Sunday 8 January 2017

भारतीय टीम के आधार बन सकेंगे ईशान किशन : प्रफुल्लचंद्र

सफलता: दाउदनगर के गोरडीहा गांव का है निवासी
समय के साथ बन रहे पेशेवर खिलाड़ी

अच्छा प्रदर्शन कर टीम के लिए करेंगे दावा
पहले अंडर-19 वल्र्ड टीम के कप्तान और अब भारतीय ए टीम के सदस्य बनने से ईशान किशन के गृह जिला औरंगाबाद में खुशी है। ईशान दाउदनगर प्रखंड के गोरडीहा का निवासी है। ईशान के चयन से बिहार के युवाओं को क्या प्रेरणा मिलेगी, बिहार क्रिकेट के लिए क्या फर्क आएगा जैसे सवाल का उठना भी स्वभाविक है। इन सारे सवालों को जानने के लिए दैनिक जागरण ने पूर्व रणजी खिलाड़ी प्रफ्फुलचंद्र सिंह से बातचीत की। श्री सिंह एक तरह से कहा जाय तो ईशान के कोच थे। वे उन्हें मोइनुल्हक स्टेडियम पटना में फिटनेश सत्र और नेट प्रैक्टिस कराया करते थे। 1प्रफ्फुलचंद्र ने बताया कि ईशान शुरु से ही अनुशासित और कड़ी मेहनत करने वाला खिलाड़ी रहा है। समय के साथ वह परिपक्व पेशेवर खिलाड़ी बन रहा है। मौजूदा रणजी ट्राफी सीजन में ईशान ने लगभग 800 रन बनाए, जिसमें एक दोहरा शतक शामिल है। ईशान की तेजी से रन बनाने की काबिलियत और उनका फिटनेस आने वाले समय में उन्हें राष्ट्रीय टीम में जगह दिला सकती है। इंडिया ए टीम में चयन उनके राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने का एक बेहतर विकल्प हो सकता है। यह उनके लगातार अच्छे प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। प्रफ्फुलचंद्रा ने बताया कि बिहार क्रिकेट बोर्ड को मान्यता न होने से ज्यादा खिलाड़ी झारखंड चले गए। ईशान 2007-2008 में रांची से खेलने लगे और फिर उनका चयन झारखंड अंडर-17, अंडर-19 और रणजी में वो नियमित वहीं से खेलने लगे।

ईशान का चयन युवाओं के लिए प्रेरणा
प्रफ्फुलचंद्र ने बताया कि ईशान ने जब खेलना शुरु किया था तब उन्हें नहीं पता था कि बिहार की मान्यता नहीं है। उनका खेल में भविष्य क्या होगा? पर आज वो राष्ट्रीय टीम में शामिल होने के प्रबल दावेदार हैं ऐसा उनकी मेहनत और मजबूत इच्छा के कारण संभव हुआ है। बिहार में मौजूदा स्थिति में जब तक मान्यता नहीं मिलती बड़े पैमाने पर खिलाड़ियों को मौका नहीं मिल सकता। खिलाड़ी जरूर आगे खेल सकते हैं।
 नियमित अभ्यास किया 
प्रफ्फुलचंद्र सिंह ने बताया कि ईशान जब छह साल के थे तब वो अपने बड़े भाई राज किशन के साथ 2004 से नियमित अभ्यास करने मोइनुलहक आया करते थे। उन्हें प्रैक्टिस के ज्यादा अवसर नहीं मिल पाते थे। तब उनके पिता प्रणव पांडेय दोनों को शनिवार और रविवार को प्रैक्टिस के लिए लाते थे। उस दिन एकेडमी ऑफ रहने से प्रैक्टिस के ज्यादा अवसर मेरे और कुछ सीनियर खिलाड़ी से ईशान को मिलते थे और ईशान इस समय का सदुपयोग करते थे।
डीएम ने किया था सम्मानित
जब उनका चयन अंडर-19 टीम के लिए हुआ था तब जिला मुख्यालय में 29 दिसंबर 2015 को डीएम कंवल तनुज ने सम्मानित किया था। जनवरी 2016 में प्रकाशित जिला की स्मारिका में उन पर लेख प्रकाशित किया गया था। ये जिले के लिए गर्व का विषय है।

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