Monday 13 March 2023

गर्मी से पहले शहर में शुरू हो जाएगा वाटर एटीएम

  



एक दर्जन स्थानों पर लगाए जाने हैं वाटर एटीएम 

दो तीन स्थानों पर स्थान को लेकर है विवाद


दाउदनगर (औरंगाबाद) : शहर में लगभग एक दर्जन वाटर एटीएम गर्मी से पहले तक प्रारंभ हो जाएंगे। शहर में 14 स्थान पर एटीएम लगाने के लिए चिन्हित किए गए थे। लेकिन दो से तीन स्थानों पर निर्माण स्थल को लेकर विवाद होने से उसे रद्द भी किया जा सकता है। सशक्त स्थाई समिति के सदस्य व मुख्य पार्षद प्रतिनिधि कौशलेंद्र सिंह ने बताया कि विवाद की स्थिति में रद्द किया जा सकता है। वाटर एटीएम लगाने वाली एजेंसी को नोटिस दिया गया है कि शीघ्र ही एटीएम को चालू करें। बताया गया कि लगभग एक दर्जन वाटर एटीएम का पक्का निर्माण का काम हो गया है। समरसेबल लगा दिए गए हैं। टाइल्स का काम किया जा रहा है, कुछ में अभी शुरू नहीं हुआ है। मशीन भी ला दिया गया है। एजेंसी को हर हाल में मार्च के प्रथम सप्ताह तक वाटर एटीएम चालू करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन अभी तक ऐसा हो नहीं सका है। अब उम्मीद की जा रही है कि अप्रैल प्रारंभ होने तक सभी वाटर एटीएम काम करने लगेंगे।




पूरी योजना पर होगा 77 लाख रुपए खर्च 

मुख्य पार्षद मीनू सिंह के प्रतिनिधि सशक्त स्थाई समिति सदस्य कौशलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि प्रत्येक एक आरओ वाटर एटीएम पर पांच लाख पचास हजार रुपये का खर्च आ रहा है। यानी शहर में लगने वाले 14 आरओ वाटर एटीएम पर लगभग 77 लाख रुपए खर्च किया जाना है। सबका अलग अलग समरसेबल होगा। सात गुना छह फीट का कमरा निर्माण होगा। जिसमें एकदम शीतल शुद्ध पेयजल आम लोगों को पीने के लिए उपलब्ध होगा।


इन स्थानों पर लगना है आरओ वाटर एटीएम 

नगर परिषद क्षेत्र में जिन 14 स्थानों पर वाटर एटीएम लगाया जाना है उसमें शामिल हैं-अनुमंडल कार्यालय परिसर, मौलाबाग चौराहा, अनुमंडल अस्पताल, लखन मोड़, चावल बाजार, चूड़ी बाजार, छत्तर दरवाजा चौराहा, जगन मोड़, नगर परिषद, गुलाम सेठ चौक, दाऊद खान के किला के पास, बारुण रोड में सोन नहर पुल चौराहा के पास, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और महिला कालेज में वाटर एटीएम लगाया जाना है।


मेंटेनेंस के लिए किया जाना चाहिए उपाय 

शहर में कई योजनाएं ऐसी दिखती हैं जिनका बाद में या तो उपयोग नहीं होता या वे उपयोग करने लायक रह नहीं जाते हैं। ऐसे में वाटर एटीएम के मेंटेनेंस का स्थायी उपाय होना चाहिए। ताकि वह लंबे समय तक इस्तेमाल करने लायक रह सके। अन्यथा अनावश्यक पानी निकालकर बर्बाद करने की प्रवृत्ति हावी हो सकती है और लोग उसका बेजा इस्तेमाल कर सकते हैं। आने वाले समय में यह बिना काम का बेकार होकर शोभा का वस्तु भर बनकर न रह जाए, लंबे समय तक इस्तेमाल लायक रहे, इसके लिए आवश्यक है कि इसका भी उपाय नगर परिषद करे। 


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