Tuesday 23 August 2016

डूबते मां व पिता को देखकर विलखते रहे बेटे

फोटो-मां पिता खो चुके बच्चों को सांतवना देते डीएसपी
हर तरफ चित्कार और सहमे लोगों के बीच दहशत
पुनपुन तैरने वाले मंटु के सामने जीवन का दरिया चुनौती

खुदवां थाना का कलेन गांव मंगलवार को अपराह्न चीख-चित्कार से कराह उठा। हर तरफ बस यही क्रन्दन कि मेरे पिता डूब कर मर गये, मेरी मां डूब गयी, मेरे बेटे मेरी आंखों के सामने डूबते रहे और हम कुछ नहीं कर सके। भला कोई कर भी क्या सकता है? लोग देखते रहे और लोग डूबते रहे। किसी में इतनी साहस नहीं कि वे पुनपुन के रौद्र रुप को देखने के बाद उस बहाव में बचाने कूदे। मौके पर ग्रामीणों ने बीच मजधार में भौंरी देख लोग दहशत व्यक्त करते रहे।
घटना स्थल पर डीएम
सबसे दुखद दृष्य दिखा मंटु कुमार, अरविन्द कुमार व इसकी सगी बहन उर्मीला कुमारी जब चित्कार रही थी। डीएसपी संजय कुमार ने उनपर स्नेह का हाथ रख सांतवना दी। इन्हें कौन ढाढस भला बन्धा सकता है। जिनके पिता व मां नजरों की सामने डूब गये। मंटु ने बताया कि वह पचरुखिया के एक नीजि स्कूल से पढ कर लौट रहा था। मां सुकेश्वरी देवी व पिता कृष्णा यादव घोटा उसके ननिहाल से लौट रहे थे। तीनों एक साथ नाव पर बैठे। पुनपुन के उस पार भाई अरविन्द कुमार व बहन उर्मीला कुमारी प्रतिक्षा कर रहे थे। मन में कई दिन बाद पुत्र-पुत्री से मिलने का भाव लिए मां पिता चहक रहे थे और नाव डूब गयी। सातवीं कक्षा का मंटु बस एक ही रट लगाये जा रहा था कि अब कैसे उसकी जिन्दगी चलेगी। उसका बडा भाई पिंटु सुरत में काम करता है।


अब तीन भाई व एक बहन की पूरी परवरिश की चिंता इन बच्चों पर आ गयी है। हालांकि संवाद प्रेषण तक इनके शव नहीं मिले हैं किंतु ये मासुम बच्चे यह मान चुके हैं कि मां व पिता अब दुनिया में नहीं रहे कि उन्हें संबल देंगे। मंटु तैर कर दरिया तो पार कर लिया किंतु अब उसके सामने जीवन का भंवर वाला दरिया पार करने का कठिन पगडंडी 

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