Wednesday 30 September 2015

तीन टुकडे में तीसरा मोर्चा, कैसे खुलेगा तीसरा रास्ता?


ओबरा और गोह में कई-कई प्रत्याशी
उपेन्द्र कश्यप, दाउदनगर (औरंगाबाद) समाजवादी पार्टी, जन अधिकार पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समरस समाज पार्टी, समाजवादी जनता दल और नेशनल पीपुल्स पार्टी ने तीसरा मोर्चा बनाया है। दावा बिहार में अलग तीसरा विकलप देने का है, और इनकी स्थिति जमीन यह है कि उन्हें शायद यह पता ही नहीं है कि कौन कौन सी सीट उनके खाते में है? नामांकन के बाद लगता है जो भी नेता इस मोर्चे के जिस दल के पास गया उसने चुनाव लडने का टिकट थमा दिया। जैसे टिकट लोकतंत्र के महापर्व में प्रत्याशी न बन कर उसमें शामिल होने का है। इस तरह तो यह तीसरा मोर्चा तीन-तीन टुकडा में बिखर गया है। ऐसे कैसे तीसरा रास्ता बना सकेगा यह मोर्चा कोई बता सकता है क्या? ओबरा और गोह विधान सभा चुनाव क्षेत्र में तीसरा मोर्चा तीन टुकडे में विभाजित है। इसमें शामिल दलों के प्रत्याशियों पर वोटकटवा की तोहमत लगने का खतरा है। इनके लिए इस खतरे से निकलने की बडी चुनौती है। ओबरा विधान सभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी से डा0 निलम, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से अभिमन्यु शर्मा, समरस समाज पार्टी से राजीव कुमार  तथा गोह में जन अधिकार पार्टी से श्याम सुन्दर, समरस समाज पार्टी से जिम्मेदार सिंह और समाजवादी पार्टी से रामअयोध्या प्रसाद यादव खडे हैं। अब इसमें किसे तीसरा मोर्चा का प्रत्याशी माना जाये, जबकि तीनों के पास ही सिंबल है। वोचित्र स्थिति हो गयी है यह। चुनाव में लोकतंत्र का यह माखौल नहीं तो और क्या है? खुद नेता टिकट बिकने का आरोप लगाते हैं तो क्या इसमें ऐसी परिस्थिति से बल नहीं मिलेगा। जनता ठगी जा रही है और शायद ठगी जाती रहेगी।    


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