Saturday 12 November 2016

अहो भाग्य ‘दो हजारे’ प्रभु दर्शन दिन्हा

नये नोट के साथ धीरेन्द्र व रवि
ताजमहल देखने जितनी हुई खुशी
लंबे इंतजार व परिश्रम के बाद यहां के लोगों को शनिवार को 2000 का नये नोट का दर्शन हुआ। सनातन धर्म में एक चौपाई की पंक्ति है- अहो भाग्य प्रभु दर्शन दिन्हा। ठीक वैसी ही स्थिति अभी नये नोट को लेकर है। गुरुवार से इसे बाजार में उपलब्ध होना था, किंतु नहीं हो सका था। शुक्रवार को अनुमंडल मुख्यालय में एक मात्र बैंक आफ बडौदा की स्थानीय शाखा से यहां दो हजार के नये नोट मिलने शुरु हुए। इसे लेने के लिए लोगों का हुजूम और टूट पडा। इनमें इस नोट को लेकर जिज्ञासा, उत्साह और उमंग देखते बना। धीरेन्द्र कश्यप ने कहा कि इतनी खुशी तो ताजमहल देखने पर भी नहीं हुई थी जितनी इसे छुने पर हुई। रवि मिश्रा ने कहा कि नये नोत को देखने से अलग किस्म की अनुभूति हुई। रोमांचित हुआ, और आत्म संतुष्टि मिली। नोट लेते वक्त एक ग्राहक संजय ने बैंक अधिकारी से पूछा- पलास्टिक मिक्स है न सर? नहीं तो खत्म हो जायेगा। अधिकारी ने टालने के लिए ही सही कहा कि- हां, पलास्टिक का ही है। पानी में भी इसको कुछ नहीं होगा। हालांकि वास्तविकता ऐसी नहीं है। अधिकारी ने कहा कितने को जवाब दीजिएगा। क्या बताइयेगा। यानी नये नोट लेने के उत्साह के साथ जिज्ञासा व चिंता भी है।

कई सारे युवाओं ने पहली बार जब 2000 का नोट हाथ में लिया तो उन्होंने सेल्फी ली और उसे सोशल साइट पर डाला। कई ने सबसे पहले मिलने का दावा करते हुए फोटो पोस्ट किया है। लोग घर ले जा रहे हैं। सभी को दिखा रहे हैं। बच्चे, वृद्ध महिलायें उसे बडी उत्सुकता से देख रहे हैं।


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