Saturday 4 August 2018

मुद्रा योजना को सफल बनाने के लिए होगी ‘मुद्रा मित्र कमिटी’ गठित


दस्तावेज सही हो तो मुद्रा ऋण देने से इंकार नहीं कर सकते बैंक
जिम्मेदारी से समस्या का समाधान करायेगी जिलों की कमिटी
आवेदक की शिकायत पर बैंक कर्मी के खिलाफ होगी कार्रवाई
पहल- नई व्यवस्था से बैंक पर बनेगा दबाव, आवेदकों को राहत
उपेंद्र कश्यप। डेहरी
मुद्रा ऋण को लेकर कैट ने नई पहल शुरू की है। जिस तरह शिक्षा ऋण देने में बैंक आनाकानी करते हैं ठीक उसी तरह वे मुद्रा ऋण भी देने से परहेज करते हैंजबकि केंद्र सरकार स्वयं ऋण की गारंटर होती है। आवेदक बैंक का चक्कर लगाते-लगाते थक जाते हैंऔर अंततः उसे निराश होना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए कंफेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने हर जिले में एक 'मुद्रा मित्र कमिटीगठित करने का निर्णय लिया है। बिहार प्रदेश संयोजक अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि कमिटी मुद्रा ऋण लेने वालों के लिए मित्र की भूमिका में होगी। क्या क्या दस्तावेज चाहिएयह बताने के साथ बैंक यदि ऋण देने से इंकार करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी कराएगी। इसके लिए संबंधित मंत्रालय तक शिकायत जायेगी। इसके बाद बैंक कर्मी के खिलाफ स्थानान्तरण से लेकर अन्य अनुशासनात्मक कारर्वाई की जा सकती है। बताया कि ऋण देना बैंक वालों की कृपा नहीं बल्कि आवेदक का अधिकार है। यदि उसके दस्तावेज सही हैं, नियमानुसार सभी अहर्ता पुरी करते हैं, तो बैंक ऋण देने से इनकार नहीं कर सकते। बैंक मैनेजर प्राय: दस्तावेजों के सही होने, अहर्ता पुरी करने के बावजूद अपने ‘स्व विवेक’ के अधिकार का इस्तेमाल कर आवेदन खारिज करा देते हैं। इस कारण इस योजना का लाभुक-संख्या अपेक्षाकृत कम है। बैंक बहाना बनाते हैं। इसके लिए कोइ लक्ष्य संख्या तय नहीं है, इसके बावजूद बैंक कह देता है कि टार्गेट पूरा हो गया इसलिए लोन नहीं दे सकते।

अगस्त तक कमिटियों का गठन:-
इसी अगस्त महीने के आखिर तक जिलों में ‘मुद्रा मित्र कमिटी’ का गठन कर लिया जाना है। सूचि दिल्ली जायेगी और फिर केंद्र इसको अंतिम स्वीकृति देगी। बताया गया कि जिलों में कमिटी के अध्यक्ष के लिए कैट का सदस्य होना आवश्यक है। इसके लिए कोइ भी ट्रेडर्स 11000 रुपया 18 फीसदी जीएसटी के साथ देकर सदस्य बन सकते हैं। कमिटी सदस्यों को प्रशिक्षण भी दिया जाना है।
गारंटी सरकार लेती है:-
अशोक वर्मा ने बताया कि ऋण की गारंटी केंद्र सरकार लेती है। इसके बाद भी बैंक आनाकानी करते हैं। रुपये 10 लाख तक के ऋण के लिए कोइ गारंटी नहीं देनी है। इसके लिए फंड किसी बैंक का नहीं होता, बल्कि केंद्र सरकार फंड देती है।
मुद्रा ऋण योजना: क्या है, किसके लिए कब से है:
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना मुद्रा बैंक के तहत है, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 08 अप्रैल 2015 को की गयी थी इसका मतलब है 'माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट्स रिफाइनेंस एजेंसी' (MUDRA)। मुद्रा बैंक का उद्देश्य युवाशिक्षित और प्रशिक्षित उद्यमियों को मदद देकर मुख्यधारा में लाना है। इस योजना के तहत छोटे उद्यमियों को कम ब्याज दर पर 50 हजार से 10 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाता है। केंद्र सरकार इस योजना पर 20 हजार करोड़ रुपये लगा रही है। साथ ही इसके लिए 3000 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी रखी गई है।
कुछ विशेषता:-
अनुसूचित जाति और जनजाति के उद्यमियों को प्राथमिकता। पहुंच का दायरा बढ़ाने के लिए डाक विभाग के विशाल नेटवर्क का इस्तेमाल। देश भर के 5.77 करोड़ छोटी व्यापार इकाइयों की मदद करेगा। इन्हें अभी बैंक से कर्ज लेने में बहुत मुश्किल होती है। इसके तहत तीन तरह के कर्ज दिए जाएंगे- शिशुकिशोर और तरुण। व्यापार शुरू करने वाले को 'शिशुश्रेणी का ऋण। 'किशोर' के तहत 50 हजार से लाख तक और 'तरुणश्रेणी के तहत से 10 लाख रुपये का कर्ज दिया जाएगा।

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