बदलता शहर 21
बिजली आती थी तो चौंक जाते थे शहर के लोग
जब तक रिमोट संभालते गुल जो जाती थी बिजली
आज शहर की गलियां तक हो गई हैं रोशन
बिद्युत आपूर्ति को ले अब आंदोलन नहीं, तुरंत लगता ट्रांसफार्मर
उपेंद्र कश्यप, जागरण ● दाउदनगर (औरंगाबाद) : कभी शहर में ढिबरी और लालटेन जलते थे। मामबत्तियां घर की रोशन हुआ करती थी। जब बिजली की आपूर्ति होती थी तो लोग चौंक जाते थे। ‘अरे बिजली आ गलऊ’ यह यहां के लोगों का तकिया कलाम हो गया था। बात पूरी भी नहीं होती थी कि - अरे कट गलऊ लाइन- यही भाव यहां के जनमानस का सामूहिक वक्तव्य हुआ करता था। धीरे-धीरे कर परिस्थितियां बदलती चली गई। शहर में 60 के दशक में विद्युतीकरण हुआ था। बिहार के आम शहरों की तरह यहां भी विद्युत आपूर्ति का हाल बड़ा बेहाल हुआ करता था। विद्युत आपूर्ति के लिए आंदोलन करने पड़ते थे। आंदोलनकारी के खिलाफ प्राथमिकी भी हुई। तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुई। अगर कहीं ट्रांसफार्मर जल जाए तो उसे बदलवाना बहुत बड़ी चुनौती होती थी। जले हुए ट्रांसफार्मर के लाभुक लोग आपस में चंदा वसूलते थे। राजनीतिक पैरवी करते थे। तब जाकर पांच से सात दिन में ट्रांसफार्मर बदलता था। अब हालात ऐसे बदल गए कि बिजली आपूर्ति की स्थिति लगभग ठीक है और ट्रांसफार्मर जलने पर 24 से 36 घंटे के अंदर निश्चित रूप से बदल दिया जाता है। इधर नगर पालिका नगर पंचायत से नगर परिषद तक का सफर पूरा किया और शहर में स्ट्रीट लाइट लगाई जानी शुरू हुई। सबसे पहले शहर में जब यमुना प्रसाद स्वर्णकार 1970-80 के दशक में यहां के अध्यक्ष हुआ करते थे तब विद्युत खंभों पर स्ट्रीट लाइट लगाई गई थी। तब नगर पालिका द्वारा बिजली मिस्त्री बहाल किया गया था। इससे पहले लैंप पोस्ट हुआ करते थे। इसके बाद जब नगर निकायों के चुनाव प्रारंभ हुए तो पुन: शहर में स्ट्रीट लाइट लगनी शुरू हुई। आज शहर में रोशनी की इतनी व्यवस्था कर दी गई है की शहर जगमग और चकाचक हो गया है। मुख्य पार्षद अंजली कुमारी बताती हैं कि तिरंगा लाइट 175 पोल पर लगाया गया है। लगभग साढ़े चार लाख रुपये खर्च हुआ है। दूसरे फेज में पुरानी शहर और बारुण रोड में लगाया जाना है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में यह लगाया जाना है।
कभी लैंप पोस्ट में किरोसिन भरते थे कर्मी
अवधेश पांडेय बताते हैं कि पहले नगरपालिका लैंप पोस्ट पर रोशनी रहे इसके लिए किरोसीन भरने के लिए कर्मी रखा हुआ था। पांडेय टोली अब वार्ड नंबर 11, मल्लाह टोली गंज वार्ड नंबर 10 का उनको याद है जब लैंप पोस्ट जलता था। टैक्स दरोगा जगदीश शर्मा नगरपालिका कर्मचारी थे। इनके द्वारा लैंप में किरासन तेल डालकर निर्धारित समय पर लैंप पोस्ट पर रखवाते थे। उस समय के लोग कहते थे कि हम लोग शाम होते लैंप पोस्ट के पास बोरा लेकर पढ़ने बैठ जाते थे।
शहर को रौशन करना उद्देश्य
मुख्य पार्षद अंजली कुमारी ने बताया कि शहर को रोशन करना उद्देश्य है। जहां भी आवश्यक है स्ट्रीट लाइटें लगाई गई। मरम्मत की जा रही है। हाई मास्ट लाइट लगाने की योजना है। शहर खूबसूरत और जगमग दिखे इसके लिए तिरंगा लाइट लगाया गया।
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