनकर तैयार हुआ। कुल 28 लाख रुपए की राशि से तीन मंजिला भवन बनना था। लेकिन एक मंजिला भवन ही बन सका। जिस पर लगभग 12 लाख रुपये खर्च हुआ था। शेष राशि विभाग को वापस कर दी गयी थी। इस भवन में भी कई प्रकार के नगर परिषद से संबंधित कार्यालय चल रहे हैं।


इतना कुछ बना है नए भवन में

इस भवन में मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद, कार्यपालक पदाधिकारी, सिटी मैनेजर, प्रधान सहायक के साथ अन्य कर्मचारियों का निजी कार्यालय उपलब्ध है। इसके अलावा एक बड़ा सभा कक्ष निचले तल पर और ऊपरी तल पर वार्ड पार्षदों के बैठने के लिए सभा कक्ष का निर्माण किया गया है। इस कार्यालय को नगर परिषद के संदर्भ में पर्याप्त बताया जा रहा है।



दिल से बनवाया है कार्यालय 



मुख्य पार्षद मीनू सिंह ने बताया कि प्रशासनिक भवन के निर्माण में किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो यह सुनिश्चित किया गया है। इसे अपने घर से भी ज्यादा लगन और मन से बनाया गया है। इस तरह के सरकारी मकान शायद ही कहीं दूसरा मिले। इसमें लगाए गए सभी सामान ब्रांडेड कंपनियों के हैं। चाहे वह छड़ हो, चाहे टाइल्स, ग्रेनाइट या प्लाईवुड, सनमाइका हो, या बाथरूम शौचालय के नल हो सभी ब्रांडेड कंपनियों के लगाए गए हैं। 

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