Thursday 1 October 2015

खतरनाक और कलात्मक प्रस्तुतियां हैं खासियत


फोटो-01डीएनआर01- दममदाड और काली के रौद्र रुप की प्रस्तुति
दम मदाड, मुडकटवा, डाकिनी, काली, ब्रह्म खतरनाक
उपेन्द्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) जिउतिया का नौ दिवसीय लोकोत्सव चरम की ओर बढ रहा है। इसमें रविवार, सोमवार और मंगलवार को खतरनाक, पारंपरिक और आकर्षक आधुनिक नकल, झांकी प्रस्तुतियां होंगी। आप शहर आइए, भेष बदलो समारोह का हिस्सा बनिए। आनन्द विभोर होंगे, चौंकेंगे, रोमांचक क्षण बन जायेंगे जो पल वह जीवन भर सहेज कर रख सकते हैं। जब यह सुनिए कि- ‘इंद्रकालो में दौर दम दिम मदाड। कभी न आए सिर पर चोट, बाजरंग कहे सो होए।‘ तो ठहर जाइये। आपके आगे रोमांचक दृष्य़ नामूदार होने वाला है। हाथ में तलवार, अरे सिर में और कमर में भी तलवार, वह भी आर-पार। वाकई चौंक जायेंगे, जो देखेंगे, उस पर आपकी आंख यकीन नहीं कर सकेगी। लेकिन हकीकत आपके सामने होगा। एक ही बच्चे का पांच टुकडा भी देखने को मिलेगा। डाकिनी और ब्रह्म जैसी खतरनाक प्रस्तुतियां इमली तर की धरोहर है। कसेरा टोली चौक पर गर्म लोहे की जंजीर हाथ से मलते दिखेगा। कोई कलाकार गर्म लौह पिंड को दांत से पकड लेगा। सडक पर काली मां की खतरनाक प्रस्तुति। खतरनाक इस मायने में कि प्रस्तोता कभी भी संकट में घिर सकता है। उसकी जान पर हमेशा खतरा है। यह सब जादू टोना या सम्मोहन नहीं है। जो आप देख रहे होते हैं वह सब हकीकत है। सडक पर एक से एक प्रस्तुति। झांकियों का रेला होगा। आप मेले का हिस्सा होंगे और समाज आपको अजूबा संसार दिखायेगा।

जिउतिया में मनोकामना आरती
दाउदनगर (औरंगाबाद) बाजार स्थित जिमूतवाहन भगवान के चौक पर इस बार नहाय खाय (रविवार) को मनोकामना पूर्ण आरती का आयोजन होगा। बुधवार की रात जिमूतवाहन भगवान की प्रतिमा और ओखली रखकर पूजा अर्चना की गयी। झुमर गाया गया। पप्पु गुप्ता की अध्यक्षता में बैठक हुई। निर्णय लिया गया कि मनोकामनापूर्ण आरती किया जायेगा। व्रत (सोमवार) व्रतियों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए सारी व्यवस्था की जायेगी।प्रकाश, ध्वनी, सुरक्षा की व्यवस्था होगी। लाइसेंसधारी संजय कुमार उर्फ मुन्ना, सतीश कुमार, प्रदीप कुमार, विशाल, उमेश, रोहित, दीपक, बुन्नु, रुपेश, दुर्गा, प्रमोद, शंभु प्रसाद, हनुमान प्रसाद, राजु एवं अनंत प्रसाद उपस्थित रहे। उपवास करने वाली व्रतियों से अपील की गयी कि अपने को सुरक्षित करने में सहयोग करें। सोने के जितिया या अन्य गहने पर खुद भी नजर रखें।

तरार तक जिउतिया का विस्तार

दाउदनगर (औरंगाबाद) दाउदनगर की लोक संस्कृति बन गये जिउतिया पर्व का विस्तार पडोस के ग्राम पंचायत तरार और प्रखंड मुख्यालय ओबरा तक हुआ है। तरार में भी ओखली रखी जाती है। सामूहिक पूजा व्रत करने वाली महिलाएं करती हैं। ओबरा में भी लोग दाउदनगर की तरह ही जिउतिया मनाने की कोशिश करते हैं। चन्द्रभुषण स्वर्णकार ने बताया कि चौक बाजार में जिउतिया में पीतल की बनी ओखली एकम को ही रखा जाता है। छोटे छोटे बच्चे नकल निकालने की कोशिश करते हैं। यहां लोग भव्य मनाने की तमन्ना अवश्य रखते हैं, किंतु ऐसा हो नहीं पाता है। तरार चूंकि शहर के एकदम नजदीक है सो यहां के लोगों की लोक कला की भूख शांत हो जाती है। शहर में ही भ्रमण कर लोक उत्सव का नजारा देख लेते हैं। 

No comments:

Post a Comment