Thursday 16 March 2023

कचड़ों व शवों से जहरीला हो रहा है नहर का पानी



पशु का शव भी नहर में डाल जाते हैं लोग

तीन भंवरवा के पास एक पखवाड़े से पशु का शव

सड़ते-गलते हुए काफी दिन तक नहर में रह जाते हैं शव

बदबू के कारण नहर किनारे टहलना, चलना मुश्किल

उपेंद्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) : नहर का पानी जहरीला हो रहा है और यही पानी खेतों तक जा रहा है। इसी पानी की सिंचाई से फसल लहलहा रहे हैं। हमारे पेट में जा रहा है। और स्वाभाविक है इसका हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह सब इस कारण हो रहा है लोग घरों का कचरा, पूजा और उत्सव के बाद बना कचरा सब कुछ नहर में ले जाकर डाल दे रहे। मरे हुए पशु भी बड़ी संख्या में डाले जाते हैं। ऐसे मृत पशु काफी दिन तक पानी में रहकर सड़ते और गलते रहते हैं। अभी एक पखवाड़े से एक बड़े पशु का शव तीन भंवरवा के पास फंसा हुआ है।

बारुण से पटना जाने वाली पटना मुख्य नहर के किनारे बसी आबादी यही कर रही है और यही हाल इस मुख्य नहर से निकली शाखा नहरों के किनारे बसने वाली आबादी का है। वह भी इस तरह के कचड़े व शव भी डाल देते हैं। बिना सोचे समझे लोग नहर में कचरा व शव डाल रहे हैं। जिससे नहर का पानी जहरीला हो रहा है और दूसरी तरफ नहर में गाद जम रहा है। जिससे नहर की सतह (बेड) ऊंची होती जा रही है। समस्या के मूल में जागरूकता का अभाव है और लोगों में दायित्व व कर्तब्य बोध का अभाव होना है। इसका खामियाजा आम को भुगतना पड़ता है।



कम से कम नहर को तो बख्श दें : सुनील यादव


पर्यावरण पर काम करने, राजनीतिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने वाले ओबरा से चुनाव लड़ चुके जदयू नेता सुनील यादव कहते हैं कि लोगों को कम से कम नहर को तो बख्श देना चाहिए। यह हमारा लाइफलाइन है। इसका पानी सिंचाई के लिए है। यही पानी किसान खेत में ले जाते हैं। फसल पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस मामले को डीएम और एसडीओ को संज्ञान में लेना चाहिए। लोगों को जागरूक कर इस समस्या से मुक्त हुआ जा सकता है। ऐसा किया जाना अति आवश्यक है। किसान हित में यह कतई नहीं है कि लीग नहरों में कचरा डाल दें। सर्वाधिक क्षति किसानों को हो रही है और किसानों द्वारा उपजाया गया खाद्य पदार्थ खाने वाले लोगों पर इसका नकारात्मक असर पड़ेगा। इसे अभी रोका जा सकता है। किसानों को भी आवाज उठानी चाहिए।



पानी का प्रवाह होता है प्रभावित : ईई


सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता (ईई) इंजीनियर प्रियरंजन बताते हैं कि कचरा फेंकते समय पकड़े जाने पर चेतावनी देने का प्रावधान है। नहर की सतह पर गंदगी जमा होता है जिससे पानी का प्रवाह प्रभावित होगा। गाद जमेगा। इससे सभी को क्षति होगी और यह समस्या न सिर्फ मुख्य नहर में बल्कि कोचहासा, माली, अमरा वितरणी, जैसे इलाकों में भी है। जहां लोग नहरों में कचरा डाल देते हैं। जरूरत जागरूक बनने की है। लोगों को जागरूक होना चाहिए इसके प्रति। ऐसा करके लोग सबके स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसलिए हर हाल में नहर में कचरा डालने से लोगों को बचना चाहिए।

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