Thursday 8 June 2023

शहर की दिशा व दशा तय करेंगे मतनिवेशक

 


घोषणापत्र लागू हो जाए तो खत्म हो जाएगी समस्या 

शहर के भले बुरे का आकलन कर रहे मतदाता 

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : शुक्रवार को लगभग 39000 मतदाता अपने लिए मुख्य और उप मुख्य पार्षद का चयन करेंगे। इसके लिए मुख्य पार्षद के 19 और उप मुख्य पार्षद के 10 प्रत्याशियों में से एक-एक का चुनाव करेंगे। इसके अलावा 27 वार्ड हैं तो 27 वार्ड पार्षद भी यही मतदाता चुनेंगे। यह चुनाव शहर के भविष्य के लिए है। शहर की दिशा व दशा तय करेंगे एक एक मत। बहुमूल्य है यह मत। क्योंकि पहली बार सीधे जनता को मुख्य व उप मुख्य पार्षद का चयन करना है तो उसकी जिम्मेदारी भी बहुत बड़ी है। इसलिए एक प्रत्याशी निशा कुमारी ने इसे मतदान नहीं बताया बल्कि मतनिवेशक शब्द का इस्तेमाल किया। लोगों को बताया कि मत दान करके भूलें नहीं बल्कि उसे निवेश करें पांच साल के लिए और जैसे बैंक खाता देखते रहते हैं वैसे ही अपने निवेश का फलाफल जांचते रहिये। निर्वाचित प्रतिनिधि को टोकते रहिये, ताकि वह विकास के लक्ष्य से भटके नहीं। इसलिए आवश्यक यह है कि मतदाता निःस्वार्थ भाव से शहर के हित में सामूहिक निर्णय ले। अलग अलग जाति या जातीय समूह होकर भी मत तो मतैक्य होकर किया ही जा सकता है। लोग इस दिशा में बैठक से लेकर समझाने-मनाने तक के काम में लगे हैं। जिनको शहर की चिंता है।

मुख्य पार्षद को लेकर पूरे चुनाव मतदाता सजग रहे और सबके प्रचार सामग्री पर उनकी नजर बनी रही। अब जब चुनाव प्रचार खत्म हो गया तो बुधवार की रात से ही विभिन्न जातियों की बैठक शुरू हो गई। विभिन्न समाज अपनी जाति की बैठक कर या मौखिक कह सुन कर वोट किसे दिया जाए यह तय करने में जुट गया है। प्रत्याशियों की तरफ से चाहे जितनी जात नहीं जमात की बात का दावा किया गया हो हकीकत यही है कि प्राय: प्रत्याशी जातीय समीकरण साधने में लगे रहे और अंततः चुनाव का परिणाम जातीय फैक्टर ही तय करेगा। अब किस जाति का वोट किस प्रत्याशी के पक्ष में जा रहा है इसका आकलन बुधवार और गुरुवार को मतदाता करते रहे। मतदाताओं का बड़ा वर्ग ऐसा है जिस का कहना है कि वह मतदान के दिन ही निर्णय लेगा कि वह अपना मत किसे देगा। मतदाता चुप रहे, खामोश रहे, आकलन में जुटे रहे। मुख्य पार्षद के लिए बहुकोणीय संघर्ष की चर्चा की जा रही है। अब देखने की बात यह होगी कि 11 जून को दाउदनगर नगर परिषद में मुख्य पार्षद की कुर्सी किसके लिए सजाई जाती है।



मुद्दों की बहार के बीच जनता की चुस्की


मुख्य पार्षद पद और उप मुख्य पार्षद पद के प्रत्याशियों ने जिस तरह के दावे अपने घोषणापत्र में किए हैं, अगर उनको लागू कर दिया गया तो दाउदनगर में कोई समस्या बचेगी ही नहीं। ना सामाजिक ना भौतिक विकास की कमी रह जायेगी। बल्ले बल्ले होने की गारंटी प्रायः सभी प्रत्याशियों ने दिया है। गनीमत यह रही कि किसी ने दाउदनगर को जिला बनाने का दावा नहीं किया, वरना तमाम तरह के विकास के दावे प्रत्याशियों द्वारा किए गए हैं। जैसी घोषणाएं हुई हैं उस पर कई मतदाताओं की प्रतिक्रिया रही कि -लग रहा है जैसे विधानसभा व लोकसभा का चुनाव हो रहा है। इतनी और ऐसी घोषणाएं तो विधान सभा व लोक सभा के प्रत्याशी तक नहीं करते।


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