Thursday 5 January 2017

सबके लिए आवास योजना में हुई गडबडी

फोटो-जमीन पर ले-आउट के वक्त लाभुक एवं अन्य
नीयत बिना कैसे सुधरेगी नारी की नियति ?
जमीन की वास्तविक स्थिति को छुपाया
दूसरे की जमीन पर किया गया ले-आउट
सबके लिए आवास योजना के तहत नारी को घर की मालकिन बनाया गया है| इंदिरा आवास योजना में भी ऐसी ही स्थिति है| प्राथमिकता महिला को है ताकि वे सशक्त हो सकें| सवाल उठता है कि योजनाओं के कार्यान्वयन में जब गडबडी होगी, नीयत ही खराब होगी तो नारी का सशक्तीकरण कैसे हो सकेगा?
नगर निकायों में आवास की कोइ योजना नहीं चलाती थी| अब बीते वर्ष शुरू हुई है ‘सबके लिए आवास योजना’ तो इसमे गडबडी सामने आ गयी| मात्र तीन योजना स्वीकृत हुई और एक में धांधली पकडी गयी| नगर पंचायत के वार्ड संख्या-16 में संगीता देवी पति द्वारिक राम के नाम आवास की योजना स्वीकृत हुई| जेई परेश्वर प्रसाद ने बतायी गयी जमीन पर ले-आउट किया| तब अपने समर्थक लाभुक के साथ वार्ड पार्षद सह पूर्व मुख्य पार्षद धर्मेन्द्र कुमार भी उपस्थित रहे| लाभुक को उम्मीद थी कि अब उन्हें दो लाख रूपए मिल जायेंगे| लेकिन इस पर नए साल में पानी फिर गया| जमीन पर जब पीलर गाडा जाने लगा तो वह दूसरे की निकली| सुरेन्द्र कुमार पिता बासदेव राम ने चिन्हित जमीन को अपनी संपत्ति बताया| सूत्रों के अनुसार नगर पंचायत से मौखिक शिकायत की गयी| तब मामला उजागर हुआ| आवेदक ने अपनी जमीन की वास्तविक स्थिति छुपा दी थी| उसमें यहाँ नहीं बताया गया था कि सुरेन्द्र से खरीद की गयी जमीन पर चाहरदीवारी की हुई है| ऐसी जमीन पर योजना अका लाभ नहीं मिलाना अहै सो बगल की जमीन पर ले-आउट करा दिया गया| इस मामले में अब कई तरह की चर्चा की जा रही है|

होगी जांच और कारवाई
कार्यपालक पदाधिकारी विपिन बिहारी सिंह ने कहा कि मामले की जांच कर कारर्वाई की जायेगी| दूसरे की जमीन पर आवास बनाने नहीं दिया जाएगा| आवेदन में गडबडी या योजना के कार्यान्वयन में धांधली नही होने दी जायेगी|
   फंस सकते है कर्मचारी
 इस मामले में नगर पंचायत के कर्मी रामा इंजोर तिवारी ने बताया कि योजना का कार्यान्वयन सही ढंग से नहीं होने पर लाभुक या उनके पैरवीकार कर्मचारी को फंसा देंगे| बताया कि बड़ी गंभीरता से काम करना आपदा रहा है| नियम है कि चाहरदीवारी की हुई जमीन, विवादित जमीन पर योजना अका लाभ नहीं मिलेगा|

क्या है सबके लिए आवास योजना?
बहुत ही आकर्षक है सबके लिए आवास योजना| नगर निकाय या कहे शहरी क्षेत्र में यह पहली बार योजना आयी है| इसके तहत कर्मचारी रामा इंजोर तिवारी के अनुसार चयनित लाभुक को दो लाख रूपए मिलेंगे| दो कमरा के साथ शौचालय और स्नानागार बनाना है| योजना के तहत बने आवास में एक साल तक बिजली व पेयजल सुविधा मुफ्त मिलेगी| यहाँ तक पक्की पहुँच पथ बनाया जाना आवश्य है| क्सेत्रफल न्यूनतम तीस वर्गमीटर होना आवश्यक है|

सतर्कता से करना होगा काम
सबके लिए आवास योजना के लिए सतर्कता से काम करना होगा| नियमत: ले-आउट होने के बाद प्रथम किश्त के रूप में लाभुक को 50 हजार रूपए देना है| इस वक्ट की तस्वीर जीओटैगिंग करना अहै ताकि विभाग की जानकारी में हो| इस तरह के मामले खुलने के बाद अब कर्मी चाहते हैं कि ले-आउट की जगह पैसे पीलर गाड़ने के बाद दिए जाएँ ताकि किसी तरह का भी विवाद हो तो वह सामने आ सके|      


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