Saturday 4 February 2023

कद्दावर बिहारी रेल मंत्रियों के बावजूद परियोजना पर संकट



 कद्दावर बिहारी रेल मंत्रियों के बावजूद परियोजना पर संकट 

15 वर्ष में 326 से 3500 करोड़ की हुई परियोजना

मामला बिहटा औरंगाबाद रेलवे लाइन का

43 वर्ष में भी परियोजना पूरी नहीं 

2007 में लालू प्रसाद यादव ने किया था शिलान्यास 

नीतीश कुमार ने की थी परियोजना पूरी कराने की घोषणा 

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : डबल इंजन की सरकार को विकास के लिए बेहतर माडल के रूप में प्रचारित किया जाता है लेकिन मात्र एक परियोजना पूरी करा सकने में डबल इंजन की सरकार सफल नहीं रही। और ना ही केंद्र में कद्दावर रेलवे मंत्री रहते बिहारी नेता सफल हो सके। मामला बिहटा से औरंगाबाद रेलवे लाइन बिछाने का है। सबसे पहले 1980 में आरा के सांसद रहे चंद्रदेव प्रसाद वर्मा ने इस मामले को संसद में उठाया था। इसके बाद यदि देखें तो 2007 में पालीगंज में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने इस परियोजना का शिलान्यास किया और तब से प्रायः हर बजट में कुछ न कुछ राशि मिलती रही। अभी तक बमुश्किल 100 करोड रुपए भी नहीं प्राप्त हुई है। तब यह परियोजना बमुश्किल 326 करोड़ रुपए की बताई गई थी। लेकिन बीते 15 वर्ष में यह 3500 करोड़ रुपए लगभग की हो गई है। जब नीतीश कुमार केंद्र में रेलवे मंत्री बने तो उन्होंने 2004 में अरवल में एक सभा को संबोधित करते हुए घोषणा की कि इस परियोजना को पूरा करवाएंगे। लेकिन हुआ कुछ नहीं। बीते 43 वर्ष में यह परियोजना मात्र सर्वे तक पहुंच पाई है। लोकसभा में इस मामले को काराकाट के सांसद महाबली सिंह ने उठाया और कहा है कि यह परियोजना पूरी कराने के लिए अधिक से अधिक बजट लेने का प्रयास बजट सत्र में करेंगे। इधर रेलवे लाइन निर्माण संघर्ष समिति ने पांच जनवरी से नए सिरे से आंदोलन का आगाज करने की घोषणा की है।



दो चरणों में होना है निर्माण

दो चरणों में बिहटा- औरंगाबाद रेलवे लाइन का निर्माण कार्य पूरा कराना है। पहले चरण में बिहटा से पालीगंज तथा दूसरे चरण में पालीगंज से औरंगाबाद के बीच निर्माण होना है।



रेल परियोजना से जुड़े तथ्य


वर्ष 2007 में अनुमानित प्राक्कलन -326 करोड़ रुपये।

वर्ष 2022 में अनुमानित राशि 3500 करोड़ रुपये।

लंबाई 118.45 किलोमीटर।

 प्रस्तावित स्टेशनों की संख्या -16

यहां बनेंगे स्टेशन- बिहटा, अमहारा, विक्रम, दुल्हिन बाजार, पालीगंज, बारा, अरवल, राजा बिगहा, जयपुर, शमशेरनगर, दाउदनगर, ओबरा, अनुग्रह नारायण रोड, भरथौली, औरंगाबाद।


फाटक व पुल :- 79 समपार फाटक व 196 छोटे-बड़े पुल



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