Saturday 14 November 2015

राजद बनाम भाजपा की दूरी घटी


शहर में हैं चार सहायक समेत 31 बूथ
एनडीए को 6337 तो राजद को 4902 मत
उपेन्द्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) राजद बनाम भाजपा की दूरी शहर में घट रही है। इस बार विधान सभा चुनाव ने यह साफ कर दिया है। शहर में पुराना शहर स्थित एक नंबर बूथ से लेकर राष्ट्रीय इंटर स्कूल भखरुआं में बूथ संख्या 26 और 27 तक के बूथ हैं। इसमें चार सहायक बूथ मिलाकर कुल 31 होते हैं। इन बूथों पर प्राय: भाजपा और राजद (एनडीए बनाम महाग़ठबन्धन) के बीच पूर्व में काफी अंतर रहा है। गत विधान सभा चुनाव 2010 में राजद प्रत्याशी को जदयू के प्रत्याशी से करीब 6000 कम मत मिला था। तब जदयू भाजपा के साथ थी। इस बार शहर में यह अंतर मात्र 1435 मत का रह गया है। एनडीए के घटक रालोसपा प्रत्याशी चंद्रभुषण वर्मा को 6337 मत और राजद प्रत्याशी बीरेन्द्र कुमार सिन्हा को 4902 मत मिला है। तब राजद को करीब दो हजार मत ही मिल सके थे। इसकी वजह कई हो सकते हैं, किंतु दो प्रमुख वजह माना जा रहा है। प्रथम भाजपा या कहें एनडीए प्रत्याशी चन्द्रभुषण वर्मा के प्रति उदासीनता और दूसरा नीतीश कुमार के विकास से संतोष और अधिक की अपेक्षा। भाजपा का प्रत्याशी न होना और न ही बडे कद का सक्रिय नेता होना भी भाजपा की कमजोर कडी है। इस मतदान प्रवृति का एक पक्ष यह भी हो सकता है कि शहर में भाजपा का गढ होने का मिथक टूट सकता है।

संगठन बनाम समीकरण का फर्क

दाउदनगर (औरंगाबाद) एनडीए बनाम महागठबन्धन के बीच दूरी कम होने की वजह राजनीतिक दल से जुडे लोग राजनीतिक समीकरण और संगठन का फर्क मानते हैं। भाजपा प्रखंड अध्यक्ष अश्विनी तिवारी का कहना है कि एनडीए कार्यकर्ता तो सक्रिय रहे किंतु समर्थक और मतदाता शिथिल रहे। राजद प्रत्याशी बीरेन्द्र कुमार सिन्हा का शहर से सटे बसे बगवान बिगहा का निवासी होना और शहर में कई लोगों से उनका व्यक्तिगत लगाव होना भी एक कारण था। रालोसपा प्रत्याशी चंद्रभुषण वर्मा के साथ उनके संगठन का न होना और इस पार्टी के शहर में रहने वाले राज्य स्तरीय नेता राजीव कुमार उर्फ बबलु का चुनाव लडना भी एक कारण रहा। दूसरी तरफ जदयू के किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष अभय चंद्रवंशी का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विकास और राज्य अतिपिछडा आयोग के सदस्य प्रमोद सिंह चंद्रवंशी की लगातार सक्रियता, विकास के किए गये कार्य और लोगों का उनमें विश्वास इस फर्क की प्रमुख वजह बनी। राजद प्रखंड अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह का कहना है कि समीकरण का हर मतदाता आक्रामक अन्दाज में मत दिया और प्रत्याशी का शहर से व्यक्तिगत संबन्ध, लगाव ने भी भूमिका निभाया है। कहा कि विधायक ने भी कहा है कि शहर में समर्थन मिला है, इसी कारण शहर में विजय जुलूस भी नहीं निकाला गया।     


दोनों प्रखंडों से जीता महागठबन्धन

दाउदनगर (औरंगाबाद) ओबरा विधान सभा क्षेत्र में दो प्रखंड हैं- दाउदनगर और ओबरा। इस बार के चुनाव में दोनों प्रखंडों से महागठबन्धन को अधिक मत मिला है। फाइनल रिजल्ट सीट से प्राप्त जानकारी के अनुसार दाउदनगर प्रखंड में एनडीए को 22354 मत मिला तो महागठबंधन को 29337 मत मिला। 6983 मत अधिक। ओबरा में एनडीए को 22292 मत मिला तो महागठबन्धन को 26705 मत। कुल 4413 मत अधिक। महागठबन्धन की जीत 11396 मत से हुई है। इस आंकडे में पोस्टल बैलेट की संख्या भी शामिल है। राजद प्रखंड अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह ने कहा कि इस जीत में दोनों प्रखंडों ने अपनी भूमिका निभाया है। सभी जनता को इसके लिए आभार व्यक्त किया। 

No comments:

Post a Comment