Friday 2 June 2023

…और डाकबंगला की जगह नगरपालिका में होने लगी बैठक

 


प्रथम चेयरमैन सूर्य नारायण सिंह नहीं थे दाउदनगर के

जमींदार विधानसभा से थे एमएलसी 


उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : वर्ष 1885 में दाउदनगर नगरपालिका के रूप में गठित हुआ। लेकिन तब इसके चेयरमैन सिंचाई विभाग के एसडीओ पदेन होते थे। जब दाउदनगर के जगदेव मिश्रा पटना सचिवालय में पदस्थापित हुए तो उन्होंने ही नगरपालिका अधिनियम की दफा 28 के तहत पदेन चेयरमैन की व्यवस्था खत्म कराया। इसके बाद 1938 में सरकार ने नागरिक समाज से प्रथम चेयरमैन के रुप में सूर्य नारायण सिंह को मनोनित किया। जो 1942 तक इस पद पर रहे। उनका जन्म आठ अप्रैल 1897 में हुआ था। उनके पिता का नाम राम किशुन सिंह था। दाउदनगर के सिफ्टन हाई स्कूल (अब अशोक इंटर स्कूल) की प्रबंध कमिटी से जुडे हुए थे। जब उन्हें चेयर मैन बनाया गया तो उन्होंने शहर का अतिक्रमण हटाया। तब तक सिंचाई विभाग के डाकबंगला (नगर भवन के बगल में) में नगर पालिका बोर्ड की बैठक हुआ करती थी क्योंकि चेयरमैन औरंगाबाद के एसडीओ हुआ करते थे। जब सूर्य नारायण सिंह चेयरमैन बने तो बैठकें नगरपालिका के कार्यालय में होने लगी। सूर्य नारायण सिंह सन 1947 से 1952 तक गया जिला के (तब औरंगाबाद जिला वजूद में नहीं था) “जमींदार विधान सभा क्षेत्र” से एमएलसी (विधान परिषद सदस्य) रहे हैं। 



जम्होर हाई स्कूल व खादी ग्रामोद्योग इनकी जमीन पर



फोटो-विनोद सिंह 


सूर्य नारायण सिंह के पुत्र विनोद सिंह बताते हैं कि पिताजी ने कहा था कि राजनीति अब हम लोगों के लायक नहीं रही। इसलिए उन्होंने राजनीति छोड़ दी। जम्होर हाई स्कूल और खादी ग्रामोद्योग उनकी दी हुई जमीन पर बनाया गया है। वे ईख उत्पादक सहयोग समिति लिमिटेड के अध्यक्ष भी थे।



रेलवे स्टेशन के नामकरण में भूमिका



फोटो-अनिल सिंह

पौत्र अनिल कुमार सिंह ने बताया कि अनुग्रह नारायण रेलवे स्टेशन के नामकरण में उनकी बड़ी भूमिका थी। पहले यह औरंगाबाद के नाम से जाना जाता था। इस कारण कई समस्या आती थी। जिसे लोग महाराष्ट्र औरंगाबाद का समझते थे। उनके प्रयासों से ही इसका नाम अनुग्रह नारायण सिंह रेलवे स्टेशन पड़ा। यहां कई ट्रेन रुकवाने में उनकी भूमिका थी।




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