Tuesday, 4 March 2025

शहर की बेहतरी के लिए व्यवस्थित ड्रेनेज सिस्टम आवश्यक

 बदलता शहर 22



बड़े नालों का हो रहा निर्माण, लेकिन सहज बहाव जरूरी

बरसात के दिनों में जल जमाव बड़ी समस्या

साढ़े सात करोड़ रुपये से बन रही है 14 योजनाएं

उपेंद्र कश्यप, जागरण ● दाउदनगर (औरंगाबाद) : 17वीं सदी का शहर बदल रहा है। बीते ढाई दशक से तेज गति से विकास के काम हो रहे हैं। घरों का निर्माण हो रहा है। आवासीय क्षेत्र का विस्तार हो रहा है, लेकिन साथ-साथ बड़ी समस्या यह आ रही है कि नालियां असफल साबित हो रही है। उनका निर्माण बेतरतीब हुआ है। नालियों का बहाव सहज नहीं है। नालियों के निर्माण में ही गड़बड़ी हुई है। कहीं सतह ऊंची है तो कहीं नीचे है। नतीजा बहाव सहज नहीं है। जल जमाव बरसात के दिनों में शहर के लिए बड़ी समस्या बन गई है। जल जमाव की समस्या से मुक्ति कैसे हो इसकी चिंता लगातार की जा रही है। जब परमानंद प्रसाद यहां के मुख्य पार्षद हुआ करते थे तब शहर को लेकर एक बड़ी योजना ड्रेनेज सिस्टम ठीक करने के लिए बनाई गई थी। लेकिन उसे पर अमल न हो सका। अब बरसात में शहर जल जमाव से मुक्त हो सके इसके लिए बड़े स्तर पर योजनाबद्ध तरीके से काम करने की जरूरत है। अन्यथा तमाम विकास के बावजूद शहर चलने लायक भी कई हिस्सों में नहीं रह सकेगा। नाला व सड़क निर्माण की 14 योजनाएं इससे संबंधित शहर में चल रही हैं, जिन पर लगभग साढ़े सात करोड़ रुपये खर्च होना है।


निर्माण की तीन योजनाएं पूर्ण, नहीं होगा जल जमाव

मुख्य पार्षद अंजली कुमारी ने बताया कि शहर में नाली और सड़क की 14 योजनाएं ली गई हैं। निर्माण का काम प्रारंभ है। तीन योजनाएं पूर्ण कर ली गई है, जबकि नौ योजनाओं का काम चल रहा है। मुख्यमंत्री समग्र शहरी योजना से भी दो बड़े नालों का निर्माण होना है। इस पर भी शीघ्र ही काम शुरू होगा। नगर परिषद के पास नालों की सफाई के लिए सुपर सकर मशीन भी उपलब्ध है। जहां मशीनों का इस्तेमाल नहीं होता वहां मजदूरों से काम लिया जाता है।



बरसात से पहले होगी नालों की उड़ाही 

कार्यपालक पदाधिकारी ऋषिकेश अवस्थी ने बताया कि जल जमाव की समस्या से निपटने के लिए नगर परिषद नालों की उड़ही करवाता है। इसके लिए 20 मजदूरों की अलग टीम बनाई गई है। जिससे नगर परिषद काम लेता है। इसमें एनजीओ की कोई भूमिका नहीं होती है। बरसात से पहले अप्रैल के महीने में ही नालियों की उड़ाही का काम शुरू कर दिया जाएगा, ताकि इस बार बरसात में जल जमाव की समस्या ना हो। कई स्थान ऐसे हैं जहां अब जल जमाव की समस्या खत्म हुई है या काफी कम हुई है।



दो बड़े नालों का होना है निर्माण


 मुख्यमंत्री समग्र शहरी योजना के तहत दो बड़े नालों का निर्माण का काम होना है। दोनों नाले पर लगभग दो करोड रुपये खर्च होना है। यह बुडको द्वारा बनाया जाना है। बताया गया कि इमामबाड़ा कब्रिस्तान से जाट टोली होते हुए बारुण रोड तक और दूसरा पुरानी शहर में रामविलास बाबू चौक से बड़ी मस्जिद व मिथिलेश प्रसाद के घर तक निर्माण होना है। इसके निर्माण के बाद पुरानी शहर में भी जल जमाव की समस्या खत्म हो जाएगी।


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