Saturday 4 February 2023

किसी को भी गुटखा खाते देखते हैं तो निकल जाती है आंख से आंसू

 कैंसर दिवस पर विशेष रिपोर्ट


 


कैंसर पीड़ित की अपील- छोड़ दें जहर खाना 

बेकार हो जाती है जिंदगी, दो बार कराना पड़ा जबड़े का आपरेशन 

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : शहर के वार्ड संख्या 20 पटवाटोली में रहते हैं छोटू कुमार। युवा हैं और कैंसर से पीड़ित होने के बाद जिंदगी को अपनी पटरी पर लाने में कामयाब रहे। उनको कैंसर गुटखा खाने से हुआ। बताते हैं कि खैनी खाते-खाते एक दिन गुटखा खा लिया तो जबड़े में जख्म हो गया। समझा कि किसी तरह कट गया होगा। दवा लेता रहा। इलाज कराता रहा लेकिन ठीक नहीं हुआ। ऐसे में एक बार महावीर कैंसर संस्थान जाकर दिखाने की सलाह किसी ने दी फिर रिश्तेदार से मिलकर बनारस में जांच कराया तो पता चला कि कैंसर हो गया है। आपरेशन कराया फिर सेंकाई कराई। पूरा ठीक भी नहीं हुआ था कि फिर दोबारा जख्म गहरा हो गया ।जबड़े के आपरेशन के लिए मांस जांघ से काट कर लिया डाक्टरों ने और फिर जबड़े को दुरुस्त किया। दो बार कैंसर के आपरेशन में करीब पांच लाख रुपये खर्च हो गया। अब छोटू बताते हैं कि किसी को खैनी गुटखा खाते देखते हैं तो आंख से आंसू निकल जाता है। मन में सवाल उठता है कि लोग जहर क्यों खा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि जहर खाना छोड़ दें। अन्यथा एक बार अगर कैंसर हो गया तो जिंदगी बेकार हो जाती है। उन्होंने कहा कि खैनी, गुटका जीवन में कभी नहीं खाएंगे। न ही किसी को खाने के लिए कहेंगे।



 वृद्धावस्था का पैसा बेटे में हो गया खर्च

फ़ोटो-कलावती देवी

 छोटू की मां कलावती देवी बातचीत करने के क्रम में रो पड़ती हैं कहती हैं कि कमाकर वृद्धावस्था में गुजारा करने के लिए कुछ पैसा जमा किया था। बेटे के इलाज में वह सब भी खत्म हो गया। खैनी, गुटका खाना से मना करने पर भी कई लोग जब नहीं मानते हैं तो अधिक तकलीफ होती है। खासकर जिन से रक्त संबंध है उनको लेकर।

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