Saturday 9 June 2018

ससुर यमुना प्रसाद की परंपरा को आगे बढाते हुए मुख्य पार्षद बनी सोनी देवी


जो इतिहास बन गए:- महिला सशक्तिकरण की लिखी गयी नयी गाथा 
पहली बार अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर महिलाओं का कब्जा 
पूरी तरह बोर्ड पर पहली बार नारी शक्ति का हुआ नियंत्रण 1885 से अब तक पहली बार महिला बनी अध्यक्ष  
००० उपेंद्र कश्यप :- 09 जून 2018  
सोनी देवी नगर परिषद दाउदनगर के प्रथम बोर्ड की चेयरमैन बन गयी। दाउदनगर के सन्दर्भ में वे सबसे कम उम्र की चेयरमैन बनी हैं। राजनीतिक परिवार की पूरी तरह गैर राजनीतिक स्त्री- हाउस वाइफ। वह अपने ससुर यमुना प्रसाद की विरासत को आगे बढ़ाएंगी। श्री प्रसाद भी 27 फरवरी 1972 से लेकर 11 जून 1977 तक नगर पालिका के चेयरमैन रहे हैं। मेरी पुस्तक ‘श्रमण संस्कृति का वाहक-दाउदनगर’ में इनके बारे में ही लिखा गया है- नगरपालिका के अंतिम मुग़ल। सबसे ताकतवर चेयरमैन। इनके बाद के बोर्ड में चेयरमैन से चेक पर हस्ताक्षर करने का अधिकार सरकार ने छीन लिया था और नयी व्यवस्था के तहत ‘कार्यपालक पदाधिकारी’ की व्यवस्था हुई। नारी सशक्तिकरण का यह प्रथम उदाहरण है। इतिहास की एक नयी गाथा लिख दी गयी है।
अध्यक्ष सोनी देवी और उपाध्यक्ष पुष्पा देवी, दोनों स्त्री शक्ति। यह नगरपालिका 1885 में गठित हुई थी, तब से लेकर अब तक यह पहली ऐसी घटना है, जब ऐसा हुआ है। अब बोर्ड पर नियंत्रण महिला की होगी। कुल 27 वार्ड से जीतकर आये पार्षदों में 18 महिला सदस्य हैं। यानी पूर्ण बहुमत से चार अधिक। यह भी एक उदाहरण है कि तय 12 आरक्षित सीट से 50 प्रतिशत अधिक स्त्री वार्ड पार्षद हैं। पुष्पा देवी दूसरी बार वार्ड पार्षद बनी थीं और अब उपाध्यक्ष बन गयीं। इनसे पहले सिर्फ एक रोहिणी नंदिनी ऐसी महिला पार्षद थीं, जो दो बार लगातार 2002 से 09 जून 2007 तक उपाध्यक्ष थीं। इस बार वे पुष्पा देवी से ही चुनाव हारी हैं।         

चेयरमैन की सूची में अठारहवें स्थान पर दर्ज होगा सोनी देवी का नाम 
वर्ष -1885 में नगरपालिका का गठन हुआ था। तब से 1937 चेयरमैन सिंचाई विभाग औरंगाबाद के एसडीओ पदेन होते थे। वर्ष 1938 से चुनाव शुरू हुआ और अब तक सोनी देवी को लेकर 17 बार चेयरमैन का चुनाव हो चुका हैं। एक बार बीडीओ इस पद पर रहे हैं। तब से अब तक की सूची-मेरी पुस्तक-“श्रमण संस्कृति का वाहक-दाउदनगर” से:-  
वर्ष  चेयरमैन  वाइस चेयरमैन  
1885 एसडीओ औरंगाबाद बाबु जवाहिर मल  1866 “ “ गिरिजा शेखर बनर्जी  1888 “ “ मोती लाल  
1909 “ “ मुंशी एकबाल हुसैन  1912 “ “ मुंशी एकबाल हुसैन  1913  “ “ मोहन लाल  
1914 “ “ मुंशी सैय्यद कयुम हुसैन  
1918 “ “ बाबु धर्मदास जैन  1920 “ “ हकीम सैय्यद मुहम्मद  1928 “ “ बाबु धर्मदास जैन 1931 “ “ खान बहादुर सैय्यद मुहम्मद  
1934 “ “ रघुनाथ सहाय  
1937 “ “ अनंत प्रसाद  
1938  सुरज नारायण सिंह पं.बलराम शर्मा
 1942 खान बहादूर सैय्यद मुहम्मद        नथुनी मिश्रा  1945 राय बहादूर जगदेव मिश्रा कुलदीप सहाय – 1951 तक हजारी लाल गुप्ता         कुलदीप सहाय 1951 कुलदीप सहाय         हरि प्रसाद  1953 मुरारी मोहन राय        बंशी राम  
11 फरवरी 1958 से  27 फरवरी 1972 तक-
                 राम प्रसाद लाल         बंशी राम  
27 फरवरी 1972 से  11 जुन 1977 तक -
                  यमुना प्रसाद स्वर्णकार    मोहम्मद ईशा  
11 जुन 1977 से बीडीओ जे.सी.रस्तोगी
 28 मार्च 1978 से 1983 तक-
                   शिवशंकर सिंह      कृष्णा प्रसाद  
12 जनवरी 1986 से-चंद्रमोहन प्रसाद तांती, कृष्णा प्रसाद  2002 से  अप्रैल 05 तक-
नारायण प्रसाद तांती रोहिणी नंदिनी  अप्रैल 2005 से  09 जुन 2007 तक-
                सावित्री देवी रोहिणी नंदिनी  09 जुन 2007  से 9 जुन 2012 तक-
परमानंद प्रसाद (दो बार)  अजय कुमार पांडेय   उर्फ सिद्धी पांडेय  
09 जुन 2012 से  27 जुन 2014 तक-
धर्मेन्द्र कुमार कौशलेन्द्र कुमार सिंह  
27 जुन 2014 से-
                परमानंद प्रसाद कौशलेन्द्र कुमार सिंह 
09 जून 2018 से - सोनी देवी  पुष्पा देवी

3 comments:

  1. Thank you upendra bhaiya.. & congratulations to chairman soni devi and vice chairman pushpa kumari.

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  2. Thanks for giving information related to history of daudnagar

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  3. Nice उपेंद्र भैया। good job

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