Friday 23 September 2016

पाक को नेस्तानबुत करने का दिखा जज्बा



गणेश की झांकी देख चौंक गये दर्शक
एक-से-एक बढ कर निकली झंकियां
 जिउतिया लोकोत्सव में नहाय खाय के दिन गुरुवार को एक से बढकर एक झांकी निकाली गयी। दर्शक तो हक्का-बक्का सा रह गये। उन्हें अपनी ही आंखों पर विश्वास नहीं हुआ। दो दोस्त अवधेश पांडेय व संतोष केशरी ने जब अजय न्यू क्लब का गणेश चतुर्दशी की झांकी देखी तो भौंचक रह गये। नजदीक से देखने के बाद वे यह तय कर सके कि गणेश की चार भुजाओं में जीवित हाथ कौन है और कौन नकली हाथ है। यह कला की फिनिशिंग का कमाल ही है। उरी में सैनिकों पर हमले को भी लोक कलाकारों ने झांकी और नाट्य मंचन के माध्यम से दिखाया। विद्यार्थी क्लब ने चन्दन कसेरा के निर्देशन में इसे प्रस्तुत किया। सन्देश दिया कि- आतंकवाद को मिटा डालो। हमला से देश मर्माहत है। नेताओं को सैनिकों की शहादत नहीं दिखती। बदला लो, खून खौल रहा है। राजु भारती की भारती क्लब ने एड्स पर सन्देश दिया कि मानव-मानव एक है। दिखाया कि कैसे एक एडस पीडित बीमारी से अधिक बीमार समाज से पीडित होता है। मृत रोगी को दाह संस्कार के लिए व्यक्ति भी नहीं मिलते यह कितनी बडा विडंबना है? यहां की झांकियों में सिर्फ कला ही नहीं बल्कि सामाजिक बुराइयों पर चोट पहुंचाने से लेकर राष्ट्रवाद तक के मुद्दे उठाये जाते हैं। आदर्श क्लब के करण राज ने बताया कि महादलितों की सम्स्या पर आधारित अछूत की प्रस्तुति की गयी। बाल संगठन के गौरव ने बताया कि हिन्दू-मुस्लिम एकता पर जोधा अकबर की प्रस्तुति दी।

40 साल से नकल प्रस्तुति
तरार में सोहन साव ने नया रिकार्ड बनाया है। ग्रामीण नन्द किशोर ने बताया कि सोहन साव यहां लगातार 40 साल से नकल की प्रस्तुति कर रहे हैं। हर साल किसी का रुप धर स्वांग कला को यहां जिन्दा रखे हुए हैं। मालुम हो कि तरार इस प्रखंड का पंचायत मुख्यालय है। यहां की नकल ही वहां की गयी थी और ओखली रखी जाती है।
  
विभिन्न समितियों ने किया आयोजन
शहर में कई मंच इस बार नकल अभिनय प्रतियोगिता का आयोजन कर रहे हैं। सभी का उद्घाटन गुरुवार को हुआ। कांस्यकार पंचायत समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मंच का उद्घाटन रालोसपा के जिला अध्यक्ष व पूर्व जिला पार्षद राजीव कुमार उर्फ बबलू, पूर्व वार्ड पार्षद रविंद्र गुप्ता, जगन्नाथ प्रसाद कांस्यकार, अमित सिन्हा,  वीसीएसआरएम के निदेशक रौशन सिन्हा व अलोक टंडन, सतीश पाठक एवं डा.केशव प्रसाद ने किया। मंच का संचालन विनोद कांस्यकार एवं धीरज गुप्ता ने किया। निर्णायक मंडली में रौशन सिन्हा, जीतेन्द्र कुमार, सुमन प्रसाद, अलोक टंडन एवं सतीश पाठक रहे।

जिउतिया चौकों पर हुई सामुहिक पूजा अर्चना


शहर में बने जीमूतवाहन भगवान के चार चौकों पर व्रति महिलाओं ने पारंपरिक विधि से जिमूतवाहन भगवान की पूजा अर्चना की। बाजार चौक, कसेरा टोली चौक, इमली तल और पुरानी शहर चौक पर पंडितों द्वारा सामूहिक पूजा करायी गयी। महिलायें सियार और चिल्हो की कथा सुनीं। भूखे-प्यासे व्रती द्वारा स्नन करने के बाद नये वस्त्र धारण कर पुजा की गयी। पूजा पंडालों ने सुरक्षा और अन्य व्यव्स्था की जिम्मेदारी संभाली। उत्तर भारत में महिलाओं द्वारा की जाने वाला यह महत्वपूर्न व्रत है। एकमात्र दाउदनगर में ही सामूहिक पूजा अर्चना करने की परनपरा है। अन्य स्थानों पर महिला व्रति घर में पूजा कर लेती हैं। 

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