Saturday 20 May 2017

सत्रह साल बाद निहत्था हुआ मियांपुर


मियांपुर नरसंहार के सतरह साल----
वर्ष 2000 में नरसंहार में मारे गए थे एक ही जाति के 32 लोग
घटना के बाद मिले थे हथियार के छ: लाइसेंस
सतरह साल बाद मियांपुर निहत्था हो गया है| जब सामाजिक न्याय के झंडाबरदार सरकार में थे, तब यहाँ 16 जून 2000 को 32 लोगों की सामुहिक ह्त्या रणवीर सेना के हत्यारों ने किया था| आक्रोश चरम पर था| मियांपुर ने हथियारबंद होने की मांग की| कहा गया कि सामन्तों से लड़ाई के लिए हथियार आवश्यक है| सबको हथियारबंद करने की लालू प्रसाद ने घोषणा की| कुल 25 ग्रामीण ने हथियार के लिए लाइसेंस का आवेदन दिया| अपनी सरकार और अपने नेता से ग्रामीण ठगे गए| मात्र छ: को हथियार का लाइसेंस मिला| दो नाली और राइफल खरीदे गए|   
ग्रामीण व शिक्षक संजय सिंह ने बताया कि मार्च-अप्रैल 2017 में सभी लाइसेंस रद्द कर दिए गये| बताया गया कि डीएम कहते हैं कि आईजी के यहाँ से रिनिवल करा के लायें| ग्रामीणों के अनुसार डीएम के पास जब वे गए तो उन्हें डीआईजी से अब रिनिवल कराने को कहा गया|  शिक्षक संजय ने बताया कि डीआईजी से मिलने कई बार लोग गए किन्तु मुलाक़ात नहीं हो पायी| एक बार फिर उनसे मिलने जाने की तैयारी कर रहे हैं| सुरेश यादव, दिनेश्वर यादव, उमेश यादव, रामजी यादव, रवीन्द्र यादव, सतेन्द्र यादव, सभी को दो नाली बन्दूक का लाइसेंस मिला था| जबकि कुल 25 ग्रामीणों ने राइफल के लिए लाइसेंस की मांग की थी| 

लाइसेंस रद्द तो हथियार अवैध
किसी भी वजह से कभी भी जब हथियार का लाइसेंस रद्द हो जाता है तो हथियार अवैध हो जाता है| यह तकनीकी और कानूनी पक्ष है| डीएसपी संजय कुमार ने बताया कि ऐसी स्थिति में हथियार को थाना या आर्म्स दूकान में जमा कर डीएम को सूचना देनी होती है|

थाना से पृच्छा होगी –डीएम
मियांपुर के सभी लाइसेंसी हथियार अभी अवैध हो गए हैं| यह हथियार उन्हीं लाइसेंस धारियों के पास अवैध रूप से रखे हुए हैं| यह बात खुद डीएम के संज्ञान में भी है क्योंकि लाइसेंस उन्होंने ही रद्द किया है| इस पूरे मामले में डीएम से तीन सवाल इस संवाददाता ने पूछा-हथियार गाँव में फिर कैसे है, लाइसेंस अब कब और कैसे रिनिवल होंगे और यह कि आपकी पहलकदमी क्या है। जवाब दिया- हथियार के संबंध में थाना से पृच्छा की जाएगी। लाइसेंस के लिए जिला सामान्य शाखा में आवेदन देना होगा।

सामंतों के रक्षक हैं लालू नीतीश-श्याम सुन्दर
गाँव घुमने के बाद जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के प्रदेश प्रवक्ता श्याम सुंदर ने कहा कि मियांपुर शुरू से ही सामाजिक न्याय के सियासतदानों का खिलौना बन कर रहा है| सबको हथियारबंद करने की बात करने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने मियांपुर में कोइ दिलचस्पी नहीं दिखाई| ग्रामीण 25 राइफल मांग रहे थे जबकि मिला सिर्फ छ:| उसमें भी नीतीश कुमार के रहते सभी लाइसेंस रद्द कर दिए गए| यह सरकार सामन्तों की रक्षा के लिए बनी है| यही कारण है कि नरसंहार पीड़ित मियांपुर को भगवान् भरोसे छोड़ दिया गया और थाना स्थापित कर दिया गया बन्देया में|  

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