Thursday 26 January 2017

समाज को दिशा दिखाता है सूरदास बीरा


चंदे के पैसे से दर्जनों बेटियों का कराया विवाह
सांप्रदायिक सौहार्द ही सीखाना जीवन का लक्ष्य 

उर्फ बीरा करीब 60 वर्ष की उम्र में समाज को दिशा दिखाने का काम कर रहे है जबकि वे बचपन से अंधे है| दाउदनगर-गया रोड के नियमित यात्री उन्हें अच्छी तरह जानते हैं| देवहरा निवासी बीरा ने दिव्यांगता को अभिशाप न मान कर कर्म करने में विश्वास किया| जबकि प्रकृति ने उनके साथ क्रूर व्यवहार किया और जब मात्र पांच साल के वे थे उनके आँख की रौशनी चली गयी, और सात साल की उम्र में पिटा का से उठ गया| भिक्षाटन मजबूरी है किन्तु आदर्श और संकल्प ने इस शख्स को उस मुकाम पर खड़ा कर दिया जहाँ हर इंसान इनके आगे सजदे में झुकने को गर्व समझेगा| काम बोलता है, पैसा नहीं| इसे वह साकार कर रहे है| गत कई दशक से लगातार अनथक, अहर्निश| सेवा भाव का यह माद्दा बिरले में मिलता है| उन्होंने यात्री बसोंम बाजारों में भीक्षटन कर मंदिर और मस्जिद का निर्माण कराया है| दर्जनों लड़कियों की शादी कराई| सत्ता और विपक्ष की राजनीति करने वाले दलों और नेताओं को इनसे सबक सीखना चाहिए| उन्होंने विवाह और निकाह जो या मंदिर मस्जिद, हिंदू-मुस्लिम में कोइ फर्क नहीं समझा| उनकी पहचान ही समाज को दिशा दिखाने वाले की बन गयी है|

अद्भूत गुणों वाले है याकूब मंसूरी
देवहरा निवासी शिक्षक सुनील बौबी ने बताया कि मो.याकूब अंसारी उर्फ बीरा के पास कई अदभुत गुण है। एक बार किसी से बात कर ले तो दुबारा उस व्यक्ति की आवाज से ही पहचान कर नाम तक बता देते है। अच्छे गीतकार भी है। गीत-संगीत सुनाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देना इनका हुनर है। दो पुत्रों के वालिद याकूब भूमिहीन है। उन्होंने 1989 में गोह प्रखंड के देवहरा पुनपुन नदी घाट पर सूर्य मंदिर, 1993 में देवहरा मस्जिद का निर्माण और बाद में पोखरा का भी निर्माण चंदा के पैसे से ही कराया।
गया,  औरंगाबाद, धनबाद, बोकारो आदि जिले की जिन दर्जनों बेटियों की शादी करवाई है उनकी पहचान उजागर करना अच्छा नही समझते है।

चंदे से ही चलती रही गृहस्थी
बीरा दो भाई है| दोनो के गृहस्थी अलग अलग ढंग से चलती है। बीरा के दो पुत्र सरफराज अहमद एवं शहनवाज अहमद है। अब खुद दोनों कमाते है। गृहस्थी हिन्दू और मुस्लिम पर्वों पर चंदा में मिले पैसे से चलती थी। शुभ अवसरों पर गजल, कव्वाली व गीत पेश कर कुछ पैसे कमा लेते है। पत्नी शमीमा खातून पति के सामाजिक कार्यों को भी प्रोत्साहित करती है।

1 comment: