Friday 10 April 2020

कोरोना संकट : फ्री कंट्री है अमेरिका, आदेश नहीं मानते लोग, इस कारण बढ़ी दुर्दशा



कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज करने वाले चिकित्सक ने कहा
अमेरिका के साउथ कैरोलिना प्रांत के एंडरसन के चिकित्सक से बातचीत
उपेंद्र कश्यप । डेहरी

अमेरिका संकट में है। चर्चा में है। कोरोना संकट से यहाँ काफी मौतें हो रही हैं। यह सुपर हलकान है। भारत जिन समस्याओं से जूझ रहा है, वैसी ही समस्या वहां है। अमेरिका में वहां के नागरिक बंदिशों को नहीं मानते हैं। यह बहुत ही खुली मानसिकता और स्वतन्त्र प्रवृति का देश है, इस कारण यहाँ कोरोना संक्रमण का विस्तार काफी हुआ। वहां साउथ कैरोलिना प्रांत के एंडरसन में बसे भारतीय अन मेड हेल्थ होस्पीटल में फैकल्टी, और डिवाइन होस्पिक के मेडिकल डायरेक्टर सह प्रशासक डॉक्टर संजीव कुमार ने बताया कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सरकारी आदेशों को मानने प्रति नागरिकों में बहुत उत्साह नहीं होता। वह किसी तरह के बंदिशों से संबंधित आदेश नहीं मानते। सभी राज्य स्वतंत्र हैं। केंद्र और राज्य की सरकारों के बीच संघर्ष चलता है। अमेरिका के न्यू यार्क, मिशीगन में संक्रमण काफी है। वाशिंगटन डीसी और कैलिफोर्निया जैसे इलाके काफी प्रभावित हैं। एंडरसन, साउथ कैरोलिना में संक्रमण का संकट कम है। इसी साउथ कैरोलिना के एंडरसन में मेडिकल सर्विस देने वाले डॉक्टर संजीव कुमार भारतीयों के लिए सलाह देते हैं कि सतर्क रहें और लोगों से संबंधित सरकार के तमाम आदेश और दिशानिर्देश को मानें। उन्होंने इस संवाददाता से बातचीत में कहा कि बाजार से कोई वस्तु खरीद कर प्लास्टिक पॉलिथीन में अगर लाते हैं, तो यह भी कम खतरनाक नहीं है। सामान लाइए लेकिन सतर्क रहिए। उसे सैनिटाइज करिए। 1 दिन कम से कम उसका इस्तेमाल करने से बचते हैं तो बहुत बढ़िया होगा। उन्होंने बताया कि वे खुद कोरोना पॉजिटिव मरीज का इलाज कर चुके हैं, और कर रहे हैं। जब मरीज का इलाज करते हुए तस्वीर की मनाग की तो उन्होंने बताया कि अमेरिका में हिपा लॉ है, इसके तहत किसी भी मरीज का इलाज करते हुए तस्वीर नहीं खींची जा सकती। यह गैर कानूनी है। ऐसा करने पर मेडिकल प्रतिष्ठान का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।

मास्क, सेनेटाईजर, ग्लब्स का अमेरिका में अभाव:-
डॉ.संजीव ने बताया कि भारत में लोग मास्क, सैनिटाइजर, ग्लब्स और अन्य उपकरण के लिए सरकार को दोष दे रहे हैं हकीकत यह है कि विश्व के किसी भी देश में आवश्यक सामग्री की उपलब्धता आवश्यकता के अनुपात में काफी कम है। खुद उनके पास सैनिटाइजर और मास्क की कमी हो गई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में मास्क एन-95 उपलब्ध नहीं है। यह इस महामारी में सबसे कारगर है। उन्होंने बताया कि कोई भी देश या किसी भी देश की सरकार ने ऐसी परिस्थिति की कामना नहीं की थी। पूरे विश्व में मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति है। हर देश में आवश्यक सामग्री की उपलब्धता न्यूनतम है।
सतर्क और सावधान रहें:
उन्होंने बताया कि घर से बाहर बिना मास्क लगाए नहीं जाएं। बाहर में जब हैं तो अपने चेहरे पर हाथ न ले जाएं। घर में आने पर अपने हर सामान को सैनिटाइज करें। अपने पर्स, कलम, पहचान कार्ड, गाड़ी की चाबी जैसी तमाम चीजों को सैनिटाइज कर के ही घर में जाएँ।
वृद्ध से नहीं मिल सकते परिजन:-
अमेरिका में नर्सिंग होम का मतलब ओल्ड एज होम से है। वहां रहने वाले वृद्धों से परिवार के किसी भी सदस्य को मिलने की इजाजत अभी नहीं है। अमेरिका में भी लॉक डाउन है और सिनेमा हॉल, रेस्टोरेंट और तमाम गैरजरूरी संस्थान पूर्णत: बंद है। जरूरत की सामग्री मिल रही है। अमेरिका के लिए आने वाला 4 सप्ताह काफी महत्वपूर्ण होने वाला है।

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