Sunday 11 May 2014

नेक बीबी का पता नहीं किसी को मालुम



फोटो-नेकबीबी का मजार
घोडेशाह से पहले होती है चादरपोशी
संवाद सहयोगी, दाउदनगर(औरंगाबाद) शहर में नेक बीबी का एक मजार गोला मुहल्ला में मौजूद है। साल में एक दिन जब घोडेशाह बाबा का उर्स आता है तो इस मजार को भी रौनक हासिल होती है। उर्स कमिटी के सदस्य मुन्ना अजिज के अनुसार नबाब साहब के बाद और घोडेशाह से पहले यहां चादरपोशी होती है। इस नेक बीबी के बारे में पर्याप्त जानकारी कहीं उपलब्ध नहीं है। नेक बीबी का वैसे शाब्दिक अर्थ होता है-अच्छी पत्नी। स्वभाविक है वे किसी अजीम शख्श की बीबी रही होंगी। अल्लामा साबिर कादरी की किताब इंकेशाफ में इनको नवाब अहमद अली का समकालीन बताया गया है। इससे अधिक इतिहास नहीं मिलता। इनका उर्स भी नबाव साहब के साथ ही मनाया जाता है। मो.गुड्डु ने बताया कि इनकी अकीदत से बरकत होती है। लोग अपनी समस्या से जब परेशान होते हैं तो इनकी शरण में आते हैं। इस नेक बीबी से जुडी जानकारी खोजना महत्वपूर्ण है। इससे इतिहास का एक नया अध्याय खुल सकता है। आखिर कोई तो वजह रही होगी कि करीब तीन सौ साल से किसी के मजार पर अगरबत्तियां जलाने वाले, मन्नतें मांगने वाले अपना शीष नवाते चले आ रहे हैं।   



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