Wednesday 30 September 2015

कमजोर न समझ मौका दें राजनीतिक दल



महिलाओं को संवैधानिक आरक्षण मिले
आधी शक्ति का इस्तेमाल आवश्यक
उपेन्द्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) विधान सभा, विधान परिषद और लोक सभा एवं राज्य सभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है। अमेरिका में प्रधान मंत्री नरेद्र मोदी ने सोमवार की सुबह कहा कि कई राज्यों में महिलाओं को नगर निकायों और ग्राम पंचायतों के चुनाव में 50 फीसद का आरक्षण प्राप्त है। यह महिला सशक्ति करण की दिशा में सराहनीय प्रयास है। सवाल है कि आखिर महिला आरक्षण बिल क्यों लटका कर रखा गया है? क्यों राजनीतिक दल महिलाओं को टिकट नहीं दे रहे? अंकोढा कालेज की प्राचार्य सविता कुमारी, चौरी की मुखिया ललिता देवी, तरारी की निर्मला सिन्हा, मनार की सावित्री देवी, ओबरा के गैनी की मालती देवी और वार्ड पार्षद अनसुईया देवी से इन पहलुओं पर बात की। सबने नरेन्द्र मोदी द्वारा अमेरिका में इसकी प्रशंषा करने पर खुशी जाहिर किया। कहा कि किंतु वे देश के प्रधानमंत्री होने के साथ एक राजनीतिक दल के भी शीर्षस्थ नेता हैं, उन्हें इसकी पहल करनी चाहिए कि महिलाओं को आरक्षण उच्च सदनों में भी मिले। इसकी संवैधानिक व्यवस्था हो। महिलाओं को कमजोर न समझ कर उन्हें अवसर तो दें, ग्राम और निकाय स्तर पर महिलाओं ने बेहतर प्रदर्शन किया है। देश में आधी शक्ति का इस्तेमाल होना चाहिए। कम से कम राजनीतिक दल तो सीट बंटवारे में प्रयाप्त संख्या में सीट महिलाओं को दें या फिर राजनीतिक दलों के लिए यह आवश्यक हो को उन्हें कुल सीट का 33 फीसद कम से कम सीट महिलाओं को देना ही होगा। सबने कहा कि जब तक महिलाओं को सशक्त नही6 किया जायेगा तब तक देश मजबूत नहीं होगा।


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