Friday 9 June 2023

दाउदनगर नगर परिषद चुनाव : बहुत कुछ हुआ नया नया

 मतदान केंद्रों पर सुबह से लगी कतार, दोपहर में सन्नाटा, शाम में भीड़



52.58 प्रतिशत ही हो सका मतदान


दाउदनगर नगर परिषद चुनाव में मतदान के लिए सुबह 7:00 बजे ही लंबी-लंबी कतारें मतदान केंद्रों पर लग गई। तीखी धूप और गर्म हवा के बावजूद लोग लाइन में डटे रहे। ऐसी स्थिति कई मतदान केंद्रों पर दिखी। कतार में लगे मतदाता को कहीं कहीं तीन तीन घंटे ईवीएम मशीन तक पहुंचने में लगे और तब वे मतदान कर घर लौटे। अनुमंडल कंट्रोल रूम से बताया गया कि कुल 52.58 प्रतिशत मतदान हुआ है। मुस्लिम बहुल इलाकों के मतदान केंद्रों पर लगभग 10-11 बजे से सन्नाटा शुरू हो गया। कारण बताया गया जुम्मा का होना। शुक्रवार को नमाज अदा करने के कारण मुस्लिम समुदाय के लोग मतदान केंद्रों पर कम दिखे। वार्ड संख्या चार के मतदान केंद्र संख्या एक और दो पर 10:00 बजे लगभग सन्नाटा पसरा था। बमुश्किल एक दर्जन मतदाता दिखे। नमाज अदा करने के बाद ऐसे मतदाता मतदान केंद्र पर पहुंचे। कई मतदान केंद्रों पर दोपहर में सन्नाटा रहा। दोपहर में मतदान केंद्रों पर भीड़ कम दिखी। लगभग तीन बजे के बाद भीड़ पुनः काफी हुई। वृद्ध हो या गोद में बच्चा लिए मां, सभी मतदान करते दिखे। यह ट्रेंड भी दिखा के लोग मतदाताओं को घर से निकाल कर मतदान केंद्र तक पहुंचा रहे हैं और मतदान कराने को प्रेरित कर रहे हैं। इसके लिए प्राय: प्रत्याशियों की तरफ से ई-रिक्शा की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। कई मतदान केंद्रों पर मतदाता बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। चलंत मतदान केंद्रों पर टेंट के नीचे तो जिन मतदान केंद्रों के पास जहां छाया दिखा वहीं बैठकर अपनी बारी का इंतजार करती महिलाएं बड़ी संख्या में दिखीं। तीखी धूप और तेज गर्म हवा के बावजूद महिलाओं का लंबी लंबी कतार में खड़ा होना, छाया देखकर बैठना और फिर धूप में खड़ा होना और फिर मतदान करने तक पहुंचना बताता है कि महिलाओं में भी मतदान को लेकर कितना जज्बा था।




6:15 बजे हुआ माक पोल 1:53 बजे कटी बिजली 


संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नगर परिषद चुनाव को लेकर शहर में बनाए गए सभी 53 मतदान केंद्रों से संबंधित ईवीएम में 6:15 बजे तक माक पोल कर लिया गया। कई मतदान केंद्रों पर स्थिति यह है कि अभ्यर्थी या उनके प्रतिनिधि नहीं पहुंचे। ऐसी स्थिति में आम मतदाताओं को बुलाकर ही माक पोल किया गया। कंट्रोल रूम से प्राप्त शिकायतों के अनुसार वार्ड संख्या 12 के एक नंबर मतदान केंद्र से शिकायत मिली कि मशीन काम नहीं कर रहा है। वार्ड संख्या पांच के मतदान केंद्र संख्या दो से शिकायत मिली कि ईवीएम का स्विच खराब है। बाद में वहां कंट्रोल यूनिट को बदला गया। वार्ड संख्या 12 के मतदान केंद्र संख्या एक से बटन काम नहीं करने की शिकायत मिली तो बैलट यूनिट को बदला गया। 7:00 बजे मतदान शुरू हो गया। मुख्य पार्षद के प्रत्याशी निशा कुमारी द्वारा शिकायत की गई कि वार्ड नंबर एक के मतदान केंद्र संख्या एक पर पोलिंग अभिकर्ता को नहीं बैठने दिया जा रहा है। शिकायत का समाधान किया गया और पोलिंग अभिकर्ता को वहां बैठाया गया। वार्ड संख्या 15 के मतदान केंद्र संख्या दो और वार्ड संख्या 16 के मतदान केंद्र संख्या दो से शिकायत मिली की फेस रिकागनाइनेशन सिस्टम काम नहीं कर रहा है। वार्ड संख्या 10 के मतदान केंद्र संख्या एक और दो से शिकायत मिली कि पुलिस मतदाताओं को अंदर ले जाकर मतदान करा रही है। वार्ड संख्या छह के मतदान केंद्र संख्या दो से शिकायत मिली कि एक वृद्ध महिला का फेस रिकग्नाइजेशन सिस्टम काम नहीं कर रहा है। वार्ड संख्या 12 के मतदान केंद्र संख्या एक से शिकायत मिली कि 15 नंबर का बटन काम नहीं कर रहा है। 1:53 पर मतदान केंद्र वार्ड वार्ड संख्या 21 के मतदान केंद्र संख्या एक से शिकायत मिली कि विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है। वार्ड संख्या इक्कीस के मतदान केंद्र संख्या एक एवं दो से बोगस वोटिंग किए जाने की शिकायत मिली। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि बोगस वोटिंग संभव नहीं है। इसके अलावा कई मतदान केंद्रों से शिकायत मिली कि मतदाताओं को मिठाई खिलाया जा रहा है। कोल्ड ड्रिंक पिलाकर अपने पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अनुमंडल कंट्रोल यूनिट के प्रभारी सह प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि शिकायतों के क्षेत्र से संबंधित सेक्टर पदाधिकारी को जांच और कार्रवाई के लिए सूचना बता दी जाती रही। 




पहला अनुभव और कई समस्याओं का सामना




वोट देने में लगा वक्त, याद नहीं किसे दिया वोट

प्रत्याशी जुटे मतदान का रुझान आकलन करने में


नगर परिषद का प्रथम ऐसा चुनाव जब सीधे मुख्य और उप मुख्य पार्षद के लिए मतदाताओं को मतदान करने का अवसर मिला। एक साथ चार वैलेट यूनिट, मतदान केंद्रों पर वेब कैमरा और फिर चेहरा पहचानने की नई तकनीक का इस्तेमाल, बहुत कुछ पहली बार अनुभव मतदाताओं को मिला। तो कई तरह की गड़बड़ी भी हुई। मतदाताओं को कंफ्यूज भी देखा गया। विभिन्न मतदान केंद्रों पर यह देखा गया कि मतदान की प्रक्रिया काफी धीमी रही है। इसकी वजह यह रही कि पहली बार शहर के मतदाताओं के सामने तीन कंट्रोल यूनिट और चार बैलट यूनिट थे और चयन करना मुश्किल हो रहा था। एक मतदान केंद्र पर तो एक वृद्ध महिला अपनी पोती के साथ मतदान करने गई। पोती भी मत देने गई थी। इसके बावजूद वृद्ध महिला के मतदान में पांच मिनट का लगभग वक्त लगा और उसमें भी तब जब मतदान कर्मी से लेकर पोलिंग एजेंट तक वोट देने के लिए बाहर से उसे बताते रहे कि अमुक रंग का इबीएम दबाइये। दरअसल पहली बार तीन पद के लिए चार बैलट यूनिट में मतदान करना था। आम बुजुर्गों और वृद्ध महिलाओं को और काफी हद तक आम लोगों को भी यह याद रखना मुश्किल हो रहा था कि किस प्रत्यासी के लिए किस बटन को दबाना है। क्योंकि प्रत्याशी का नाम और चुनाव चिन्ह याद रखना बड़ी मुश्किल ऐसे लोगों के लिए हो रहा था। स्थिति यह भी दिखी कि काफी ऐसे लोग जो किसी न किसी प्रत्याशी के साथ जुड़े रहे चुनाव प्रचार में, वे खुद दूसरे पद के प्रत्याशी को लेकर तय नहीं कर सके थे कि किस पद के लिए किसे वोट देना है। उनको यह याद ही नहीं रहा था। हां, ईवीएम में पढ़कर मत देने का काम किये। सूचना है कि मतदाता जिसको मत देने का मन बना कर गया था ईवीएम मशीन के पास पहुंचकर खोजने के चक्कर में मन बदल गया। मत देने के बाद भी किस पद वे लिए किसे मत दिया यह एकसिरे से नहीं बता पा रहा था कि वह मत किसे दिया। लोगों का मानना है कि यह पहला अनुभव था इसलिए समय लगा। दूसरे चुनावों की अपेक्षा मतदान में वक्त लग रहा था। अब प्रत्याशी मतदान के रुझान का आकलन करने में जुटे हैं। बूथ वार मतदान उनके पक्ष में कितना मिला हो सकता है। प्रत्याशी अब यह आकलन कर रहे हैं। वहीं शहर यह जानने का उतावला दिखा कि किसमें किसमें संघर्ष रहा। हर कोई यह जानने को बेचैन दिखा।




फेस रिकाग्निशन सिस्टम 50 प्रतिशत रहा सफल 

फोटो- 

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : बोगस मतदान रोकने के लिए लागू किया गया फेस रिकाग्निशन सिस्टम पूरी तरह सफल नहीं हो सका। एक अनुमान के मुताबिक लगभग 50 प्रतिशत मामलों में ही वह चेहरा पहचान सका और मतदाता सूची से मतदाता के चेहरे का मिलान करने में सफलता मिली। कई जगह मतदान केंद्रों पर देखा गया कि मतदाता का मोबाइल एप्स से फोटो खींचने के बाद मतदाता सूची में दर्ज फोटो से उसका मिलान नहीं हुआ। कई बार यह भी हुआ कि फोटो खींचने के बाद ऐप आगे बढ़ने नहीं दे रहा था। इंतजार करना पड़ा। मतदान केंद्रों पर पीठासीन पदाधिकारियों ने बताया कि ऐसी स्थिति में निर्देश यही प्राप्त था कि चेहरे का मिलान करने में ऐप के असफल होने के बावजूद मतदाता को मतदान करने से वंचित नहीं करना है। उसे आगे की प्रक्रिया के लिए भेज देना है। कई मतदान केंद्रों पर इस कारण विलंब हुआ। लेकिन लोगों को इस ऐप के जरिए चेहरा मिलान करने का नया अनुभव प्राप्त हुआ।



सुरक्षित मतदान कर्मियों को भुगतान नहीं होने से आक्रोश 



डीएम को सुरक्षित मतदान कर्मियों ने दिया आवेदन 

नगर पालिका आम चुनाव 2023 दाउदनगर नगर परिषद में चुनाव कराने के लिए प्रतिनियुक्त सुरक्षित मतदान कर्मियों ने आक्रोश व्यक्त किया है। उनका कहना है कि उन्हें भुगतान नहीं किया गया है। जबकि पूर्व के सारे चुनाव में जैसे दाउदनगर, रफीगंज, बारुण पंचायत उप चुनाव 2023 के सुरक्षित कर्मियों को राशि का भुगतान किया गया है। इससे संबंधित आवेदन जिला निर्वाची पदाधिकारी सह जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी दाउदनगर को दिया गया है। इसमें कहा गया है कि संभवत यह पहला अवसर है कि चुनाव में सुरक्षित मतदान कर्मियों को भुगतान नहीं किया जा रहा है। इस आवेदन पर कुल 27 मतदान कर्मियों के हस्ताक्षर हैं। जिसमें पीओ से लेकर पी वन, पी टू, पी थ्री ए, पी थ्री बी और पी थ्री सी शामिल है। इस आवेदन पर मतदान कर्मियों के नाम, पदनाम और पिन नंबर के साथ हस्ताक्षर हैं। उन्होंने कहा कि उनको हर हाल में भुगतान मिलना चाहिए। इसके लिए वे न्यायालय तक जाएंगे। ज्ञापन पर शशि भूषण कश्यप, मोहम्मद जियाउद्दीन, मिंटू कुमार, विनय कुमार, सिद्ध राम, पवन कुमार, नितेश कुमार रजक, संजय कुमार समेत कई के हस्ताक्षर हैं। 




पिंक मतदान केंद्र पर एक भी महिला कर्मी नहीं


प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में वार्ड संख्या 25 के दो मतदान केंद्र एक ही जगह हैं। इसे पिंक बूथ यानी गुलाबी मतदान केंद्र का दर्जा प्राप्त है। कायदे से यहां पीठासीन पदाधिकारी से लेकर मतदान कर्मी तक सभी कर्मी महिला होनी चाहिए। पूर्व में भी ऐसा ही होता रहा है, लेकिन इस बार इस गुलाबी मतदान केंद्र पर सिर्फ बैलून ही गुलाबी थे। एक भी महिला कर्मी यहां नहीं थी। सिर्फ पुरुष अधिकारी और मतदान कर्मी यहां तैनात मिले। इस संबंध में सहायक निर्वाची पदाधिकारी सह बीडीओ योगेंद्र पासवान ने बताया कि प्रतिनियुक्ति करना हमारा काम नहीं है। जो प्रतिनियुक्ति हुई उसके हिसाब से वहां कर्मी तैनात हैं।




दिव्यांग मतदाताओं को सहयोग करते दिखे स्काउट एवं गाइड 


स्वच्छता व पेयजल की भी संभाली जिम्मेदारी


राष्ट्रीय इंटर स्कूल को आदर्श मतदान केंद्र बनाया गया है। यहां चिकित्सकीय सुविधा और दवा इत्यादि उपलब्ध दिखा। खास बात यह रही कि यहां भारत स्काउट एंड गाइड वाले उपस्थिति रहे। इसके जिला प्रशिक्षक मोहम्मद रुस्तम आलम ने बताया कि स्काउट मधु कुमार, अमरेश कुमार, नीरज कुमार, पंकज कुमार तथा गाइड रमन कुमारी एवं प्रमिला कुमारी ने दिव्यांग मतदाताओं का मतदान करने में सहयोग किया। उनको मतदान केंद्र तक पहुंचाया। सफाई की व्यवस्था संभाली और पेयजल सुविधा उपलब्ध कराया।



पांच घंटे तक मतदान से वंचित रखे गए 78 मतदाता 

 उच्च अधिकारियों को शिकायत किए जाने के बाद निकला समाधान 


वार्ड संख्या आठ के मतदान केंद्र संख्या दो पर मतदाता सूची के क्रमांक 1633 से 1711 तक कुल 78 मतदाताओं को मतदान करने से वंचित कर दिया गया। काफी प्रयास और शिकायतों के बाद लगभग पांच घंटे के बाद इनको मतदान की अनुमति मिली। मौके पर मतदाता कविता देवी ने बताया कि वह बीते 20 बरस से मतदान कर रही हैं लेकिन इस बार कहा गया कि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है। जबकि आनलाइन मतदाता सूची में उनका नाम दिख रहा है। ऐसी शिकायत आनंद कुमार, हिमांशु कुमार, अभिषेक कुमार, मनीष कुमार समेत तमाम लोगों की रही। उनका कहना था कि उनके पास जो मतदाता सूची उपलब्ध है उसमें इनके नाम हैं। इनको मतदान के लिए पर्ची भी मिली लेकिन जब मतदान केंद्र पर मतदान करने गए तो वहां पीठासीन पदाधिकारी ने मतदान करने से रोक दिया। कहा कि मतदाता सूची में इनका नाम ही नहीं है। मौके पर अपर एसडीओ प्रियव्रत रंजन समेत कई अधिकारी गए किंतु समाधान नहीं निकला। इस समस्या को लेकर धीरे-धीरे आक्रोश बढ़ता गया। अंतत: जिला पदाधिकारी से लेकर राज्य निर्वाचन आयोग तक शिकायत की गई। इसका असर यह हुआ कि लगभग पांच घंटे के बाद समस्या का समाधान और समस्या की वजह दोनों पता चला। लगभग एक बजे निर्वाची पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी योगेंद्र पासवान ने बताया कि जिस मतदाता सूची में इनका नाम है उसकी प्रति बगल वाले मतदान केंद्र से जुड़ गया है। यानी वार्ड संख्या आठ के बूथ संख्या दो की सूची में जिन लोगों के नाम क्रमांक 1633 से 1711 के बीच है वह पन्ना मतदान केंद्र संख्या एक में है। वहां जाकर मतदान करें। जब इसकी सूचना संबंधित लोगों को दी गई तो पुनः उन मतदाताओं को बुलाकर मतदान दिलवाया गया। 



प्रदर्शित रहती सूची तो नहीं होती समस्या 

नियम यह है कि पीठासीन पदाधिकारी को मतदाता सूची की न्यूनतम तीन प्रति मिलती है। उन्हें एक प्रति सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित कर देना होता है। यानी मतदान केंद्र के पास बेहतर स्थान देखकर उसे टांग देना था। यदि ऐसा संबंधित मतदान केंद्र के पीठासीन पदाधिकारी करते तो शायद समस्या की मुख्य वजह तुरंत पता चल जाती। ऐसा होता तो पांच घंटे तक समस्या, तनाव और आक्रोश नहीं होता।


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