Sunday 4 December 2016

बकरा हलाल हुआ गरीबन तेरे लिए


बड़ी शोर है| नोट बंदी हर तरह बवाल किए हुए है| कालाधन बनाने और छुपाने वाले कम थोड़े है| वे भी एक से एक तरकीब निकालकर अपना काला धन सफ़ेद कर रहे है| गावो में कहावत है-तू डाल-डाल मै पात-पात| केंद्र सरकार और कालेधन वालो के बीच यही खेल चल रहा है| इस बीच भी लोगो ने खूब चालाकी दिखाई और गरीबो के जन धन खाते में पैसे जमा करा दिए| मुरादाबाद की जन सभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा कर सबको चकित कर दिया कि जन- धन खाते के पैसे ब्लैक मणी रखने वालों के नहीं गरीब खाताधारको के होंगे| उन्होंने पैसे निकालने और अमीर बेईमानो को देने से भी मना किया| लगे हाथ कह दिया कि डरना नहीं मोदी के नाम ख़त लिख देना| अब इसकी चर्चा खूब मिर्च-मशाला लगाकर की जा रही है| उत्तर प्रदेश के चुनाव से लोग जोड़ रहे है तो कुछ इसे एक और क्रांतिकारी कदम बता रहे है| एक ‘आपी’ सज्जन पुरुष अवधेश बोले-मरवा देगा मोदी सबको मरवा देगा| जो पैसा जनधन में डाला है वह छोड़ देगा ऐश करने के लिए? वाकई यह भी एक पहलू है| लेकिन क्या करे| बचपन में एक गाना सूना था-याद आ गया- लौंडा बदनाम हुआ नसीबन तेरे लिए| पैरोडी करके बना रहा हूँ- बकरा हलाल हुआ गरीबन तेरे लिए| वाकई गरीबन को मजा आ गया| वह अब सपने देखा सकता है क्योंकि उनके खाते में १५ लाख न सही कुछ रूपए तो अब आ ही गए है| अमीर कालाधन रखने वाले बकरा बन गए है| सरकार अब ख़म ठोक के कहेगी कि गरीबो के खाते में पैसे गए| उनकी बेकारी और भूखमरी ख़त्म हुई या कम हुई| और फिर मोदी जी तो जन सभाओ में पूछेंगे- “आपके खाते में पैसे गए, पैसे गए कि नहीं गए? ऐसे नहीं भाइयो- हाथ दोनों हाथ उठा कर बोलिए, गरीबो के खाते में पैसे गए कि नहीं गए? भाइयो, मै आपकी गरीबी दूर करने में लगा रहा और विरोधी मुझे आपसे दूर करने में लगे रहे|” भक्तगन ताले पीटेंगे और न पीटने वालो को आँख तरेरेंगे|

और अंत में-----
अदम गोंडवी को याद आ रहे, इस स्पष्टीकरण के साथ कि इसका ताल्लुक किसी नेता से नहीं है-----
बज़ाहिर प्यार की दुनिया में जो नाकाम होता है।
कोई रूसो, कोई हिटलर, कोई खय्याम होता है।।

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